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स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Jul 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश कैबिनेट मीटिंग में लिये गए कई अहम फैसले

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2023 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। 

प्रमुख बिंदु  

  • प्रमुख महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव जिन पर मुहर लगी हैं, वे हैं-: 
    • एनटीपीसी के सहयोग से ओबरा सोनभद्र में 800 मेगावाट के 2 प्लांट लगेंगे। यह राज्य का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट है। इसकी कुल लागत 1800 करोड़ रुपए आएगी। इस प्लांट के नज़दीक ही कोयले की खदान है, जिसके बनने से उपभोक्ताओं को बिजली एक रुपया सस्ती मिलेगी। 
    • रानीपुर टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व होगा। 
    • मत्रिमंडल की मीटिंग में 35 करोड़ पौध रोपण कराने के लिये व्यापक कार्ययोजना बनाई गई। 
    • स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित सभी प्रकार के गृहों में रहने वाले बच्चों को प्रतिमाह अब 4000 रुपए दिया जाएगा। 
    • जल निगम नगरीय के नियमित 267 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नगर निकायों में खाली पड़े पदों पर समायोजित किया जाएगा।


राजस्थान Switch to English

राज्यस्तरीय परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2023 को विश्व जनसंख्या दिवस के उपलक्ष्य में जयपुर के झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राज्यस्तरीय परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने परिवार कल्याण से संबंधित प्रचार-प्रसार के पोस्टर-फ्लिप चार्ट सामग्री का विमोचन भी किया।  
  • उन्होंने परिवार नियोजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले ज़िलों, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों सहित व्यक्तिगत कार्मिकों व संस्थानों को प्रमाण-पत्र व निर्धारित पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया।  
  • इस समारोह में संस्थागत पुरस्कारों की श्रेणी में झालावाड़ ज़िला प्रथम, हनुमानगढ़ ज़िला द्वितीय, प्रतापगढ ज़िला तृतीय तथा बूंदी ज़िला चतुर्थ स्थान पर रहा। 
  • पीपीआईयूसीडी निवेशन में झालावाड़ ज़िला प्रथम, सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाली पंचायत समितियों की श्रेणी में भीलवाड़ा ज़िले की शाहपुरा पंचायत समिति प्रथम, राजसमंद पंचायत समिति द्वितीय, अजमेर ज़िले की पीसांगन पंचायत समिति तृतीय तथा कोटपूतली पंचायत समिति चतुर्थ स्थान पर रही।  
  • सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाली ग्राम पंचायतों में राजसंमद ज़िले की सलोदा ग्राम पंचायत प्रथम, अजमेर ज़िले की मोयणा ग्राम पंचायत द्वितीय, राजसमंद ज़िले की ग्राम पंचायत छापली तृतीय तथा भीलवाडा ज़िले की तसवारियाबासा ग्राम पंचायत चतुर्थ स्थान पर पुरस्कृत हुई। 
  • सरकारी चिकित्सालयों की श्रेणी में ज़िला अस्पताल नीमकाथाना, सवाई माधोपुर ज़िले की सीएचसी बौंली और अजमेर ज़िले की सिंघावल पीएचसी सर्वश्रेष्ठ रही।  
  • निजी चिकित्सालयों की श्रेणी में प्रथम स्थान पर दौसा का श्यामा देवी मेमोरियल हॉस्पिटल प्रथम, भीलवाड़ा का सीटी अस्पताल द्वितीय स्थान पर पुरस्कृत हुआ।
  • एनजीओ की श्रेणी में एफआरएचएस इंडिया जयपुर तथा कोटा ज़िले का परिवार सेवा संस्थान सम्मान पाने में सफल रहा।  
  • इस अवसर पर व्यक्तिगत श्रेणी में भी सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि वाले कार्मिकों को भी सम्मानित किया गया।


राजस्थान Switch to English

राइट-टू-हेल्थ कानून के संबंध में बनाए जा रहे नियम व उपनियमों के लिये उच्च स्तरीय समिति गठित

