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झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज-2023
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को झारखंड के धनबाद आईआईटी आईएसएम द्वारा आयोजित झारखंड स्कूल इनोवेशन चैलेंज-2023 के ग्रैंड फिनाले का रिजल्ट जारी कर दिया गया है, जिसमें पूर्वी सिंहभूम का लोयला स्कूल स्टेट चैंपियन बना।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि पर्यावरणविदों के लिये कचरे में फेंकी जाने वाली प्लास्टिक की बोतल हमेशा चिंता का विषय बनी रही है। वे हमेशा इसके उचित प्रबंधन के तरीके तलाशते रहते हैं। इसी दिशा में पूर्वी सिंहभूम के लोयोला स्कूल की टीम ने इस समस्या का रचनात्मक समाधान दिया है।
- पूर्वी सिंहभूम के लोयला स्कूल के छात्र सागर कुमार व संकल्प कुमार ने यूज़ (प्रयुक्त) व बेकार प्लास्टिक को उपयोगी पदार्थ में बदलने की तकनीक विकसित की है।
- लोयोला स्कूल, जमशेदपुर के छात्रों की टीम ने कचरा में फेंक दी जाने वाली प्लास्टिक की बोतल से काम की चीज़ें तैयार करने वाला थ्री डी प्रिंटर तैयार किया है। यह थ्री डी प्रिंटर पहले मशीन की मदद से प्लास्टिक की बोतलों को काट कर महीन फाइबर में बदल देता है, फिर इस फाइबर को मोल्ड कर थ्री डी प्रिंटर से उपयोगी सामान बना देता है। यह प्रोजेक्ट कचरा प्रबंधन का रचनात्मक तरीका है।
- आईआईटी आईएसएम का नरेश वशिष्ट सेंटर फॉर इनोवेशन एंड टिंकरिंग (एनवीसीटीआई) इस उत्पाद की मार्केटिंग में सहयोग करेगा।
- प्रतियोगिता में देवघर ज़िला के मधुपुर के महेंद्र मुनि सरस्वती विद्या मंदिर की टीम द्वितीय और जमशेदपुर के हिल टॉप स्कूल की टीम तृतीय स्थान पर रही।
- इनके साथ ही क्रमश: चौथे और पाँचवें स्थान पर रही डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल जमशेदपुर और एसडीएसएम स्कूल जमशेदपुर की टीम को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
- ग्रैंड फिनाले में पूरे राज्य से 10 स्कूल की टीम पहुँची थी। पुरस्कृत पाँच बेस्ट आइडिया में चार जमशेदपुर के स्कूलों की टीम हैं।
- मुख्य अतिथि व झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डॉ.) डीके सिंह ने विजेता टीम को को 50 हज़ार रुपए नकद पुरस्कार और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
- महेंद्र मुनि सरस्वती विद्या मंदिर की टीम (अमन कुमार, अंशु कुमार व रोशन कुमार) ने मिलकर फायर फाइटर ड्रोन विकसित किया है। यह ड्रोन खुद से पास के जल स्रोत से पानी उठा कर आग पर इसका छिड़काव करने में समक्ष है।
- अमन कुमार ने बताया कि उन्हें इसे विकसित करने का विचार देवघर के एक स्कूल में चार-पाँच महीने पहले लगी आग की वजह से आया। तीनों ने मिलकर करीब दो महीने पहले इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था। इस ड्रोन को विकसित करने की पूरी लागत 14 हज़ार रुपए है। इसमें 2200 एमएएच बैटरी का उपयोग किया गया है। यह ड्रोन को बिजली आपूर्ति करती है।
- हिल टॉप पब्लिक स्कूल, जमशेदपुर की टीम (आरुष कुमार, दर्शिल त्रिपाठी और सिद्धार्थ सिंह) ने किसानों के लिये मददगार खेत रक्षक ऐप तैयार किया है। यह ऐप समय रहते बताएगा कि खेतों में लगी फसलों पर टिड्डों का कब हमला होने वाला है। इससे किसान समय रहते खेतों में कीटनाशकों का इस्तेमाल कर टिड्डों का हमला रोक सकते हैं।
- साथ ही, यह ऐप फसलों में होने वाली बीमारियों की पहचान में सक्षम है। इसके बाद किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के उपाय कर सकते हैं। यह ऐप किसानों के व्हाट्सअप के साथ एसएमएस के ज़रिये हर पाँच मिनट में खेतों की अद्यतन स्थिति की जानकारी देगा।
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3400 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा ओडिशा-झारखंड एक्सप्रेस-वे, डीपीआर तैयार
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ओडिशा के लिट्टीबेडा से झारखंड की राजधानी राँची में सीठियो (रिंग रोड) तक बननेवाले एक्सप्रेस-वे की डीपीआर तैयार हो गई है। कुल 147 किमी. लंबा एक्सप्रेस-वे बनना है, जो पूरी तरह से ग्रीन कॉरिडोर होगा।
