झारखंड Switch to English
गणतंत्र दिवस परेड में तसर सिल्क
चर्चा में क्यों?
संथाल परगना क्षेत्र में प्रसिद्ध तसर रेशम के उत्पादन को प्रदर्शित करने वाली झारखंड की झाँकी को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिये चुना गया है।
- झारखंड उन 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल है, जिनकी झाँकी को परेड के लिये चुना गया है।
- मुख्य बिंदु:
- देश को झारखंड के दुमका और गोड्डा के रेशम से परिचित कराया जायेगा।
- तसर रेशम की सरिहान किस्म दुमका ज़िले में पाई जाती है।
- रेशम चार प्रकार के होते हैं - शहतूत, इरी, मूगा और तसर। शहतूत, इरी और मुगा सामान्य रूप से पाए जाते हैं जिन्हें घर के अंदर उत्पादित किया जा सकता है लेकिन तसर जंगल में प्राकृतिक रूप से मिलता है।
- देश का 70% तसर का उत्पादन झारखंड में होता है, जिसमें से 40% उत्पादन राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में होता है।
- तसर रेशम को बिहार के भागलपुर ले जाया जाता है, जहाँ उसके उत्पाद बनाये जाते हैं।
भारत के रेशम उद्योग की स्थिति
- भारत, चीन के बाद कच्चे रेशम का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत में रेशम के विविध प्रकार मौजूद हैं, जिनमें शहतूत, तसर, मुगा और इरी शामिल हैं। ये विविधताएँ रेशमकीटों की विशिष्ट भोजन आदतों से उत्पन्न होती हैं।
- रेशम उद्योग भारत के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा अर्जक (Foreign Exchange Earners) में से एक है, जो देश के आर्थिक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
- देश में प्रमुख रेशम उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल हैं।
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