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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Jul 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

आईआईटी कानपुर ने तैयार किया आत्मघाती ड्रोन

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार दुश्मनों की खोजखबर की जानकारी देने वाले ड्रोन के सफल संचालन के बाद अब आईआईटी कानपुर ने आत्मघाती ड्रोन तैयार किया है। यह ड्रोन दुश्मन के ठिकाने पर जाकर खुद ही फट जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला और उनकी टीम ने इसे विकसित किया है। 
  • यह आत्मघाती ड्रोन भारतीय सीमा से 100 किमी. की दूरी तय कर वार करेगा। 100 किमी. पहुँचने में इसे 40 मिनट का समय लगेगा।  
  • आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला ने बताया कि दुश्मनों की रडार में न आने के लिये इसमें स्टेल्ड तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।  
  • यह ड्रोन अल्गोरिदम के हिसाब से चलता है। मतलब, यह खुद भी फैसला ले सकेगा और इसे बेस स्टेशन से रिमोट से भी नियंत्रित किया जा सकता है। ड्रोन निर्धारित टारगेट से सिर्फ दो मीटर ही भटक सकता है। यह दिन के अलावा रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है। 
  • प्रो. सडरेला ने बताया कि डीआरडीओ के डीवाईएसएल प्रोजेक्ट के तहत एक साल से इस ड्रोन पर रिसर्च काम चल रहा है। यह दो मीटर लंबा फोल्डेबल फिक्स्ड विंग वाला ड्रोन है। यह 100 मीटर से साढ़े चार किमी. की ऊँचाई तक उड़ने में सक्षम है।  
  • प्रो. सडरेला ने बताया कि यह ड्रोन स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक पर काम करेगा। इस ड्रोन में सेना की जरूरतों के मुताबिक बदलाव भी संभव होगा।
  • ड्रोन की विंग में कैमरे और इंफ्रारेड सेंसर लगे हैं। इसे कैटपल्ट या कैनिस्टर लांचर से लांच किया जा सकता है। एआई तकनीक की मदद से यह ड्रोन जीपीएस ब्लॉक होने के बाद भी टॉरगेट को तबाह कर देगा। 
  • ड्रोन पर आईआईटी के वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं। आपदा और सेना की ज़रूरतों के मुताबिक रिसर्च कर ड्रोन विकसित किया जा रहा है। ड्रोन छह महीने के ट्रायल के बाद पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।


राजस्थान Switch to English

विभिन्न ज़िलों में बनेंगे 10 अल्पसंख्यक छात्रावास- जयपुर में वर्किंग वुमेन हॉस्टल और जोधपुर में नागरिक सुविधा केंद्र बनेगा

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को बेहतर तालीम मुहैया कराने के लिये राज्य सरकार विभिन्न ज़िलों में छात्रावास खोलने जा रही है। साथ ही जयपुर के मानसरोवर में कामकाजी महिलाओं के लिये छात्रावास और जोधपुर में अल्पसंख्यक नागरिक सुविधा केंद्र बनाया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनकी स्थापना सहित अल्पसंख्यक विकास कोष की राशि 200 करोड़ रुपए करने और वर्ष 2022-23 में अनुमोदित प्रगतिरत कार्यों को कोष के तहत कराए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।  
  • इन 9 ज़िलों में बनेंगे 10 छात्रावास- जयपुर में किशनपोल (बालिका), दूदू, नागौर में कुचामन सिटी (बालिका), बारां, भरतपुर, बीकानेर, अजमेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़ और चूरू में 50-50 बेड के छात्रावास बनाए जाएंगे। इन छात्रावासों में कक्षा 9 से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे।  
  • जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय की कामकाजी महिलाओं के लिये छात्रावास बनेगा। यह 100 बेड का होगा। इसमें विभिन्न ज़िलों से जयपुर में आकर कार्य करने वाली अल्प-पारिश्रमिक प्राप्त महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।  
  • जोधपुर में अल्पसंख्यक नागरिक सुविधा केंद्र बनेगा। यहाँ अल्पसंख्यकों से संबंधित सभी योजनाओं की जानकारी मिलेगी। केंद्र में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन होगा। विद्यार्थियों और आमजन के प्रोत्साहन के लिये गोष्ठियाँ भी आयोजित हो सकेंगी।

