नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Oct 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
राजस्थान Switch to English

राज्य में विधानसभा चुनाव-2023 का कार्यक्रम घोषित

चर्चा में क्यों?

9 अक्तूबर, 2023 को राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने शासन सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव-2023 की घोषणा कर दी गई है। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश की सभी दो सौ सीटों के लिये आगामी 23 नवंबर, 2023 को मतदान होगा तथा 3 दिसंबर को मतगणना होगी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में कुल 5 करोड़ 27 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। चुनाव घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
  • आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही प्रदेश में स्थानांतरण एवं नियुक्तियों पर रोक लग गई है। अति आवश्यक होने पर राज्य सरकार निर्वाचन आयोग से मंज़ूरी लेने के बाद ही चुनाव से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्थानांतरित कर सकेगी।
  • प्रदेश की सभी दो सौ सीटों के लिये चुनाव प्रक्रिया के तहत 30 अक्तूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने का काम शुरू हो जाएगा। राज्य में 6 नवंबर तक नामांकन दाखिल किये जा सकेंगे। 7 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी तथा 9 नवंबर तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। 23 नवंबर को मतदान होगा तथा 3 दिसंबर को मतगणना होगी।
  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में 34 अनुसूचित जाति, 25 अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित हैं, वहीं 141 सीटें सामान्य वर्ग के लिये हैं।
  • उन्होंने बताया कि सरकारी वाहनों, हेलीकॉप्टर एवं विमान के चुनाव कार्यों में उपयोग पर भी रोक रहेगी। चुनाव के दौरान किसी भी प्रकाशन सामग्री यथा पोस्टर, पैंफलेट आदि पर प्रकाशक और मुद्रक का नाम आवश्यक रूप से प्रकाशित करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले प्रिंटिंग प्रेस स्वामियों पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 (क) के तहत कार्यवाही की जाएगी।
  • मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन के अनुसार राज्य में कुल 5 करोड़ 27 लाख से अधिक मतदाता हैं। इसमें 2 करोड़ 75 लाख से अधिक पुरुष और 2 करोड़ 51 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं। 1 लाख 41 हज़ार 898 सर्विस मतदाता भी हैं।
  • प्रदेश में कुल 51 हज़ार 756 मतदान केंद्र हैं, जिनमें 10 हज़ार 415 शहरी तथा 41 हज़ार 341 ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। 18 से 19 वर्ष की आयु के लगभग 22 लाख युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
  • गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों एवं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग श्रेणी के विशेष योग्यजन मतदाताओं के लिये प्रदेश में पहली बार विधानसभा आम चुनावों में होम वोटिंग की पहल की गई है। इन चुनावों में 18.05 लाख से अधिक मतदाताओं को विकल्प के तौर पर ये सुविधा मिल सकेगी।
  • आयोग के निर्देशानुसार महत्त्वपूर्ण मतदान केंद्रों और संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित सभी मतदान केंद्रों में अथवा सहायक मतदान केंद्रों सहित कुल मतदान केंद्रों के 50 फीसदी से ज़्यादा 26 हज़ार मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी।
  • आयोग ने व्यापक सहभागिता और पारदर्शिता लाने के लिये आईटी एप्लीकेशन का उपयोग बढ़ाया है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की सी-विजिल ऐप के ज़रिये शिकायत की जा सकती है। केवाईसी ऐप के ज़रिये उम्मीदवार के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसी तरह वोटर हैल्प लाइन ऐप, सक्षम ऐप और सुविधा पोर्टल के ज़रिये भी घर बैठे संबंधित सूचनाएँ और सुविधाएँ प्राप्त की जा सकती हैं।
  • लैंगिक समानता और निर्वाचन प्रक्रिया में महिलाओं की रचनात्मक भागीदारी को बढ़ाने के लिये प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित कुल 1600 मतदान केंद्र, दिव्यांगजन द्वारा कुल 200, युवाओं द्वारा संचालित कुल 1600 एवं आदर्श मतदान केंद्र 1600 स्थापित किये जाएंगे।
  • प्रदेश में पहली बार PVTG श्रेणी के अंतर्गत शामिल सहरिया जनजाति के समस्त पात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल किये जा चुके हैं। इस श्रेणी में प्रदेश में कुल 77 हज़ार 343 मतदाता हैं।


राजस्थान Switch to English

राजस्थान में होगा जाति आधारित सर्वेक्षण

चर्चा में क्यों?

7 अक्तूबर, 2023 को राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रदेश में जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी। सर्वेक्षण में राज्य के समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर के संबंध में जानकारी एवं आँकड़े एकत्रित किये जाएंगे।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय की अनुपालना में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।
  • राज्य सरकार द्वारा इनका विशेष अध्ययन कराकर वर्गों के पिछड़ेपन की स्थिति में सुधार लाने के लिये विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएँ लागू की जाएंगी। इससे सभी वर्गों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
  • सर्वेक्षण कार्य आयोजना (आर्थिक एवं सांख्यिकी) विभाग द्वारा नोडल विभाग के रूप में संपादित किया जाएगा। साथ ही, सभी ज़िला कलेक्टर सर्वेक्षण के लिये नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्मिकों की सेवाएँ ले सकेंगे।
  • इस कार्य के लिये नोडल विभाग द्वारा प्रश्नावली तैयार की जाएगी। इसमें उन समस्त विषयों का उल्लेख होगा, जिनसे प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।
  • सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाएँ एवं आँकड़े ऑनलाइन फीड किये जाएंगे। इसके लिये सूचना-प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा पृथक् से विशेष सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल ऐप बनाया जाएगा। सर्वेक्षण से प्राप्त संकलित की गई सूचनाएँ विभाग सुरक्षित रखेगा।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow