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हरियाणा संस्कृत अकादमी ने की वर्ष 2021 के लिये साहित्यकार सम्मानों की घोषणा
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि राज्य की संस्कृत अकादमी ने वर्ष 2021 के लिये साहित्यकार सम्मानों की घोषणा कर दी है।
प्रमुख बिंदु
डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान के लिये डॉ. देवी सहाय पांडेय (अयोध्या) को तथा हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान के लिये प्रो. कमला भारद्वाज को चुना गया है।
- वर्ष 2021 के लिये महर्षि वाल्मीकि सम्मान पुरस्कार हेतु करनाल के डॉ.सत्यपाल शर्मा, आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान पुरस्कार के लिये पंचकूला के सर्वेश्वर प्रसाद सेमवाल को, महर्षि वेदव्यास सम्मान पुरस्कार हेतु कुरुक्षेत्र के प्रो.अरुणा शर्मा को तथा महर्षि विश्वामित्र सम्मान पुरस्कार के लिये अंबाला के डॉ. चंद्र कुमार झा को चुना गया है।
- महाकवि बाणभट्ट सम्मान के लिये फरीदाबाद के डॉ.गीता आर्या को, गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान हेतु पंचकूला के आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र को चुना गया है। इनके अलावा विद्या मार्तण्ड पं. सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान के लिये करनाल की अंजू बाला का चयन किया गया है।
- विशिष्ट संस्कृत सेवा सम्मान पुरस्कार कैथल के राजेश नैन को उनकी संस्कृत क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिये प्रदान किया जाएगा। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान वर्ष 2021 के लिये गुरु रविदास संस्कृत महाविद्यालय (गुरुकुल पोहडका) सिरसा का चयन किया गया है।
- डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि इससे पहले अकादमी द्वारा वर्ष 2017 से 2020 तक के पुरस्कारों के लिये चयनित साहित्यकारों को सम्मानित किया जा चुका है तथा शीघ्र ही इन चयनित साहित्यकारों को समारोह आयोजित कर सम्मान प्रदान किये जाएंगे।
- ज्ञातव्य है कि संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान और हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान के लिये साहित्यकार को दो लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है। इसी तरह महर्षि वाल्मीकि सम्मान, आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान, महर्षि वेदव्यास सम्मान, महर्षि विश्वामित्र सम्मान के लिये डेढ़ लाख रुपए प्रदान किये जाते हैं।
- इनके अलावा, महाकवि बाणभट्ट सम्मान, गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्या मार्तण्ड पंडित सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान और विशिष्ट संस्कृत सेवा सम्मान के लिये एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।
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हरियाणा को मिला ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य कृषि व्यवसाय पुरस्कार-2022’
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2022 को भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा नई दिल्ली में इंडिया एग्रीबिज़नेस अवार्ड-2022 के तहत कृषि क्षेत्र में नीतियों, कार्यक्रमों, उत्पादन, इनपुट, प्रौद्योगिकियों, विपणन, मूल्यवर्धन, बुनियादी ढाँचे और निर्यात के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदानकर्त्ताओं को प्रस्तुत करने के लिये हरियाणा को ‘बेहतर राज्य’की क्षेणी में पुरस्कृत किया गया।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा के कृषि एवं विकास कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने बताया कि हरियाणा राष्ट्रीय खाद्यान्न पूल में सबसे बड़ा योगदान देने वाले राज्यों में से एक है। राज्य ने बागवानी और कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने की दिशा में विविधीकरण के लिये कई नीतिगत पहलें की हैं तथा लगभग 400 बागवानी फसल समूहों की मैपिंग की है और 700 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है।
- क्लस्टरों में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मज़बूत करने के लिये, हरियाणा ने एक महत्त्वाकांक्षी योजना ‘फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीसीडीपी)’ शुरू की है, जिसमें एफपीओ के माध्यम से एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने के लिये 35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। अब तक 30 एकीकृत पैक हाउस स्थापित किये जा चुके हैं और चालू वित्त वर्ष के अंत तक ऐसे कुल 100 एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने का लक्ष्य है।
- कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों और कृषि उत्पादों के लिये अंतिम मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने हेतु कुल 37 कृषि क्षेत्र की कंपनियों ने कृषि-व्यवसाय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये बाय बैक तंत्र के साथ एफपीओ उत्पादों के व्यापार और विपणन हेतु 34 एफपीओ के साथ 54 समझौता ज्ञापन निष्पादित किये हैं।
- उन्होंने बताया कि हरियाणा ‘भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई)’ के माध्यम से मूल्य संरक्षण में अग्रणी रहा है और बागवानी फसलों के लिये 24 करोड़ (पिछले तीन वर्षों में) तथा बाजरा लगभग 750 करोड़ रुपए के साथ प्रोत्साहित किया गया। इसमें वर्ष 2021-22 में 437 करोड़ रुपए से 41 लाख किसानों को कवर किया गया, जबकि वर्ष 2022-23 में लगभग 310 करोड़ रुपए से लगभग 2.25 लाख किसानों को कवर किया गया।
- हरियाणा प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन में भी अग्रणी है और इसने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से 11 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये हैं। राज्य में राष्ट्रीय कौशल मिशन के तहत साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से 2500 से अधिक किसानों और उद्यमियों को कुशल बनाने के लिये एक प्रीमियम बागवानी प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित है।
- कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि हरियाणा के गन्नौर में एशिया की सबसे बड़ी हार्टिकल्चर मार्केट बनने जा रही है। इसके बनने से हरियाणा के किसानों के साथ-साथ पूरे देश के किसानों को इसका फायदा मिलेगा। इस मार्केट के बनने से कृषि से संबंधित लोगों के लिये उनको एक ही जगह पर सभी चीज़ें उपलब्ध होंगें, जैसे- सब्जियाँ, फल, फूल, मछली व ड्राई फ्रूट्स आदि। यह मार्केट पेरिस और स्पेन की मार्केट से भी बेहतर बनाई जाएगी।
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