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स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Oct 2022
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बिहार Switch to English

बिहार का जहानाबाद 100% डिजिटल बैंकिंग वाला पहला ज़िला बना

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को भारतीय रिज़र्व बैंक और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से बिहार का जहानाबाद ज़िला पहला 100 फीसदी डिजिटल बैंकिंग वाला ज़िला बन गया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य में लोगों को घर-बैठे बैंकिंग सुविधा का लाभ देने के लिये डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि हर ज़िला, हर कस्बा और हर पंचायत डिजिटल हो सक। इस दिशा में भारतीय रिज़र्व बैंक और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बिहार के तीन ज़िलों में डिजिटल बैंकिंग को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं।
  • डिजिटल बैंकिंग के इस अभियान के प्रतिफल के रूप में जहानाबाद ज़िला पहला 100 फीसदी डिजिटल बैंकिंग वाला ज़िला बन गया है और जल्द ही अरवल तथा शेखपुरा शत-प्रतिशत डिजिटल बैंकिंग वाले ज़िला बनने वाले हैं।
  • जहानाबाद ज़िले में कुल 1035126 सक्रिय खाताधारकों में से 1031235 के पास कम-से-कम एक डिजिटल बैंकिंग उत्पाद, यानी इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआइ और दूसरी इसी तरह की सुविधाएँ हैं। यह कुल सक्रिय खाता का 65 फीसदी है। करेंट खाता में करीब 17944 खाता हैं, जिनमें 11887 खाताधारक इंटरनेट बैंकिंग, 4452 पोओएस या क्यूआर कोड और 8450 मोबाइल बैंकिंग सेवा का उपयोग करते हैं।
  • अरवल में 609662 बैंक खाते हैं, जिनमें से 552221 सक्रिय बैंक खाते हैं। इसका लगभग 58% डिजिटल उत्पाद से जुड़े हुए हैं, जबकि शेखपुरा में अभी तक 89.18% खाते डिजिटल उत्पाद से जुड़े हैं।
  • वित्तीय लेन-देन में डिजिटल पेमेंट सिस्टम की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कैश ढोने की ज़रूरत नहीं होती है। कार्ड से पेट्रोल खरीदने से लेकर, रेल टिकट, हाइवे पर टोल और बीमा खरीदने जैसी कई तरह की छूट भी मिलती हैं।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार और रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2019 में देश के प्रत्येक राज्य में कम-से-कम एक ज़िला को सौ फीसदी डिजिटल बैंकिंग सेवा वाला ज़िला बनाने का निर्णय लिया था।
  • इसी के तहत बिहार में जहानाबाद ज़िला का चयन किया गया और राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति ने सभी हिस्सेदार (स्टेकहोल्डर) के साथ रणनीति बनाकर काम किया और जहानाबाद डिजिटल बैंकिंग वाला ज़िला घोषित किया गया है।

राजस्थान Switch to English

जयपुर में आयोजित होगा ‘द इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म स्टेट अवार्ड्स 2022- राजस्थान’

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के पर्यटन विभाग की निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि ‘द इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म स्टेट अवार्ड्स 2022-राजस्थान’ जयपुर में नवंबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • डॉ. रश्मि शर्मा ने बताया कि राज्य में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहन देने वाले उद्यमियों को सम्मानित करने के लिये राजस्थान पर्यटन विभाग ने आउटलुक ग्रुप के सहयोग से ‘द इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म स्टेट अवार्ड्स 2022-राजस्थान’की शुरुआत की है। इसमें पर्यटन क्षेत्र से जुड़े स्थानीय उद्यमी  भाग लेंगे। 
  • उन्होंने बताया कि ‘द इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म स्टेट अवार्ड्स 2022-राजस्थान’आठ श्रेणियों में दिये जाएंगे।  
  • ये अवार्ड्स सस्टेनेबल लीडरशिप- होटल्स, सस्टेनेबल लीडरशिप- होमस्टे, सस्टेनेबल लीडरशिप- बीएनबी और गेस्टहाउस, सस्टेनेबल इंटरप्राइजेज इन ईको फ्रैंजाइल लेंडस्कैप, सस्टेनेबिलिटी चैंपियन इन पाथफाइंडर, सस्टेनेबिलिटी चैंपियन इन ग्रासरूट हीरोज, हेरिटेज कंजर्वेशन और वाइल्ड लाईफ कंजर्वेशन की श्रेणियों में पुरस्कार दिये जाएंगे। 

