उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों में लागू होगा ई-ऑफिस
चर्चा में क्यों?
- 10 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार राज्य भर में सभी सरकारी कामकाज को पूरी तरह ई-ऑफिस के माध्यम से करेगी, इसलिये सभी ज़िलों में ई-ऑफिस लागू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- शासन स्तर पर यह व्यवस्था लागू होने के बाद अब ज़िलों व मंडलों में स्थित सरकारी दफ्तरों में भी यह व्यवस्था लागू होगी।
- हाल ही में कन्नौज ज़िले में पूरी तरह ई-ऑफिस लागू हो चुका है और उसी के अनुसार वहाँ कार्यालयों में फाइलों का मूवमेंट हो रहा है।
- अब ज़िलों में सभी कर्मचारियों के ई-मेल आईडी जेनरेट कराने का काम शुरू होगा। उसके बाद उनका प्रशिक्षण होगा। इसके अलावा मंडल स्तर पर काम कर रहे सभी सरकारी विभागों में भी यही व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इससे एक तरह से सरकारी काम में पेपरलेस व्यवस्था लागू होगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में पूरे प्रदेश के सभी विभागों, ज़िलों, मंडलों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के आदेश दिये थे। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से यह काम शुरू हुआ।
- हाल ही में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इसे सभी ज़िलों व मंडलों में लागू करने को कहा है। इससे ज़िलों के कलेक्ट्रेट व अन्य सरकारी कार्यालयों में पत्रावलियाँ डिजिटाइज होंगी। इसके ज़रिये सरकारी कार्मिकों के काम की भी निगरानी होगी।
- ज़िलाधिकारी किसी भी पत्रावली की मॉनीटरिंग कर सकेंगे और इससे ज़िलों से शासन को जाने वाली पत्रावलियों का काम तेज़ी से हो सकेगा।
- सचिवालय के 93 विभागों में शत-प्रतिशत ई-ऑफिस व्यवस्था लागू हो चुकी है। ई-ऑफिस माध्यम से अब तक 8654 फाइल जारी हो चुकी हैं। 150 विभागाध्यक्ष कार्यालय में से अब तक 46 में ई-ऑफिस लागू हो चुका है और इसी के अनुरूप काम हो रहा है।
- पुलिस से जुड़े 90 कार्यालयों व विभागों में केवल 35 में ही यह व्यवस्था लागू हो पाई है, जिसमें अब तक 8181 फाइल जारी हो चुकी हैं। अभी किसी मंडल स्तर पर यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है।
- ई-ऑफिस क्या है?
- ई-ऑफिस यह एक सरलीकृत, उत्तरदायी, प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी कार्यप्रणाली प्राप्त करने का एक माध्यम है।
- ई-ऑफिस की गति और दक्षता विभागों को सूचित और त्वरित निर्णय लेने में सहायता करती है। इससे सिस्टम के ज़रिये जहाँ सरकारी काम में वक्त की बचत होगी, वहीं सरकारी काम में पारदर्शिता आएगी।
बिहार Switch to English
बिहार में वेटलैंड्स की देखरेख के लिये आर्द्रभूमि मित्र (केयरटेकर) का होगा का चयन
चर्चा में क्यों?
- 10 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में 45 वेटलैंड्स का हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है तथा वेटलैंड्स की देखरेख के लिये आर्द्रभूमि मित्र (केयरटेकर) का चयन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के 10 ज़िलों में करीब 10 हज़ार 778 हेक्टेयर में फैले 45 वेटलैंड्स का हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य इनके विकास सहित उपयोग की कार्य योजना बनाना है।
- इन दस ज़िलों में मुज़फ्फरपुर, बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बक्सर शामिल हैं। इनमें से समस्तीपुर ज़िले में सबसे अधिक 11 वेटलैंड्स करीब 3910 हेक्टेयर में हैं।
- राज्य चार ज़िलों के चार वेटलैंड्स को रामसर साइट घोषित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी कर रहा है। इनमें पश्चिम चंपारण ज़िले में लगभग 319.7 हेक्टेयर में फैली उदयपुर झील, भागलपुर ज़िले में लगभग छह हज़ार हेक्टेयर में फैली विक्रमशिला डॉल्फिन सेंचुरी, कटिहार ज़िले में लगभग 137 हेक्टेयर में फैली गोगाबिल झील और बक्सर ज़िले में लगभग 125 हेक्टेयर में फैला गोकुल जलाशय शामिल हैं।
- फिलहाल राज्य में बेगूसराय ज़िले का कांवरताल रामसर साइट घोषित किया जा चुका है।
- क्या है रामसर साइट?
