श्रीकृष्ण जन्मस्थान के आस-पास 10वर्ग किमी. क्षेत्रफल तीर्थ स्थल घोषित | उत्तर प्रदेश | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्म स्थान के 10 वर्ग किमी. के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस घोषित 10 वर्ग किमी. की परिधि में मथुरा-वृंदावन नगर-निगम के 22 वार्ड आएंगे, जिनमें से 7 वार्ड पहले से ही तीर्थ स्थल हैं।
- इसके अतिरिक्त गोवर्द्धन, गोकुल, नंदगाँव, राधाकुंड, बलदेव एवं बरसाना को सरकार ने अप्रैल 2018 में तीर्थ स्थल का दर्जा दिया था।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय ब्रज क्षेत्र की आध्यात्मिक विरासत के संरक्षण की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
सभी ज़िला न्यायालयों को वी.सी. रिमोट पॉइंट से जोड़ा गया | राजस्थान | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को बनीपार्क कोर्ट जयपुर एवं गंगानगर कोर्ट के न्यायाधीशों ने न्यायालय में गवाहों के बयान वीडियो कॉन्प्रेंस (वी.सी.) के माध्यम से दर्ज कराने की सुविधा की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- उच्च न्यायालय में वीसी के ज़रिये दिये जाने वाले बयान को लेकर 2 अगस्त, 2021 को रूल्स नोटिफाई कर दिये गए थे। राज्य सरकार ने इसके लिये सीआरपीसी में संशोधन किया है।
- विशिष्ट शासन सचिव, गृह, वी.सरवन कुमार ने बताया कि गवाह को कई किलोमीटर की यात्रा के बाद कोर्ट में उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने से निजात मिलेगी। गवाह ज़िला न्यायालय के परिसर में वीसी रिमोट पॉइंट के स्टूडियो में जाकर वीसी के माध्यम से अपना बयान दर्ज करा सकेगा।
- उन्होंने बताया कि प्रथम फेज के रूप में सभी ज़िला न्यायालयों को वीसी रिमोट पाइंट से जोड़कर स्टूडियो बनाया गया है तथा कोर्ट के कर्मचारियों को इन स्टूडियो पर कोऑर्डीनेटर नियुक्त किया गया है।
- प्रदेश की 1242 कोर्ट में वीसी का हार्डवेयर इन्स्टॉल किया गया है। माइक्रोसॉफ्ट टीम का लाइसेंस एवं फाइबर इंटरनेट कनेक्टिविटी दी गई है।
- द्वितीय फेज में तालुका कोर्ट में वीसी रिमोट पॉइंट बनाया जाएगा। सरकारी ऑफिस एवं अस्पताल को भी इससे जोड़ा जाएगा।
- उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा वीसी के रूल्स नोटिफाई करने के बाद समय पर गवाह का बयान हो सकेगा। सरकारी खर्चे एवं समय की बचत होगी तथा ट्रायल भी जल्द ही संभव होगा। पारदर्शिता के साथ पूरी प्रक्रिया संपन्न होने से कोर्ट केस के लंबित मामलों में कमी आएगी।
राज्यपाल ने किया पर्यटन के डिजिटल अभियान के पोस्टर का लोकार्पण | राजस्थान | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में ‘फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म ऑफ राजस्थान के डिजिटल कैंपेन’के पोस्टर का लोकार्पण कर कैंपेन की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान समृद्ध प्रदेश है। यहाँ के पर्यटन में रोज़गार की भी अपार संभावनाएँ हैं।
- उन्होंने राजस्थान पर्यटन की समृद्धता को सूचना और संचार तकनीक के ज़रिये सुदूर देशों तक अधिकाधिक पहुँचाने का आह्वान किया।
- उन्होंने इको-टूरिज्म पर फोकस इस अभियान की सराहना की।
ओरछा का ग्राम लाडपुराखास यूएन डब्ल्यूटीओ अवॉर्ड में नामांकित | मध्य प्रदेश | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने ओरछा के ग्राम लाडपुराखास को यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइज़ेशन अवॉर्ड में ‘बेस्ट टूरिज्म विलेज’श्रेणी के लिये नामांकित किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही दो अन्य ग्राम मेघालय और तेलंगाना से नामांकित किये गए है।
- गौरतलब है कि पर्यटन के क्षेत्र में नए आयाम जोड़ते हुए ग्रामीण पर्यटन की अवधारणा को मूर्तरूप देने के उद्देश्य से प्रदेश में ‘ग्रामीण पर्यटन’ परियोजना प्रारंभ की गई है।
- अगले पाँच वर्षों में 100 गाँवों को ग्रामीण पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इनमें ओरछा, खजुराहो, मांडू, साँची, पचमढ़ी, तामिया, पन्ना नेशनल पार्क, बांधवगढ़ नेशनल पार्क, संजय दुबरी नेशनल पार्क, पेंच एवं कान्हा नेशनल पार्क, मितावली, पड़ावली आदि क्षेत्रों में उपयुक्त स्थलों का चयन कर विकास किया जाएगा।
- ग्रामीण पर्यटन परियोजना के अंतर्गत 6 मुख्य घटकों- क्षेत्रीय पर्यटन आधारित गतिविधियाँ, पर्यटकों के ठहरने के लिये सुविधाजनक आवास/होम-स्टे, परंपरागत एवं स्थानीय भोजन, सांस्कृतिक अनुभव, कला एवं हस्तकला तथा युवाओं में कौशल उन्नयन पर कार्य किया जा रहा है।
- इससे स्थानीय समुदाय को अपने क्षेत्र में पर्यटन के विकास से सीधा लाभ प्राप्त होगा। टूरिज्म बोर्ड समुदाय की भागीदारी से पर्यटन उत्पादों को विकसित करने का प्रशिक्षण भी दे रहा है।
- ‘ग्रामीण पर्यटन’स्थानीय संस्कृति और परंपरा के महत्त्व को बनाए रखते हुए स्थानीय लोगों को पर्यटकों की रुचि और आवश्यकता के बारे में जानने का अवसर उपलब्ध कराता है।
- ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से पर्यटक भी स्थानीय सांस्कृतिक विशिष्टता के आवास विन्यास, स्थानीय भोजन के प्रकार एवं प्रक्रिया, पहनावा, बोली, रीति-रिवाज़, परंपराएँ, आवागमन के स्थानीय साधन, आभूषण, शृंगार गीत, संगीत, वाद्य यंत्र, नृत्य, चित्रकला, अनाज एवं भोजन के संरक्षण के तरीके, स्थानीय खेलकूद, सामाजिकता और आर्थिक सत्कार के तरीके आदि से परिचित होंगे।
