उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन देने हेतु लागू होगी नई पर्यटन नीति | उत्तराखंड | 11 Aug 2022
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिये सरकार जल्द ही नई नीति लागू करेगी। इसके लिये विभाग की ओर से नई पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पर्यटन विकास परिषद से पारित कर जल्द ही नीति को अंतिम रूप देकर मंजूरी के लिये कैबिनेट में रखा जाएगा। इस नीति में निवेशकों को सरकार एमएसएमई से अधिक निवेश प्रोत्साहन राशि देगी। इससे आने वाले समय में प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
- नई नीति में उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी निवेशकों को ज्यादा प्रोत्साहन देने का प्रावधान होगा। जिससे फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, साहसिक पर्यटन के लिये अवस्थापना विकास में सरकार की ओर से निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- अभी तक एमएसएमई उद्योगों की तर्ज़ पर सरकार पर्यटन उद्योगों को एक से डेढ़ करोड़ की निवेश प्रोत्साहन राशि दे रही है, जबकि अन्य राज्यों में पर्यटन उद्योगों को ज्यादा प्रोत्साहन मिलने से निवेशक उत्तराखंड में कम रुचि दिखा रहे हैं। जिससे सरकार ने नई नीति में प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर निवेशकों को आकर्षित करने जा रही है।
- नई पर्यटन नीति में निवेश प्रोत्साहन राशि को डेढ़ करोड़ से बढ़ा कर दो करोड़ किया जा सकता है। इसके अलावा इंटर सब्सिडी को 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, एसजीएसटी में पाँच साल तक की छूट, स्थानीय वास्तुकला के आधार पर भवन निर्माण करने पर अतिरित्त अनुदान राशि का प्रावधान किया जाएगा।
- पर्यटन क्षेत्र में महिला उद्यमियों को अलग से प्रोत्साहन राशि मिल सकती है। इसके बंजी जंपिंग, पैराग्लाइडिंग, कैंपिंग आदि साहसिक पर्यटन में निवेश करने वालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- होटल व्यवसाय में सीवरेज सिस्टम, सौर ऊर्जा के लिये निवेशकों को अतिरित्त राहत देने का प्रावधान किया जाएगा।
- राज्य सरकार को पर्यटन क्षेत्र में 1116 निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इसमें लगभग 5122 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इससे लगभग 19 हज़ार से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
- सरकार का मानना है कि नई नीति के बनने से राज्य में पर्यटन क्षेत्र में निवेश में तेजी आएगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही सेवा क्षेत्र से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
- उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में 2019 में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर पर्यटन नीति लागू की गयी थी। जिसमें पर्यटन उद्योगों को भी एमएसएमई, मेगा इंडस्ट्रियल नीति के तहत प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई थी।
- विनिर्माण उद्योग की तर्ज पर ही पर्यटन उद्योगों को 10 से 200 करोड़ रुपए का निवेश करने पर पर्वतीय क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या अधिकतम 1.5 करोड़ रुपए, मैदानी क्षेत्रों में 10 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ रुपए की छूट, बिजली बिलों में एक रुपए प्रति यूनिट की प्रतिपूर्ति और विद्युत ड्यूटी में पाँच साल की छूट दी जाती है।
उत्तराखंड में सरकार दोबारा बनाएगी कर्मकार बोर्ड | उत्तराखंड | 11 Aug 2022
चर्चा में क्यों?
10 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड के श्रम सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य सरकार उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का दोबारा गठन की तैयारी कर रही है। जल्द ही इसका गठन हो जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- श्रम सचिव ने बताया कि कर्मकार बोर्ड भंग होने की वजह से श्रमिकों के लिये नई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू नहीं हो पा रही हैं। चूँकि, इन पर निर्णय बोर्ड ही लेता है, इसलिये सरकार दोबारा बोर्ड के गठन की तैयारी कर रही है।
- बोर्ड में वर्तमान में पुरानी योजनाओं का लाभ तो श्रमिकों को मिल रहा है लेकिन उनके कल्याण की कोई नई योजना नहीं बन पा रही है। दोबारा बोर्ड बनने के बाद करीब साढ़े चार लाख श्रमिकों को नई सौगात मिलनी शुरू हो जाएगी।
- गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2017 में श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों पर शासन ने अक्टूबर 2020 में हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल की अध्यक्षता में नया बोर्ड बनाया था।
- वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 30 सितंबर, 2021 को बोर्ड को दोबारा भंग करते हुए सत्याल को हटा दिया था। तब से श्रम सचिव को पदेन अध्यक्ष बनाते हुए बोर्ड संचालित किया जा रहा है।