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ज्ञानदूत 2.0 का ऑनलाइन उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक सहायता, मार्गदर्शन और परीक्षाओं की तैयारी के लिये विशेष सहायता कार्यक्रम ‘ज्ञानदूत’के द्वितीय संस्करण ‘ज्ञानदूत 2.0’ का ऑनलाइन शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में नयापन करते हुए सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के उन विषयों, जो राजकीय महाविद्यालयों में संचालित हैं, के पाठ्यक्रमों के अनुसार हिन्दी भाषा में ई-कंटेंट तैयार करवाए जा रहे हैं। इसके लिये कॉलेज शिक्षा विभाग द्वारा फिलहाल कला संकाय के 8, विज्ञान के 4 एवं वाणिज्य के 2 विषयों सहित कुल 14 विषयों में यह ई-कंटेंट तैयार करवाने की पहल की गई है।
- इसके लिये 9 राजकीय महाविद्यालयों-राजकीय महाविद्यालय अजमेर, राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर, राजकीय महाविद्यालय चूरू, राजकीय महाविद्यालय बांसवाडा, राजकीय महाविद्यालय जोधपुर, राजकीय महाविद्यालय पाली, राजकीय कला महाविद्यालय सीकर, राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा तथा राजकीय कन्या महाविद्यालय नाथद्वारा को विषयवार नोडल बनाया गया है।
- इस विशेष अकादमिक सहायता कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता का ई-कंटेंट हिन्दी भाषा में ऑनलाइन उपलब्ध होगा, जिसे 24 × 7 मोड पर कहीं से भी और कभी भी देखा-पढ़ा जा सकेगा। साथ ही प्रत्येक सप्ताह विद्यार्थियों की विषयपरक समस्याओं का ऑनलाइन लाइव समाधान भी इस कार्यक्रम में करवाया जाएगा, जिससे विद्यार्थी अपनी शंका का समाधान कर सकेंगे। विशेषत: अभी कोविड की जो परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं, उनमें इस ज्ञानदूत 2.0 कार्यक्रम की प्रासंगिकता और बढ़ गई है।
- विश्वविद्यालयी पाठ्यक्रमानुसार सभी विषयों में तैयार करवाए जा रहे ई-कंटेंट कॉलेज शिक्षा विभाग के ज्ञानदूत चैनल पर उपलब्ध होंगे, जो कि सभी विद्यार्थियों, चाहे वे सरकारी अथवा प्राइवेट महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी हों, अथवा स्वयंपाठी विद्यार्थी हों, सभी के लिये पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध रहेंगे।
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के शासन सचिव नारायण लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान के कॉलेज एवं विश्वविद्यालय शिक्षा संवर्ग में हिन्दी भाषा माध्यम के विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता के ई-कंटेंट मिलने में समस्या आती है। अत: इस कार्यक्रम के माध्यम से विभाग अच्छी गुणवत्ता का सब्जेक्ट कंटेंट हिन्दी भाषा में उपलब्ध करवाने जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों को समझने व पढ़ने में सुविधा हो सके।
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जी.एस.टी. एडवान्स्ड ऐनालिटिक्स पोर्टल का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को राजस्थान के वाणिज्यिक कर विभाग के मुख्य कर आयुक्त रवि जैन ने जी.एस.टी. एडवान्स्ड ऐनालिटिक्स पोर्टल का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- कर निर्धारण को अधिक सुगम बनाने एवं करापवंचन को रोकने में तकनीकी प्रयोग की पहल करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग की बिज़नेस इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा एडवान्स्ड ऐनालिटिक्स पोर्टल बनाया गया है।
- इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त (आई.टी. एंड बी.आई.यू.) शरद मेहरा ने बताया कि इस पोर्टल के द्वारा विभागीय अधिकारियों को करापवंचन एवं अन्य सूचनाएँ त्वरित रूप से प्राप्त हो सकेंगी। इसके साथ ही यह पहल राज्य की राजस्व वृद्धि में अपना विशिष्ट योगदान करने में सहायक होगी।
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राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह में 405 पशुपालकों को किया गया सम्मानित
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को राजस्थान के शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में वर्चुअली आयोजित राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह में राज्य के 405 प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मंत्री लालचंद कटारिया ने बबाई (खेतड़ी) में 10 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत से तैयार नवीन डेयरी संयंत्र का भी लोकार्पण किया।
- राज्य स्तर पर कृषि एवं पशुपालन सम्मानित होने वाले 2 पशुपालकों को पचास-पचास हज़ार रुपए, ज़िला स्तर पर सम्मानित होने वाली सात महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को पच्चीस-पच्चीस हज़ार रुपए तथा पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 32 महिला पशुपालकों सहित 335 पशुपालकों को दस-दस हज़ार रुपए की राशि प्रोत्साहनस्वरूप प्रदान की गई है।
- राज्य स्तर पर बीकानेर ज़िले के सुरेंद्र कुमार एवं सीकर ज़िले के पशुपालक सुभाष चंद को शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया द्वारा प्रशस्ति-पत्र तथा 50-50 हज़ार रुपए की राशि पारितोषिक स्वरूप प्रदान कर सम्मानित किया गया है।
- ज़िला स्तर पर संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर ने पशुपालकों को सम्मानित किया। राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह में प्रदेश के 405 पशुपालकों को 51.50 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई।
- शासन सचिव पशुपालन, डॉ. आरुषी मलिक ने कहा कि किसानों की तरह पशुपालकों को भी उनके क्षेत्र में मान-सम्मान मिले, इसके लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों के लिये सम्मान समारोह आयोजित करने की बजट में घोषणा की थी।
- उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार कर पशुधन उत्पादन के नए आयाम स्थापित करने वाले प्रगतिशील पशुपालकों का चयन कर हर वर्ष सम्मानित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के अन्य पशुपालक भी प्रेरित हों और पशुधन विकास में अहम भागीदारी निभा सकें।
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