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छत्तीसगढ़ पुलिस का सड़क सुरक्षा अभियान : अब लघु फिल्मों के जरिये जागरूकता के प्रयास
चर्चा में क्यों?
11 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब लघु फिल्मों के जरिये भी जन-जागरूकता के प्रयास किये जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के रचनाधर्मी लोगों को सड़क सुरक्षा पर लघु फिल्म बनाने के लिये प्रेरित करते हुए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव 2023 के अंतर्गत प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई हैं।
- प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये ऑनलाइन पंजीयन 5 जुलाई से शुरू हो चुका है। अंतिम तिथि 26 जुलाई, 2023 निर्धारित है। लुघ फिल्म प्रविष्टियों के लिये विस्तृत नियम एवं शर्तें छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
- कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सड़क दुर्घटना को कम करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ पूरे देश में सड़क सहयोग में वृद्धि को बढ़ावा देना है।
- फिल्म का श्रेणी निर्धारण किया गया है। फिल्म छत्तीसगढ़ी, गोंड़ी, हल्बी, धुर्वा, भतरी, दोरली, संबलपुरी, कुडुख, सादरी बैगानी, कमारी, ओरिया, सरगुजिया, दंतेवाड़ा गोंडी, भुजिया आदि में हिन्दी भाषांतर, उच्चारण के साथ होना चाहिये। किसी भी भारतीय भाषा में हिन्दी भाषांतर, उच्चारण, सबटाइटल के साथ होना चाहिये।
- फिल्म की अविधि 2 मिनट निर्धारित की गई है। मूल फिल्म पूर्ण HD (1920’1080) प्रारूप या उससे ऊपर की हो सकती है। गलत/अपर्याप्त अस्पष्ट, अपूर्ण विवरण वाले प्रविष्टियों पर विचार नहीं किया जाएगा। एक बार चयन के लिये जमा की गई फिल्म को अंतिम माना जाएगा और जमा करने के बाद किसी भी बदलाव पर विचार नहीं किया जाएगा।
- इन लघु फिल्मों को अलग-अलग केटेगरी में राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा-
- सर्वश्रेष्ठ फिल्म - 80,000 रुपए
- सर्वश्रेष्ठ कहानी - 25,000 रुपए
- सर्वश्रेष्ठ सिनेमॅटोग्राफी - 25,000 रुपए
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता/अभिनेत्री - 25,000 रुपए
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छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यक सेवाओं में कार्य करने से इंकार किया जाना प्रतिषेध
चर्चा में क्यों?
11 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यक सेवाओं में कार्य करने से इंकार किये जाने को प्रतिषेध कर दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा 1 तथा 2 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए यह कदम उठाया है।
- राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार ‘लोक स्वास्थ्य’ (छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग) से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की अत्यावश्यक सेवाओं में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी तथा एम्बुलेंस सेवाओं में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा कार्य करने से इंकार किये जाने को प्रतिषेध कर दिया है।
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