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स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Feb 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई अधिनियम, 2020

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोगों के खिलाफ जारी वसूली नोटिस को वापस लेने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु 

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिसंबर 2019 में की गई कार्रवाई न्यायालय द्वारा निर्धारित नियमों के विपरीत थी, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क करने के लिये कार्रवाई में खुद एक ‘शिकायतकर्त्ता, निर्णायक और अभियोजक’की तरह काम किया है। इसलिये इसे कायम नहीं रखा जा सकता।
  • यह कार्यवाही ‘उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई अधिनियम, 2020’ के तहत की गई है।
  • इस अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा सार्वजनिक और निजी संपत्ति की नुकसान की वसूली के दावे के लिये अधिकरण के गठन का प्रावधान किया गया है, जिसका नेतृत्व राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक सेवानिवृत्त ज़िला न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा और इसमें एक अतिरिक्त आयुक्त रैंक के अधिकारी को शामिल किया जा सकता है।
  • यह अधिनियम एक ही घटना के लिये कई अधिकरणों के गठन की अनुमति देता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कार्यवाही तीन महीने के भीतर संपन्न हो जाए, साथ ही अधिकरण को एक ऐसे मूल्यांकनकर्त्ता की नियुक्ति का अधिकार है, जो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त पैनल में हानि का आकलन करने हेतु तकनीकीरूप से योग्य हो।

बिहार Switch to English

मुंगेर में गंगा नदी पर निर्मित रेल-सह-सड़क पुल की पहुँच पथ परियोजना का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार राज्य के मुंगेर में गंगा नदी पर ‘रेल-सह-सड़क पुल’की पहुँच पथ परियोजना का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुंगेर में राष्ट्रीय राजमार्ग 333बी पर गंगा नदी के ऊपर निर्मित रेल-सह-सड़क पुल के लिये 14.5 किमी लंबी पहुँच सड़क को कुल 696 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है।
  • यह ‘रेल-सह-सड़क पुल’बिहार में गंगा नदी पर निर्मित तीसरा रेल-सह-सड़क पुल है, जो मुंगेर-जमालपुर शहरों को बेगूसराय, खगड़िया और उत्तर बिहार के विभिन्न ज़िलों से जोड़ेगा।
  • 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने रेल-सह-सड़क पुल की नींव रखी थी। बिहार के वर्तमान सीएम नीतीश कुमार उस समय वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री थे।
  • इस पुल की मांग बहुत लंबे समय से की जा रही थी, जिसे निम्न प्रकार देखा जा सकता है-
  • 1953 में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी मुंगेर के लोगों से वादा किया था कि नदी पर एक पुल का निर्माण किया जाएगा।
  • 1971 में इंदिरा गांधी ने एक चुनाव प्रचार के दौरान इसी तरह के आश्वासन दोहराए थे।
  • रेल-सह-सड़क पुल को अंतत: 1997-98 के रेल बजट में (पूरक अनुदान के माध्यम से) सांकेतिक आवंटन प्राप्त हुआ।

राजस्थान Switch to English

सघन मिषन इंद्रधनुष 4.0 अभियान

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जयपुर में सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान का आरंभ किया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अभियान में 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा रहा है।
  • सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण में जयपुर ज़िले के करीब 487 बच्चों और 114 गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। 
  • इन बच्चों को नौ तरह की बीमारियों से बचाने के लिये बीसीजी, पोलियो, हेपेटाइट्स बी, पेंटावेलेंट, एफआईपीवी, आरवीवी, पीसीवी तथा एमआर के टीके लगाए जा रहे हैं। 
  • इस अभियान के अंतर्गत उन बच्चों को शामिल किया गया है, जो नियमित टीकाकरण से किसी भी कारणवश वंचित रह जाते हैं। इसी प्रकार नियमित टीकाकरण से वंचित गर्भवती महिलाओं को टीडी-1, टीडी-2 व बूस्टर टीडी के टीके लगाए जा रहे हैं।
  • सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान 209 सत्रों में आयोजित किया जा रहा है। 
  • इसका प्रथम चरण 13 फरवरी, 2022 तक संचालित होगा। इसके बाद अभियान का दूसरा चरण 7 मार्च से 13 मार्च, 2022 तक, तीसरा चरण 4 अप्रैल से 10 अप्रैल, 2022 तक संचालित किया जाएगा। 

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश में मिले डायनासोर के अंडे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के सेंधवा विकासखंड की वरला तहसील के जंगल में डायनासोर के अंडों से संबंधित जीवाश्म मिले हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • बड़वानी के जंगल में मिली 10 अंडाकार चटेानों की जाँच के पश्चात् पुरातत्त्वविद् डॉ. डीपी पांडे ने बताया कि ये डायनासोर के अंडे हैं, जो 60 लाख से 1 करोड़ वर्ष पुराने हो सकते हैं।
  • इन अंडों में  सबसे बड़े अंडे का वज़न करीब 40 किलो है, जबकि अन्य करीब 25 किलो तक के हैं। इनमें से 3 अंडों को इंदौर स्थित  संग्रहालय में रखा जाएगा।
  • धार ज़िले में 2007 में भी डायनासोर के जीवाश्म मिले थे, जिन्हें मांडू में बने फॉसिल पार्क में रखा गया है।
  • उल्लेखनीय है कि घुघुवा जीवाश्म उद्यान  मध्य प्रदेश के डिंडौरी ज़िले में शाहपुरा के पास स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है, जिसमें 18 जीव वैज्ञानिक कुलों के 31 वंशों के पौधों के जीवाश्म (फॉसिल) मिले हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘ओरो स्कॉलर’और ‘प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन’ कार्यक्रम शुरू

