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स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Apr 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूँ खरीद नीति को मंजूरी दी

चर्चा में क्यों?

11 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने गेहूँ खरीद नीति को हरी झंडी दे दी है। यह मंजूरी कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये दी गई है। इसके तहत 2125 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ की खरीद होगी।

प्रमुख बिंदु  

  • खाद्य विभाग, मंडी परिषद, पीसीएफ, यूपी कोऑपरेटिव यूनियन, उपभोक्ता सहकारी संघ, राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम और भारतीय खाद्य निगम के 6 हज़ार केंद्रों के माध्यम से यह खरीद होगी।
  • कुल 60 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को गेहूँ की बिक्री के लिये खाद्य विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • विदित है कि प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूँ की खरीद प्रारंभ कर दी गई है। हालाँकि, सरकारी क्रय केंद्रों पर अभी गेहूँ की आमद काफी कम है।
  • चावल पर काम कर रहे चावल अनुसंधान केंद्र वाराणसी को अब और अतिरिक्त भूमि दी जाएगी। इसके लिये कैबिनेट बाई सर्कुलेशन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
  • अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि चावल अनुसंधान केंद्र वाराणसी चावल पर अच्छा काम कर रहा है। काला नमक चावल पर किया गया अनुसंधान और इसका कार्य प्रशंसनीय रहा। ऐसे में इसे और विकसित करने का प्रस्ताव लाया गया है। इस संस्थान को अब 0.97 हेक्टेयर ज़मीन और दी जाएगी।  

बिहार Switch to English

बिहार को केंद्रीय कोटे से मिलने लगेगी करीब 9000 मेगावाट बिजली

चर्चा में क्यों?

11 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार को 2024 तक केंद्रीय कोटे से करीब 9000 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • ज्ञातव्य है कि वर्तमान में एनटीपीसी की विभिन्न इकाइयों से बिहार राज्य को 6560 मेगावाट बिजली का आवंटन मिल रहा है।
  • राज्य की बिजली कंपनियों ने अगले एक से डेढ़ वर्षों में एनटीपीसी बाढ़ की दो यूनिट, झारखंड के नॉर्थ कर्णपुरा की एक यूनिट और बक्सर की दो थर्मल पावर यूनिटों से करीब 1998 मेगावाट अतिरिक्त बिजली आवंटन का अनुमान लगाया है।
  • इसके अलावा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया तथा ब्रेडा की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से भी करीब 760 मेगावाट बिजली मिलने का अनुमान है। ऐसे में बिहार को मिलने वाली बिजली की उपलब्धता 9000 मेगावाट को पार कर सकती है।
  • एनटीपीसी के बाढ़ थर्मल पावर प्लांट में अब फेज वन की दो यूनिटों का चालू होना बाकी है। ऐसी संभावना है कि मई 2023 से 660 मेगावाट की फेज वन की दूसरी यूनिट से बिहार को 405 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी। साथ ही, अप्रैल 2024 तक फेज वन की तीसरी व अंतिम यूनिट से भी 342 मेगावाट बिजली का कोटा उपलब्ध हो जाएगा।
  • जानकारी के अनुसार झारखंड में स्थित नॉर्थ कर्णपुरा की दूसरी यूनिट भी जुलाई 2023 तक पूरी हो जाएगी। इसमें बिहार का कोटा 229 मेगावाट का है।
  • बिजली कंपनियों ने 2024 तक बक्सर थर्मल पावर प्लांट की दोनों यूनिटों के चालू होने की उम्मीद जतायी है। हालाँकि वर्तमान में ज़मीन अधिग्रहण की समस्या को देखते हुए फिलहाल इसकी उम्मीद कम लग रही है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर बिजली कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) से विंड एनर्जी को लेकर 300 मेगावाट का समझौता किया है। यह बिजली दिसंबर 2023 तक उपलब्ध होगी। साथ ही, एसईसीआई के 230 मेगावाट के हाइब्रिड प्रोजेक्ट से भी दिसंबर 2023 तक जबकि ब्रेडा के सोलर पावर प्रोजेक्ट से मार्च 2024 तक 250 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद जतायी गई है।
  • वर्तमान में बिहार को एनटीपीसी की सिर्फ बाढ़ थर्मल पावर की तीन की इकाइयों से 1603 मेगावाट बिजली मिल रही है। इनमें स्टेज-2 की दो इकाइयों से 1,198 मेगावाट एवं स्टेज वन की एक इकाई से 405 मेगावाट बिजली शामिल है। स्टेज वन की दूसरी, तीसरी व अंतिम इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने पर इससे 810 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। इससे बाढ़ प्लांट से मिलने वाली बिजली 1603 मेगावाट से बढ़कर 2000 मेगावाट से कुछ ज्यादा हो जाएगी।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में 2 हज़ार टैक्स मित्र होंगे नियुक्त

