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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में दोबारा पीजी पर रोक, नियम लागू करने वाला राज्य व देश का पहला विवि
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल (बादशाहीथौल) स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने इस साल से उन छात्रों के दोबारा पीजी दाखिले पर रोक लगा दी है, जो पूर्व में विश्वविद्यालय से पीजी कोर्स कर चुके हैं। यह नियम लागू करने वाला यह विश्वविद्यालय राज्य व देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया।
प्रमुख बिंदु
- विश्वविद्यालय के कुलसचिव के.आर भटे ने बताया कि कई छात्र एक बार पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रसंघ चुनाव के लिये दोबारा पीजी में दाखिला ले लेते हैं। ऐसे छात्रों को रोकने के लिये ही ये निर्णय लिया गया है। हालाँकि, इसकी पहचान कैसे होगी, वह यह स्पष्ट नहीं कर पाए।
- हाल ही में श्रीदेव सुमन विवि ने एम.ए., एम.एस.सी., एम.कॉम. प्रथम सेमेस्टर में दाखिले के लिये प्रवेश नियम 2023 जारी किये हैं।
- इसकी बिंदु संख्या 1.15 (क) के मुताबिक, श्रीदेव सुमन विवि के नामांकित छात्र के रूप में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत होने के बाद एक विषय से पीजी परीक्षा उत्तीर्ण छात्र को किसी भी दशा में अन्य विषय में एम.ए., एम.एस.सी., एम.कॉम. में प्रवेश अनुमन्य नहीं होगा।
- विदित है कि नई शिक्षा नीति में जहाँ सरकार द्वारा सभी छात्रों को मुख्य विषयों के साथ ही पसंद के विषय चुनने, पढ़ाई के दौरान गैप होने पर दोबारा एकेडमिक क्रेडिट बैंक की मदद से कोर्स करने की आज़ादी दी गई है तो श्रीदेव सुमन विवि ने इसके उलट एक बार पीजी करने पर दूसरे पीजी पर रोक लगा दी है।
- मसलन, अगर कोई छात्र एमए हिन्दी में करता है और वह कोर्स पूरा करने के बाद एम.ए. हिस्ट्री या एम.ए. पॉलिटिकल साइंस में करना चाहता है तो उसे श्रीदेव सुमन विवि में दाखिला नहीं मिलेगा। इसके लिये उसे किसी अन्य विश्वविद्यालय में जाना होगा।
- गौरतलब है कि गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित राज्य व देश के किसी भी विश्वविद्यालय में ऐसा नियम लागू नहीं है, जो कि एक छात्र को एक विश्वविद्यालय से दोबारा दूसरे विषय से पीजी करने से रोकता हो।
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