राजस्थान Switch to English

जन सम्मान वीडियो कॉन्टेस्ट-सवाई माधोपुर के गजेंद्र को मिला एक लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को जन सम्मान वीडियो कॉन्टेस्ट में पहले दिन सवाई माधोपुर ज़िले के गजेंद्र को प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपए की राशि मिली।  

प्रमुख बिंदु  

  • कॉन्टेस्ट में नागौर ज़िले के महेंद्र को दूसरा स्थान मिला जिसमें उन्हें 50 हज़ार रुपए की धनराशि मिली। इसी प्रकार जालौर ज़िले के जितेंद्र ने तीसरा स्थान प्राप्त कर 25 हज़ार रुपए की राशि प्राप्त की। साथ ही प्रदेश के 100 प्रतिभागियों ने 1000 रुपए (प्रत्येक ने) के साथ प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त किया। 
  • उल्लेखनीय है कि सरकारी योजनाओं को प्रदेश के हर जरूरतमंद तक पहुँचाने के संकल्प को साकार करते हुए राज्य सरकार ने यह अभिनव प्रतियोगिता आयोजित की है।  
  • यह प्रतियोगिता 6 अगस्त तक चलेगी। सभी इच्छुक प्रतिभागी अपने वीडियो बनाकर पोस्ट कर सकते हैं। 

राजस्थान Switch to English

जयपुर में बनेगा राजकीय अल्पसंख्यक अंग्रेजी माध्यम आवासीय विद्यालय

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थीयों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जयपुर में कक्षा 1 से 12वीं तक का महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम आवासीय विद्यालय जल्द शुरू होगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यालय के भवन निर्माण के लिये 15.15 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।  
  • इस वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जाएगी। यह राशि अल्पसंख्यक समावेशी विकास कोष से व्यय होगी।  
  • यह आवासीय विद्यालय 200 विद्यार्थी क्षमता का होगा। यहाँ 200 से अधिक विद्यार्थी होने पर वे डे-स्कॉलर के रूप में अध्ययन कर सकेंगे।  
  • इस विद्यालय के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के जरूरतमंद एवं प्रतिभावान विद्यार्थियों को नि:शुल्क आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 
  • मुख्यमंत्री की यह स्वीकृति अभिभावकों और बच्चों में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा के बढ़ते रूझान एवं आवश्यकता की दृष्टि से दी गई है। यह अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक उत्थान में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

राजस्थान Switch to English

फल एवं मसाला बगीचे की स्थापना के लिये मिलेगा अनुदान

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के किसानों को फल एवं मसाला बगीचे की स्थापना पर अनुदान मिलेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुदान के लिये 23.79 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। 

प्रमुख बिंदु  

  • वर्ष 2023-24 में 7609 हैक्टेयर क्षेत्र में फल बगीचे के लिये 22.40 करोड़ रुपए तथा 2527 हैक्टेयर क्षेत्र में मसाला बगीचे के लिये 1.39 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा।  
  • इसमें 17.24 करोड़ रुपए की राशि राज्य कृषक कल्याण कोष एवं 6.55 करोड़ रुपए की राशि राष्ट्रीय बागवानी मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से वहन की जाएगी।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में बजट में घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से किसानों को फल एवं मसाला बगीचे लगाने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने घोषित किये कायाकल्प अवार्ड

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने वर्ष 2023 के कायाकल्प अवार्ड की घोषणा की।  

