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आईसीएमआर श्वसन रोग अनुसंधान केंद्र की स्थापना को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में साँस की गंभीर बीमारियों पर शोध के लिये एक केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- एम्स रायपुर में स्थापित होने वाला यह केंद्र देश में स्थापित किये जा रहे 20 केंद्रों में से एक होगा। इन केंद्रों को पल्मोनरी फाइब्रोसिस के आईसीएमआर नेटवर्क के रूप में नामित किया गया है।
- यह श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने वाले रोगों के संबंध में विस्तृत आँकड़े एकत्रित कर चिकित्सा सुविधाओं को विकसित करने में मदद करेगा।
- केंद्र के प्रधान अन्वेषक नियुक्त किये गए डॉ. अजय कुमार बेहरा ने बताया कि यह पाँच साल का प्रोजेक्ट है।
- रायपुर एम्स का पल्मोनरी विभाग रोजाना 250 मरीजों की रिपोर्ट करता है। यह केंद्र कोविड-19 के बाद के रोगियों का डेटा एकत्र करने और उनके उपचार का विस्तार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद करेगा।
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प्रौढ़ साक्षरता हेतु एमओयू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में रोटरी इंडिया लिट्रेसी मिशन एवं एससीईआरटी छत्तीसगढ़ के मध्य प्रौढ़ साक्षरता के क्षेत्र में सहयोग हेतु नि:शुल्क एमओयू किया गया।
प्रमुख बिंदु
- एमओयू के तहत रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन प्रौढ़ साक्षरता के क्षेत्र में निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिये आगामी नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के संचालन एवं स्टूडेंट वालंटियर्स को तैयार करने में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण का सहयोग करेगा।
- प्रौढ़ शिक्षा को पुनर्जीवित करने के लिये स्थानीय रोटरी क्लब का सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिये सहायक गतिविधियों (ट्रेनिंग मॉड्यूल, सर्टिफिकेशन) एवं नेशन बिल्डर अवॉर्ड्स से पुरस्कृत करेगा।
- इसके साथ-साथ ई-लर्निंग सामग्रियों का निर्माण, वोकेशनल एवं स्किल डेवलपमेंट में सहयोग करेगा। शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने के लिये रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन द्वारा सहयोग कार्यक्रम चलाया जाएगा।
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