छत्तीसगढ़ Switch to English
वित्त आयोग से छत्तीसगढ़ के लिये विशेष अनुदान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य की बड़ी जनजातीय आबादी, चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और कुछ क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए विशेष केंद्रीय अनुदान का अनुरोध किया था।
- यह मांग 16वें वित्त आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान की गई।
मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री ने आयोग को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ी से किये जा रहे विकास कार्यों और माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिये उठाए जा रहे प्रभावी कदमों की जानकारी दी।
- 'नियद नेल्लानार योजना' के तहत इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत् और जल जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- हालाँकि इन क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बुनियादी ढाँचे के विकास पर अतिरिक्त व्यय होता है।
- खनिज समृद्ध राज्य में खनन गतिविधियों के कारण होने वाली पर्यावरणीय क्षति और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिये अतिरिक्त व्यय किया गया।
- उपभोग आधारित गंतव्य कर प्रणाली के रूप में GST (वस्तु एवं सेवा कर) के कारण, खनन गतिविधियों का वास्तविक लाभ छत्तीसगढ़ के बजाय उन राज्यों को मिल रहा है जहाँ खनिज मूल्य संवर्द्धन और खपत होती है।
नियद नेल्लानार योजना
- नियद नेल्लानार, जिसका अर्थ है "आपका अच्छा गाँव" अथवा "योर गुड विलेज" स्थानीय दंडामी बोली (दक्षिण बस्तर में बोली जाने वाली) है।
- इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गाँवों में सुविधाएँ और लाभ प्रदान किये जाएंगे।
- बस्तर में 14 नये सुरक्षा कैंप स्थापित किये गए हैं। ये शिविर नई योजना के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने में भी सहायता करेंगे। नियद नेल्लानार के तहत ऐसे गाँवों में लगभग 25 बुनियादी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
वित्त आयोग
- भारत में वित्त आयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है।
- इसका प्राथमिक कार्य केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण की सिफारिश करना है।
- 15वें वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर, 2017 को किया गया था। इसने अपनी अंतरिम और अंतिम रिपोर्टों के माध्यम से 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाली छह वर्षों की अवधि को कवर करने वाली सिफारिशें कीं।
- 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2025-26 तक मान्य हैं।
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