राजस्थान Switch to English
राजस्थान को मिली छह खेलों में राष्ट्रीय स्कूली स्पर्द्धाओं की मेज़बानी
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2023 को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने वर्ष 2023-2024 के लिये 67वाँ नेशनल स्कूल गेम्स कैलेंडर जारी करते हुए राजस्थान को टेनिस, बास्केटबॉल, जूडो, वेटलिफ्टिंग, सॉफ्टबॉल और कबड्डी की छ: राष्ट्रीय स्कूली स्पर्द्धाओं की मेज़बानी सौंपी है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में नेशनल स्कूल गेम्स कैलेंडर में एक साथ आधा दर्जन खेलों के नेशनल मुकाबलों के आयोजन का यह पहला मौका होगा।
- स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार दिसंबर 2023 के प्रथम सप्ताह में जोधपुर में टेनिस (अंडर-17 एवं अंडर-19 छात्रा संवर्ग), दिसंबर 2023 के द्वितीय सप्ताह में बाड़मेर में बास्केटबॉल (अंडर-14 छात्रा संवर्ग) के टूर्नामेंट आयोजित होने प्रस्तावित हैं।
- इनके अलावा फरवरी 2024 के प्रथम सप्ताह में श्री गंगानगर में जूडो (अंडर-19 छात्र एवं छात्रा संवर्ग), नवंबर 2023 के प्रथम सप्ताह में बीकानेर में सॉफ्टबॉल (अंडर-17 छात्र एवं छात्रा संवर्ग), जनवरी 2024 के प्रथम सप्ताह में जयपुर में कबड़डी (अंडर-17 छात्रा संवर्ग) तथा नवंबर 2023 के प्रथम सप्ताह में बीकानेर में वेट लिफ्टिंग (अंडर-19 छात्र एवं छात्रा संवर्ग) के टूर्नामेंट आयोजित होने प्रस्तावित हैं।
- शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला एवं शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने बताया कि प्रदेश को एक साथ इन 6 राष्ट्रीय स्पर्द्धाओं की मेज़बानी प्राप्त होना ऐतिहासिक है। इससे विभाग के तहत स्कूली खेल गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा और राज्य में सभी खेलों में प्रगति के नए आयाम स्थापित होंगे।
- उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों नई दिल्ली, भोपाल और ग्वालियर में आयोजित 66वें नेशनल स्कूली गेम्स में प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के बैनर तले राजस्थान के खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत और टीम स्पर्द्धाओं में 8 स्वर्ण, 9 रजत और 15 कांस्य पदक जीतते हुए शानदार प्रदर्शन किया था।
- शिक्षा निदेशालय, बीकानेर से खेलकूद प्रभाग के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक विगत वर्षों में अलग-अलग अवसरों पर प्रदेश में 6 बार स्कूली गेम्स से संबंधित खेल स्पर्द्धाओं के राष्ट्रीय आयोजन हुए हैं।
राजस्थान Switch to English
विशेष योग्यजन, एकल महिला एवं अन्य वंचित वर्ग हेतु 1000 फ्रेंचाइजी योजना
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2023 को राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि विशेष योग्यजन, एकल महिला एवं अन्य वंचित वर्ग को रिटेल सेक्टर में रोज़गार के अवसर प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा नवीन योजना प्रारंभ की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- योजना में राज्य के विशेष योग्यजन, एकल महिला, अविवाहित महिला (आयु 30 वर्ष से अधिक), परित्यक्ता, तलाकशुदा, विधवा एवं अन्य वंचित वर्ग, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमीलेयर को छोड़कर), अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आर्थिक कमज़ोर वर्ग, गरीबी रेखा से नीचे के उम्मीदवार पात्र होंगे।
- इन्हें रोज़गार के अवसर प्रदान करने के लिये रिटेल सेक्टर में प्रतिष्ठित प्राइवेट फर्म जैसे प्रोपराइटरशिप/भागीदारी फर्म/सीमित देयता भागीदारी/कंपनी/हिंदू अविभाजित परिवार योजना में शामिल हैं।
- इस श्रेणी की प्राइवेट फर्म रेडी-टू-डू बिजनेस मॉडल, फ्रेंचाइजी, डीलरशिप मॉडल से व्यापार करती हैं। इनके माध्यम से 1000 फ्रेंचाइजी खोली जाएंगी। इस हेतु चयनित व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही प्रति फ्रेंचाइजी एक लाख रुपए का अनुदान देने हेतु यह योजना प्रारंभ की जा रही है।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 हेतु पेश बजट में की गई थी।
- योजना को धरातल पर मूर्त रूप देने हेतु उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा योजना का ड्राफ्ट विभाग की वेबसाइट https://industries.rajasthan.gov.in/ पर अपलोड कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग और एनआईडी के बीच हुआ एमओयू
चर्चा में क्यों?