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नियोजन की योग्यताओं तथा शुल्क निर्धारण संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। आवेदन प्रक्रियाओं में आवेदकों को सहूलियत देने के लिये राज्य सरकार प्रदेश में 2 हज़ार टैक्स मित्र नियुक्त करेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने व्यवहारियों को सेल्फ टैक्स स्क्रूटनी की प्रथम स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित ‘ई-टैक्स ऑफिसर सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म’ विकसित करने की स्वीकृति भी दी है।
  • मुख्यमंत्री की उक्त मंजूरी के बाद अब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और मूल्यवर्धित कर (वैट) जमा कराना आसान हो जाएगा।
  • टैक्स मित्र के लिये न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता वाणिज्य में स्नातक रखी गई है। सीए, सीएस, आईसीडब्ल्यूए सहित अनुभवी आवेदकों को प्राथमिकता मिलेगी। आयु 21 से 40 वर्ष निर्धारित की गई है।
  • टैक्स मित्रों द्वारा विभिन्न टैक्स संबंधी आवेदन प्रक्रियाओं के लिये शुल्क लिया जाएगा। इस शुल्क का भी निर्धारण किया गया है। इसमें जीएसटी, वैट आवेदन, संशोधन, आईटीसी, ई-वे बिल, सब्सिडी आवेदन, एमएसएमई आवेदन सहित अन्य कार्यों के लिये 50 रुपए से 400 रुपए तक का शुल्क रखा गया है।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में जीएसटी एवं वैट आवेदन प्रक्रियाओं में सुगमता के लिये इस संबंध में घोषणा की गई थी।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में 203 नये उपस्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की स्वीकृति जारी

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को राजस्थान वित्त विभाग द्वारा प्रदेश में 203 नये उपस्वास्थ्य केंद्र खोले जाने हेतु स्वीकृति जारी कर दी गई है। नवीन उपस्वास्थ्य केंद्रों के खोले जाने से आसपास के नागरिकों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ अपने घर के नज़दीक ही मिल सकेगा।  

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2022-23 की क्रियान्विति में 203 नवीन उपस्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की पदों सहित स्वीकृति जारी की गई है।
  • प्रदेश के दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार करने एवं आमजन को गाँव में ही चिकित्सा एवं सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में 203 नये उपस्वास्थ्य केंद्र खोले जा रहे हैं।  
  • प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण कार्य हेतु 30-30 लाख रुपए स्वीकृत करने के साथ ही प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र में एक-एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता के 203 नये पद भी स्वीकृत किये गए हैं।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में संरक्षित खेती के लिये मिलेगा एक हज़ार करोड़ रुपए का अनुदान

चर्चा में क्यों?

11 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिये दो वर्षों में 60 हज़ार किसानों को 1 हज़ार करोड़ रुपए के अनुदान देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • यह राशि ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस, लो टनल, प्लास्टिक मल्चिंग के लिये दी जाएगी तथा इससे किसानों को संबल मिलेगा।
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30 हज़ार किसानों को 501 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसमें कृषक कल्याण कोष से 444.43 करोड़ रुपए वहन होंगे। साथ ही, राष्ट्रीय बागवानी मिशन/राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से 56 करोड़ (राज्यांश 22.75 करोड़) रुपए वहन किये जाएंगे।  
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी 30 हज़ार किसानों को 500 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा। इसमें अधिसूचित जनजाति क्षेत्र के किसानों और समस्त लघु/सीमांत किसानों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी भी मिलेगी।

राजस्थान Switch to English

राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2021-22 में राजस्थान सबसे आगे की श्रेणी में शामिल

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के.सिंह ने नई दिल्ली में राज्यों और राज्य उपयोगिता कंपनियों की आरपीएम (समीक्षा, योजना और निगरानी) बैठक के दौरान राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एसईईआई) 2021-22 की रिपोर्ट जारी की, जिसमें राजस्थान चार अन्य राज्यों सहित सबसे आगे की श्रेणी (>60 अंक) में शामिल है।

