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उत्तराखंड में चालान सहित परिवहन विभाग की छह सेवाएँ हुईं ऑनलाइन
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में चालान के प्रशमन शुल्क सहित परिवहन विभाग की छह सेवाएँ ऑनलाइन तथा परिवहन निगम के ही तीन मोबाइल ऐप लॉन्च करके इन सेवाओं का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में परिवहन विभाग की ऑनलाइन हुईं सेवाएँ हैं -
- ऑनलाइन टैक्स भुगतान : स्टेज कैरिज वाहनों के टैक्स पहले कार्यालय में जमा होते थे, लेकिन अब परिवहन वेबसाइट के माध्यम से कहीं से भी ऑनलाइन टैक्स जमा करा सकेंगे।
- चालान प्रशमन शुल्क : अभी तक चालान की फीस दफ्तरों में जमा होती थी, लेकिन अब परिवहन विभाग की ई-चालान वेबसाइट के माध्यम से सीधे ऑनलाइन जमा करा सकेंगे।
- अस्थायी परमिट ऑनलाइन : परिवहन विभाग के अस्थायी परमिट लेने के लिये अभी तक आरटीओ दफ्तर जाना पड़ता था, लेकिन अब ऑनलाइन आवेदन व शुल्क भुगतान होगा। ऑनलाइन स्क्रूटनी, अनुमोदन व परमिट डाउनलोड कर सकेंगे।
- ऑनलाइन कॉन्ट्रेक्ट कैरिज परमिट : संभागीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से अब कॉन्ट्रेक्ट कैरिज परमिट का आवेदन ऑनलाइन कर सकेंगे और शुल्क भी ऑनलाइन जमा करा सकेंगे। यह परमिट भी ऑनलाइन ही मिलेंगे।
- वाहनों के पंजीकरण : अभी तक निजी वाहनों का पंजीकरण डीलर पॉइंट पर डाटा एंट्री, डॉक्यूमेंट अपलोड करने के बाद ऑनलाइन फीस व टैक्स जमा होता था। इसके बाद डीलर को पूरे कागज़ लेकर आरटीओ दफ्तर जाना पड़ता था। पत्रावलियाँ आरटीओ दफ्तरों में रखनी होती थीं, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। दफ्तरों में कागज़ों के ढेर से आज़ादी मिलेगी।
- ट्रेड सर्टिफिकेट : व्यवसाय प्रमाण-पत्र बनवाने के लिये अब दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। ऑनलाइन ही सर्टिफिकेट जारी हो जाएगा।
- परिवहन निगम ने ड्राइवरों के लिये हमसफर ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप को ड्राइवर के सामने मोबाइल फोन में इंस्टॉल किया जाएगा। यह ऐप ड्राइवर की हर हरकत पर नज़र रखेगा तथा नींद आने पर ड्राइवर को अलर्ट करेगा। इसमें सुरक्षित बस संचालन पर रिवार्ड मिलेंगे।
- इसके अलावा अटेंडेंस ऐप लॉन्च किया गया है। इसमें जियो फेंसिंग क्षेत्र में आने पर परिवहन निगम के कर्मचारी अपने मोबाइल से ही अपनी हाजिरी लगा सकेंगे।
- इसके अलावा निगम ने फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम लॉन्च किया है। इसके तहत बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। हर बस की लोकेशन देखने को व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई जाएगी तथा बिना टिकट यात्रा करने वालों को सीसीटीवी की मदद से पकड़ा जा सकेगा। सभी बसों में फ्यूल सेंसर लगाए जाएंगे और केंद्रीय कंट्रोल रूम से सभी बसों की पूरी निगरानी की जा सकेगी।
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मुख्यमंत्री ने ‘अपणि सरकार’ मोबाइल ऐप किया लॉन्च
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) द्वारा विकसित ‘अपणि सरकार पोर्टल’का मोबाइल ऐप लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘अपणि सरकार पोर्टल’के लॉन्च होने के बाद यह ऐप अब प्लेस्टोर पर भी उपलब्ध हो गया है। इस मोबाइल ऐप पर राज्य की 254 सेवाएँ और अन्य 173 सेवाएँ वेब लिंक के माध्यम से उपलब्ध होंगी। इस ऐप पर लॉगिन करके आप सेवाओं का लाभ घर-बैठे ले सकते हैं। इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन की सुविधा भी अब मोबाइल ऐप से मिल सकेगी।