प्रमुख बिंदु  

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी ज़िला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अवार्ड की जानकारी देते हुए डॉ. चौधरी ने कहा कि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक संस्थाओं को कायाकल्प अवार्ड दिये जाएंगे। 
  • स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि वर्ष 2022 में 395 संस्थाओं को 4 करोड़ 50 लाख रुपए के कायाकल्प अवार्ड दिये गए थे। इस वर्ष 778 संस्थाओं को 6 करोड़ 12 लाख रुपए के कायाकल्प अवार्ड दिये जाएंगे।  
  • अवार्ड की कुल राशि में से 75 प्रतिशत राशि संस्था के सुदृढ़ीकरण में उपयोग में लाई जाती है और 25 प्रतिशत राशि संस्थाओं के कर्मचारियों को इंसेंटिव के रूप में दी जाती है। 
  • स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने ज़िला अस्पताल अनूपपुर और रतलाम को संयुक्त रूप से 25-25 लाख रुपए का प्रथम कायाकल्प अवार्ड देने की घोषणा की।  
  • प्रथम रनरअप ज़िला अस्पताल सीहोर को 20 लाख रुपए और द्वितीय रनरअप ज़िला अस्पताल दमोह को 10 लाख रुपए के अवार्ड दिये जाने की घोषणा की।  
  • बेस्ट ईको-फ्रेंडली ज़िला अस्पताल विदिशा को 10 लाख रुपए के अवार्ड दिये जाने की घोषणा की गई। 
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर ज़िला सतना को सिविल अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में 15 लाख रुपए का पहला और बेस्ट ईको-फ्रेंडली चिकित्सालय का 5 लाख रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की गई।  
  • सिविल अस्पताल/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जावर ज़िला सीहोर को 10 लाख रुपए का रनरअप कायाकल्प अवार्ड देने की घोषणा की गई।
  • प्रदेश के 43 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रथम कायाकल्प अवार्ड देने की घोषणा की गई। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कनाड़ (आगर-मालवा), उबलार (अलीराजपुर), भानेगाँव (बालाघाट), भवाती (बड़वानी), देहरी अमढाना (बैतूल), मिहोना (भिंड), नजीराबाद (भोपाल), निम्बोला (बुरहानपुर), गढ़ी-मलहरा (छतरपुर), मांगुरली (छिंदवाड़ा), जेरथ (दमोह), सोनागिर (दतिया), बैजगवाड़ा (देवास), गढ़ासारसी (डिंडोरी), मकसूदनगढ़ (गुना), चिनोर (ग्वालियर), रहटगाँव (हरदा), क्षिप्रा (इंदौर), गोसलपुर (जबलपुर), काकनवानी (झाबुआ), पुरनी (खंडवा), करही और बांगरदा (खरगोन), समनापुर (मंडला), टकरवाड़ (मंदसौर), सुमावली (मुरैना), सेमरी हरचंद (नर्मदापुरम), सिंगपुर (नरसिंहपुर), डिकेन (नीमच), देवनगर (रायसेन), माचलपुर (राजगढ़), धारड़ (रतलाम), रेहट (रीवा), जैतवाड़ा (सतना), वीरपुर डेम (सीहोर), पलारी (सिवनी), टेहकी (शहडोल), मक्सी (शाजापुर), दुर्गापुरी (श्योपुर), लुकवासा (शिवपुरी), उन्हेल (उज्जैन), करकेली (उमरिया) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुलाबगंज (विदिशा) शामिल हैं।
  • शहरी स्वास्थ्य केंद्र में संभाग स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिये मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक पिपलानी (भोपाल), सुभाष नगर (इंदौर), गोल पहाड़िया (ग्वालियर), उज्जैन संभाग से इटावा (देवास), जबलपुर संभाग में कोलीपाथर (जबलपुर), रीवा संभाग से हनुमान नगर (सतना) और सागर संभाग से शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मकरोनिया को पुरस्कार देने की घोषणा की गई। 
  • हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर श्रेणी में 30 संस्थाओं को विनर घोषित किया गया। इनमें रायपुर (भोपाल), पनवारी (छतरपुर), गढ़ाघाट (जबलपुर), कुचवाही (सीधी), पिचोड़ी (बड़वानी), बंडीखुर्द (शहडोल), कजलाना (इंदौर), छिपोन (गुना), अमलाई (अनूपपुर), बिलढाना (विदिशा), नन्हीं टेहरी (टीकमगढ़), चांदनिया (उमरिया), बगवाड़ा (सीहोर), बरखेड़ा सेतु (रायसेन), गोरही (सतना), सेजी (अशोकनगर), निगोरी (डिंडोरी), पंजरकाला (नर्मदापुरम), अहमदपुर खैगाँव (खंडवा), हिरनखेड़नी (राजगढ़), इच्छापुर (बुरहानपुर), पटना बुजुर्ग (सागर), रूपगढ़ (झाबुआ), मकडाबदा (श्योपुर), डबाडी (अलीराजपुर), नरसिंहगढ़ (दमोह), इंदरी (मंडलाला), बड़ागाँव (पन्ना), सिद्धिकला (सिंगरोली) और बोटलगंज (मंदसौर) को पुरस्कार देने की घोषणा की गई।  
  • विजेता संस्थाओं के अतिरिक्त मानदंडों के अनुरूप 70 प्रतिशत से अधिक स्कोर करने वाली संस्थाओं को सांत्वना पुरस्कार दिये जाने की घोषणा भी की गई। 
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के प्रयासों की श्रृंखला में कायाकल्प अवार्ड एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के अनुक्रम में प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं में साफ-सफाई रखने और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिये वर्ष 2015 से कायाकल्प अवार्ड प्रारंभ किये गए।  
  • अस्पतालों के परिसर में साफ-सफाई रखने और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने की गुणवत्ता की विशेषज्ञों के दल द्वारा जाँच के बाद निर्धारित मानदंड अनुसार स्वास्थ्य संस्थाओं को नंबर दिये जाते हैं। सर्वाधिक नंबर पाने वाले अस्पताल को प्रथम पुरस्कार के लिये चयनित किया जाता है।  
  • ज़िला अस्पताल, सिविल/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की 5 श्रेणी में कायाकल्प अवार्ड दिये जाते हैं।  