प्रमुख बिंदु 

  • ऊर्जा-कुशल अर्थव्यवस्था गठबंधन (एईईई) के सहयोग से, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा विकसित इस सूचकांक में वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिये ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की वार्षिक प्रगति का आकलन किया गया है।
  • एसईईआई 2021-22 में राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप 50 संकेतकों का एक अद्यतन फ्रेमवर्क है। राज्य स्तरीय ऊर्जा दक्षता पहलों के परिणामों और प्रभावों की निगरानी के लिये इस वर्ष कार्यक्रम-विशिष्ट संकेतक शामिल किये गए हैं।
  • एसईईआई 2021-22 में 5 राज्य - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान और तेलंगाना-सबसे आगे की श्रेणी (>60 अंक) में हैं, जबकि 4 राज्य - असम, हरियाणा, महाराष्ट्र और पंजाब – उपलब्धि प्राप्त करने वालों की श्रेणी (50-60 अंक) में हैं।
  • इसके अलावा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, असम और चंडीगढ़ अपने-अपने राज्य-समूहों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं।
  • तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने पिछले सूचकांक के बाद से सबसे अधिक सुधार दर्ज किये हैं।
  • राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एसईईआई):
    • राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एसईईआई), राज्यों और भारत के ऊर्जा फुटप्रिंट के प्रबंधन तथा राज्य और स्थानीय स्तर पर ऊर्जा दक्षता नीतियों और कार्यक्रमों के संचालन की प्रगति की निगरानी करता है।
    • एसईईआई डेटा संग्रह में सुधार करता है, राज्यों के आपसी सहयोग को सक्षम बनाता है और ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम के विचारों को विकसित करता है।
    • यह राज्यों को सुधार के लिये क्षेत्रों की पहचान करने, सर्वोत्तम तौर-तरीकों से सीखने और ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन के लिये अर्थव्यवस्था अनुरूप दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है।
    • ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देकर, इसका उद्देश्य कार्बनीकरण में कमी लाने के प्रयासों का संचालन करना और अधिक स्थायी भविष्य हासिल करना है।
    • सूचकांक को ऊर्जा बचत और उत्सर्जन में कमी लाने से जुड़े राज्य के लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की निगरानी में मदद करने के लिये डिजाइन किया गया है।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई):
    • यह विद्युत मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च, 2002 को की थी। 
    • बीईई का मिशन ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के अंतर्गत स्व-नियमन और बाजार सिद्धांतों पर ज़ोर देने के साथ नीतियों और रणनीतियों को विकसित करने में सहायता करना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करना है।
    • ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत सौंपे गए कार्यों को पूरा करने के लिये, बीईई नामित उपभोक्ताओं, नामित एजेंसियों और अन्य संगठनों के साथ समन्वय करता है और मौजूद संसाधनों और अवसंरचनाओं की पहचान करता है, उन्हें मान्यता देता है और उनका उपयोग करता है।
    • ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, विनियामक और प्रचार कार्यों के लिये कार्यादेश प्रदान करता है।        


मध्य प्रदेश Switch to English

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने रायसेन में जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने राज्य स्तरीय जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान का रायसेन ज़िला चिकित्सालय में शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस टीकाकरण अभियान के पहले चरण में रायसेन और विदिशा ज़िले में 10 से 30 अप्रैल तक 1 से 15 वर्ष आयु के शत-प्रतिशत बच्चों को इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन लगाई जाएगी।
  • गौरतलब है कि जापानी इंसेफेलाइटिस क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसके टीकाकरण से इस जानलेवा बीमारी से सुरक्षा मिलती है।
  • टीकाकरण टीम जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान में शत-प्रतिशत बच्चों को टीका लगाना सुनिश्चित करेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना लागू

चर्चा में क्यों?