राजस्थान Switch to English

जयपुर में आयोजित होगा इंडिया स्टोनमार्ट का 11वाँ संस्करण

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने जयपुर के शासन सचिवालय में इंडिया स्टोनमार्ट के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि इंडिया स्टोनमार्ट के 11वें संस्करण का आयोजन 10 से 13 नवंबर को जयपुर के जेईसीसी में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्य सचिव ने इंडिया स्टोनमार्ट-2022 के संबंध में संबंधित अधिकारियों को समुचित तैयारियाँ सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि देश-विदेश में प्रसिद्ध इंडिया स्टोनमार्ट का आयोजन ऐतिहासिक होना चाहिये।
  • इंडिया स्टोनमार्ट का आयोजन सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन, रिको और फिक्की द्वारा किया जाएगा। जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर नगर निगम, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पुलिस, सामान्य प्रशासन विभाग सहित अन्य विभाग इसको सफल बनाने के लिये सहयोग देंगे।
  • इंडिया स्टोनमार्ट में लगभग 350 प्रदर्शकों के भाग लेने की संभावना है। इसमें टर्की, ईरान, पुर्तगाल सहित कई देशों के प्रदर्शक भाग लेंगे। गुजरात और ओडिशा राज्य भी इसमें स्टेट पवेलियन लगाएंगे। जयपुर आर्किटेक्चर फेस्टिवल, बायर-सेल मीट व शिल्पग्राम का आयोजन भी यहाँ किया गया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

प्रधानमंत्री ने ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रिमोट का बटन दबाते ही रंगीन कलावे (रक्षा सूत्र) निर्मित शिवलिंग के रूप में भगवान महाकाल मानों स्वयं प्रकट हो गए। साथ ही पूरा वातावरण शिवमय हो गया।
  • प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री महाकाल लोक में निर्मित भित्ति-चित्रों, स्तंभों एवं प्रतिमाओं में वर्णित शिव-लीलाओं की जानकारी दी। इस दौरान राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी उपस्थित थे।
  • प्रधानमंत्री ने श्री महाकाल लोक में भगवान श्री शंकर की ध्यानस्थ प्रतिमा, सप्तर्षि मंडल आदि का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने ई-कार्ट में बैठ कर 900 मीटर लंबे ‘श्री महाकाल लोक’परिसर में निर्मित नयनाभिराम धार्मिक-आध्यात्मिक और शिव लीला पर आधारित कला रूपों का अवलोकन किया।
  • भारत के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 700 कलाकारों ने अपने नृत्य, गीत और अभिनय से भगवान शिव की लीलाओं की प्रस्तुति दी। भारत सहित दुनिया के 40 देश इस आध्यात्मिक, अलौकिक, अद्वितीय एवं अद्भुत अनुभूति के साक्षी बने।
  • राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में सिंहस्थ कुंभ-2016 में उज्जैन में विश्वस्तरीय अधो-संरचना का विकास किया गया था। मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ‘बनारस कॉरीडोर’की तर्ज पर ‘श्री महाकाल लोक’बनाया जा रहा है। ‘श्री महाकाल लोक क्षेत्र विकास परियोजना की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपए है।
  • योजना के प्रथम चरण में भगवान श्री महाकालेश्वर के आँगन में छोटे और बड़े रूद्र सागर, हरसिद्धि मंदिर, चारधाम मंदिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है।
  • लोकार्पित प्रथम चरण में 350 करोड़ रुपए से महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे जोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्प्लेक्स, गणेश स्कूल कॉम्प्लेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है।
  • महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिये उपयुक्त 200 मीटर लंबा मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊँची एवं 500 मीटर लंबी म्युरल वाल बनाई गई है। साथ ही, 108 शिव स्तंभ, शिव की मुद्राओं सहित विविध प्रतिमाएँ निर्मित हो चुकी हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रही हैं।
  • लोटस पोंड, ओपन एरिया थिएटर तथा लेक फ्रंट एरिया, ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिये मार्ग भी बनाए गए हैं। बड़े रुद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा गया है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि यह पानी स्वच्छ भी रहे।
  • श्री महाकाल लोक के दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जाएगा, जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हैरिटेज के रूप में पुन: उपयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश कर महाकाल मंदिर परिसर से एकीकरण किया जाएगा। दूसरे चरण के कार्य 2023-24 में पूर्ण होंगे।    

हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री ने विज्ञापन अनुमति व नगर निकायों के विज्ञापन स्थलों की ई-नीलामी हेतु लॉन्च किया एक पोर्टल

