उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में पेश किये चार विधेयक
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में उ.प्र. दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) संशोधन विधेयक, 2023 समेत चार विधेयक पेश किये, जिन्हें पास भी करा लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में कहा कि प्रदेश में 31 दिसंबर, 2021 तक सीआरपीसी की धारा 107 और 109 के तहत शमन शुल्क भरकर अथवा स्वत: समाप्त होने वाले मुकदमों को खत्म कर दिया जाएगा।
- गौरतलब है कि पुराने प्रकरणों में अभियुक्त बार-बार समन भेजने पर उपस्थित नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में लंबित वादों की संख्या बढ़ती जाती है। अब अदालतों का समय बचेगा।
- उ.प्र. माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक पर चर्चा करते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इससे छोटे कारोबारियों को ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स के जरिये व्यापार करने में सुविधा होगी। अभी तक कम टर्नओवर वाले व्यापारियों का पंजीकरण नहीं हो पाता था। इसी वजह से जीएसटी के तहत इसकी बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।
- विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम से विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। इसकी शुरुआत 60 विद्यार्थियों से होगी। इसमें नियुक्तियों की प्रक्रिया भी जारी है।
- इससे प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- इसके साथ ही उ.प्र. राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज (संशोधन) विधेयक, 2023 और उ.प्र. निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) विधेयक, 2023 भी पास करा लिये गए।
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