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सहायक अभियंताओं की नियुक्ति में सवर्णों को मिलेगा आरक्षण
चर्चा में क्यों?
10 सितंबर, 2021 को झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक अभियंताओं की नियुक्ति में सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिये एकलपीठ के आदेश को रद्द करते हुए आरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है।
प्रमुख बिंदु:
- जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सरकार की अपील याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया जिस दिन से शुरू होती है, उसी समय का नियम लागू होता है।
- पहले की रिक्तियाँ भी नए नियम के तहत भरी जाती हैं। अदालत ने सरकार के निर्णय को सही ठहराया और जेपीएससी को नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया।
- उल्लेखनीय है कि अदालत ने 23 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
- ज्ञातव्य है कि जेपीएससी ने सहायक अभियंताओं के कुल 634 पद पर नियुक्ति के लिये 2019 में विज्ञापन निकाला था। इस नियुक्ति में वर्ष 2015 से 2019 तक की रिक्तियाँ शामिल की गई थीं और सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा था।
- सरकार के इस आदेश को रंजीत कुमार सिंह और अन्य ने एकलपीठ में चुनौती दी थी। इसमें कहा गया था कि इस नियुत्ति में 2015 से 2019 तक की रित्तियां शामिल हैं। ऐसे में सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि सरकार ने वर्ष 2019 में सवर्णों को आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
- गौरतलब है कि 23 फरवरी, 2019 को सरकार ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया, 21 जनवरी, 2020 को एकलपीठ ने नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी फिर 6 मार्च को सरकार ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील की और 10 सितंबर को खंडपीठ ने फैसला सुनाया।
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