उत्तर प्रदेश Switch to English
राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 में उत्तर प्रदेश
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के द्वारा जारी राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 से संबंधित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को अचीवर्स की श्रेणी में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक में उत्तर प्रदेश की रैंक 13वीं, जबकि स्कोर 41.0 है।
- यह सूचकांक 2019-20 के आँकड़ों के आधार पर नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया है।
- गौरतलब है कि यह सूचकांक 6 मानकों- डिस्कॉम का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरणीय स्थिरता, स्वच्छ ऊर्जा पहल, नई पहल तथा पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता के आधार पर जलवायु और ऊर्जा क्षेत्र में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए प्रयासों को ट्रैक करता है।
- विभिन्न मानकों के संदर्भ में उत्तर प्रदेश का स्कोर निम्न प्रकार है-
- डिस्कॉम का प्रदर्शन- 59.9
- ऊर्जा दक्षता- 42
- पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता- 37.8
- पर्यावरणीय स्थिरता- 30.9
- स्वच्छ ऊर्जा पहल- 12.6
- नई पहल- 27.4
बिहार Switch to English
राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 में बिहार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के द्वारा जारी राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 से संबंधित रिपोर्ट में बिहार को अचीवर्स की श्रेणी में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक में बिहार की रैंक 15वीं, जबकि स्कोर 38.3 है।
- यह सूचकांक 2019-20 के आँकड़ों के आधार पर नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया है।
- गौरतलब है कि यह सूचकांक 6 मानकों- डिस्कॉम का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरणीय स्थिरता, स्वच्छ ऊर्जा पहल, नई पहल तथा पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता के आधार पर जलवायु और ऊर्जा क्षेत्र में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए प्रयासों को ट्रैक करता है।
- विभिन्न मानकों के संदर्भ में बिहार का स्कोर निम्न प्रकार है-
- डिस्कॉम का प्रदर्शन- 61.3
- पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता- 45
- पर्यावरणीय स्थिरता- 33.7
- ऊर्जा दक्षता- 22.8
- स्वच्छ ऊर्जा पहल- 4.9
- नई पहल- 7.6
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक परिवर्तन सलाहकार परिषद के कार्यकाल में वृद्धि
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक परिवर्तन सलाहकार परिषद (CMRETAC) का कार्यकाल दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि इस परिषद का गठन 7 मार्च, 2020 को किया गया था और इसका कार्यकाल मार्च 2022 तक निर्धारित था।
- आयोजना (ग्रुप-एक) विभाग की ओर से जारी इस आदेशानुसार मुख्यमंत्री इस सलाहकार परिषद के अध्यक्ष हैं तथा डॉ. अरविंद मायाराम उपाध्यक्ष एवं शासन सचिव आयोजना परिषद के सदस्य सचिव हैं।
- इसी तरह डॉ. गोविंद शर्मा मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव वित्त एवं प्रमुख शासन सचिव मुख्यमंत्री भी परिषद में सदस्य के रूप में शामिल है।
- परिषद के विस्तारित कार्यकाल के लिये अन्य सदस्यों में डॉ. राथिन रॉय, डॉ. अशोक गुलाटी, अनिल अग्रवाल, लक्ष्मी निवास मित्तल, नैना लाल किदवई, डॉ. देवी शेट्टी, विक्रम मेहता, नावेद खान, डॉ. शिव कुमार सरीन, सुश्री फैथ सिंह, नंदिता दास, डॉ. ज्योतिंद्र जैन, कविता सिंह, अमित कपूर, विजय कुमार, राजीव गौडा, मंगू सिंह, प्रदीप एस. मेहता, डॉ. दिनेश सिंह, अरुण मायरा, डॉ. नरेश त्रेहन, महेश व्यास, डॉ. प्रणव सेन तथा यामिनी अबयर शामिल हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम से मेडिकल नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरुआत की, साथ ही ब्रोशर का विमोचन भी किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने घोषणा की कि जीएमसी का ऑडिटोरियम वातानुकूल बनेगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों की सुविधा के लिये रि-क्रिएशन सेंटर स्थापित किये जाएंगे। हमीदिया के इमरजेंसी विभाग को नंबर-वन बनाया जाएगा।
- इस नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम के ज़रिये एक-दूसरे की बौद्धिक क्षमता का आदान-प्रदान किया जाएगा। इसके ज़रिये इंस्टीट्यूट सहित विशेषज्ञ डॉक्टर्स से भी एमओयू किया जा रहा है, जो अपनी विधाओं के ज़रिये ज्ञान को साझा करेंगे।
- चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने युवा डॉक्टर्स से एमपी गव और नॉलेज शेयरिंग पोर्टल के ज़रिये ज़्यादा-से-ज़्यादा जुड़ने की अपील की।
- आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवड़े ने बताया कि 13 बिंदुओं पर आधारित नॉलेज शेयरिंग मिशन सेल की स्थापना की गई है। मध्य प्रदेश के नवाचारों का फायदा पूरे देश को मिले, इस दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
- आईआईटी इंदौर के साथ मेडिकल इन्क्यूबेशन सेंटर की शुरुआत की जाएगी। यह सेंटर शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा।
मध्य प्रदेश Switch to English
ग्रामीण परिवहन नीति के पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ शीघ्र
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन पर अधिकारियों से चर्चा के दौरान बताया कि प्रस्तावित नवीन परिवहन नीति के तहत रूरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट (आरटीसी) मॉडल को 1 मई, 2022 से आगामी 6 माह तक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विदिशा ज़िले में क्रियान्वित किये जाने के लिये राज्य सरकार द्वारा निर्देश दिये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि ग्रामीण अंचलों में सुगम एवं सस्ती लोक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिये परिवहन विभाग द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल के सहयोग से प्रदेश में नवीन ग्रामीण परिवहन नीति प्रस्तावित की गई है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर पूरे प्रदेश में इसे रोलआउट किये जाने की योजना है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विगत दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था के पुन: सुचारु संचालन के लिये परिवहन नीति लाने के निर्देश दिये थे।
- ग्रामीण परिवहन के लिये विदिशा ज़िले में कुल 76 ग्रामीण मार्गों को चिह्नित किया गया है, जिनकी कुल लंबाई 1513 किमी. है। इन ग्रामीण मार्गों एवं इनके आसपास 546 ग्राम स्थित हैं, जिससे 4 लाख 70 हज़ार ग्रामीण जनसंख्या प्रस्तावित नीति से लाभान्वित होगी।
- प्रस्तावित ग्रामीण परिवहन नीति के तहत मार्ग पर 7+1 से 20+1 बैठक क्षमता के वाहनों के संचालन की अनुमति होगी तथा इस ग्रामीण परिवहन सेवा के लिये संचालित वाहनों पर मध्य प्रदेश मोटरयान अधिनियम, 1991 के तहत देय मासिक मोटरयान कर में पूरी छूट दी जाएगी।
- इसके अलावा परिवहन सेवा के रूप में निरंतर 6 माह तक संचालित वाहनों के संचालकों द्वारा उक्त संचालन से अर्जित किये गए रूरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट के विरुद्ध निर्धारित मूल्यानुसार प्रोत्साहन राशि आगामी 6 माह में वाहन संचालक को प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के तहत इच्छुक वाहन संचालक वैध प्रपत्र होने पर ज़िला परिवहन कार्यालय में आकर अथवा परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर निर्धारित 76 ग्रामीण मार्गों में से किसी एक मार्ग पर अथवा आपस में जुड़े हुए एक से अधिक मार्गों पर वाहन संचालन के लिये परमिट प्राप्त करने का आवेदन कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
जल अभिषेक अभियान की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन ज़िले की गैरतगंज तहसील के कहूला ग्राम में आयोजित जल संसद में जल अभिषेक अभियान की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 52 ज़िलों के 5 हज़ार अमृत सरोवर का वर्चुअल शुभारंभ और पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान में 10 हज़ार कार्यों का भी शुभारंभ किया।
- मुख्यमंत्री ने जलशक्ति अभियान की आयोजना का विमोचन भी किया। उन्होंने जल संचयन के लिये अपने खेतों में तालाब बनवाने वाले 551 जल-योद्धाओं में से तीन जल-योद्धाओं को सम्मानित किया।
- उल्लेखनीय है कि इस वर्ष प्रदेश में 5000 से अधिक अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। इनका कार्य जून माह तक अथवा अगले वर्ष मार्च माह तक पूरा हो जाएगा। जल-संरक्षण के लिये बड़ी संख्या में छोटी-छोटी जल-संरचनाओं के संरक्षण का कार्य भी किया जाएगा।
मध्य प्रदेश Switch to English
महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह में पिछड़ा वर्ग कल्याण के जननायक महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती समारोह में विभिन्न घोषणाएँ कीं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब हर साल महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर शासकीय कर्मचारियों के लिये ऐच्छिक अवकाश रहेगा।