11 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में मध्य प्रदेश राज्य मिलेट मिशन योजना लागू करने का निर्णय लिया।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना का क्रियान्वयन संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास के माध्यम से सभी ज़िलों में किया जाएगा साथ ही इस योजना की मॉनिटरिंग के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
  • इस योजना की अवधि 2 वर्ष (2023-24 एवं वर्ष 2024-25) की होगी। इन 2 वर्षों में योजना में 23 करोड़ 25 लाख रुपए व्यय किये जाएंगे।
  • इस योजना के अंतर्गत किसानों को मोटे अनाज के उन्नत प्रमाणित बीज सहकारी/शासकीय संस्थाओं से 80 प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किये जाएंगे।
  • मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत मिलेट फसलों के उत्पादन, प्र-संस्करण एवं विपणन को बढ़ावा देने के लिये किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं राज्य के बाहर अध्ययन भ्रमण होंगे। मिलेट को बढ़ावा देने के लिये ज़िला एवं राज्य स्तर पर मेले, कार्यशाला, सेमीनार, फूड फेस्टिवल, रोड-शो किये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि मिलेट अनाज की फसलें कभी प्रदेश की खान-पान की संस्कृति के केंद्र में थी। वर्तमान में इन फसलों के पोषक महत्त्व को दृष्टिगत रखते हुए इन्हें बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है। इन फसलों की खेती प्राय: कम उपजाऊ क्षेत्रों में की जाती है।
  • वर्तमान में उपभोक्ताओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने से मिलेट फसलों की माँग बढ़ रही है। कोदो, कुटकी, रागी, सांवा जैसी फसलें स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत लाभदायक हैं। इन मिलेट फसलों के महत्त्व के दृष्टिगत इनको पोषक अनाज का दर्जा दिया गया है।
  • इन फसलों के अनाज आयरन, कैल्शियम, फाइबर आदि से भरपूर होते हैं साथ ही इनमें वसा का प्रतिशत भी कम होता है, जिससे हृदय रोगी एवं डायबिटीज रोगियों के द्वारा इनका उपयोग सुरक्षित पाया गया है। इसलिये किसानों के बीच मिलेट फसलों की खेती को प्रोत्साहित करने एवं मिलेट फसलों से तैयार व्यंजनों का प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है।
  • मध्य प्रदेश में कोदो-कुटकी, ज्वार एवं रागी के क्षेत्र विस्तार, उत्पादकता एवं उत्पादन वृद्धि की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। साथ ही मिलेट फसलों के बढ़ते बाज़ार के दृष्टिगत मूल्य संवर्धन की संभावना भी काफी अधिक है।

हरियाणा Switch to English

5 दिवसीय सांग महोत्सव का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने कुरुक्षेत्र में हरियाणा कला परिषद के सभागार में विभाग की तरफ से आज़ादी के अमृत महोत्सव को समर्पित धनपत सिंह सांगी की स्मृति में आयोजित 5 दिवसीय सांग महोत्सव का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में सांग सबसे प्राचीन और परंपरागत विद्या है। सांग विद्या प्रदेश की संस्कृति और विरासत का अटूट अंग है। इस प्राचीन संस्कृति को सहेजने और आगे बढ़ाने के लिये प्रदेश सरकार काम कर रही है और आने वाले समय में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
  • उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को एक बड़ा स्वरूप देने का कार्य प्रदेश सरकार की तरफ से किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन मॉरीशिस, लंदन, कनाडा में किया जा चुका है और अब 28 से 30 अप्रैल तक ऑस्ट्रेलिया में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
  • उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये संस्कृति विकास बोर्ड का गठन किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के अनुसार ही कला, संस्कृति और कलाकारों को बढ़ावा देने के लिये प्रसिद्ध सांगी धनपत सिंह सांगी की स्मृति में 5 दिवसीय सांग महोत्सव का आयोजन करने के साथ-साथ पुरस्कार राशि भी दी जाएगी।
  • अतिरिक्त प्रधान सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लोक कलाकारों के लिये कई घोषणाएँ की हैं। इन घोषणाओं में 60  वर्ष से ज्यादा उम्र के बुर्जुग कलाकारों को आजीवन पेंशन देने की भी योजना है।
  • जो कलाकार बुर्जुग हो चुके हैं और जिन बुर्जुग कलाकारों के आगे रोजी रोटी का भी संकट है उन कलाकारों को आजीवन पेंशन मिलने से आर्थिक रूप से बड़ा योगदान मिलेगा।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में जीरो ड्रॉप आउट नीति पर किया जा रहा काम

चर्चा में क्यों?

