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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Sep 2024
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हरियाणा में बेरोज़गारी का संकट

चर्चा में क्यों

केंद्र सरकार के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey- PLFS) में दर्शाई गई हरियाणा में उच्च बेरोज़गारी दर, राज्य में आगामी चुनावों के मद्देनजर एक केंद्र बिंदु बन गई है

मुख्य बिंदु

  • बेरोज़गारी दर के रुझान:
    • जनवरी-मार्च 2024 के लिये PLFS से पता चलता है कि 15 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिये शहरी बेरोज़गारी वर्ष 2023 में 8.8% से घटकर 4.1% हो गई है और अब यह राष्ट्रीय औसत 6.7% से नीचे है।
    • इसकी तुलना वर्ष 2021-22 के वार्षिक PLFS परिणामों से करें, जहाँ हरियाणा की बेरोज़गारी दर 9% थी, जो राष्ट्रीय दर 4.1% से दोगुनी से भी अधिक थी।
      • पूर्व वर्षों में उच्च बेरोज़गारी का कारण कोविड के बाद वैश्विक आर्थिक मंदी थी, जिसने आतिथ्य और विमानन जैसे क्षेत्रों को प्रभावित किया था।
  • युवा प्रवास में वृद्धि:
    • स्थानीय स्तर पर रोज़गार की संभावनाओं की कमी के कारण बेहतर अवसरों की तलाश में हरियाणा के युवाओं का पलायन बढ़ रहा है।
    • सरकारी नौकरियाँ अभी भी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई हैं, लेकिन अपर्याप्त नियुक्तियों के कारण प्रवासन में वृद्धि हुई है।
    • कुशल कार्यबल की मांग अभी भी उच्च बनी हुई है, लेकिन सरकारी कौशल विकास कार्यक्रमों की आलोचना इस बात के लिये की जाती है कि वे उद्योग जगत की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाते।
  • सरकारी पहल:
    • वर्ष 2024 में लगभग 30,000 नियमित सरकारी नौकरियों हेतु आवेदन लिये जाएंगे तथा 5 अक्तूबर 2024 को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 50,000 पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है।
    • विभिन्न भूमिकाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line- BPL) परिवारों के युवाओं को रोज़गार के लिये " मिशन 60,000 " की घोषणा की गई।
  • नई परियोजनाएँ:
    • खरखौदा में प्रस्तावित मारुति सुज़ुकी और सुज़ुकी मोटरसाइकिल संयंत्र से लगभग 15,000 प्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।
    • सरकार औद्योगिक परियोजनाओं और बुनियादी ढाँचे के विकास के माध्यम से रोज़गार सृजन पर ज़ोर दे रही है।


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