- रामसर साइट अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाले वेटलैंड्स को घोषित किया जाता है। विश्व के रामसर साइट घोषित वेटलैंड्स के संरक्षण और उसे बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को सहित विश्व की अन्य संस्थाओं द्वारा सहयोग किया जाता है। ईरान के रामसर में साल 1971 को वेटलैंड्स सम्मेलन हुआ था। उसमें कई देशों ने संधि पर हस्ताक्षर किये, जिसमें भारत भी शामिल था।
राजस्थान Switch to English
इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण) का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
- 10 सितंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रियंका गांधी ने टोंक ज़िले के निवाई स्थित झिलाय से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के नाम से लाई गई ‘इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण)’ के तहत पूरे प्रदेश में 400 ग्रामीण इंदिरा रसोइयों का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शहरों में सार्वजनिक, धार्मिक, व्यावसायिक स्थलों एवं कच्ची बस्तियों के आस-पास इंदिरा रसोई खुलने से मज़दूरों, विद्यार्थियों, कामकाजी लोगों को मात्र 8 रुपए में पौष्टिक भोजन मिल रहा है।
- राज्य सरकार ने ‘कोई भूखा न सोए’ की संकल्पना को साकार करने के लिये इंदिरा रसोइयों का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में किया है। इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण) के तहत आज पूरे प्रदेश में 400 ग्रामीण इंदिरा रसोईयों का शुभारंभ किया गया है। 25 सितंबर तक इनकी संख्या बढ़ाकर 1000 कर दी जाएगी।
- विदित है कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नगरीय निकायों में करीब 1000 इंदिरा रसोई के सफल संचालन के बाद उपयोगिता को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में भी 1000 रसोइयाँ प्रारंभ करने की बजट 2023-24 में घोषणा की थी। इस योजना में वर्षभर में 1000 रसोईं से ग्रामीण क्षेत्र में ज़रूरतमंदों को करीब 7 करोड़ 30 लाख भोजन थालियाँ परोसने का लक्ष्य रखा गया है।
- शहरी क्षेत्रों की करीब 1000 इंदिरा रसोईं से अब तक 13 करोड़ से अधिक पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन की थालियाँ आमजन को परोसी जा चुकी हैं। इंदिरा रसोई योजना में भामाशाहों द्वारा भी भोजन प्रायोजित किया जा सकता है।
- नगरीय क्षेत्रों में संचालित इंदिरा रसोई योजना से गरीब एवं ज़रूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपए में सुविधापूर्ण वातावरण में सम्मानपूर्वक पौष्टिक भोजन मिल रहा है। इस योजना का लाभ विद्यार्थियों एवं श्रमिकों सहित सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है। यह महँगाई के दौर में बाहर से आने वाले विद्यार्थियों एवं कार्मिकों एवं हर ज़रूरतमंद के लिये एक वरदान साबित हो रही है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास ‘समत्व भवन’में संपन्न हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना’की स्वीकृति के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना’अब ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना’के रूप में जानी जाएगी।
- इस योजना को सभी वर्गों के आवासहीन पात्र परिवारों के लिये मान्य किया जाएगा। भविष्य में जब-जब ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’के अंतर्गत आवास निर्माण की इकाई लागत वृद्धि होगी, तब-तब इस योजना के अंतर्गत भी इकाई लागत में वृद्धि की जाएगी।
- मंत्रि-परिषद ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित ‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना’में संलग्न रसोईयों के वर्तमान मासिक मानदेय 2 हज़ार रुपए में वृद्धि करते हुए नवीन मानदेय 4 हज़ार रुपए प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है। इससे 2 लाख 10 हज़ार रसोइये लाभान्वित होंगे।
- मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों तथा दिव्यांगजनों के बैकलॉग/कैरी फॉरवर्ड पदों की पूर्ति के लिये विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा में 1 जुलाई, 2023 से 30 जून, 2024 तक एक वर्ष की वृद्धि की गई है।
- मंत्रि-परिषद ने अतिथि शिक्षकों को दिये जाने वाले मासिक मानदेय में दोगुनी वृद्धि की स्वीकृति दी है। वर्ग-1 को वर्तमान में प्राप्त मानदेय 9 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 18 हज़ार रुपए, वर्ग-2 का मानदेय 7 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 14 हज़ार रुपए और वर्ग-3 का मानदेय 5 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 10 हज़ार रुपए किया गया है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में मॉब लिंचिंग के अपराध पीड़ितों और उनके आश्रितों को राहत व पुनर्वास के लिये म।प्र। मॉब लिंचिंग पीड़ित प्रतिकर योजना 2023 लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।
- इस योजना के तहत मॉब लिंचिंग के अपराध में पाँच या अधिक व्यक्तियों की भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, खानपान, यौन अभिरुचि, राजनीतिक संबद्धता, जातीयता अथवा अन्य ऐसे आधार या आधारों पर हानि या क्षति कारित करने के लिये हिंसा का कोई कृत्य या कृत्यों की कोई श्रृंखला को शामिल किया गया है।
- योजना के तहत मॉब लिंचिंग की घटना में पीड़ितों को प्रतिकर राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान किया गया है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री की 27 अगस्त, 2023 को की गई घोषणा के पालन में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत समस्त गैस कनेक्शनधारी महिलाओं और गैर PMUY अंतर्गत गैस कनेक्शनधारी लाडली बहनों को श्रावण मास (04.07.2023 से 31.08.2023) में गैस रिफिल 450 रुपए में उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है। लाडली बहनों के नाम से जारी गैस कनेक्शन पर श्रावण मास में कराए गए रिफिल पर अनुदान देय होगा।
- मंत्रि-परिषद ने National Forensic Sciences University (NFSU), गांधी नगर भोपाल द्वारा शैक्षणिक प्रयोजन के लिये ग्राम बरखेड़ा बोंदर तहसील हुजूर, भोपाल को कुल 4।8540 हेक्टेयर शासकीय भूमि शासन की शर्तों के अधीन नि:शुल्क प्रब्याजि और 1 रुपए भू-भाटक पर आवंटित किये जाने का निर्णय लिया है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा ‘मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना’के अंतर्गत भारत सरकार व शासन के शासकीय, स्वशासी और अनुदान प्राप्त एवं उनके विश्वविद्यालयों के इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेशित विद्यार्थियों को जेईई (JEE) मेंस परीक्षा में रैंक प्राप्त करने की बाध्यता को समाप्त किया गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
राज्यपाल मंगुभाई पटेल लंदन में होंगे सम्मानित
चर्चा में क्यों?
- 8 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्यपाल मंगुभाई पटेल को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन चैप्टर द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल मंगुभाई पटेल को 14 सितंबर, 2023 को ब्रिटिश पार्लियामेंट लंदन में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
- लंदन प्रवास के दौरान राज्यपाल पटेल फ्रेड्स ऑफ मध्य प्रदेश के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
- विदित है कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लिमिटेड, यूके एक ऐसा संगठन है, जो प्रामाणिक प्रमाणीकरण के साथ दुनिया भर में असाधारण रिकॉर्डों को सूचीबद्ध और सत्यापित करता है।
- यह एक सर्वोपरि अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिये प्रेरित करता है। यह लोगों को वैश्विक स्तर पर नए रिकॉर्ड तोड़ने या स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित करता है।
हरियाणा Switch to English
अब रेलवे स्टेशन पर खुलेंगे जनऔषधि केंद्र, पहले चरण में 50 स्टेशनों का चयन
चर्चा में क्यों?