9 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षा के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने के लिये जीरो ड्रॉप आउट की नीति पर काम किया जा रहा है ताकि अगले वर्ष तक प्रदेश में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे।

प्रमुख बिंदु 

  • स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि जीरो ड्रॉप आउट की नीति के लिये 6 से 18 वर्ष आयु के करीब 48 लाख बच्चों के शिक्षा के स्टेटस को जानने के लिये ट्रैक किया जा रहा है।
  • शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चों को संस्कार के साथ शिक्षा देने के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है, जिसे देश भर में 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया लेकिन हरियाणा में इसे 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना से अगले वर्ष तक प्रदेश के 135 खंडों में दो-दो अर्थात कुल 270 पीएम-श्री स्कूल खोले जाएंगे। हर खंड में यह मॉडल स्कूल होंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार इन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।
  • उन्होंने कहा कि हरियाणा में फाइव एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन व स्वाभिमान के साथ-साथ सुशासन को भी जोड़ा गया, जिसका बीते आठ वर्ष से अधिक समय में सकारात्मक परिणाम सामने आया। देश में पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को टैक्नोलॉजी से जोड़ने के लिये दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को साढ़े पाँच लाख टेबलेट वितरित किये गए।
  • उन्होंने हरियाणा में शिक्षा के तंत्र को विकसित बनाने के लिये एक अन्य महत्त्वपूर्ण कलस्टर योजना का जिक्र करते हुए बताया कि प्रदेश के हर चार-पाँच गाँवों का एक क्लस्टर बनाया गया है, जिसमें एक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ऐसा होगा जहाँ तीनों संकाय-कला, विज्ञान व वाणिज्य की पढ़ाई के साथ स्वरोज़गार के लिये बच्चों के कौशल को भी विकसित किया जाएगा।
  • इसी तरह छात्राओं के शिक्षण संस्थानों तक आवागमन को सुरक्षित बनाने के लिये छापसु (छात्रा परिवहन सुरक्षा) योजना के तहत 150 नई बसें भी खरीदी गई है और हर संस्थान में छात्राओं के परिवहन के लिये एक-एक नोडल अधिकारी भी लगाया गया।

हरियाणा Switch to English

पत्रकारों को दी जाने वाली मासिक पेंशन राशि में बढ़ोतरी

चर्चा में क्यों?

11 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों के हित में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ‘पत्रकार पेंशन योजना’के तहत प्रदेश के 60 वर्ष से अधिक आयु के मान्यता प्राप्त मीडिया कर्मियों को मिलने वाली पेंशन राशि में बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • पत्रकारों को मिलने वाली पेंशन राशि में अब केंद्र सरकार द्वारा तय मानदंडों के अनुसार डीए में की जाने वाली वृद्धि के अनुपात में वृद्धि की जाएगी।
  • विदित है कि 26 अक्टूबर, 2017 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘पत्रकार पेंशन योजना’ की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के मान्यता प्राप्त मीडिया कर्मियों को मासिक पेंशन दी जा रही है।
  • इस योजना के लिये पात्रता मानदंड के अनुसार पत्रकारों को 20 साल का अनुभव तथा 5 साल की अवधि के लिये हरियाणा सरकार से मान्यता प्राप्त होना आवश्यक है।
  • इसके अलावा, पत्रकारों के लिये बीमा योजना, हरियाणा परिवहन बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा देने के साथ-साथ हर ज़िले में मीडिया केंद्र भी स्थापित किये गए हैं, ताकि मीडियाकर्मी बिना किसी असुविधा के अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।

झारखंड Switch to English

पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का उत्सर्जन रामगढ़ में सबसे अधिक

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को झारखंड प्रदूषण बोर्ड के वैज्ञानिक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी), सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) और सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (सी-स्टेप) ने झारखंड के छह शहरों की वायु प्रदूषण स्थिति से संबंधित एमिशन इन्वेंट्री रिपोर्ट (प्रदूषण उत्सर्जन सूची) जारी की, जिसमें पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का उत्सर्जन राज्य के रामगढ़ शहर में सबसे अधिक पाया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि एमिशन इन्वेंट्री रिपोर्ट में राज्य के रामगढ़, हजारीबाग, साहिबगंज, दुमका, पाकुड़ और चाईबासा शहर में प्रदूषण फैलाने वाले स्रोत एवं कारकों की जानकारी दी गई है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण कम करने को प्राथमिकता रामगढ़ के बाद हजारीबाग, पाकुड़, साहिबगंज, चाईबासा और दुमका का स्थान आता है। हालाँकि रामगढ़ की आबादी साहिबगंज और हजारीबाग की तुलना में कम है, लेकिन शहर के अंदर और आसपास बड़ी संख्या में भारी उद्योग होने के कारण पीएम ज्यादा पाया गया।
  • दुमका, चाईबासा और हजारीबाग में पीएम 2.5 एमिशन के लिये परिवहन मुख्य रूप से जिम्मेवार है। साहिबगंज और पाकुड़ में पीएम 2.5 एमिशन का कारण घरेलू क्षेत्र रहा।
  • रिपोर्ट में वायु प्रदूषण के लिये घरेलू, व्यावसायिक, इंडस्ट्री, निर्माण गतिविधियों, खुले में जलावन और सड़क की धूल आदि विभिन्न कारकों एवं क्षेत्रों का अध्ययन किया गया है।
  • विदित है कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अनुसार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तीन शहरों (राँची, जमशेदपुर और धनबाद) के लिये क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार किया गया है और इन्हें लागू किया जा रहा है।


