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मध्य प्रदेश ने एक दिन में फिर बनाया वैक्सीनेशन में रिकॉर्ड
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में शत-प्रतिशत कोविड-19 टीकाकरण के लिये चलाए जा रहे महाअभियान में रात्रि 9 बजे तक 13 लाख 52 हज़ार टीके लगाए गए, जो देश में हुए कोविड टीकाकरण में सर्वाधिक हैं।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि राज्य में दिसंबर 2021 तक प्रदेश के शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये 10, 17 और 24 नवंबर एवं एक दिसंबर को कोविड टीकाकरण महाअभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में 10 नवंबर को कोविड टीकाकरण महाअभियान-5 संचालित किया गया।
- इस महाअभियान में प्रदेश में 11 हज़ार 159 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन लगाने की सभी व्यवस्थाएँ की गई थीं।
- महाअभियान को सफल बनाने के लिये विशेष रणनीति बनाई गई है मुख्यमंत्री के आग्रह पर जन-प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों, जन-अभियान परिषद के कार्यकर्त्ताओं ने लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने हेतु टीकाकरण केंद्र जाने के लिये प्रेरित किया।
- इसी प्रकार स्कूली और महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं, एनसीसी और एनएसएस के छात्र-छात्राओं ने कोरोना टीकाकरण के लिये परिजनों को प्रेरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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प्रधानमंत्री-स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश देश में प्रथम
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री-स्वनिधि योजना में मध्य प्रदेश ने केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021-22 के लिये दिये गए लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- उन्होंने बताया कि योजना में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 4 लाख 5 हज़ार पथ-विक्रेताओं को लाभान्वित किया जा चुका है।
- उल्लेखनीय है कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था में विशेषरूप से पथ-विक्रेताओं का बुरा हाल था। इन्हें पुन: अपना रोज़गार स्थापित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 जुलाई, 2020 को पीएम-स्वनिधि योजना शुरू की गई थी। इसमें पथ-विक्रेताओं को ब्याज मुक्त 10 हज़ार रुपए का ऋण दिया जाता है।
- योजना में 10 हज़ार रुपए के ऋण को अदा करने वाले पथ-विक्रेताओं को द्वितीय चरण में 20 हज़ार और फिर 50 हज़ार रुपए का ऋण स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। द्वितीय चरण के क्रियान्वयन में भी मध्यप्रदेश देश में अव्वल है।
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