- 10 सितंबर, 2023 को हरियाणा के अंबाला मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक नवीन कुमार ने बताया कि आमजन तक सस्ती और सुलभ दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिये अब स्टेशनों पर जनऔषधि केंद्र खोले जाएंगे। इसमें अंबाला मंडल के अंतर्गत राजपुरा रेलवे स्टेशन भी शामिल है, जो पंजाब में स्थित है।
प्रमुख बिंदु
- जनऔषधि केंद्र के लिये स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद वाणिज्य विभाग ने रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय भेज दी है।
- अंबाला मंडल के अधीन राजपुरा रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोला जाएगा। रेलवे द्वारा जारी की गई सूची में मंडल के एकमात्र स्टेशन का नाम आया है। स्टेशन परिसर में यह सुविधा मिलेगी, ताकि यात्रियों व आमजन को सस्ती दर पर गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयाँ मिल सकें।
- उल्लेखनीय है कि पहले चरण में देश के 17 राज्यों के 50 स्टेशनों का चयन किया गया है। वहीं, दूसरे चरण में अंबाला कैंट, अंबाला सिटी, चंडीगढ़, सहारनपुर, पटियाला, बठिंडा व शिमला रेलवे स्टेशनों पर जनऔषधि केंद्र खोलने की योजना है।
- केंद्र सरकार की ओर से पहले भी जगह-जगह जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहाँ जेनेरिक और गुणवत्तापरक दवाइयाँ सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। इसी तर्ज़ पर अब रेलवे स्टेशनों पर भी जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) खोलने की योजना बनाई गई है, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
- वर्तमान समय में रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में उपचार की सुविधा काफी जटिल है। अचानक तबीयत खराब होने पर पहले टीटीई को जानकारी देनी पड़ती है और फिर कंट्रोल से संदेश मिलने के बाद डॉक्टर ट्रेन में पहुँचता है। कई बार यह लेटलतीफी मरीज़ों और तीमारदारों पर भारी पड़ती है। स्टेशन पर जनऔषधि केंद्र खुलने से आमजन संग रेलयात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।
- इसके तहत जनऔषधि केंद्र का स्वरूप राष्ट्रीय डिज़ाइन संस्थान (एनआईडी) द्वारा तैयार किया जाएगा। साथ ही, जनऔषधि केंद्रों के आवंटन में पारदर्शिता के लिये प्रक्रिया ऑनलाइन यानी ई-टेंडर के ज़रिये होगी।
- संचालक को जनऔषधि केंद्र को संचालित करने से पहले रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो (पीएमबीआई) से इजाज़त लेनी होगी।
- योजना के तहत व्यक्तिगत उद्यमियों को जनऔषधि केंद्र के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।
- प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र की सुविधा पहले चरण में देश के 50 रेलवे स्टेशनों पर मिलेगी। इसमें आंध्र प्रदेश के तिरुपति व सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन, असम का न्यू तिनसुखिया, लुंबडिंग व रंगिया, बिहार के दरभंगा, पटना व कटिहार, छत्तीसगढ़ के जांजगीर नैला, बागबहारा व पेंड्रा रोड, गुजरात के अंकलेश्वर व महसाना जंक्शन शामिल हैं।
- इनके अलावा, झारखंड के सिनी जंक्शन, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, कर्नाटक के एसएमवीटी बंगलूरू, बांगारपेट, मैसूर व हुबली जंक्शन, केरल के पालाकक्कड़, मध्य प्रदेश के रतलाम, मंडल महल, बीणा व नैनपुर, महाराष्ट्र के लोकमान्य तिलक टर्मिनल्स, मनमाड़, पिंपरी, सोलापुर, नागबहीर व मलाड़, ओडिशा के खुर्दा रोड, पंजाब के फगवाड़ा व राजपुरा, राजस्थान सवाई माधोपुर और भगत की कोठी, तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली, इरौड व डिंडीगुल और उत्तर प्रदेश का पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन शामिल हैं।
