बिहार Switch to English
स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिये बनेगा कानून
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिहार में लगाए जा रहे स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिये तथा उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिये नया कानून बनाने का जिम्मा लिया है।
प्रमुख बिंदु
- बिजली कंपनी की ओर से बिहार विद्युत विनियामक आयोग को कहा गया है कि बिहार में स्मार्ट मीटर नियमन (रेगुलेशन) बनाए जाने के लिये आयोग को ही रेगुलेशन का ड्राफ्ट जारी करना है। ड्राफ्ट जारी होने के बाद आम लोगों से उस पर राय ली जाएगी। कंपनी भी अपनी ओर से उस पर अपना पक्ष रखेगा।
- स्मार्ट प्री-पेड मीटर को लेकर कंपनी ने आयोग के समक्ष कुछ और प्रस्ताव भी सौंपे हैं। मोबाइल पर तीन संदेश के बावजूद उपभोक्ता अगर मीटर रिचार्ज नहीं कराएंगे तो डिस्कनेक्शन, यानी बिजली गुल हो जाएगी। कंपनी ने आयोग से अनुरोध किया है कि वह एक समय तय कर दे कि कितने दिनों के बाद उपभोक्ताओं का कनेक्शन अस्थायी तौर पर काटा जाएगा। इसके बाद अगर उपभोक्ता दोबारा कनेक्शन लें तो उनसे क्या शुल्क लिया जाए?
- उल्लेखनीय है कि साल 2025 तक सभी बिजली उपभोक्ताओं को नि:शुल्क स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिये राज्य सरकार ने अपनी योजना शुरू की है। इस मद में 11 हज़ार 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बिजली कंपनी की यह अबतक की सबसे बड़ी योजना है।
- देश में बिहार इकलौता राज्य है, जिसने प्री-पेड मीटर लगाना शुरू किया है। अब तक तीन लाख से अधिक मीटर लग चुके हैं और देश के अन्य राज्य बिहार का अनुकरण कर रहे हैं।
राजस्थान Switch to English
ज्ञानदूत 2.0 का ऑनलाइन उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक सहायता, मार्गदर्शन और परीक्षाओं की तैयारी के लिये विशेष सहायता कार्यक्रम ‘ज्ञानदूत’के द्वितीय संस्करण ‘ज्ञानदूत 2.0’ का ऑनलाइन शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में नयापन करते हुए सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के उन विषयों, जो राजकीय महाविद्यालयों में संचालित हैं, के पाठ्यक्रमों के अनुसार हिन्दी भाषा में ई-कंटेंट तैयार करवाए जा रहे हैं। इसके लिये कॉलेज शिक्षा विभाग द्वारा फिलहाल कला संकाय के 8, विज्ञान के 4 एवं वाणिज्य के 2 विषयों सहित कुल 14 विषयों में यह ई-कंटेंट तैयार करवाने की पहल की गई है।
- इसके लिये 9 राजकीय महाविद्यालयों-राजकीय महाविद्यालय अजमेर, राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर, राजकीय महाविद्यालय चूरू, राजकीय महाविद्यालय बांसवाडा, राजकीय महाविद्यालय जोधपुर, राजकीय महाविद्यालय पाली, राजकीय कला महाविद्यालय सीकर, राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा तथा राजकीय कन्या महाविद्यालय नाथद्वारा को विषयवार नोडल बनाया गया है।
- इस विशेष अकादमिक सहायता कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता का ई-कंटेंट हिन्दी भाषा में ऑनलाइन उपलब्ध होगा, जिसे 24 × 7 मोड पर कहीं से भी और कभी भी देखा-पढ़ा जा सकेगा। साथ ही प्रत्येक सप्ताह विद्यार्थियों की विषयपरक समस्याओं का ऑनलाइन लाइव समाधान भी इस कार्यक्रम में करवाया जाएगा, जिससे विद्यार्थी अपनी शंका का समाधान कर सकेंगे। विशेषत: अभी कोविड की जो परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं, उनमें इस ज्ञानदूत 2.0 कार्यक्रम की प्रासंगिकता और बढ़ गई है।
- विश्वविद्यालयी पाठ्यक्रमानुसार सभी विषयों में तैयार करवाए जा रहे ई-कंटेंट कॉलेज शिक्षा विभाग के ज्ञानदूत चैनल पर उपलब्ध होंगे, जो कि सभी विद्यार्थियों, चाहे वे सरकारी अथवा प्राइवेट महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी हों, अथवा स्वयंपाठी विद्यार्थी हों, सभी के लिये पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध रहेंगे।
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के शासन सचिव नारायण लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान के कॉलेज एवं विश्वविद्यालय शिक्षा संवर्ग में हिन्दी भाषा माध्यम के विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता के ई-कंटेंट मिलने में समस्या आती है। अत: इस कार्यक्रम के माध्यम से विभाग अच्छी गुणवत्ता का सब्जेक्ट कंटेंट हिन्दी भाषा में उपलब्ध करवाने जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों को समझने व पढ़ने में सुविधा हो सके।
राजस्थान Switch to English
जी.एस.टी. एडवान्स्ड ऐनालिटिक्स पोर्टल का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को राजस्थान के वाणिज्यिक कर विभाग के मुख्य कर आयुक्त रवि जैन ने जी.एस.टी. एडवान्स्ड ऐनालिटिक्स पोर्टल का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- कर निर्धारण को अधिक सुगम बनाने एवं करापवंचन को रोकने में तकनीकी प्रयोग की पहल करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग की बिज़नेस इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा एडवान्स्ड ऐनालिटिक्स पोर्टल बनाया गया है।
- इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त (आई.टी. एंड बी.आई.यू.) शरद मेहरा ने बताया कि इस पोर्टल के द्वारा विभागीय अधिकारियों को करापवंचन एवं अन्य सूचनाएँ त्वरित रूप से प्राप्त हो सकेंगी। इसके साथ ही यह पहल राज्य की राजस्व वृद्धि में अपना विशिष्ट योगदान करने में सहायक होगी।
राजस्थान Switch to English
राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह में 405 पशुपालकों को किया गया सम्मानित
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को राजस्थान के शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में वर्चुअली आयोजित राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह में राज्य के 405 प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मंत्री लालचंद कटारिया ने बबाई (खेतड़ी) में 10 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत से तैयार नवीन डेयरी संयंत्र का भी लोकार्पण किया।
- राज्य स्तर पर कृषि एवं पशुपालन सम्मानित होने वाले 2 पशुपालकों को पचास-पचास हज़ार रुपए, ज़िला स्तर पर सम्मानित होने वाली सात महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को पच्चीस-पच्चीस हज़ार रुपए तथा पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 32 महिला पशुपालकों सहित 335 पशुपालकों को दस-दस हज़ार रुपए की राशि प्रोत्साहनस्वरूप प्रदान की गई है।
- राज्य स्तर पर बीकानेर ज़िले के सुरेंद्र कुमार एवं सीकर ज़िले के पशुपालक सुभाष चंद को शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया द्वारा प्रशस्ति-पत्र तथा 50-50 हज़ार रुपए की राशि पारितोषिक स्वरूप प्रदान कर सम्मानित किया गया है।
- ज़िला स्तर पर संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर ने पशुपालकों को सम्मानित किया। राज्यस्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह में प्रदेश के 405 पशुपालकों को 51.50 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई।
- शासन सचिव पशुपालन, डॉ. आरुषी मलिक ने कहा कि किसानों की तरह पशुपालकों को भी उनके क्षेत्र में मान-सम्मान मिले, इसके लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों के लिये सम्मान समारोह आयोजित करने की बजट में घोषणा की थी।
- उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार कर पशुधन उत्पादन के नए आयाम स्थापित करने वाले प्रगतिशील पशुपालकों का चयन कर हर वर्ष सम्मानित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के अन्य पशुपालक भी प्रेरित हों और पशुधन विकास में अहम भागीदारी निभा सकें।
मध्य प्रदेश Switch to English
केशव पांडे ‘दखल गौरव सम्मान-2022’ से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
11 जनवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता केशव पांडेय को भोपाल के कुक्कुट भवन में आयोजित समारोह में दखल गौरव सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश सरकार में गृह मामलों, कानून और विधायी मामलों, जेलों और संसदीय मामलों के मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा पांडे को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
- केशव पांडे को पत्रकारिता, स्वास्थ्य, खेल और संस्कृति के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये यह पुरस्कार दिया गया।
- केशव पांडे वर्तमान में स्वास्थ्य, संस्कृति और खेल के क्षेत्र में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन उद्भव स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
हरियाणा Switch to English
52 राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेताओं को खेल विभाग में मिलेगी नौकरी
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटेर ने घोषणा की कि राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर 52 राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेताओं को खेल विभाग में रोज़गार दिया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि युवाओं को कमल क्लबों से जोड़ा जाएगा, जो 10,000 से अधिक की आबादी वाले 125 गाँवों में बनेंगे।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भारत विकास परिषद, हांसी द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती पर डिजिटल रूप से आयोजित रक्तदान शिविर में की।
- उन्होंने कहा कि कमल क्लब में अधिक-से-अधिक युवाओं को जोड़ा जाएगा। पहले 10,000 की आबादी वाले गाँवों पर विचार किया जाएगा, उसके बाद 8,000 की आबादी वाले गाँवों और फिर धीरे-धीरे कम आबादी वाले गाँवों में यह क्लब स्थापित किया जाएगा।
