बिहार Switch to English
राज्य सरकार डिजिटल भूमि अभिलेखों की घर-घर शुरू करेगी डिलीवरी
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2022 को बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने विधानसभा में बताया कि बिहार सरकार जल्द ही राज्य में खतियान और मानचित्र सहित भूमि के डिजिटल दस्तावेज़ों को घर-घर पहुंचाएगी।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री ने बताया कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहाँ लोगों को डिजिटल भूमि दस्तावेज़ों की डोरस्टेप डिलीवरी की सुविधा मिलेगी।
- राज्य के गाँवों, कस्बों और शहरों का राजस्व मानचित्र अब ऑनलाइन मँगवाया जा सकता है। डाक विभाग द्वारा डिजिटल राजस्व/भूमि अभिलेखों के वितरण के लिये स्पीड पोस्ट की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- उन्होंने कहा कि अब बिहार के लोगों को खतियान (कब्ज़ा निर्धारित करने के लिये भूमि की पहचान करने का एक दस्तावेज़) सहित ज़मीन से जुड़े किसी भी दस्तावेज़ के लिये सरकारी दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
- राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने वाणिज्यिक एवं आवासीय, दोनों क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के लिये अप्रैल में एक गहन अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। यह अभियान निर्वाचन क्षेत्र औराई (मुज़फ्फरपुर) से शुरू होगा और इसे राज्य के अन्य हिस्सों में चलाया जाएगा।
बिहार Switch to English
ग्रामीण स्थानीय निकाय अनुदान राशि
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिये बिहार को 1,112.7 करोड़ रुपए की राशि जारी की। यह अनुदान सहायता वर्ष 2021-22 में बिहार राज्य को सशर्त अनुदान की दूसरी किस्त है।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही व्यय विभाग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों को अनुदान प्रदान करने के लिये कर्नाटक को 473.9 करोड़ रुपए और पश्चिम बंगाल को 634.6 करोड़ रुपए जारी किये हैं। यह अनुदान सहायता वर्ष 2021-22 में कर्नाटक एवं पश्चिम बंगाल राज्यों को बिना शर्त अनुदान की दूसरी किस्त है।
- 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित सशर्त अनुदान दो महत्त्वपूर्ण सेवाओं, अर्थात् स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) दर्जा को बनाए रखने और पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल के संचयन एवं जल पुनर्चक्रण को बेहतर बनाने के लिये पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को जारी किया जाता है।
- 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिशों पर ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को बिना शर्त अनुदान जारी किया जाता है।
- पंचायती राज संस्थाओं के लिये निर्धारित कुल अनुदान सहायता में से 60 प्रतिशत राष्ट्रीय प्राथमिकताओं, जैसे कि पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल के संचयन और स्वच्छता (सशर्त अनुदान के रूप में संदर्भित) के लिये निर्धारित किया जाता है, जबकि 40 प्रतिशत अनुदान सहायता बिना शर्त है और स्थान विशेष की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये पंचायती राज संस्थाओं के विवेक पर इसका उपयोग किया जाता है।
- स्थानीय निकाय अनुदान दरअसल केंद्रप्रायोजित योजनाओं के तहत स्वच्छता और पेयजल के लिये केंद्र एवं राज्य द्वारा आवंटित धन के अलावा ग्रामीण स्थानीय निकायों को अतिरिक्त धनराशि सुनिश्चित करने के लिये है।
राजस्थान Switch to English
तीसरी राष्ट्रीय युवा संसद में सिद्धार्थ जोशी को मिला द्वितीय स्थान
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2022 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) के तीसरे संस्करण के समापन समारोह में संस्करण के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। इसमें राजस्थान के डूँगरपुर के सिद्धार्थ जोशी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय युवा संसद युवाओं को संसदीय प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से परिचित कराने के लिये एक अभिनव कार्यक्रम है।
- राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव- 2022 प्रतियोगिता में भोपाल की रागेश्वरी अंजना ने प्रथम, राजस्थान के डूँगरपुर के वागड़ गाँव के सिद्धार्थ जोशी ने द्वितीय और बठिंडा की अमरप्रीत कौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- इस महोत्सव का आयोजन उन युवाओं के विचार जानने के लिये किया जाता है, जो आने वाले वर्षों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न करियर में शामिल होंगे।
- एनवाईपीएफ का पहला संस्करण 12 जनवरी से 27 फरवरी, 2019 तक तथा दूसरा संस्करण 23 दिसंबर, 2020 से 12 जनवरी, 2022 तक आयोजित किया गया था।
- एनवाईपीएफ का तीसरा संस्करण 14 फरवरी, 2022 को ज़िला स्तर पर वर्चुअल माध्यम से शुरू किया गया था। 23 से 27 फरवरी, 2022 तक देश भर के 2.44 लाख से अधिक युवाओं ने ज़िला युवा संसदों के बाद राज्य युवा संसदों में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
- शीर्ष तीन राष्ट्रीय विजेताओं को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार (क्रमश: 2,00,000 रुपए, 150,000 रुपए तथा 100,000 रुपए) प्रदान किया गया तथा 2 प्रतिभागियों को 50,000 रुपए का सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
मध्य प्रदेश Switch to English
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 1652 वन्य-प्राणी
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2022 को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान जू, भोपाल के संचालक एच.सी. गुप्ता ने बताया कि वन विहार राष्ट्रीय उद्यान जू में स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाले और बाड़ों में रखे गए शाकाहारी वन्य-प्राणियों की संख्या 1652 है।
प्रमुख बिंदु
- संचालक ने बताया कि इस साल 24, 25 और 26 फरवरी को की गई गणना में स्वतंत्र विचरण करने वाले 1516 वन्य-प्राणी पाए गए। इनमें 522 चीतल, 362 सांभर, 81 नीलगाय, 90 जंगली सूअर, 257 मोर, 51 सियार, 60 लंगूर, 71 काले हिरण, 3 चौसिंगा, 3 सेही, 11 बारहसिंगा, 3 जंगली बिल्ली और एक-एक चिंकारा एवं पेगोलिन शामिल हैं।
- पिछले 3 वर्ष में चीतल, जंगली सूअर, मोर, लंगूर, बारहसिंगा, घड़ियाल और पहाड़ी कछुओं आदि की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष अब तक 38 चीतल गांधी सागर, मंदसौर और सिवनी अभयारण्य स्थानांतरित किये गए हैं।
- उद्यान में 3 सिंह, 13 बाघ, 1 सफेद बाघ, 10 तेंदुआ, 20 भालू, 1 हायना, 13 मगर, 2 गौर (वायसन), 28 पहाड़ी कछुआ, 33 जलीय कछुआ और 6 घड़ियाल पाए गए हैं। 6 वन्य-प्राणी क्वारेंटाइन सेंटर में गए गये हैं। इनमें 1 तेंदुआ और 5 अफ्रीकन कछुआ (कोर्ट केस) शामिल हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
राष्ट्रीय युवा संसद में भोपाल की रागेश्वरी अंजना को मिला प्रथम स्थान
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2022 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) के तीसरे संस्करण के समापन समारोह में संस्करण के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। इनमें भोपाल की रागेश्वरी अंजना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय युवा संसद, युवाओं को संसदीय प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से परिचित कराने के लिये एक अभिनव कार्यक्रम है।
- राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2022 में राजस्थान के डूंगरपुर के सिद्धार्थ जोशी ने द्वितीय और बठिंडा की अमरप्रीत कौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- राष्ट्रीय युवा संसद में रागेश्वरी ने ‘राष्ट्र निर्माण में देशभक्ति की भावना का महत्त्व’विषय पर अपने विचार रखे। रागेश्वरी बीयूआईटी, भोपाल की छात्रा हैं, वे एनएसएस कैडेट कोर की सदस्य भी हैं।
- एनवाईपीएफ का आयोजन उन युवाओं के विचार जानने के लिये किया जाता है, जो आने वाले वर्षों में सार्वजनिक सेवाओं सहित विभिन्न करियर में शामिल होंगे।
- एनवाईपीएफ का पहला संस्करण 12 जनवरी से 27 फरवरी, 2019 तक तथा दूसरा संस्करण 23 दिसंबर, 2020 से 12 जनवरी, 2022 तक आयोजित किया गया था।