छत्तीसगढ़ Switch to English

बीमार एवं बंद उद्योगों के लिये निवेश प्रोत्साहन नीति एवं औद्योगिक व वाणिज्यिक विकास के लिये राज्य लॉजिस्टिक्स नीति लागू

चर्चा में क्यों?

10 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा बीमार एवं बंद उद्योगों के लिये निवेश प्रोत्साहन नीति एवं औद्योगिक व वाणिज्यिक विकास के लिये राज्य लॉजिस्टिक्स नीति लागू की गई है।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य सरकार ने उद्योगों के विकास के लिये महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ में बंद एवं बीमार उद्योग के लिये नई नीति लागू की है। इससे बंद एवं बीमार उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा और वे बेहतर तरीके से संचालित हो पाएंगे।
  • इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू लॉजिस्टिक्स नीति की मदद से निर्यात में बढ़ोतरी के साथ ही कृषि सहित अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण व भंडारण को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक नीति-2022
  • राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ वाणिज्यिक विकास को बढ़ावा देने, देश के कुल निर्यात में राज्य का योगदान बढ़ाने, राज्य में उपलब्ध खनिज संपदा का समुचित दोहन, सुदूर अंचलों में कृषि को प्रोत्साहित करने एवं अनाज तथा अन्य उत्पादों के प्रसंस्करण व भंडारण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स नीति-2022 (01 नवंबर 2019 से 31 अक्टूबर 2024) लागू की गई है।
  • इस नीति के तहत लॉजिस्टिक, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, एकल स्वामित्व, साझेदारी, कंपनी, सीमित दायित्व साझेदारी, सहकारी समिति, हिन्दू अविभाजित परिवार, स्वयं सहायता समूह तथा कृषक उत्पादक संगठन द्वारा किये जाने पर औद्यौगिक निवेश प्रोत्साहन की पात्रता है।
  • इस नीति के अंतर्गत उद्यमों में किये गये स्थायी पूंजी निवेश का 35-55 प्रतिशत तक अधिकतम राशि रुपए 35-350 लाख तक स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, 50-60 प्रतिशत अधिकतम राशि रुपए 10-55 लाख तक ब्याज अनुदान, वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 5-8 वर्ष तक विद्युत शुल्क से पूर्ण छूट, स्टॉम्प शुल्क से छूट तथा परिवहन वाहन अनुदान दिये जाने का प्रावधान है।
  • छत्तीसगढ़ बंद एवं बीमार उद्योगों हेतु विशेष निवेश प्रोत्साहन नीति
  • वर्तमान में राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक क्षेत्रों के बाहर भी उद्योग स्थापित हुए हैं। प्रदेश में जितनी तीव्र गति से उद्योगों की स्थापना हो रही है उनसे जुड़ी हुई विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण इन स्थापित उद्योगों में से कुछ उद्योग बीमार एवं बंद भी हुए हैं।
  • इन बीमार व बंद उद्योगों को पुन: संचालित किये जाने, पुन: रोज़गार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ बंद एवं बीमार उद्योगों हेतु विशेष निवेश प्रोत्साहन नीति 2019 लागू की गई है।
  • इसके तहत् बीमार एवं बंद उद्योगों के पुर्नवास और पुर्नसंचालन पैकेज अंतर्गत स्टांप शुल्क से छूट, पंजीयन शुल्क से पूर्ण छूट, ब्याज अनुदान, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, परियोजना प्रतिवेदन अनुदान, गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान, तकनीकी पेटेंट अनुदान, प्रौद्योगिकी क्रय अनुदान, नि:शक्त अनुदान, विद्युत शुल्क से छूट, प्रवेश कर भुगतान से छूट एवं मंडी शुल्क छूट प्रदान करने का प्रावधान है।

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