- पिछड़ा वर्ग सहित गरीबों, दलितों के उत्थान तथा बालिकाओं की शिक्षा के लिये महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी धर्मपत्नी सावित्री बाई फुले ने महत्त्वपूर्ण कार्य किये अत: उनके विचारों को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार उनकी जीवनी को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करेगी।
- दमोह ज़िले के लिये स्वीकृत एक सी.एम. राइज स्कूल का नाम महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम पर होगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब प्रत्येक वर्ष महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती को अलग-अलग स्थान पर धूमधाम से मनाया जाएगा। उन्होंने दमोह ज़िले की बटियागढ़ ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का स्वरूप दिये जाने की भी घोषणा की।
- महात्मा ज्योतिबा फुले का पूरा जीवन महिलाओं, गरीबों और किसानों के लिये सघंर्ष में बीता। उन्होंने महिला शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति पैदा की और विधवा विवाह की मुहिम चलाई। यही कारण रहा कि मुंबई में वर्ष 1888 में हुई किसान सभा में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी गई।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विगत तीन वर्षों के मध्य प्रदेश महात्मा ज्योतिबा फुले पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार वितरित किये। वर्ष 2017-18 के लिये डबरा के डॉ. हुकुम सिंह कुशवाह, वर्ष 2018-19 के लिये उमरिया के बी.आर. सातपुते तथा वर्ष 2019-20 के लिये रीवा के आर.एन. पाटिल को 2-2 लाख रुपए के चेक एवं प्रशस्ति-पत्र भेंट किये गए।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में बनेगा सिख गुरुओं को समर्पित संग्रहालय
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में सिख गुरुओं को समर्पित संग्रहालय बनाए जाने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संग्रहालय में सिख गुरुओं के जीवन और उनकी शिक्षाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार ने हरियाणा में संत महापुरुष विचार प्रसार योजना भी शुरू की है, जिसके तहत महापुरुषों और गुरुओं की जयंती मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई है।
- हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरु रविदास विश्व महापीठ को 10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की, जबकि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने 5 लाख रुपए की सहायता की घोषणा की।
- इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल ने महापीठ के ‘सामाजिक समरसता भवन’ का भी उद्घाटन किया।
- गुरु रविदास क्षमाशील, विवेकवान और समाज के सच्चे शिक्षक थे। वे उन महान आत्माओं में से एक थे, जिनके विचार, व्यवहार, गुण और शिक्षा युगों तक लोगों का मार्गदर्शन करते रहे हैं।
झारखंड Switch to English
राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 में झारखंड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के द्वारा जारी राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 से संबंधित रिपोर्ट में झारखंड को एस्पिरंट्स की श्रेणी में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक में झारखंड की रैंक 18वीं, जबकि स्कोर 35.2 है।
- यह सूचकांक 2019-20 के आँकड़ों के आधार पर नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया है।
- गौरतलब है कि यह सूचकांक 6 मानकों- डिस्कॉम का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरणीय स्थिरता, स्वच्छ ऊर्जा पहल, नई पहल तथा पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता के आधार पर जलवायु और ऊर्जा क्षेत्र में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए प्रयासों को ट्रैक करता है।
- विभिन्न मानकों के संदर्भ में झारखंड का स्कोर निम्न प्रकार है-
- डिस्कॉम का प्रदर्शन- 58.3
- ऊर्जा दक्षता- 17.2
- पर्यावरणीय स्थिरता- 19
- स्वच्छ ऊर्जा पहल- 2.9
- नई पहल- 9.3
- पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता- 46.5
