उत्तर प्रदेश Switch to English
एससी वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं में आय सीमा समाप्त
चर्चा में क्यों?
11 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (अनुगम) के चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि अनुगम की स्वरोज़गार योजनाओं का लाभ लेने के लिये अधिकतम आय सीमा की शर्त को खत्म कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- चेयरमैन डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति इन योजनाओं का लाभ ले सकेगा, लेकिन ढाई लाख रुपए तक सालाना आय वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- स्वरोज़गार की इकाई समूह में स्थापित करनी होगी और अनुदान की सीमा भी प्रति लाभार्थी 10 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दी गई है। उत्तर प्रदेश अनुगम की योजनाओं में पात्रता के लिये अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 47,080 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपए वार्षिक आय सीमा थी।
- गौरतलब है कि जुलाई 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आय और अनुदान सीमा में वृद्धि के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया था। इसी के तहत केंद्र सरकार ने पात्रता के लिये आय सीमा और अनुदान राशि में बड़ा बदलाव किया है।
- चेयरमैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएँ अब ‘प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना’के नाम से जानी जाएंगी। केंद्र व प्रदेश सरकार ने दलित दंश समाप्त करने के लिये महत्त्वाकांक्षी योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर पहुँचाकर दलितों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिये यह बड़ा कदम उठाया है।
- डॉ. निर्मल ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति बहुल गाँवों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित होगी। इसके तहत व्यक्तिपरक परियोजनाओं की जगह दलितों के समूहों को उद्यमी बनाया जाएगा। लाभार्थियों को प्रोजेक्ट बनाने के लिये प्रशिक्षण दिलाने व उनके उद्यम पर निगरानी की व्यवस्था की गई है।
- लाभार्थियों के उत्पादों को बाज़ार उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की गई है। प्रदेश में 6171 अनुसूचित जाति बहुल गाँवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किये जाने की योजना बनाई गई है।
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