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार विधानसभा द्वारा पारित स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम-2022 के संबंध में बनाए जा रहे नियम व उपनियमों के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। 

प्रमुख बिंदु  

  • अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने बताया कि उक्त समिति स्वास्थ्य का अधिकार कानून से जुड़े सभी हितधारकों से गहन विचार-विमर्श करके, उनके द्वारा दिये गये उपयोगी सुझावों को शामिल करते हुए अपनी अनुशंसा राज्य सरकार को भेजेगी। 
  • उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर डॉ. एस.के. सरीन इस समिति के अध्यक्ष होंगे।  
  • समिति में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा टी.रविकांत, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मिशन निदेशक एनएचएम, वीसी आरयूएचएस डॉ. सुधीर भंडारी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजीव बगरहटटा, वित्त एवं कानून विभाग के एक-एक प्रतिनिधि को उक्त समिति का सदस्य बनाया गया है। 

हरियाणा Switch to English

उत्पादों के मानकीकरण और गुणवत्ता प्रणालियों की निगरानी हेतु 8वीं राज्य स्तरीय बैठक आयोजित

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में विभिन्न उत्पादों के मानकीकरण और गुणवत्ता प्रणालियों की निगरानी के लिये 8वीं राज्य स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार विभागों में निर्माण कार्यों में खरीद के लिये मानकीकरण सेल स्थापित करेगी जिससे निगरानी के साथ कार्यों की गुणवत्ता में सुधार आएगा। 
  • यह सेल मानकीकरण गतिविधियों के संबंध में राज्य सरकार, उद्योगों और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के बीच समन्वय स्थापित करेंगे। 
  • राज्य में विभिन्न उत्पादों के मानकीकरण और गुणवत्ता प्रणालियों की प्रभावी निगरानी के लिये राज्य एवं ज़िला स्तर पर प्रशिक्षण कैंप लगाए जाएंगें।  
  • मानकीकरण प्रणालियों के लिये राज्य में उपभोक्ता मामले विभाग हरियाणा को नोडल विभाग बनाया गया है। 
  • मुख्य सचिव ने भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा जारी निर्देशानुसार राज्य सरकार के विभागों द्वारा बीआईएस प्रमाणित उत्पादों एवं सेवाओं की खरीद पर बल देते हुए कहा कि ब्यूरो की यह सराहनीय पहल है। इसलिये लोगों को आईएसआई मार्का गुणवतायुक्त उत्पाद एवं सामग्री ही खरीदनी चाहिये।  
  • आईएसआई मार्का की जानकारी के लिये ब्यूरो के ‘बीआईएस केयर एप’ पर लाईसेंस संबंधी जाँच की जा सकती है तथा राज्य में मजबूत गुणवत्ता वाला इको सिस्टम बनाने के उद्देश्य से इस प्रकार की गतिविधियाँ आवश्यक हैं। 
  • बैठक में मानक निर्माण को बढ़ावा देने, अनुरूपता मूल्यांकन और उपभोक्ता आउटरीच पर राज्य सरकार के अधिकारियों की क्षमता निर्माण पर भी चर्चा हुई। 
  • बैठक में राज्य में मानकीकरण प्रणालियों के निर्माण के संबंध में सरकार, उद्योग और बीआईएस के बीच संचार चैनल के रूप में कार्य करने के बारे विस्तार से चर्चा की गई। 
  • इसके अलावा बीआईएस की पाइप पेयजल आपूर्ति प्रबंधन प्रणाली के लिये मानकों का कार्यान्वयन, रेडी मिक्स कंक्रीट प्रक्रिया प्रमाणन, प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन योजना, हॉल मार्किंग, दूध और दूध उत्पादों के लिये अनुरूपता मूल्यांकन योजना, केंद्र सरकार द्वारा जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के कार्यान्वयन की रणनीति जैसी विभिन्न योजनाओं के बारे विस्तार से अवगत कराया गया। 
  • बैठक में भारतीय मानक ब्यूरो के उप-महानिदेशक राजीव पी. ने बीआईएस के उद्देश्यों से अवगत करवाते हुए एजेंडे पर विस्तृत प्रस्तुति दी।