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने निवास कार्यालय में राज्य के कक्षा पहली से बारहवीं तक के स्कूली बच्चों के लिये ‘ओरो स्कॉलर’और विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिये ‘प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन’कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • ओरो स्कॉलर कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चे क्विज प्रतियोगिता में शामिल होकर हज़ारों रुपए की स्कॉलरशिप प्राप्त कर सकेंगे।
  • इसी प्रकार प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन कार्यक्रम विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें सामान्य बच्चों के साथ लाने के लिये है। 
  • ये दोनों कार्यक्रम श्री अरबिंदो सोसायटी के माध्यम से संचालित किये जाएंगे। 
  • मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि ओरो स्कॉलर कार्यक्रम कक्षा पहली से बारहवीं तक अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिये है। इसमें बच्चे ओरो स्कॉलर ऐप में अपना पंजीयन कर 20 क्विज में हिस्सा ले सकते हैं। प्रत्येक क्विज में 80 प्रतिशत अंक लाने पर उन्हें 50 रुपए प्राप्त होंगे। 20 क्विज में से सभी में 80 प्रतिशत अंक लाने पर एक माह में बच्चे को एक हज़ार रुपए मिलेंगे।
  • क्विज से प्राप्त पैसों से बच्चे न केवल आगे की पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करने में सक्षम हो सकेंगे, बल्कि अपने परिवार को भी आर्थिक सहयोग प्रदान कर सकेंगे। 
  • प्रोजेक्ट इन्क्ल्यूजन कार्यक्रम के अंतर्गत अरबिंदो सोसायटी द्वारा शिक्षकों को शारीरिक और मानसिक रूप से किसी-न-किसी रोग से ग्रस्त बच्चों की पहचान करना तथा उनके कमज़ोर क्षेत्रों को कैसे सुधारा जाए, इसकी जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से दी जाएगी। शिक्षक प्रशिक्षण लेने के बाद ऐसे बच्चों की पहचान कर उनकी खामियों को दूर कर उन्हें सामान्य बच्चों की तरह ही सीखने लायक बना सकेंगे।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में नौनिहालों के लिये की जाएगी ‘बालवाड़ी’की स्थापना

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में नौनिहालों की शिक्षा और शिक्षा स्तर में सुधार के लिये नई शिक्षा नीति के तहत ‘बालवाड़ी’की स्थापना की जाएगी। इन बालवाड़ी केंद्रों में खेल आधारित गतिविधियों के माध्यम से नौनिहालों के सीखने पर ज़ोर दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले चरण में राज्य भर में छह हज़ार से अधिक बालवाड़ी केंद्रों की स्थापना की घोषणा हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर की थी।
  • प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल के अंतर्गत 5 से 6 वर्ष आयु के बच्चों के लिये ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल ‘बालवाड़ी’की स्थापना की जाएगी, जहाँ आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला एक ही प्रांगण में हों।
  • प्रथम चरण में ऐसी 6 हज़ार से अधिक बालवाड़ी प्रारंभ की जाएंगी। राज्य में ऐसे केंद्रों की संख्या 6536 है, जहाँ प्राथमिक शालाएँ आंगनवाड़ी में ही स्थित हैं। प्रस्ताव के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही बालवाड़ी (बालवाटिका) का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
  • बालवाड़ी में प्रवेश के लिये 5 से 6 वर्ष आयु के बच्चों की अनुमानित संख्या एक लाख 15 हज़ार है। इन बच्चों के लिये एससीईआरटी ने बालवाटिका गतिविधि पुस्तिका भी तैयार कर ली है।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नई पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिये स्कूल शिक्षा से उच्च शिक्षा तक और रोज़गार से लेकर संस्कार विकसित करने तक अनेक कदम उठाए हैं।
  • प्रदेश के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों को भी भविष्य में बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिये स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम शालाओं की स्थापना की गई है। राज्य में अभी 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम शालाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनमें 20 हज़ार से अधिक बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है। इसी तरह ऐसी हिन्दी शालाओं की स्थापना भी प्रत्येक ज़िले में की जाएगी।

उत्तराखंड Switch to English

रवि चोपड़ा समिति

चर्चा में क्यों?

11 फरवरी, 2022 को पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने उत्तराखंड चारधाम सड़क चौड़ीकरण परियोजना के क्रियान्वयन की निगरानी के लिये सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस त्यागपत्र का कारण समिति की संस्तुतियों व सुझावों पर परियोजना से संबंधित अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना बताया गया है।
  • गौरतलब है कि चारधाम राजमार्ग परियोजना में पर्यावरणीय पहलुओं को लेकर वर्ष 2019 में  सुप्रीम कोर्ट ने 25 सदस्यीय इस  समिति का गठन किया था।
  • इस समिति ने चारधाम परियोजना में सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर तक सीमित रखने की संस्तुति की थी।
  • हालाँकि 14 दिसंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सामरिक महत्त्व वाले बदरीनाथ, गंगोत्री एवं पिथौरागढ़ राजमार्ग में सड़क की चौड़ाई 10 मीटर करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। 

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