ध्यान दें:

मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Apr 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
मध्य प्रदेश Switch to English

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने रायसेन में जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने राज्य स्तरीय जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान का रायसेन ज़िला चिकित्सालय में शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस टीकाकरण अभियान के पहले चरण में रायसेन और विदिशा ज़िले में 10 से 30 अप्रैल तक 1 से 15 वर्ष आयु के शत-प्रतिशत बच्चों को इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन लगाई जाएगी।
  • गौरतलब है कि जापानी इंसेफेलाइटिस क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसके टीकाकरण से इस जानलेवा बीमारी से सुरक्षा मिलती है।
  • टीकाकरण टीम जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान में शत-प्रतिशत बच्चों को टीका लगाना सुनिश्चित करेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना लागू

चर्चा में क्यों?

11 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना लागू करने का निर्णय लिया।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना का क्रियान्वयन संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास के माध्यम से सभी ज़िलों में किया जाएगा साथ ही इस योजना की मॉनिटरिंग के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
  • इस योजना की अवधि 2 वर्ष (2023-24 एवं वर्ष 2024-25) की होगी। इन 2 वर्षों में योजना में 23 करोड़ 25 लाख रुपए व्यय किये जाएंगे।
  • इस योजना के अंतर्गत किसानों को मोटे अनाज के उन्नत प्रमाणित बीज सहकारी/शासकीय संस्थाओं से 80 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किये जाएंगे।
  • मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत मिलेट फसलों के उत्पादन, प्र-संस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देने के लिये किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं राज्य के बाहर अध्ययन भ्रमण होंगे। मिलेट को बढ़ावा देने के लिये ज़िला एवं राज्य स्तर पर मेले, कार्यशाला, सेमीनार, फूड फेस्टिवल, रोड-शो किये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि मिलेट अनाज की फसलें कभी प्रदेश की खान-पान की संस्कृति के केंद्र में थी। वर्तमान में इन फसलों के पोषक महत्त्व को दृष्टिगत रखते हुए इन्हें बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है। इन फसलों की खेती प्राय: कम उपजाऊ क्षेत्रों में की जाती है।
  • वर्तमान में उपभोक्ताओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने से मिलेट फसलों की माँग बढ़ रही है। कोदो, कुटकी, रागी, सांवा जैसी फसलें स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत लाभदायक हैं। इन मिलेट फसलों के महत्त्व के दृष्टिगत इनको पोषक अनाज का दर्जा दिया गया है।
  • इन फसलों के अनाज आयरन, कैल्शियम, फाइबर आदि से भरपूर होते हैं साथ ही इनमें वसा का प्रतिशत भी कम होता है, जिससे हृदय रोगी एवं डायबिटीज रोगियों के द्वारा इनका उपयोग सुरक्षित पाया गया है। इसलिये किसानों के बीच मिलेट फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने एवं मिलेट फसलों से तैयार व्यंजनों का प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है।
  • मध्य प्रदेश में कोदो-कुटकी, ज्वार एवं रागी के क्षेत्र विस्तार, उत्पादकता एवं उत्पादन वृद्धि की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। साथ ही मिलेट फसलों के बढ़ते बाज़ार के दृष्टिगत मूल्य संवर्धन की संभावना भी काफी अधिक है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2