- इस मोबाइल ऐप के माध्यम से सैनिक कल्याण विभाग की चार, लघु सिंचाई विभाग की 15, गृह विभाग की दस, निबंधन विभाग की पाँच, राजस्व विभाग की 18, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की दो, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की तीन, शहरी विकास निदेशालय की आठ, पंचायती राज विभाग की 12, समाज कल्याण विभाग की नौ, मत्स्य विभाग की सात, पेयजल विभाग की नौ तथा ऊर्जा विभाग की 23 सेवाएँ सीधे मिलेंगी।
- इसी प्रकार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की एक, तकनीकी शिक्षा विभाग की 14, विद्यालयी शिक्षा विभाग की 20, कौशल विकास एवं रोज़गार विभाग की 12, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की तीन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की 22, आयुर्वेदिक एवं यूनानी की 13, ग्राम्य विकास विभाग की दो, कृषि विभाग की पाँच, कृषि एवं कृषि विपणन विभाग की 19, लोक निर्माण विभाग की दो और विधिक माप विज्ञान विभाग की 16 सेवाएँ इस मोबाइल ऐप के माध्यम से सीधे मिलेंगी।
- इसके अलावा राज्य परिवहन विभाग, ई-कोर्ट सेवाएँ, वस्तु एवं सेवा कर, आयकर विभाग, नागर विमानन मंत्रालय की नौ, पैन सेवा पोर्टल की नौ, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की आठ, विदेश मंत्रालय पासपोर्ट सेवा के तहत आठ, भारत निर्वाचन आयोग की सात, यूआईडीएआई की सात, कृषि और किसान कल्याण विभाग की छह, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड की छह, उत्तराखंड स्वरोज़गार योजनाएँ की पाँच तथा शहरी विकास निदेशालय की चार सेवाओं का वेब लिंक इस मोबाइल ऐप पर मिलेगा।
- इसी प्रकार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व उच्च शिक्षा विभाग की तीन-तीन, जीवन प्रमाण की छह, उत्तराखंड जल संस्थान की पाँच, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तीन, रेल विभाग की तीन, सूचना का अधिकार की तीन, उकाडा उत्तराखंड की तीन, नगर निगम देहरादून की एक और स्वास्थ्य विभाग की ऑनलाइन पंजीकरण की एक सेवा का वेब लिंक इस मोबाइल ऐप पर मिलेगा।
- आईटीडीए ने सीएम हेल्पलाइन का भी एंड्रॉयड मोबाइल ऐप तैयार किया है, जिससे प्रदेश के दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोग भी सीधे मुख्यमंत्री को अपनी शिकायत भेज सकेंगे। इसे प्ले स्टोर पर सीएम हेल्पलाइन लिखकर डाउनलोड किया जा सकता है।
- आईटीडीए की तीन सेवाएँ भी शुरू हो गई हैं, जो निम्न हैं-
- डीएआरसी लेक : यह केंद्रीयकृत डाटा स्टोरेज प्लेटफॉर्म है, जिसे जीआईएस और ड्रोन का डाटा स्टोर करने के लिये तैयार किया गया है। इस पर स्थानीय ड्रोन पायलटों की सूची भी रहेगी, जो कि कोई भी विभाग एक्सेस कर सकेगा।
- एसडी-वान : हर तहसील, ब्लॉक, मुख्यालय की ज़िले से कनेक्टिविटी बाधित होने पर भी इससे इंटरनेट कनेक्टिविटी सुचारु रहेगी। यह हाईस्पीड इंटरनेट प्रणाली है।
- आईटीडीए-सीएएलसी : इसका पहला सैटेलाइट सेंटर ऋषिकेश में स्थापित किया गया है। अब प्रदेशभर में यह सेंटर बनेंगे, जिससे युवाओं को ड्रोन चलाने, ठीक करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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