9 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश में एक ज़िला एक उत्पाद के तहत छतरपुर ज़िले के प्रसिद्ध फर्नीचर उत्पाद को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार उपलब्ध करवाने के लिये प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग और नेशनल डिज़ाइन संस्थान (एनआईडी) के बीच एमओयू हुआ।
प्रमुख बिंदु
- एमएसएमई विभाग के सचिव-सह-आयुक्त पी. नरहरि एवं एनआईडी, भोपाल के निदेशक प्रोफेसर धीरज कुमार द्वारा इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए।
- एमएसएमई विभाग के सचिव-सह-आयुक्त ने कहा कि इस अनुबंध के बाद छतरपुर के फर्नीचर डिजाइन और उत्पाद को नया मंच मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि ‘एक ज़िला एक उत्पाद योजना’की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है। यह योजना राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत आती है।
- इस योजना को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य सभी राज्यों के पास अपना एक प्रोडक्ट ऐसा होगा, जिससे उसे ज़िले व उस राज्य में उसकी अपनी एक अलग पहचान मिलेगी।
- केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ‘एक ज़िला एक उत्पाद’के लिये सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये मंजूरी दे दी है।
हरियाणा Switch to English
पदमा योजना के तहत बनाई जा रही छह स्कीमें
चर्चा में क्यों?
9 अगस्त, 2023 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि प्रदेश में एमएसएमई तथा स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार गवर्नमेंट प्रोजेक्ट्स की तरह प्राइवेट सेक्टर एंटरप्रिन्योर को भी पूरा स्पोर्ट देगी, इसके लिये पदमा योजना के तहत छह स्कीमें बनाई जा रही हैं।
प्रमुख बिंदु
- उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पदमा योजना को पॉलिसी का स्वरूप दिया गया है, ताकि राज्य में अधिक से अधिक इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किये जा सकें।
- राज्य में उद्योगपतियों की मांग पर अब 25 एकड़ से शुरू होकर बड़े इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किये जाएंगे, जबकि पहले यह 100 एकड़ से शुरुआत थी, जिसमें राज्य सरकार की तरफ से पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रावधान था।
- जिस प्रकार से प्रदेश सरकार सीड्स स्कीम के तहत गवर्नमेंट प्रोजेक्ट्स को स्पॉन्ससर कर रही थी, इसी तर्ज पर प्राइवेट सेक्टर के लिये पीड्स स्कीम बनाई गई है। इसके लिये 6 स्कीमें बनाई जा रही हैं, जिनको अगले एक माह में लागू कर देंगे।
- अगर कोई उद्योगपति 25 एकड़ में 20 यूनिट्स लगाना चाहेगा तो गवर्नमेंट प्रोजेक्ट्स को दी जाने वाली सुविधाओं की तरह वह सभी सुविधाएँ ले सकेगा। इसके लिये सरकार ने 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है।
- नए प्रावधानों के अनुसार 25 एकड़ से 100 एकड़ तक के इंडस्ट्रियल पार्क में कम से कम 25 एमएसएमई या अन्य यूनिट्स लगाए जाएंगे। इसके लिये इंफ्रास्ट्रक्चर राज्य सरकार द्वारा तैयार किया जाएगा।
- इंडस्ट्रीज के लिये बनाए गए ब्लॉक्स में से ए,बी, सी तथा डी ब्लॉक में सरकार द्वारा 50 करोड़ तक का इंसेंटिव दिया जाएगा, यह प्रोजेक्ट्स के लिये 50 से 85 प्रतिशत तक की स्पोर्ट हो सकती है।
- विदित है कि वर्तमान राज्य सरकार ने बजट के दौरान वेंचर कैपिटल फंड बनाने की चर्चा की गई थी।
- अगर प्रदेश में कोई स्टार्टअप आता है और उसको कोई वित्तीय लाभ चाहिये तो राज्य सरकार इसमें हिस्सेदार बनेगी, इसके लिये 50 करोड़ की समग्र निधि रखी गई है।
- अगर कोई 20 लाख तक की कीमत का नया कॉन्सेप्ट लेकर आता है तो उसमें राज्य सरकार ‘एंटरप्रिन्योरशिप अक्सेलरेशन स्कीम’के तहत स्पोर्ट करेगी।
- प्रोजेक्ट की लागत का टोटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी 30 फीसदी (अधिकतम 30 लाख रुपए) स्पॉन्सर की जाएगी। इंट्रेस्ट सब्सिडी स्कीम भी बनाई गई है, जिसमें 6 प्रतिशत (अधिकतम 20 लाख रुपए वार्षिक) तक इंट्रेस्ट का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।
- यदि कोई नेशनल या इंटरनेशनल लेवल पर मार्केटिंग या ब्रांडिंग में सुधार करके उपलब्धि हासिल करता है तो ऐसे उद्योगपति को 10 लाख रुपए वार्षिक दिये जाएंगे। इससे ब्लॉक स्तर के छोटे स्टार्टअप्स को बूस्ट मिलेगा।
