‘मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना’ का शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 12 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पृथ्वीपुर (निवाड़ी) से मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना की शुरुआत की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पृथ्वीपुर में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे घर, जिनमें एक से अधिक परिवार निवासरत् हैं और यदि उनके पास रहने का कोई भू-खंड नहीं है तो उन्हें सरकार द्वारा नि:शुल्क प्लॉट उपलब्ध कराया जाएगा।
- इसके अलावा इस योजना के माध्यम से प्रदान किये गए प्लॉट पर बैंकों से कर्ज़ की प्राप्ति भी की जा सकेगी, जिससे कि प्रदेश के नागरिकों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
- इस योजना के माध्यम से प्रदेश के नागरिक न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताओं के साथ सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकेंगे। प्रत्येक नागरिक अपना खुद का घर प्राप्त कर सकेगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना’ के 5 हितग्राहीयों भू-अधिकारपत्र प्रदान किये। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 30 अक्टूबर, 2021 को इस योजना की घोषणा की थी।
- मुख्यमंत्री ने विभिन्न शासकीय योजनाओं के 13 हज़ार 397 हितग्राहियों को हितलाभ वितरण किये और 6 करोड़ 68 लाख 43 हज़ार रुपए की लागत वाले 223 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं 34 करोड़ रुपए की लागत के 23 कार्यों का भूमि-पूजन किया।
भारत भवन में ‘संस्कृति और प्रकृति’ समारोह का शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 12 Nov 2021
चर्चा में क्यों?
11 नवंबर, 2021 को प्रमुख सचिव, संस्कृति और पर्यटन एवं भारत भवन के न्यासी सचिव शिव शेखर शुक्ला तथा प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायिका कौशिकी चक्रबर्ती ने दीप प्रज्ज्वलित कर आठदिवसीय समारोह ‘संस्कृति और प्रकृति’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मानव सभ्यता की वाहक भारतीय संस्कृति सदैव प्रकृति के साथ सामंजस्य और सह-अस्तित्व की संस्कृति रही है। कोविड-19 के संकटकालीन समय मे इसकी प्रासंगिकता अधिक बढ़ी है। इसे ध्यान में रखकर प्रकृति और संस्कृति के अंतरसंबंधों पर आधारित यह सांस्कृतिक समारोह आयोजित किया गया है।
- भारत भवन में समारोह के पहले दिन संयोजक प्रवीण शेवलीकर और साथियों ने वायलिन सप्तक की संगीतमय प्रस्तुति दी। इसके बाद शास्त्रीय संगीत गायिका कौशिकी चक्रबर्ती ने क्लासिकल गायकी से समा बांध दिया। हारमोनियम, वीणा और तबला की थाप पर ख्याल और ठुमरी गायन का उत्कृष्ट नमूना पेश किया।
- भारत भवन द्वारा पहली बार समारोह का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। संगीत और कला प्रेमी भारत भवन के यूट्यूब पेज और फेसबुक पेज पर आयोजन का लुत्फ उठा सकते हैं।
- समारोह के दौरान परंपरागत चित्रांकन शिविर और जनजातीय चित्र कृतियों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। प्रदर्शनी में 24 कलाकारों की 28 पेंटिंग्स लगाई गई हैं। यह प्रदर्शनी 21 नवंबर तक दर्शकों के लिये खुली रहेगी।