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ के हिस्से फिर राष्ट्रीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को पं. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, 2022 के लिये ज़िला पंचायत कबीरधाम के साथ अन्य पंचायतों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- आगामी 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान किये गए विभिन्न उल्लेखनीय कार्यों के आधार पर ज़िले का चयन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिये हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि कबीरधाम ज़िले में मुख्य रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में रोज़गार दिया गया। महिलाओं को आजीविका संवर्द्धन से जोड़ा गया, वहीं ग्राम पंचायत क्षेत्र में अधोसंरचना विकास जैसे सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य किये गए।
- इसी तरह ग्राम पंचायत केजेदाह का ग्रामीणों को अधिक-से-अधिक रोज़गार देने के साथ मूलभूत सुविधाओं का विस्तार तथा दस्तावेजीकरण व पारदर्शिता के लिये राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान किया जाएगा।
- इन वर्गों में भी छतीसगढ़ की पंचायतों का चयन हुआ है-
- दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार के लिये ज़िला वर्ग में ज़िला पंचायत कबीरधाम के साथ ब्लॉक वर्ग के लिये पाटन एवं सूरजपुर का चयन हुआ है। वहीं ग्राम पंचायत वर्ग में धमतरी ज़िले के ग्राम छिपली व हर्दीभाटा, कोरिया ज़िले के चिरमी, बालोद ज़िले के पैरी, सूरजपुर ज़िले के बसदई एवं कबीरधाम ज़िले के केजेदाह को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
- इधर चाइल्ड फ्रेंडली ग्राम पंचायत अवार्ड कैटेगरी में रायपुर ज़िले के आरंग ब्लॉक के अंतर्गत बनचरौदा को पुरस्कृत किया जाएगा।
- ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान अवार्ड कैटेगरी में दुर्ग ज़िले के जेवरा को सम्मानित किया जाएगा। वहीं नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार के लिये रायपुर ज़िले के तिल्दा ब्लॉक अंतर्गत सरोरा को चुना गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना लागू
चर्चा में क्यों?
11 अप्रैल, 2022 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस फैसले से नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अधिकारी-कर्मचारियों को भी अब पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना इसी वित्तीय वर्ष से शुरू हो जाएगा। इस फैसले से लगभग तीन लाख अधिकारी-कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
- गौरतलब है कि राज्य सरकार के विभिन्न कर्मचारी संगठन लंबे समय से 1 नवंबर, 2004 तथा उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे थे। जिसके बाद विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी।
- वित्त विभाग द्वारा पुरानी पेंशन योजना के संबंध में जारी निर्देश के अनुसार भविष्य निधि में 1 अप्रैल, 2022 से मूल वेतन से 12 प्रतिशत की कटौती करने का निर्देश जारी कर दिया गया है।
- इसी प्रकार वर्ष 2004 एवं उसके पश्चात् नियुक्त राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन से नवीन अंशदायी पेंशन योजना के लिये की जा रही 10 प्रतिशत मासिक कटौती 1 अप्रैल, 2022 से समाप्त कर दी गई है।
- जारी निर्देश में यह भी उल्लेख किया है कि सामान्य भविष्य निधि की कटौती का ब्योरा संचालनालय, कोष लेखा एवं पेंशन स्तर पर पृथक् से रखा जाएगा तथा संबंधित कर्मचारियों के नवीन सामान्य भविष्य निधि खाता क्रमांक आवंटित होने पर यह राशि उसमें दर्शाई जाएगी।
उत्तराखंड Switch to English
राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 में उत्तराखंड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के द्वारा जारी राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक राउंड-1 से संबंधित रिपोर्ट में उत्तराखंड को फ्रंट रनर्स की श्रेणी में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक में उत्तराखंड की रैंक 5वीं, जबकि स्कोर 46.5 है।
- यह सूचकांक 2019-20 के आँकड़ों के आधार पर नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया है।
- गौरतलब है कि यह सूचकांक 6 मानकों- डिस्कॉम का प्रदर्शन, ऊर्जा दक्षता, पर्यावरणीय स्थिरता, स्वच्छ ऊर्जा पहल, नई पहल तथा पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता के आधार पर जलवायु और ऊर्जा क्षेत्र में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए प्रयासों को ट्रैक करता है।
- विभिन्न मानकों के संदर्भ में उत्तराखंड का स्कोर निम्न प्रकार है-
- डिस्कॉम का प्रदर्शन- 61.9
- ऊर्जा दक्षता- 50.5
- पर्यावरणीय स्थिरता- 48.7
- नई पहल- 14.7
- स्वच्छ ऊर्जा पहल- 18.5
- पहुँच, वहनीयता एवं विश्वसनीयता- 55.3
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