झारखंड Switch to English
3400 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा ओडिशा-झारखंड एक्सप्रेस-वे, डीपीआर तैयार
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ओडिशा के लिट्टीबेडा से झारखंड की राजधानी राँची में सीठियो (रिंग रोड) तक बननेवाले एक्सप्रेस-वे की डीपीआर तैयार हो गई है। कुल 147 किमी. लंबा एक्सप्रेस-वे बनना है, जो पूरी तरह से ग्रीन कॉरिडोर होगा।
प्रमुख बिंदु
- इसमें से 121 किमी. झारखंड में बनना है। यहाँ करीब 3400 करोड़ रुपए से तीन फेज का काम होना है। इसमें भू-अर्जन की भी राशि शामिल है। वहीं, ओडिशा में करीब 26 किमी. का निर्माण कराया जाएगा। इसकी लागत करीब 700 करोड़ रुपए आएगी।
- इस सड़क के बन जाने से राँची से संबलपुर करीब दो घंटे में ही पहुँचा जा सकेगा।
- विदित है कि इस सड़क का एलाइनमेंट फाइनल नहीं हो रहा था। एक बार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इसमें संशोधन कराया गया था। वहीं फिर एक बार इस पर आपत्ति हुई। ऐसे में डीपीआर में कई बार बदलाव हुआ।
- जंगली जानवरों, हाथियों आदि के गुज़रने के लिये कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। जंगली जानवर सड़क पर न आ जाएँ, इसके लिये आठ फीट ऊंचा गार्डवाल बनाया जाएगा। सुरक्षा को लेकर कई उपाय किये जा रहे हैं।
- झारखंड में तीन चरणों में काम होना है। पहले चरण में केरिया से क्योंदपानी तक करीब 30.35 किमी. का काम होना है। वहीं दूसरे चरण में क्योंदपानी से लतरा तक 43.7 किमी. तथा तीसरे चरण में लतरा से सीठियो (राँची) तक करीब 47 किमी. का काम होगा।
- वहीं, ओडिशा में लिटेीबाड़ा से जोराम होते हुए जामटोली (केरिया) तक दो चरणों में सड़क बनेगी।
- दूसरा सुबर्नशिला सम्मान शेखर मल्लिक, दिलीप चक्रवर्ती और शांता चक्रवर्ती को दिये जाने की हुई घोषणा
झारखंड Switch to English
दूसरा सुबर्नशिला सम्मान शेखर मल्लिक, दिलीप चक्रवर्ती और शांता चक्रवर्ती को दिये जाने की हुई घोषणा
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को झारखंड के घाटशिला नगर की सांस्कृतिक साहित्यिक संस्था ‘विभूति स्मृति संसद’द्वारा प्रतिवर्ष बांग्ला सहित अन्य भाषाओं में उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिये दिये जाने वाला ‘सुबर्नशिला सम्मान’इस वर्ष घाटशिला के साहित्यकार प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य और राज्य के उप महासचिव शेखर मल्लिक सहित दिलीप चक्रवर्ती और शांता चक्रवर्ती को दिये जाने की घोषणा हुई है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि गत वर्ष हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कथाकार रणेंद्र जी को यह सम्मान प्रदान किया गया था।
- इस साल साहित्यकार शेखर मल्लिक के साथ बांग्ला के वरिष्ठ लेखक पत्रकार दिलीप चक्रवर्ती (‘अनटोल्ड स्टोरीज़ ऑफ इप्टा एंड निरंजन सेन’पुस्तक के मित्रा सेन मजूमदार के साथ सह संपादक) और बांग्ला भाषा की कवयित्री शांता चक्रवर्ती को भी यह सम्मान दिया जा रहा है।
- ज्ञातव्य है कि शेखर मल्लिक की अब तक 5 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश के जाने-माने लेखक शेखर मल्लिक सामाजिक, राजनीतिक सरोकारों की कहानियाँ लिखते हैं। आदिवासी जीवन पर इनका उपन्यास कालचिति बहुत मशहूर है और ‘डायनमारी’, ‘जंगल मोर दुलाड़िया’जैसी कहानियाँ भी चर्चित हैं।
- इसी वर्ष शेखर को भारतीय भाषा परिषद् कोलकाता का प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार मिला था।
- दिलीप चक्रवर्ती कोलकाता प्रेस क्लब के मानद आजीवन सदस्य हैं। उन्हें कलम सेना सम्मान मिला है। दिलीप चक्रवर्ती की कुछ चर्चित पुस्तकें ‘ताहादेर प्रेम कथा’, ‘लॉक डाउनेर दिनगुली’ और ‘श्रेणी संग्रामेर सब्यसाची’ आदि हैं।
