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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Nov 2021
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मध्याह्न भोजन योजना के कुकिंग कास्ट और रसोईया मानदेय की राशि के अंतरण प्रक्रिया का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

11 नवंबर, 2021 को स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राज्य में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत कुकिंग कास्ट एवं रसोईया मानदेय राशि भुगतान के ऑनलाइन अंतरण प्रक्रिया का विधिवत शुभारंभ किया। कुकिंग कास्ट की राशि बैंक के माध्यम से स्कूलों के बच्चों के खाते में ट्रांसफर होगी।

प्रमुख बिंदु 

  • मध्याह्न भोजन की वेबसाइट में जैसे-जैसे बच्चों के खातों की जानकारी अपलोड होती जाएगी, उसके बाद यह राशि उनके खातों में ट्रांसफर होगी।
  • इसी प्रकार केंद्र सरकार के निर्देशानुसार इस वित्तीय वर्ष से मध्याह्न भोजन योजना के कुकिंग कास्ट और रसोईया मानदेय राशि का भुगतान पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से किया जाता है। इसके लिये राज्य स्तर से एक्सिस बैंक के माध्यम से राशि का भुगतान सीधे 87 हज़ार रसोईयों और मध्यान्ह भोजन के संचालनकर्त्ता लगभग 44 हज़ार समूहों के खातों में ट्रांसफर करने की शुरुआत की गई है। 
  • उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा ग्रीष्मावकाश में भी बच्चों को मध्याह्न भोजन दिये जाने का निर्णय लिया गया था। भारत सरकार द्वारा 39 दिनों के लिये कुकिंग कास्ट की राशि बच्चों को दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। 
  • राज्य में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत ग्रीष्म अवकाश (1 मई, 2021 से 15 जून, 2021) की अवधि का कुल 39 दिनों के लिये कुकिंग कास्ट की राशि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से दी जा रही है।
  • वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा राशि स्वीकृत की गई है, लेकिन राशि का आवंटन राज्य को नहीं मिला है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से राशि जारी करने की प्रत्याशा में राज्य के 28 लाख 76 हज़ार बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा राशि प्रदान की जा रही है। 
  • प्रदेश में प्राथमिक स्कूल के 17 लाख 97 हज़ार और मिडिल स्कूल के 10 लाख 79 हज़ार बच्चों को यह राशि प्रदान की जाएगी। प्राथमिक स्कूल के बच्चों को प्रति छात्र प्रति दिवस 5 रुपए 19 पैसे की दर से और मिडिल स्कूल के बच्चों को प्रति छात्र प्रति दिवस 7 रुपए 45 पैसे की दर से राशि स्वीकृत की गई है। इस प्रकार कुल 67 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि बच्चों के खातों में हस्तांतरित की जाएगी।

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विद्यार्थियों की ट्रैकिंग हेतु वेबसाइट

चर्चा में क्यों? 

11 नवंबर, 2021 को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने प्रदेश में संचालित ‘एकलव्य’ और ‘प्रयास’ विद्यालयों से पढ़कर निकले बच्चों की ट्रैकिंग के लिये बनाई गई वेबसाइट http://eklavya.cg.nic.in/ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस वेबसाइट को आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग और एनआईसी ने मिलकर तैयार किया है। 
  • ट्रैकिंग के माध्यम से प्रयास आवासीय स्कूल और एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल से 5 वर्ष पूर्व पढ़कर निकले बच्चे वर्तमान में क्या कर रहे हैं (शासकीय, अशासकीय नौकरी या स्वयं का व्यवसाय या अन्य कार्य कर रहे हैं), इसकी जानकारी प्राप्त की जाएगी। 
  • गौरतलब है कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश में संचालित एकलव्य विद्यालयों के संचालन  हेतु गठित छत्तीसगढ़ राज्यस्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति, रायपुर द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जाता है।

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