सहायक अभियंताओं की नियुक्ति में सवर्णों को मिलेगा आरक्षण | झारखंड | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक अभियंताओं की नियुक्ति में सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिये एकलपीठ के आदेश को रद्द करते हुए आरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है।
प्रमुख बिंदु:
- जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सरकार की अपील याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया जिस दिन से शुरू होती है, उसी समय का नियम लागू होता है।
- पहले की रिक्तियाँ भी नए नियम के तहत भरी जाती हैं। अदालत ने सरकार के निर्णय को सही ठहराया और जेपीएससी को नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया।
- उल्लेखनीय है कि अदालत ने 23 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
- ज्ञातव्य है कि जेपीएससी ने सहायक अभियंताओं के कुल 634 पद पर नियुक्ति के लिये 2019 में विज्ञापन निकाला था। इस नियुक्ति में वर्ष 2015 से 2019 तक की रिक्तियाँ शामिल की गई थीं और सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा था।
- सरकार के इस आदेश को रंजीत कुमार सिंह और अन्य ने एकलपीठ में चुनौती दी थी। इसमें कहा गया था कि इस नियुत्ति में 2015 से 2019 तक की रित्तियां शामिल हैं। ऐसे में सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि सरकार ने वर्ष 2019 में सवर्णों को आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
- गौरतलब है कि 23 फरवरी, 2019 को सरकार ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया, 21 जनवरी, 2020 को एकलपीठ ने नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी फिर 6 मार्च को सरकार ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील की और 10 सितंबर को खंडपीठ ने फैसला सुनाया।
बाजरा मिशन शुरू, IIMR के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर | छत्तीसगढ़ | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने राज्य को बाजरा हब बनाने के उद्देश्य से ‘बाजरा मिशन’ (Millet Mission) की औपचारिक शुरुआत की। इस मिशन के तहत भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Millet Research- IIMR), हैदराबाद ने राज्य के 14 ज़िलों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- मिशन के तहत IIMR और राज्य के कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर और जशपुर ज़िलों के बीच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए।
- मिशन के तहत किसानों को छोटी अनाज फसलों का सही मूल्य, विशेषज्ञों की इनपुट सहायता विशेषज्ञता मिलेगी।
- IIMR किसानों को तकनीकी जानकारी, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, बीज बैंक स्थापित करने में सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
- बाजरा मिशन राज्य के वन क्षेत्र और आदिवासी क्षेत्रों में किसानों की आय में वृद्धि करेगा तथा छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान भी देगा।
बलरामपुर ज़िले के स्काउट-गाइड के छात्र राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित | छत्तीसगढ़ | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को भारत स्काउट एवं गाइड छत्तीसगढ़ के राज्य आयुक्त और संसदीय सचिव विनोद सेवालाल चंद्राकर के नेतृत्व में राज्य पुरस्कार अलंकरण समारोह का आयोजन राज्यपाल दरबार हॉल, रायपुर में किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस सम्मान समारोह में बलरामपुर ज़िले के स्काउट देव नारायण नेटी, राजकमल गुप्ता, रजनीश कुमार सिंह, सूर्यदेव कुशवाहा को राज्यपाल अनुसुइया उईके द्वारा राज्यपाल प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
- बलरामपुर ज़िले के शिक्षा अधिकारी बी.एक्का एवं स्काउट-गाइड के समस्त पदाधिकारियों के निरंतर प्रयास से बलरामपुर ज़िले के बच्चों को पहली बार राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- स्काउट-गाइड ज़िला संगठन आयुक्त जयपाल विश्वकर्मा ने बताया कि स्काउट-गाइड को उत्कृष्ट कार्यों के लिये हमेशा शासन-प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया है और इस वर्ष की भाँति आने वाले वर्षों में भी स्काउट-गाइड के छात्रों को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित कराने का प्रयास किया जाएगा।
ऋषिकेश एम्स में खुला प्रदेश का पहला पीएनबी डिजिटल बैंक | उत्तराखंड | 11 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत और पीएनबी देहरादून के अंचल प्रबंधक आरडी सेवक ने प्रदेश के पहले पीएनबी डिजिटल बैंक (ईज़ आउटलेट) का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- बिना कर्मचारी के संचालित होने वाले डिजिटल बैंक में सभी बैंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। डिजिटल बैंक राजकीय और साप्ताहिक अवकाश के दिनों में भी 24 घंटे काम करेगा।
- एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि संस्थान में स्थापित पीएनबी के डिजिटल बैंक का लाभ मरीज़ों, तीमारदारों के साथ स्थानीय लोगों को भी मिलेगा।
- पीएनबी के अंचल प्रबंधक आरडी सेवक ने कहा कि पीएनबी का डिजिटल बैंक कोरोना काल के बीच एक बड़ी पहल है। अब लोग भीड़भाड़ से बचते हुए बैंकिंग सेवा का लाभ उठा पाएंगे।