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नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम से मेडिकल नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरुआत की, साथ ही ब्रोशर का विमोचन भी किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने घोषणा की कि जीएमसी का ऑडिटोरियम वातानुकूल बनेगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों की सुविधा के लिये रि-क्रिएशन सेंटर स्थापित किये जाएंगे। हमीदिया के इमरजेंसी विभाग को नंबर-वन बनाया जाएगा।
- इस नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम के ज़रिये एक-दूसरे की बौद्धिक क्षमता का आदान-प्रदान किया जाएगा। इसके ज़रिये इंस्टीट्यूट सहित विशेषज्ञ डॉक्टर्स से भी एमओयू किया जा रहा है, जो अपनी विधाओं के ज़रिये ज्ञान को साझा करेंगे।
- चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने युवा डॉक्टर्स से एमपी गव और नॉलेज शेयरिंग पोर्टल के ज़रिये ज़्यादा-से-ज़्यादा जुड़ने की अपील की।
- आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवड़े ने बताया कि 13 बिंदुओं पर आधारित नॉलेज शेयरिंग मिशन सेल की स्थापना की गई है। मध्य प्रदेश के नवाचारों का फायदा पूरे देश को मिले, इस दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
- आईआईटी इंदौर के साथ मेडिकल इन्क्यूबेशन सेंटर की शुरुआत की जाएगी। यह सेंटर शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा।
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ग्रामीण परिवहन नीति के पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ शीघ्र
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन पर अधिकारियों से चर्चा के दौरान बताया कि प्रस्तावित नवीन परिवहन नीति के तहत रूरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट (आरटीसी) मॉडल को 1 मई, 2022 से आगामी 6 माह तक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विदिशा ज़िले में क्रियान्वित किये जाने के लिये राज्य सरकार द्वारा निर्देश दिये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि ग्रामीण अंचलों में सुगम एवं सस्ती लोक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिये परिवहन विभाग द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल के सहयोग से प्रदेश में नवीन ग्रामीण परिवहन नीति प्रस्तावित की गई है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर पूरे प्रदेश में इसे रोलआउट किये जाने की योजना है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विगत दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था के पुन: सुचारु संचालन के लिये परिवहन नीति लाने के निर्देश दिये थे।
- ग्रामीण परिवहन के लिये विदिशा ज़िले में कुल 76 ग्रामीण मार्गों को चिह्नित किया गया है, जिनकी कुल लंबाई 1513 किमी. है। इन ग्रामीण मार्गों एवं इनके आसपास 546 ग्राम स्थित हैं, जिससे 4 लाख 70 हज़ार ग्रामीण जनसंख्या प्रस्तावित नीति से लाभान्वित होगी।
- प्रस्तावित ग्रामीण परिवहन नीति के तहत मार्ग पर 7+1 से 20+1 बैठक क्षमता के वाहनों के संचालन की अनुमति होगी तथा इस ग्रामीण परिवहन सेवा के लिये संचालित वाहनों पर मध्य प्रदेश मोटरयान अधिनियम, 1991 के तहत देय मासिक मोटरयान कर में पूरी छूट दी जाएगी।
- इसके अलावा परिवहन सेवा के रूप में निरंतर 6 माह तक संचालित वाहनों के संचालकों द्वारा उक्त संचालन से अर्जित किये गए रूरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट के विरुद्ध निर्धारित मूल्यानुसार प्रोत्साहन राशि आगामी 6 माह में वाहन संचालक को प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के तहत इच्छुक वाहन संचालक वैध प्रपत्र होने पर ज़िला परिवहन कार्यालय में आकर अथवा परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर निर्धारित 76 ग्रामीण मार्गों में से किसी एक मार्ग पर अथवा आपस में जुड़े हुए एक से अधिक मार्गों पर वाहन संचालन के लिये परमिट प्राप्त करने का आवेदन कर सकते हैं।
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जल अभिषेक अभियान की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन ज़िले की गैरतगंज तहसील के कहूला ग्राम में आयोजित जल संसद में जल अभिषेक अभियान की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 52 ज़िलों के 5 हज़ार अमृत सरोवर का वर्चुअल शुभारंभ और पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान में 10 हज़ार कार्यों का भी शुभारंभ किया।
- मुख्यमंत्री ने जलशक्ति अभियान की आयोजना का विमोचन भी किया। उन्होंने जल संचयन के लिये अपने खेतों में तालाब बनवाने वाले 551 जल-योद्धाओं में से तीन जल-योद्धाओं को सम्मानित किया।
- उल्लेखनीय है कि इस वर्ष प्रदेश में 5000 से अधिक अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। इनका कार्य जून माह तक अथवा अगले वर्ष मार्च माह तक पूरा हो जाएगा। जल-संरक्षण के लिये बड़ी संख्या में छोटी-छोटी जल-संरचनाओं के संरक्षण का कार्य भी किया जाएगा।
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महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह में पिछड़ा वर्ग कल्याण के जननायक महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती समारोह में विभिन्न घोषणाएँ कीं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब हर साल महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर शासकीय कर्मचारियों के लिये ऐच्छिक अवकाश रहेगा।
- पिछड़ा वर्ग सहित गरीबों, दलितों के उत्थान तथा बालिकाओं की शिक्षा के लिये महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी धर्मपत्नी सावित्री बाई फुले ने महत्त्वपूर्ण कार्य किये अत: उनके विचारों को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार उनकी जीवनी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करेगी।
- दमोह ज़िले के लिये स्वीकृत एक सी.एम. राइज स्कूल का नाम महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर होगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब प्रत्येक वर्ष महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती को अलग-अलग स्थान पर धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने दमोह ज़िले की बटियागढ़ ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का स्वरूप दिये जाने की भी घोषणा की।
- महात्मा ज्योतिबा फुले का पूरा जीवन महिलाओं, गरीबों और किसानों के लिये सघंर्ष में बीता। उन्होंने महिला शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति पैदा की और विधवा विवाह की मुहिम चलाई। यही कारण रहा कि मुंबई में वर्ष 1888 में हुई किसान सभा में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी गई।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विगत तीन वर्षों के मध्य प्रदेश महात्मा ज्योतिबा फुले पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार वितरित किये। वर्ष 2017-18 के लिये डबरा के डॉ. हुकुम सिंह कुशवाह, वर्ष 2018-19 के लिये उमरिया के बी.आर. सातपुते तथा वर्ष 2019-20 के लिये रीवा के आर.एन. पाटिल को 2-2 लाख रुपए के चेक एवं प्रशस्ति-पत्र भेंट किये गए।
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