झारखंड Switch to English
झारखंड स्टेट इंप्लीमेंटिंग एजेंसी फॉर कैटल एंड बफैलो डेवलपमेंट, रांची और ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के बीच हुआ समझौता
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2023 को झारखंड की राजधानी राँची के नेपाल हाउस स्थित कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की मौजूदगी में पशु चिकित्सा की बेहतरी के लिये झारखंड स्टेट इंप्लीमेंटिंग एजेंसी फॉर कैटल एंड बफैलो डेवलपमेंट, राँची और ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के बीच समझौता हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार की संवेदनशीलता राज्य की जनता के साथ-साथ यहाँ के पशुओं के लिये भी है। इसी के तहत पहले गौ मुक्तिधाम, फिर रेस्क्यू व्हिकिल का कार्य किया गया। इसी क्रम में पशु चिकित्सा की बेहतरी के लिये राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालय में मोबाइल वेटनरी का संचालन करने की तैयारी की जा रही है।
- समझौते के प्रमुख बिंदु :
- राज्य में जल्द शुरू होगी मोबाइल वेटनरी
- पशु चिकित्सा के लिये सरकार संवेदनशील
- प्रखंड स्तर पर ग्रामीणों के पशुओं के लिये 236 एंबुलेंस रहेंगे तैनात
- मोबाइल वेटनरी के लिये जल्द जारी होगा हेल्पलाईन नंबर
- कृषि मंत्री ने कहा कि इस कार्य के लिये EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विसेज का चयन किया गया है। यह एजेंसी देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह का कार्य करती आ रही है। इनके सहयोग से राज्य सरकार राज्य के पशुधन की सेहत की बेहतरी के लिये कार्य कर सकेगी।
- विभाग द्वारा आधुनिक सुविधाओं से लैस 236 एंबुलेंस खरीदे जा रहे हैं, जो ग्रामीणों के पालतू पशुओं की चिकित्सा संबंधी समस्या के समाधान के लिये उपलब्ध रहेंगे।
- मोबाइल वेटनरी के लिये सरकार जल्द ही एक हेल्पलाईन नंबर जारी करेगी।
- EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विसेज द्वारा इस योजना के तहत पशु शल्य चिकित्सक, पैरावेट, ड्राइवर सहित आधुनिक सुविधाओं से लैस 236 एंबुलेंस कार्यरत रहेंगे। इससे राज्य के किसानों और उनके पशुओं को तो लाभ मिलेगा ही, साथ ही साथ पशु शल्य चिकित्सक, पैरावेट, ड्राइवर की नियुक्ति से रोज़गार के भी अवसर मिलेंगे।
- इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन विभाग के सचिव अबू बक्कर सिद्दीख ने बताया कि EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के साथ एंबुलेंस एक्सटेंशन सर्विस के लिये एमओयू किया गया है। इनके द्वारा पशु चिकित्सा किसानों के घर पर पहुँचकर की जाएगी।
- साथ ही, जो टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा, उस पर कॉल आने के आधे घंटे के अंदर एंबुलेंस किसानों के घरों पर जाकर पशुओं का इलाज करेगी। इस कार्य के लिये सेंट्रलाइज्ड कॉल सेंटर बने होंगे। इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड में एक एंबुलेंस उपलब्ध रहेगी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने 93 करोड़ 61 लाख 75 हज़ार रुपए की लागत के 112 विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम डुमरडीहकला में आयोजित किसान-मजदूर सम्मेलन कार्यक्रम में 93 करोड़ 61 लाख 75 हज़ार रुपए की लागत के 112 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इनमें 57 करोड़ 37 लाख 78 हज़ार रुपए की लागत के 98 विकास कार्यों का भूमिपूजन तथा 36 करोड़ 23 लाख 97 हज़ार रुपए की लागत के 14 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
- मुख्यमंत्री द्वारा शासन की संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 538 हितग्राहियों को 1 करोड़ 16 लाख 15 हज़ार रुपए की सामग्री का वितरण भी किया गया।
- कार्यक्रम में ज़िला पंचायत विभाग के अंतर्गत 1 करोड़ 91 लाख रुपए की लागत के 71 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया।
- इसी तरह कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग राजनांदगांव के अंतर्गत 20 करोड़ 91 लाख 52 हज़ार रुपए की लागत के 2 विकास कार्य, कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के अंतर्गत 40 लाख 40 हज़ार रुपए की लागत के 2 विकास कार्य, सीजीएमएससी राजनांदगांव अंतर्गत 6 करोड़ 86 लाख 84 हज़ार रुपए की लागत के 16 विकास कार्य तथा कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 27 करोड़ 28 लाख 2 हज़ार रुपए की लागत के 7 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया।