प्रमुख बिंदु
- इसमें से 121 किमी. झारखंड में बनना है। यहाँ करीब 3400 करोड़ रुपए से तीन फेज का काम होना है। इसमें भू-अर्जन की भी राशि शामिल है। वहीं, ओडिशा में करीब 26 किमी. का निर्माण कराया जाएगा। इसकी लागत करीब 700 करोड़ रुपए आएगी।
- इस सड़क के बन जाने से राँची से संबलपुर करीब दो घंटे में ही पहुँचा जा सकेगा।
- विदित है कि इस सड़क का एलाइनमेंट फाइनल नहीं हो रहा था। एक बार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इसमें संशोधन कराया गया था। वहीं फिर एक बार इस पर आपत्ति हुई। ऐसे में डीपीआर में कई बार बदलाव हुआ।
- जंगली जानवरों, हाथियों आदि के गुज़रने के लिये कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। जंगली जानवर सड़क पर न आ जाएँ, इसके लिये आठ फीट ऊंचा गार्डवाल बनाया जाएगा। सुरक्षा को लेकर कई उपाय किये जा रहे हैं।
- झारखंड में तीन चरणों में काम होना है। पहले चरण में केरिया से क्योंदपानी तक करीब 30.35 किमी. का काम होना है। वहीं दूसरे चरण में क्योंदपानी से लतरा तक 43.7 किमी. तथा तीसरे चरण में लतरा से सीठियो (राँची) तक करीब 47 किमी. का काम होगा।
- वहीं, ओडिशा में लिटेीबाड़ा से जोराम होते हुए जामटोली (केरिया) तक दो चरणों में सड़क बनेगी।
- दूसरा सुबर्नशिला सम्मान शेखर मल्लिक, दिलीप चक्रवर्ती और शांता चक्रवर्ती को दिये जाने की हुई घोषणा
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दूसरा सुबर्नशिला सम्मान शेखर मल्लिक, दिलीप चक्रवर्ती और शांता चक्रवर्ती को दिये जाने की हुई घोषणा
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को झारखंड के घाटशिला नगर की सांस्कृतिक साहित्यिक संस्था ‘विभूति स्मृति संसद’द्वारा प्रतिवर्ष बांग्ला सहित अन्य भाषाओं में उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिये दिये जाने वाला ‘सुबर्नशिला सम्मान’इस वर्ष घाटशिला के साहित्यकार प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य और राज्य के उप महासचिव शेखर मल्लिक सहित दिलीप चक्रवर्ती और शांता चक्रवर्ती को दिये जाने की घोषणा हुई है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि गत वर्ष हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कथाकार रणेंद्र जी को यह सम्मान प्रदान किया गया था।
- इस साल साहित्यकार शेखर मल्लिक के साथ बांग्ला के वरिष्ठ लेखक पत्रकार दिलीप चक्रवर्ती (‘अनटोल्ड स्टोरीज़ ऑफ इप्टा एंड निरंजन सेन’पुस्तक के मित्रा सेन मजूमदार के साथ सह संपादक) और बांग्ला भाषा की कवयित्री शांता चक्रवर्ती को भी यह सम्मान दिया जा रहा है।
- ज्ञातव्य है कि शेखर मल्लिक की अब तक 5 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश के जाने-माने लेखक शेखर मल्लिक सामाजिक, राजनीतिक सरोकारों की कहानियाँ लिखते हैं। आदिवासी जीवन पर इनका उपन्यास कालचिति बहुत मशहूर है और ‘डायनमारी’, ‘जंगल मोर दुलाड़िया’जैसी कहानियाँ भी चर्चित हैं।
- इसी वर्ष शेखर को भारतीय भाषा परिषद् कोलकाता का प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार मिला था।
- दिलीप चक्रवर्ती कोलकाता प्रेस क्लब के मानद आजीवन सदस्य हैं। उन्हें कलम सेना सम्मान मिला है। दिलीप चक्रवर्ती की कुछ चर्चित पुस्तकें ‘ताहादेर प्रेम कथा’, ‘लॉक डाउनेर दिनगुली’ और ‘श्रेणी संग्रामेर सब्यसाची’ आदि हैं।
- शांता चक्रवर्ती कविता लेखन और पत्रकारिता करती हैं। वे स्रोत स्वमिनी इच्छामती की संपादिका हैं। उनकी कविताएँ बांग्लाभाषी पाठक समुदाय में बहुत सराही गई हैं।
- ‘विभूति स्मृति संसद’घाटशिला की ओर से जारी सूचना के अनुसार विभूति भूषण बंद्योपाध्याय की 129वीं जयंती के मौके पर आगामी 12 सितंबर, 2023 को विभूति मंच, कॉलेज रोड (घाटशिला) में एक साहित्य सभा के अंतर्गत यह सम्मान समारोह आयोजित होगा।
- इस साहित्य सभा में प्रसिद्ध रंग निर्देशक प्रोबीर गुहा, साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार विजेता अंग्रेज़ी लेखक सौवेंद्र शेखर हांसदा सहित कोलकाता, घाटशिला और आसपास के अनेक साहित्यप्रेमी, रंगकर्मी जुटेंगे।
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