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने व्यापारियों व नागरिकों को एक और सुविधा प्रदान करते हुए हरियाणा म्युनिसिपल विज्ञापन उपनियम-2022 के तहत विज्ञापन अनुमति तथा नगर निकायों के विज्ञापन स्थलों की ई-नीलामी के लिये एक पोर्टल लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस पोर्टल के लॉन्च होने से सभी नगर निकायों में विज्ञापन अधिकारों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पोर्टल के लॉन्च होने से शहरी स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से पारदर्शी तरीके से सरकारी भवनों व प्राइवेट भवनों पर विज्ञापन लगाने की अनुमति प्रदान की जा सकेगी।
  • उन्होंने बताया कि सभी नगर निकायों को कलेक्टर रेट का 2 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। सरकारी स्थलों का ई-ऑक्शन किया जाएगा। इसका न्यूनतम रेट 4 प्रतिशत होगा, जिसमें से 40 प्रतिशत एमसी को और 60 प्रतिशत भवन मालिक को मिलेगा।
  • राज्य में सभी नगर निकाय, सरकारी विभाग, बोर्ड, निगम, प्राधिकरण अब विज्ञापन हेतु ई-नीलामी के लिये अपनी संपत्तियों को पोर्टल पर सूचीबद्ध कर सकते हैं। निजी संपत्ति मालिक भी ई-नीलामी के माध्यम से विज्ञापन अनुमति देने के लिये इस पोर्टल पर अपनी संपत्ति/संपत्तियों को सूचीबद्ध करने का विकल्प चुन सकते हैं।
  • नगर निकायों की भूमिका केवल इस पोर्टल पर आवेदनों को संसाधित करने और संपत्तियों को सूचीबद्ध करने, आरक्षित मूल्य भरने तथा नीलामी की तिथि निर्धारित करने की होगी। इसके बाद पोर्टल पर स्वत: ही नीलामी आयोजित होगी और उच्चतम बोली लगाने वाले का चयन होगा।
  • इसके अलावा, सभी विज्ञापन अनुमतियाँ, अनुबंध, भुगतान, प्रतिभूतियों का प्रबंधन इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। इससे मज़बूत राजस्व संग्रहण और अनुबंध प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि एक बार पोर्टल पर पंजीकृत विज्ञापन संस्थाएं (व्यवसाय/व्यक्ति) राज्य में नगर निकायों में सभी सूचीबद्ध विज्ञापन संपत्तियों की ई-नीलामी में भाग ले सकती हैं।
  • यह पोर्टल न केवल विज्ञापन अधिकार प्रदान करने में पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि नगर निकायों और अन्य सरकारी संस्थाओं की विज्ञापन के माध्यम से राजस्व में भी वृद्धि करेगा।

झारखंड Switch to English

अंडर-17 भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तान अष्टम उराँव के नाम से गुमला के गोर्राटोली गाँव में बनेगा स्टेडियम

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को झारखंड के गुमला ज़िले की डीएसओ हेमलता बून ने बताया कि गुमला ज़िले के गोर्राटोली गाँव में फीफा वर्ल्ड कप अंडर-17 भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान अष्टम उराँव के नाम से स्टेडियम बनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि फीफा वर्ल्ड कप अंडर-17 भारतीय महिला फुटबॉल टीम की कप्तान अष्टम उराँव राज्य के गुमला ज़िले के गोर्राटोली गाँव की रहने वाली है।
  • हेमलता बून ने बताया कि अष्टम उराँव का इंडिया टीम का हिस्सा बनने के बाद बनारी गोर्राटोली क्षेत्र में खेल को बढ़ावा देने के लिये गाँव में नया स्टेडियम बनाया जाएगा। इसके लिये स्टेडियम का डीपीआर भी तैयार हो गया है।
  • उन्होंने कहा कि गोर्राटोली गाँव में अष्टम उराँव के नाम से पीसीसी सड़क का निर्माण किया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

रायपुर में होगा अंतर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘एग्री कार्निवल 2022’ का आयोजन

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क एवं सूचना विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में अंतर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘एग्री कार्निवल 2022’ का आयोजन 14 से 18 अक्टूबर तक किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किये जा रहे एग्री कार्निवल में अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थानों के निदेशक, कृषि वैज्ञानिक, विभिन्न कृषि उत्पाद निर्माता कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी, स्टार्टअप्स उद्यमी एवं बड़ी संख्या में प्रगतिशील कृषक शामिल होंगे।
  • इस अवसर पर एक बृहद् अंतर्राष्ट्रीय कृषि मेले सह प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। एग्री कार्निवल के दौरान प्रत्येक दिन कृषकों, छात्रों एवं आम नागरिकों के लिये विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्र में उगाई जा रही फसलों एवं कृषि प्रदर्शनी का भ्रमण आयोजित किया जाएगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘एग्री कार्निवल 2022’ को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा राज्य शासन के कृषि विभाग, छत्तीसगढ़ बायोटेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी, अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, फिलीपींस, नाबार्ड, कंसल्टेटिव ग्रुप ऑफ इन्टरनेशनल एग्रीकल्चरल रिसर्च, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), एनएबीएल तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
  • पाँच दिवसीय कृषि मड़ई के दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिनमें कृषि उपज निर्यात बढ़ाने हेतु क्रेता-विक्रेता सम्मेलन, नवाचार स्टार्टअप्स एवं उद्यमिता पर कार्यशाला, लघु वनोपज के प्रसंस्करण एवं निर्यात पर संगोष्ठी, जैव विविधता संरक्षण एवं कृषक प्रजातियों के पंजीयन हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला, परीक्षण प्रयोगशालाओं की मान्यताओं हेतु एनएबीएल द्वारा प्रशिक्षण, फसल प्रजनन आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण आदि प्रमुख हैं।
  • कृषि मड़ई में फसलों की नई किस्में, अधिक आय देने वाली वैकल्पिक फसलें, नवीन कृषि प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक एवं जैविक कृषि, जैव उर्वरक एवं जैव कीटनाशक, पशु पालन, मछली पालन एवं चारा उत्पादन, समन्वित फसल पोषक तत्त्व तथा कीट एवं बीमारी प्रबंधन, मृदा उर्वरता एवं मृदा स्वास्थ्य, वर्षा जल प्रबंधन एवं भू-जल संवर्धन, संरक्षित खेती, उन्नतशील कृषि यंत्र प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन आदि के संबंध में विषय-विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी जाएगी। इस दौरान कृषि आधारित स्टार्टअप्स के सफल उद्यमियों द्वारा नवीन स्टार्टअप्स स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई में लगभग 20 हज़ार किसानों के शामिल होने की संभावना है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में बनेगा किसानों का डाटाबेस

चर्चा में क्यों?

11 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड राज्य के देहरादून सचिवालय में केंद्र सरकार के चीफ नॉलेज ऑफिसर राजीव चावला की अध्यक्षता में राज्य में किसानों के भू-अभिलेख के संबंध में हुई बैठक में राज्य के अधिकारियों को किसानों का डाटाबेस तैयार करने के निर्देश दिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • राजीव चावला ने केंद्र सरकार की ओर से विकसित एग्री स्टैक पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ बिना किसी कागज़ी प्रक्रिया के देने के लिये राज्य में किसानों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा।
  • इसके लिये प्रत्येक किसान को विशिष्ट पहचान (यूनिक आइडी) उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, पोर्टल के लिये राज्य के समस्त किसानों के भू-अभिलेखों के सुधार के संबंध में प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि एग्री स्टैक पोर्टल के तीन प्रमुख स्तंभ किसान डाटाबेस, भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र और फसल सर्वे डाटा हैं।
  • उन्होंने बैठक में बताया कि उत्तराखंड में किसानों का अलग से डाटाबेस नहीं है। पीएम किसान योजना के आनॅलाइन पीएम किसान पोर्टल पर ही यह किसानों का डाटा उपलब्ध है।
  • पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत सभी पात्र लाभार्थियों का डाटा विभागीय डाटाबेस में एकीकृत किया जाएगा। यह कुल किसानों का लगभग 80 से 85 प्रतिशत होगा। राजस्व विभाग ऑनलाइन-राइट ऑफ रिकॉर्ड में प्रत्येक किसान के स्वामित्व की भूमि में बोई जाने वाली सभी मौसमी फसलों के क्षेत्रफल का विवरण दर्ज होगा।
  • कृषि विभाग इस डाटा को अद्यतन कर उपयोग में लाएगा। इस टाइम सीरीज़ डाटा से भविष्य में फसलों के प्रत्येक माह संभावित अनुमान तैयार किये जा सकेंगे। फसलवार प्राप्त जानकारी का उपयोग किसान क्रेडिट कार्ड से फसली ऋण, पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना व फसल विपणन का लाभ प्राप्त करने में किया जाएगा। इससे किसान को सत्यापित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
  • बैठक में बताया गया कि राज्य में ग्रामों के मानचित्रों को ऑनलाइन कराने के लिये राजस्व विभाग निविदा कर चुका है। पहले चरण में दो ज़िलों-अल्मोड़ा और पौड़ी के मानचित्रों को ऑनलाइन किया जाएगा, शेष ज़िलों के मानचित्रों को दो वर्ष में ऑनलाइन किया जाएगा।
  • फसल सर्वे डाटा के लिये कृषि विभाग की ओर से देहरादून व चंपावत ज़िलों हेतु प्रस्ताव आमंत्रित करने की प्रक्रिया गतिमान है। देहरादून व चंपावत के भू-राजस्व डाटा, सॉयल प्रोफाइलिंग के डाटा को उपयोग में लाते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के उपयोग से विभिन्न विभागीय डैशबोर्ड तैयार किये जाएंगे। अन्य ज़िलों के लिये राजस्व विभाग भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र उपलब्ध कराने के बाद चरणबद्ध रूप से फसल सर्वे का कार्य कराएगा। 

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