- जनपद पंचायत राजनांदगांव के अंतर्गत 25 लाख 86 हज़ार रुपए की लागत के 4 विकास कार्यों, कार्यपालन अभियंता सेतु निर्माण राजनांदगांव के अंतर्गत 23 करोड़ 61 लाख 27 हज़ार रुपए की लागत के 4 विकास कार्य, सीजीएमएससी राजनांदगांव के अंतर्गत 1 करोड़ 76 लाख 64 हज़ार रुपए की लागत के 5 विकास कार्य एवं कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 10 करोड़ 60 लाख 20 हज़ार रुपए की लागत के 1 विकास कार्य का लोकार्पण किया गया।
- मुख्यमंत्री ने मछली पालन विभाग के अंतर्गत 4 हितग्राहियों को 32 हज़ार रुपए के आईस बॉक्स व मछली जाल, कृषि विभाग के 6 हितग्राहियों को 63 हज़ार 933 रुपए की लागत के बैटरी स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर, विद्युत पंप तथा डीजल पंप वितरण किया।
- इसी तरह श्रम विभाग के अंतर्गत मिनीमाता महतारी जतन योजना से लाभान्वित 312 हितग्राहियों को 62 लाख 40 हज़ार रुपए, नोनी सशक्तीकरण योजना से लाभान्वित 160 हितग्राहियों को 32 लाख रुपए का ऋण प्रदान किया।
- इनके अलावा सियान सहायता योजना से लाभान्वित 44 हितग्राहियों को 8 लाख 80 हज़ार रुपए, श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना से लाभान्वित 10 हितग्राहियों को 10 लाख रुपए तथा मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से लाभान्वित 1 हितग्राही को 1 लाख रुपए का चेक वितरण किया।
- महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत स्वसहायता समूह को 1 लाख रुपए का ऋण प्रदान किया गया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर प्यारे लाल सिंह की जीवनी पर आधारित ‘त्यागमूर्ति’ स्मृति पुस्तक का विमोचन भी किया।
उत्तराखंड Switch to English
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में दोबारा पीजी पर रोक, नियम लागू करने वाला राज्य व देश का पहला विवि
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल (बादशाहीथौल) स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने इस साल से उन छात्रों के दोबारा पीजी दाखिले पर रोक लगा दी है, जो पूर्व में विश्वविद्यालय से पीजी कोर्स कर चुके हैं। यह नियम लागू करने वाला यह विश्वविद्यालय राज्य व देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया।
प्रमुख बिंदु
- विश्वविद्यालय के कुलसचिव के.आर भटे ने बताया कि कई छात्र एक बार पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रसंघ चुनाव के लिये दोबारा पीजी में दाखिला ले लेते हैं। ऐसे छात्रों को रोकने के लिये ही ये निर्णय लिया गया है। हालाँकि, इसकी पहचान कैसे होगी, वह यह स्पष्ट नहीं कर पाए।
- हाल ही में श्रीदेव सुमन विवि ने एम.ए., एम.एस.सी., एम.कॉम. प्रथम सेमेस्टर में दाखिले के लिये प्रवेश नियम 2023 जारी किये हैं।
- इसकी बिंदु संख्या 1.15 (क) के मुताबिक, श्रीदेव सुमन विवि के नामांकित छात्र के रूप में विश्वविद्यालय में अध्ययनरत होने के बाद एक विषय से पीजी परीक्षा उत्तीर्ण छात्र को किसी भी दशा में अन्य विषय में एम.ए., एम.एस.सी., एम.कॉम. में प्रवेश अनुमन्य नहीं होगा।
- विदित है कि नई शिक्षा नीति में जहाँ सरकार द्वारा सभी छात्रों को मुख्य विषयों के साथ ही पसंद के विषय चुनने, पढ़ाई के दौरान गैप होने पर दोबारा एकेडमिक क्रेडिट बैंक की मदद से कोर्स करने की आज़ादी दी गई है तो श्रीदेव सुमन विवि ने इसके उलट एक बार पीजी करने पर दूसरे पीजी पर रोक लगा दी है।
- मसलन, अगर कोई छात्र एमए हिन्दी में करता है और वह कोर्स पूरा करने के बाद एम.ए. हिस्ट्री या एम.ए. पॉलिटिकल साइंस में करना चाहता है तो उसे श्रीदेव सुमन विवि में दाखिला नहीं मिलेगा। इसके लिये उसे किसी अन्य विश्वविद्यालय में जाना होगा।
- गौरतलब है कि गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित राज्य व देश के किसी भी विश्वविद्यालय में ऐसा नियम लागू नहीं है, जो कि एक छात्र को एक विश्वविद्यालय से दोबारा दूसरे विषय से पीजी करने से रोकता हो।
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