- शांता चक्रवर्ती कविता लेखन और पत्रकारिता करती हैं। वे स्रोत स्वमिनी इच्छामती की संपादिका हैं। उनकी कविताएँ बांग्लाभाषी पाठक समुदाय में बहुत सराही गई हैं।
- ‘विभूति स्मृति संसद’घाटशिला की ओर से जारी सूचना के अनुसार विभूति भूषण बंद्योपाध्याय की 129वीं जयंती के मौके पर आगामी 12 सितंबर, 2023 को विभूति मंच, कॉलेज रोड (घाटशिला) में एक साहित्य सभा के अंतर्गत यह सम्मान समारोह आयोजित होगा।
- इस साहित्य सभा में प्रसिद्ध रंग निर्देशक प्रोबीर गुहा, साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार विजेता अंग्रेज़ी लेखक सौवेंद्र शेखर हांसदा सहित कोलकाता, घाटशिला और आसपास के अनेक साहित्यप्रेमी, रंगकर्मी जुटेंगे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
हीरक जयंती पर मुख्यमंत्री ने रायपुर मेडिकल कॉलेज के 700 बिस्तर क्षमता वाले नए चिकित्सालय भवन का किया भूमिपूजन
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय में 700 बिस्तर क्षमता वाले नए एकीकृत चिकित्सालय भवन का भूमिपूजन किया।
प्रमुख बिंदु
- चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल के लिये 322 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक सर्वसुविधायुक्त चिकित्सालय भवन का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा।
- मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में महाविद्यालय के हीरक जयंती समारोह का शुभारंभ भी किया। आज से ठीक 60 साल पहले 9 सितंबर, 1963 को रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई थी।
- उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रायपुर मेडिकल कॉलेज का 60 साल का सफर शानदार रहा है। इससे संबद्ध अस्पताल प्रदेशवासियों के लिये बड़ी उम्मीद है। एशिया की सबसे एडवांस्ड मशीनरी भी यहाँ उपलब्ध है। सिंहदेव ने बताया कि रायपुर मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब के लिये मंज़ूरी मिल गई है।
- चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै ने कार्यक्रम में कहा कि रायपुर मेडिकल कॉलेज प्रदेश का सबसे बड़ा टर्शरी केयर हॉस्पिटल है। यहाँ लगातार बढ़ रही मरीज़ों की संख्या को देखते हुए सर्वसुविधायुक्त एकीकृत चिकित्सालय भवन की ज़रूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। आज भूमिपूजन होने के बाद जल्दी ही इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा।
- डीन डॉ. तृप्ति नागरिया ने बताया कि 1963 में आज ही के दिन 60 विद्यार्थियों के साथ इसकी यात्रा शुरू हुई थी। अब यहाँ एमबीबीएस की 230 और पीजी की 150 सीटें हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल की क्षमता 700 बिस्तरों से बढ़कर 1248 हो गई है।
- नए एकीकृत चिकित्सालय भवन में 700 बिस्तर बढ़ने से यहाँ बिस्तरों की संख्या करीब दो हज़ार हो जाएगी। दो हज़ार बिस्तर क्षमता वाला यह मध्य भारत का एकमात्र अस्पताल होगा। चिकित्सालय में सुविधा बढ़ने से लोगों को बेहतर इलाज मिलेगा।
- प्रदेशवासियों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करने की दिशा में राज्य सरकार का यह एक बड़ा कदम है। इसके बनने से राजधानी के नागरिकों को अत्याधुनिक सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल की सुविधा मिल सकेगी।
- डॉ. भीमराव स्मृति चिकित्सालय रायपुर में बनने वाले 700 बिस्तर के इस अस्पताल में बेसमेंट फ्लोर, लोवर ग्राउंड फ्लोर तथा भूतल के अलावा सात तल होंगे। इस अस्पताल में सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल की सभी सुविधाएँ मरीज़ों को मिलेंगी।