झारखंड Switch to English

झारखंड कैबिनेट में 35 प्रस्तावों पर लगी मुहर

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2023 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड कैबिनेट की बैठक में डीवीसी कमांड एरिया में चार ग्रिड सब स्टेशन बनाने का प्रस्ताव पारित करने के साथ ही कुल 35 प्रस्तावों पर सहमति बनी है। 

प्रमुख बिंदु  

  • बैठक में डीवीसी कमांड एरिया के अंतर्गत संचरण के क्षेत्र में 220/132/33 केवी का ग्रिड सब-स्टेशन बनाने की स्वीकृति मिली है। इसके तहत हज़ारीबाग, गोमिया एवं बलियापुर तथा संबंधित संचरण लाईन के निर्माण के लिये कुल परियोजना लागत 579.35 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। 
  • झारखंड राज्य अमीन संवर्ग (भर्ती, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा-शर्त) (संशोधन) नियमावली-2023 के गठन की स्वीकृति के साथ-साथ नेतरहाट पर्यटन विकास प्राधिकार के गठन और राज्य पर्यटन संवर्धन समिति के पुर्नगठन की स्वीकृति दी गई। 
  • इनके अलावा अन्य महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव, जिनको सहमति मिली: 
    • झारखंड राज्य में ‘गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ को लागू करने के लिये विस्तृत मार्गदर्शिका जारी करने की स्वीकृति मिली। 
    • झारखंड राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के लिये सहायक आचार्य संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त) (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2023 को स्वीकृति मिली। 
    • राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग (भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय) अंतर्गत झारखंड राज्य बंदोबस्त कार्यालयाधीन प्रारूपक सेवा संवर्ग (भर्ती प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्त) (संशोधन) नियमावली-2023 के गठन की स्वीकृति मिली। 
    • आतंकवादी/उग्रवादी/जातीय हमले में क्षतिग्रस्त चल-अचल संपत्ति के नुकसान के एवज में सामान्य नागरिकों को क्षतिपूर्ति अनुदान की स्वीकृति संबंधी विभागीय संकल्प संख्या-4215 दिनांक 10 जुलाई, 2010 में संशोधन की स्वीकृति मिली। 
    • झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन अधिनियम, 2015 के तहत झारखंड पर्यटक व्यापार पंजीकरण नियमावली 2023 (jharkhand tourist trade registration rules, 2023) की स्वीकृति मिली।


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ पुलिस का सड़क सुरक्षा अभियान : अब लघु फिल्मों के जरिये जागरूकता के प्रयास

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत अब लघु फिल्मों के जरिये भी जन-जागरूकता के प्रयास किये जाएंगे। 

प्रमुख बिंदु  

  • प्रदेश के रचनाधर्मी लोगों को सड़क सुरक्षा पर लघु फिल्म बनाने के लिये प्रेरित करते हुए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव 2023 के अंतर्गत प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई हैं। 
  • प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये ऑनलाइन पंजीयन 5 जुलाई से शुरू हो चुका है। अंतिम तिथि 26 जुलाई, 2023 निर्धारित है। लुघ फिल्म प्रविष्टियों के लिये विस्तृत नियम एवं शर्तें छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। 
  • कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सड़क दुर्घटना को कम करने के लिये छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ पूरे देश में सड़क सहयोग में वृद्धि को बढ़ावा देना है। 
  • फिल्म का श्रेणी निर्धारण किया गया है। फिल्म छत्तीसगढ़ी, गोंड़ी, हल्बी, धुर्वा, भतरी, दोरली, संबलपुरी, कुडुख, सादरी बैगानी, कमारी, ओरिया, सरगुजिया, दंतेवाड़ा गोंडी, भुजिया आदि में हिन्दी भाषांतर, उच्चारण के साथ होना चाहिये। किसी भी भारतीय भाषा में हिन्दी भाषांतर, उच्चारण, सबटाइटल के साथ होना चाहिये। 
  • फिल्म की अविधि 2 मिनट निर्धारित की गई है। मूल फिल्म पूर्ण HD (1920’1080) प्रारूप या उससे ऊपर की हो सकती है। गलत/अपर्याप्त अस्पष्ट, अपूर्ण विवरण वाले प्रविष्टियों पर विचार नहीं किया जाएगा। एक बार चयन के लिये जमा की गई फिल्म को अंतिम माना जाएगा और जमा करने के बाद किसी भी बदलाव पर विचार नहीं किया जाएगा। 
  • इन लघु फिल्मों को अलग-अलग केटेगरी में राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा- 
    • सर्वश्रेष्ठ फिल्म - 80,000 रुपए 
    • सर्वश्रेष्ठ कहानी - 25,000 रुपए 
    • सर्वश्रेष्ठ सिनेमॅटोग्राफी - 25,000 रुपए 
    • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता/अभिनेत्री - 25,000 रुपए


