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सिंदरी प्लांट में नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू
चर्चा में क्यों?
8 नवंबर, 2022 को झारखंड में हिंदुस्तान उर्वरक एव रसायन लिमिटेड (HURL) के सिंदरी प्लांट में नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन का काम शुरू हो गया।
प्रमुख बिंदु
- इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहा है। आत्मनिर्भर भारत के सपने की तरफ कदम बढ़ाते हुए मेड इन इंडिया यूरिया उत्पादन होने से देश के किसानों को इसका काफी लाभ मिलेगा।
- गौरतलब है कि भारतीय उर्वरक निगम लिमिटेड (एफसीआईएल) की मौजूदा सिंदरी उर्वरक इकाई झारखंड राज्य के धनबाद ज़िले में स्थित है।
- हर्ल प्रोजेक्ट सिंदरी की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई, 2018 को रखी थी। कारखाने से यूरिया का उत्पादन 31 दिसंबर, 2020 को होना था, परंतु वैश्विक महामारी कोविड के कारण प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ और उत्पादन के अपने निर्धारित समय से पिछड़ गया। कोरोना के कारण हर्ल प्रोजेक्ट से यूरिया उत्पादन निर्धारित लक्ष्य से लगभग 22 महीने बाद शुरू हुआ।
- उल्लेखनीय है कि यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया जाता है, जिसके कारण इसे नीम कोटेड यूरिया कहा जाता है। यूरिया के ऊपर नीम का लेप नाइट्रीफिकेशन अवरोधी के रूप में कार्य करता है।
- नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है, जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नत्रजन पोषक तत्त्व की उपलब्धता होती है एवं फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।
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