- इस एकीकृत नवीन चिकित्सालय भवन का निर्माण 70 हज़ार 896 वर्ग मीटर में होगा। भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम, एचवीएसी सिस्टम, आईबीएमएस सिस्टम आदि का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने ‘गोधन न्याय योजना’ के हितग्राहियों को 23.93 करोड़ रुपए का किया भुगतान
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से ‘गोधन न्याय योजना’ के अंतर्गत ऑनलाईन राशि वितरण कार्यक्रम में हितग्राहियों के बैंक खातों में 23 करोड़ 93 लाख रुपए अंतरित किये।
प्रमुख बिंदु
- ‘गोधन न्याय योजना’ के हितग्राहियों के खाते में ऑनलाईन अंतरित की गई राशि में गोबर विक्रेताओं को 5.36 करोड़ रुपए, गोठान समितियों को 1.63 करोड़ रुपए एवं स्व-सहायता समूहों की 1.14 करोड़ रुपए की लाभांश राशि के साथ ही स्व-सहायता समूहों को 12.32 करोड़ रुपए तथा सहकारी समितियों को 1.23 करोड़ रुपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि और स्वावलंबी गोठान समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों को 2.25 करोड़ रुपए की मानदेय राशि शामिल है।
- गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 29 करोड़ 93 लाख रुपए के भुगतान के बाद अब तक कुल 581.24 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोठानों में 15 अगस्त से 31 अगस्त तक क्रय किये गए 2.68 लाख क्विंटल गोबर के एवज में गोबर विक्रेताओं को 5.36 करोड़ रुपए का ऑनलाइन भुगतान किया। गोठानों में अब तक 133.22 क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है, जिसकी एवज में पशुपालन किसानों को 261.08 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 5.36 करोड़ रुपए के भुगतान के बाद गोबर क्रय की कुल राशि 266.44 करोड़ रुपए हो गई है।
- गोठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को भुगतान की जाने वाली 2.77 करोड़ रुपए की राशि के बाद इनको होने वाले भुगतान की राशि 275.01 करोड़ रुपए हो गई है।
- मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गोबर से कम्पोस्ट खाद के उत्पादन से जुड़े स्व-सहायता समूहों को कम्पोस्ट खाद के विक्रय पर प्रति किलोग्राम एक रुपए के मान से कुल 12 करोड़ 32 लाख रुपए तथा सहकारी समितियों को प्रति किलो 10 पैसे मान से कुल 1 करोड़ 23 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में ऑनलाईन जारी किये। मुख्यमंत्री स्वावलंबी गोठानों के 42 हज़ार 644 सदस्यों को मानदेय के रूप में 2 करोड़ 25 लाख रुपए उनके बैंक खातों में अंतरित किये।
- गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी के मामले में स्वावलंबी गोठान समितियों की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में निर्मित एवं संचालित 10288 गोठानों में से 6252 गोठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर विक्रेताओं से गोबर क्रय कर रहे हैं। स्वावलंबी गोठानों ने अब तक 76 करोड़ 42 लाख रुपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय किया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठानों में चार रुपए लीटर की दर से गोमूत्र खरीदकर महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएँ इससे ब्रह्मास्त्र और जीवामृत तैयार कर रही हैं, जिसे किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान अब महँगे पेस्टीसाइट के बदले जैविक कीटनाशक ब्रह्मास्त्र और जीवामृत का उपयोग करने लगे हैं।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हर साल धान खरीदी का रिकॉर्ड बनाया है। इस साल आशा है कि 125 लाख मीट्रिक धान खरीदी की जाएगी।
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पहाड़ों पर आधुनिक ATV वाहनों से रेस्क्यू करेगी फायर सर्विस
चर्चा में क्यों?
