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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Jul 2022
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उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के नवीन पोर्टल का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2022 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिये उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिये नवीन पोर्टल में कई नए प्रावधान किये गए हैं। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का समय पर भुगतान हो जाना नवीन पोर्टल का प्रमुख उद्देश्य है।
  • उन्होंने कहा कि इस बार जुलाई माह में ही छात्रवृत्ति पोर्टल को खोला गया है, ताकि विद्यार्थी अपने कॉलेज/संस्थान में प्रवेश के समय ही छात्रवृत्ति के लिये आवेदन कर सकें।
  • विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि नवीन पोर्टल में फीस रसीद विलोपित कर पाठ्यक्रमवार पुनर्भरण योग्य राशि का पोर्टल द्वारा स्वत: गणना कर प्रतिपूर्ति किये जाने का प्रावधान करते हुए राजकीय संस्थानों के समस्त व निजी संस्थानों के केवल नवीनीकरण आवेदन-पत्रों को ज़िला कार्यालय पर स्वत: सत्यापन की व्यवस्था प्रभावी की गई है।
  • नवीन पोर्टल के तहत शिक्षण संस्थान के पेज पर पाठ्यक्रमवार व कक्षावार फीस स्ट्रक्चर पूर्व में ही भरने व तद्नुसार छात्रवृत्ति भुगतान तथा आधार बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही आवेदन अग्रेषण/सत्यापन व स्वीकृति की व्यवस्था की गई है।
  • इस बार आवेदन-पत्रों के त्वरित निस्तारण के लिये विद्यार्थी व शिक्षण संस्थान को प्रत्येक 7 दिवस में चेतावनी संदेश प्रसारित किया जाएगा व आक्षेप पूर्ति नहीं करने पर 30 दिवस में आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
  • इसके साथ ही आवेदन-पत्रों की मानवीय प्रक्रिया से सत्यापन की स्थिति में वेरीफाई स्तर पर आवेदनों को जाँचने की समय-सीमा को 10 दिवस व ज़िलाधिकारी स्तर पर 10 दिवस तक किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
  • नवीन पोर्टल पर मार्च 2020 से विद्यार्थी के गत वर्षों के आवेदन का विवरण विद्यार्थी के आवेदन पर ही सत्यापनकर्त्ता को प्रदर्शित किये जाने के कारण गैप प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इस बार योजना में अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के नवीन दिशा-निर्देशानुसार विद्यार्थी की छात्रवृत्ति की सुनिश्चितता हेतु पोर्टल पर फ्रीशिप कार्ड का प्रावधान किया गया है, ताकि इच्छुक व्यक्ति द्वारा अपना विवरण अंकित करने पर उसकी पात्रता का स्वत: सत्यापन होकर स्वत: एक फ्रिशिप कार्ड जारी होगा।
  • नए प्रावधानों के तहत अगले शैक्षणिक सत्र में उपस्थिति या पदोन्नति के आधार पर छात्र का छात्रवृत्ति नवीनीकरण हेतु स्वत: आवेदन होगा तथा विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के प्रवेश व परीक्षा के डेटाबेस को डिजिलॉकर डाटाबेस से डिजिटल रूप से जोड़ा गया है, ताकि पोर्टल इस डाटाबेस से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में सक्षम हो, ताकि स्वीकृति व नवीनीकरण हेतु छात्र की पात्रता भी निर्धारित हो सके।

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‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम का शुभारंभ'

चर्चा में क्यों?

11 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के स्कूली छात्रों को कोरोना काल में हुए पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करने के लिये रेमेडिएशन कार्यक्रम ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम का पोस्टर व लोगो भी जारी किया। साथ ही शिक्षकों, शिक्षा अधिकारियों, अभिभावकों व बच्चों के लिये ‘फील्ड ओरिएंटेशन’ कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण हुए लर्ऩिग लॉस को पूरा करने के लिये शिक्षा सत्र 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु रेमेडिएशन कार्यक्रम ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ शुरू किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत आयोजित ब्रिज कोर्स में विद्यार्थियों को दक्षता आधारित, आसान व आनंदपूर्ण शिक्षण विधि से अध्ययन करवाया जाएगा।
  • गौरतलब है कि कोविड के कारण हुई नौनिहालों की शैक्षिक क्षति की भरपाई के लिये वर्ष 2022-23 के बजट में 75 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान से ‘ब्रिज कार्यक्रम’ की घोषणा की गई थी।
  • ‘राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम’ कार्यक्रम के तहत ब्रिज कोर्स में रटने की बजाय सीखने पर बल दिया जाएगा। ब्रिज कोर्स में कक्षा 1 से 8 के लिये प्रथम तीन माह में 4 कालांश तथा शेष संपूर्ण सत्र में 2 कालांश निर्धारित रहेंगे।
  • योजनांतर्गत 75 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिये दक्षता आधारित कार्यपुस्तिकाएँ तैयार की जाएंगी तथा वर्ष में 3 बार दक्षता का आकलन किया जाएगा।
  • इस कार्यक्रम के तहत नियमित शिक्षक-अभिभावक बैठकों के साथ विद्यार्थियों के दक्षता आधारित होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड बनाए जाएंगे।
  • इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये शिक्षकों की क्षमता संवर्धन के कार्यक्रम संचालित होंगे तथा कक्षा 3 से 8 तक के सभी शिक्षकों हेतु टीचिंगएड ऐप की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

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