- इस क्लब का प्राथमिक उद्देश्य युवाओं को खेल और अन्य सामाजिक गतिविधियों से जोड़ना है, ताकि उनकी क्षमता, बुद्धि और शक्ति को बढ़ाया जा सके, जो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगी।
- स्वेच्छा से काम करने के इच्छुक युवाओं के लिये समर्पण पोर्टल बनाया गया है। अब तक यहाँ 1300 युवाओं ने पंजीकरण कराया है। युवाओं को सामाजिक कार्यों में शामिल किया जाएगा, ताकि वे समाज सेवा के प्रति संवेदनशील होने के साथ-साथ इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित हों।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिये काम कर रही है। कॉलेज से पास होने वाले युवाओं के लिये नि:शुल्क पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं, ताकि वे शिक्षा और रोज़गार के लिये विदेश जा सकें।
- राज्य सरकार युवाओं को नए स्टार्टअप शुरू करने के अवसर भी प्रदान कर रही है, ताकि उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके और नए रोज़गार सृजित किये जा सकें।
झारखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने सात नए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पाथ ऑर्गनाइज़ेशन के सहयोग से राज्य के विभिन्न अस्पतालों में सात नए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का ऑनलाइन उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- पाथ संगठन के सहयोग से राँची के सदर अस्पताल में दो, जमशेदपुर के मर्सी अस्पताल में एक और चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम) तथा कुचाई (सरायकेला-खरसावां) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक-एक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट अधिष्ठापित किये गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास में प्रखंड से लेकर ज़िला स्तर तक स्वास्थ्य से संबंधित आधारभूत संरचना को मज़बूत किया जा रहा है, ताकि लोगों को उनके घर से निकटवर्ती अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर चिकित्सीय लाभ मिल सके।
- उन्होंने कहा कि आज हर ज़िले में पीएसए प्लांट अधिष्ठापित किये जा चुके हैं। कोरोना की जाँच के लिये आरटीपीसीआर और अत्याधुनिक कोबास मशीन भी उपलब्ध हैं।
- अस्पतालों में लगभग 25 हज़ार बेड उपलब्ध हैं। अब राज्य में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू और वेंटीलेटर की पर्याप्त उपलब्धता है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में रैली कोसा के समर्थन मूल्य पर क्रय का निर्णय
चर्चा में क्यों?
12 जनवरी, 2022 को प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला ने बताया कि बस्तर संभाग में रेशम पालन तथा कोसा उत्पादन करने वाले आदिवासी-वनवासी कृषकों के हित में महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इसके तहत रैली कोसा का क्रय अब समर्थन मूल्य पर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि शासन के इस महत्त्वपूर्ण निर्णय से अब रैली कोसा के उत्पादन सहित प्रसंस्करण का अधिक-से-अधिक लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा।
- इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में रैली कोसा के स्थानीय प्रसंस्करण को बढ़ाते हुए स्थानीय स्तर पर रोज़गार बढ़ाने के लिये भी निर्देशित किया गया है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य कोसा उत्पादन में अग्रणी है। राज्य में दो प्रकार के कोसा का उत्पादन होता है, जिसे रैली तथा डाबा कोसा कहा जाता है। वर्तमान में रेशम विभाग द्वारा डाबा कोसा क्रय किया जाता है, परंतु रैली कोसा का क्रय व्यापारियों के माध्यम से होता है।
- इसके मद्देनज़र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में उत्पादित रैली कोसा को समर्थन मूल्य पर क्रय करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को निर्देशित किया गया है। इसका राज्य के जगदलपुर (बस्तर), दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव तथा सुकमा आदि ज़िले के आदिवासी-वनवासी कृषकों सहित निवासियों को सीधा-सीधा लाभ मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि रैली कोसा का उत्पादन मुख्य रूप से साल वृक्ष पर प्राकृतिक रूप से होता है। डाबा कोसा का उत्पादन अर्जुन, साजा एवं लेंडिया आदि वृक्षों पर होता है। रैली कोसा परिमाण तथा गुणवत्ता में डाबा कोसा से उत्कृष्ट है। रैली कोसा 2 सीजन (भादो तथा चैती) में होता है। भादो फसल की मात्रा तथा गुणवत्ता अधिक महत्त्वपूर्ण है।
- छत्तीसगढ़ राज्य में 8 से 12 करोड़ रैली कोसा-कोकून का उत्पादन होता है। इसका औसतन मूल्य 30 से 40 करोड़ रुपए होता है। साथ ही 9 से 10 करोड़ कोकून डाबा कोसा के रूप में उत्पादन होता है, जिसका मूल्य लगभग 25 से 30 करोड़ रुपए होता है।
- वर्तमान में इनमें से डाबा कोसा का क्रय रेशम विभाग द्वारा किया जाता है, परंतु रैली कोसा का क्रय व्यापारियों के माध्यम से होता है।
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