- 9 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड फायर सर्विस आईजी नीरू गर्ग ने बताया कि पहाड़ों के दुर्गम रास्तों तक पहुँचने के लिये फायर सर्विस के जवानों को ज़्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। इसके लिये पुलिस विभाग जल्द ही फायर सर्विस के लिये दो ऑल टेरेन व्हीकल (एटीवी) वाहन खरीदने जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- ये (एटीवी) वाहन खाई में उतरने, नदी, नाले सब जगह चलने में सक्षम होंगे।
- फिलहाल इन वाहनों की खरीद केदारनाथ धाम और गंगोत्री धाम क्षेत्र के लिये होगी। इन जगहों पर बड़ी गाड़ियाँ नहीं पहुँच पाती हैं। न ही यहाँ के सँकरे रास्तों पर फायर सर्विस के छोटे रेस्क्यू वाहन पहुँच पाते हैं। ऐसे में इन जगहों के लिये एटीवी ही उपयुक्त वाहन हैं। यदि ये यहाँ सफल हो गए तो अन्य पहाड़ी स्थानों के लिये भी एटीवी खरीदे जाएंगे।
- विदित है कि फायर सर्विस आग लगने पर ही नहीं, बल्कि किसी हादसे की सूचना पर भी सबसे पहले पहुँचने वाली सेवा होती है। यही कारण है कि इसे फर्स्ट रिस्पॉन्डर भी कहा जाता है। अभी तक फायर सर्विस के पास वाहनों का ऐसा कोई अत्याधुनिक बेड़ा नहीं है, जिससे कि दुर्गम स्थानों पर कम जोखिम के साथ आसानी से पहुँचा जा सके।
- इसके लिये पिछले दिनों फायर सर्विस की ओर से दो एटीवी वाहनों की खरीद का प्रस्ताव शासन के भेजा गया था। शासन से तो इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ, लेकिन अब विश्व बैंक के बजट से पुलिस को नई उम्मीद मिली है। विश्व बैंक इसके लिये जल्द बजट स्वीकृत कर सकता है। प्रत्येक वाहन की कीमत करीब 75 लाख रुपए होगी।
- ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकण ने भी पहाड़ी स्थानों के लिये एटीवी की ही सिफारिश की है। इसके साथ ही भारत सरकार ने भी सभी पहाड़ी राज्यों को इस तरह के वाहन खरीदने को कहा है, ताकि सँकरे रास्तों पर आसानी और तेज़ी से पहुँचकर लोगों की जान बचाई जा सके।
- इन वाहनों पर आग बुझाने के लिये पानी ले जाने की सुविधा भी रहेगी, यानी ये वाहन रेस्क्यू के लिये जवानों को ले जाने के साथ-साथ आग बुझाने का काम भी करेंगे।
- आग बुझाने के लिये जान का जोखिम कम करने को फायर सर्विस जल्द ही रोबोट का सहारा भी लेगी। इसके लिये पिछले साल मंज़ूरी मिली थी। अब दो रोबोट की खरीद के लिये टेंडर भी फायर सर्विस की ओर से जारी कर दिये गए हैं। आगामी 20 सितंबर तक विक्रेताओं से बिड मांगी गई हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद आधुनिक रोबोट फायर सर्विस के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।
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