थारू जनजाति संग्रहालय | उत्तर प्रदेश | 12 May 2022
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि बलरामपुर ज़िले के थारू आबादी वाले इमिलिया कोडर गाँव में राज्य का पहला आदिवासी संग्रहालय ‘थारू जनजाति संग्रहालय’ बनकर तैयार हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- थारू जनजाति की जीवंत और विविध संस्कृति और जीवन-शैली पर केंद्रित यह संग्रहालय 5.5 एकड़ में फैला हुआ है।
- इस संग्रहालय में थारु जनजाति के बारे में समस्त जानकारी उपलब्ध होगी। यह उनके विकास से लेकर समकालीन समय में उनके जीवन तक, विविध विवरणों को समाहित करेगा। इसके अलावा संग्रहालय उनकी संस्कृति, धर्म, परम्परा, जीवन-शैली और सामाजिक जीवन पर भी प्रकाश डालेगा।
- बलरामपुर में निर्मित आदिवासी संग्रहालय की तर्ज़ पर राज्य सरकार ने लखनऊ, सोनभद्र और लखीमपुर खीरी में भी आदिवासी संग्रहालय स्थापित करने की कार्ययोजना बनाई है।
- इसके अलावा कन्नौज ज़िले में बच्चों के लिये भी एक संग्रहालय बनाया जाएगा।
- संस्कृति विभाग द्वारा सरकारी अभिलेखागार, लखनऊ में स्वतंत्रता की गाथा पर आधारित एक गैलरी ‘आज़ादी की गौरवगाथा’ के निर्माण का भी प्रस्ताव रखा गया है।
- गौरतलब है कि थारू जनजाति उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के तराई भाग में निवास करती है। यह उत्तर प्रदेश की सबसे उन्नत जनजातियों में से एक है। इनके द्वारा बजहर नामक पर्व मनाया जाता है।
- थारू जनजाति को शिक्षा प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखीमपुर खीरी में एक महाविद्यालय की स्थापना की गई है।
राजस्थान के राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता 65 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति | राजस्थान | 12 May 2022
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता 65 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी।
प्रमुख बिंदु
- इन पदक विजेता खिलाड़ियों में से 46 को लिपिक ग्रेड-द्वितीय के पद पर, 14 को वनपाल के पद पर, 3 को आबकारी रक्षक के पद पर तथा 2 को कांस्टेबल के पद पर आउट ऑफ टर्न नियुक्ति प्रदान की गई है।
- प्रस्ताव के अनुसार, इन राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेताओं को राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मेडल विनर रूल्स, 2017 के तहत उनकी प्रथम वरीयता के अनुसार आनुपातिक रूप से विभागों का आवंटन किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि जो खिलाड़ी स्वर्ण पदक विजेता होने के साथ-साथ स्नातकोत्तर या स्नातक की योग्यता रखते हैं, उन्हें उनकी प्रथम वरीयता के अनुसार शासन सचिवालय तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग में नियुक्ति दी गई है।
- मुख्यमंत्री की इस मंज़ूरी से खिलाड़ियों को राजकीय सेवा में कार्य करने के साथ-साथ अपनी खेल गतिविधियों को सुचारु रूप से जारी रखने में आसानी होगी।
श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार परियोजना | मध्य प्रदेश | 12 May 2022
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार परियोजना के कार्यों की समीक्षा बैठक में परियोजना के प्रथम चरण के कार्यों को 20 मई तक पूर्ण करने का निर्देश दिया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री चौहान ने 90 प्रतिशत से अधिक, लेकिन 100 प्रतिशत से कम भौतिक प्रगति वाले कार्यों को एक सप्ताह में पूर्ण करने का निर्देश दिया।
- वर्तमान में नरसिंहघाट पंपिंग स्टेशन तथा पाइपलाइन (क्षिप्रा नदी से रुद्रसागर), रुद्रसागर कैचमेंट क्षेत्र में सीवरलाइन, श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के लिये आकर्षक लाइटिंग और साउंड सिस्टम के कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