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यक सेवाओं में कार्य करने से इंकार किया जाना प्रतिषेध

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यक सेवाओं में कार्य करने से इंकार किये जाने को प्रतिषेध कर दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। 

प्रमुख बिंदु  

  • राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा 1 तथा 2 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए यह कदम उठाया है। 
  • राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार ‘लोक स्वास्थ्य’ (छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग) से संबद्ध समस्त कार्यों और स्वास्थ्य सुविधाओं की अत्यावश्यक सेवाओं में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी तथा एम्बुलेंस सेवाओं में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा कार्य करने से इंकार किये जाने को प्रतिषेध कर दिया है।  

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में अब ग्रीन टेक्नोलॉजी से होगा 23 भूस्खलन ज़ोन का उपचार

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के लिये नासूर बन चुके क्रॉनिक लैंडस्लाइड ज़ोन के उपचार की दिशा में राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब बॉयो-इंजीनियरिंग तकनीक का प्रयोग करते हुए ऐसे भूस्खलन क्षेत्रों का ग्रीन टेक्नोलॉजी से उपचार किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • वर्ल्ड बैंक वित्त पोषित यू-प्रीपेयर परियोजना के तहत इस काम के लिये प्रथम चरण में 100 करोड़ रुपए मंजूर किये गए हैं। 
  • पहले चरण में विभिन्न पर्वतीय ज़िलों में 23 क्रॉनिक लैंडस्लाइड ज़ोन को चिह्नित किया गया है।  
  • विदित है कि प्रदेश में मानसून सीजन में हर साल सक्रिय होने वाले लैंडस्लाइड ज़ोन प्रदेश के विकास की रफ्तार पर ब्रेक लगा देते हैं। सड़कों के बंद होने से जहाँ आवाजाही बाधित होती है, वहीं पूरा जनजीवन प्रभावित होता है। राज्य सरकार भूस्खलन से बंद हुए मार्गों को खोलने में हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन हर बार फिर वही स्थिति बन जाती है। इसीलिये ही प्रदेश सरकार ने अब इनके स्थायी उपचार का निर्णय लिया है। 
  • विश्व बैंक वित्त पोषित यू-प्रीपेयर परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में बनी उच्चाधिकार प्राप्त समिति की ओर से 23 सक्रिय भूस्खलन ज़ोन के ट्रीटमेंट की अनुमति दी गई है।  
  • इनमें चमोली में एक, अल्मोड़ा में एक, नैनीताल में छह, पौड़ी में चार, टिहरी में चार, उत्तरकाशी में चार और रुद्रप्रयाग में तीन स्थानों पर क्रॉनिक लैंडस्लाइड ज़ोन का उपचार किया जाएगा।  
  • इसके लिये बॉयो-इंजीनियरिंग तकनीक के तहत ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें कंकरीट, सीमेंट और जाल के साथ विशेष प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाता है, ताकि मिट्टी-पत्थर और चट्टानें हमेशा के लिये स्थिर हो जाएँ।


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