- एनवाईपीएफ का तीसरा संस्करण 14 फरवरी, 2022 को ज़िला स्तर पर वर्चुअल माध्यम से शुरू किया गया था। 23 से 27 फरवरी, 2022 तक देश भर के 2.44 लाख से अधिक युवाओं ने ज़िला युवा संसदों के बाद राज्य युवा संसदों में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
- शीर्ष तीन राष्ट्रीय विजेताओं को प्रमाण-पत्र और पुरस्कार (क्रमश: 2,00,000 रुपए, 150,000 रुपए तथा 100,000 रुपए) प्रदान किया गया तथा 2 प्रतिभागियों को 50,000 रुपए का सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
साधना कला संस्थान द्वारा आयोजित तीनदिवसीय कला प्रदर्शनी का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2022 को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित टाउन हॉल में साधना कला संस्थान द्वारा आयोजित तीनदिवसीय कला सह छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने टाउन हॉल में लगाए गई साधना ढांढ की कलाकृतियों का अवलोकन किया और उनकी सराहना की।
- उन्होंने कहा कि साधना ढांढ ने अपने अथक् परिश्रम से कला की साधना कर अपने नाम को साकार किया है। उन्होंने अपनी दिव्यांगता को अपनी कमज़ोरी नहीं बनने दी। पिछले 40 वर्षों से अपनी सृजनात्मक क्षमता का उपयोग कर न केवल उन्होंने कला जगत् में नाम कमाया, बल्कि हज़ारों कलाप्रेमियों के लिये प्रेरणा बन उन्हें भी कला की शिक्षा दे रही हैं।
- मूर्तिकला, बोन्साई और फोटोग्राफी जैसी रचनात्मक विधाओं के ज़रिये वे अपनी कला को निरंतर परिष्कृत कर रही हैं।
- राज्यपाल ने कहा कि साधना ढांढ का कला के क्षेत्र में योगदान प्रदेश और देश के लोगों को प्रोत्साहित करेगा। दिव्यांगजनों के लिये वे सदा प्रेरणा बनी रहेंगी।
- कार्यक्रम के अंत में साधना ढांढ ने राज्यपाल को तंजौर कला पर आधारित भगवान गणेश का छायाचित्र भेंट किया। राज्यपाल ने भी साधना ढांढ को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
उत्तराखंड Switch to English
चुनाव जीतने वाले 70 प्रत्याशियों में 27 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चुनाव सुधार की वकालत करने वाले समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में विजयी सभी 70 प्रत्याशियों में से 19 (27 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
प्रमुख बिंदु
- एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के साथ 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जीतने वाले सभी 70 प्रत्याशियों द्वारा स्वघोषित हलफनामे का विश्लेषण किया गया है। विजयी 70 प्रत्याशियों में से 19 (27 प्रतिशत) ने हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।
- वहीं 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान किये गए विश्लेषण में 70 विधायकों में से 22 (31 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये थे।
- 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के विजयी 47 प्रत्याशियों में से 8 (17 प्रतिशत) प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
- कॉन्ग्रेस के विजयी 19 प्रत्याशियों में से 8 (42) प्रतिशत) ने दिये गए हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक केसों की जानकारी दी है।
- बीएसपी के विजयी दो प्रत्याशियों में से एक (50 प्रतिशत) और दो निर्दलीय जीतने वालों में दोनों ने ही आपराधिक मामले घोषित किये हैं।
- एडीआर ने अपने विश्लेषण में पाया कि भाजपा के विजयी 47 में से पाँच (11 प्रतिशत), कॉन्ग्रेस के विजयी 19 में से चार (21 प्रतिशत) तथा दो निर्दलीय में से एक ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।
- एडीआर रिपोर्ट के अनुसार विजयी 70 प्रत्याशियों में से 58 (83 प्रतिशत) प्रत्याशी करोड़पति हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में 51(73 प्रतिशत) प्रत्याशी करोड़पति थे।
- भाजपा के विजयी 47 प्रत्याशियों में 40 (85 प्रतिशत), कॉन्ग्रेस के विजयी 19 में से 15 (79 प्रतिशत), बसपा के दोनों विजयी प्रत्याशी और निर्दलीय दोनों विजेता में से एक (50 प्रतिशत) ने एक करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
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