- अन्य प्रमुख कार्यों में महाकाल महाराज मंदिर परिसर विकास योजना के प्रथम चरण में 93 प्रतिशत, पार्क़िग एवं भूमि विकास में 95 प्रतिशत, महाकाल द्वार तथा रामघाट प्राचीन मार्ग के संरक्षण का कार्य 95 प्रतिशत, ऐतिहासिक मंदिरों एवं विरासतों पर सौंदर्यीकरण के लिये आवश्यक लाइटिंग का कार्य 98 प्रतिशत पूरा हो गया है।
- गौरतलब है कि उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है। श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार परियोजना के तहत परिसर का विस्तार एवं अन्य कार्य किया जा रहा है। विस्तार के बाद मंदिर क्षेत्र आठ गुना बढ़कर 23.05 हेक्टेयेर हो जाएगा।
रोहतक में स्थापित होगा पहला टेट्रापैक प्लांट | हरियाणा | 12 May 2022
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि तरल दूध, फलों के रस और किण्वित दूध उत्पादों की पैकिंग के लिये हरियाणा राज्य का पहला टेट्रापैक संयंत्र रोहतक में स्थापित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- 125 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित होने वाले इस प्लांट से लिक्विड उत्पादों का लंबे समय तक भंडारण कर उन्हें सुरक्षित रखा जा सकेगा। रोहतक वीटा प्लांट की वर्तमान में उत्पादन क्षमता 4.5 लाख लीटर प्रतिदिन है।
- डॉ. बनवारी लाल ने रोहतक के वीटा प्लांट में 5.5 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किये जाने वाले बटर डीप फ्रीज़र की आधारशिला रखने के उपरांत कहा कि वीटा प्लांट में सफेद मक्खन के भंडारण के लिये बटर डीप फ्रीज़र लगने से एक हज़ार मीट्रिक टन मक्खन को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
- यह प्लांट दूध, वीटा घी, वीटा मक्खन, दही, नमकीन लस्सी, छाछ, पनीर व बर्फी इत्यादि के साथ-साथ भारतीय सेना को वीटा घी व दूध की आपूर्ति तथा मिड-डे-मिड मील, आँगनबाड़ी योजना व खेल योजनाओं के अंतर्गत बच्चों व खिलाड़ियों की दूध की मांग को पूरा करने के लिये सुगंधित मीठे दूध पाउडर की आपूर्ति भी की जा रही है।
- इस प्लांट में 4 करोड़ रुपए की लागत से एक नया एसएफएसएमपी संयंत्र की स्थापना का भी लक्ष्य रखा गया है।
- इस अवसर पर उन्होंने यह भी बताया कि पलवल, कैथल तथा महम सहकारी चीनी मिलों में चीनी के साथ-साथ गुड़ व शक्कर का उत्पादन किया जा रहा है। वहीं शाहबाद चीनी मिल में एथनॉल प्लांट शुरू किया गया है।
छत्तीसगढ़ के बॉक्साइट भंडार का भू-तकनीकी मूल्यांकन परियोजना के लिये हुआ एमओयू | छत्तीसगढ़ | 12 May 2022
चर्चा में क्यों?
11 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (सीकॉस्ट), रायपुर एवं जवाहरलाल नेहरू एल्युमीनियम अनुसंधान, विकास और अभिकल्प केंद्र (जेएनएआरडीडीसी) खनिज मंत्रालय, भारत सरकार के बीच ‘छत्तीसगढ़ के बॉक्साइट भंडार के भू-तकनीकी मूल्यांकन’ परियोजना हेतु एमओयू हस्ताक्षरित हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस एमओयू पर छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् और रीजनल विज्ञान केंद्र के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार और जेएनएआरडीडीसी के निदेशक डॉ. अनुपम अग्निहोत्री ने हस्ताक्षर किये।
- एमओयू के तहत दोनों संस्थान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की मदद से छत्तीसगढ़ में स्थित बॉक्साइट और लैटेराइट भंडार के भू-तकनीकी मूल्यांकन और भू-संदर्भित मानचित्रों का उपयोग कर लैटेराइट और बॉक्साइट भंडारण का ज़िलेवार डिजिटल डेटाबेस तैयार करेंगे।
- अच्छे ग्रेड के कच्चे अयस्क (बॉक्साइट) की कमी का सामना कर रहे एल्यूमिनियम उद्योग और विभिन्न रूपों और प्रक्रियाओं में एल्यूमिनियम का उपयोग करने वाले बॉक्साइट खनिक और उद्योगों के लिये यह परियोजना काफी उपयोगी होगी।
- इसका लाभ बॉक्साइट और लैटेराइट अयस्कों का कार्य कर रहे उद्यमियों के अलावा छत्तीसगढ़ और मध्य भारत में स्थित मौज़ूदा खान मालिकों और बॉक्साइट उद्योगों को भी मिलेगा।
- राज्य के नए उद्यमी रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस से प्राप्त डेटाबेस का उपयोग किसी भी विद्यमान खनिज, एल्यूमिनियम उद्योग में किया जा सकता है।