झारखंड Switch to English

रायडीह के मांदर को मिलेगा जीआई टैग

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के गुमला ज़िले के रायडीह प्रखंड स्थित जरजट्टा गाँव के मांदर को जीआई टैग मिलेगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • गुमला ज़िले के उपायुक्त सुशांत गौरव ने कहा कि जरजट्टा गाँव के मांदर को पूरे देश में एक अलग पहचान दिलाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस मांदर को जीआई टैग दिलवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे इस मांदर की पहचान पूरे देश में बनेगी और प्रखंड रायडीह व ज़िला गुमला को मांदर के नाम से भी जाना जाएगा। 
  • उपायुक्त सुशांत गौरव ने कहा कि गाँव में एक केंद्र भी बनेगा, जहाँ गाँव के लोग सामूहिक रूप से समूह बनाकर मांदर बनाने का कार्य करेंगे। आसानी से अपने हाथों से बना मांदर को बेच पाएंगे और अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगे।  
  • विदित है कि मांदर झारखंड का प्राचीन और अत्यंत लोकप्रिय वाद्य है। इसे यहाँ लगभग सभी समुदाय के लोग बजाते हैं।  


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 में इस बार कुश्ती एवं रस्सीकूद प्रतियोगिता भी

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष शुरू की गई छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को मिली लोकप्रियता को देखते हुए इस बार हरेली तिहार के दिन शुरू होने वाली छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 को और भी रोमांचक बनाने के लिये एकल श्रेणी में दो नए खेल रस्सीकूद एवं कुश्ती को भी शामिल किया गया है। 

प्रमुख बिंदु  

  • छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 में इस बार 16 तरह की खेलों में स्पर्धाएँ आयोजित होंगी, जिसमें दलीय एवं एकल श्रेणी में छत्तीसगढ़िया लोक-संस्कृति में रचे-बसे 8-8 तरह के खेलों को शामिल किया गया है।  
  • लगभग 2 महीने 10 दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता का समापन 27 सितंबर को होगा।  
  • खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा इन खेलों के लिये नियमावली बनाई गई है। इस खेल की समय-सीमा 15 मिनट रखी गई है। मैदान का आकार 6 बाई 6 फीट होगा। निर्णायकों की संख्या 03 होगी।   
  • कुश्ती खेल में महिला एवं पुरूष वर्ग में अलग-अलग 5 वेट केटेगरी निर्धारित की गई है, जिसमें महिला वर्ग में 40 किलोग्राम तक, 41 से 50 किलोग्राम तक, 51 से 60 किलोग्राम तक, 61 से 70 किलोग्राम तक एवं 70 किलोग्राम से ऊपर तक की वेट केटेगरी रखी गई है।  
  • इसी तरह पुरूष वर्ग में 50 किलोग्राम तक, 51 से 60 किलोग्राम तक, 61 से 70 किलोग्राम तक, 71 से 80 किलोग्राम तक एवं 80 किलोग्राम से ऊपर तक की वेट केटेगरी निर्धारित की गई है।  
  • कुश्ती प्रतियोगिता के लिये बनाए गए नियानुसार मैच 03 मिनट के दो अंतराल में होगा एवं प्रत्येक अंतराल में 30 सेकंड का विराम मिलेगा। इसमें विभिन्न प्रकार के नियम, फाउल भारतीय कुश्ती संघ के अनुरूप होंगे। इसमें निर्णायकों की संख्या 06 होगी। निर्णायकों द्वारा नियमानुसार घोषित खिलाड़ी विजेता माना जाएगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

‘पौधा तुहर द्वार’: वन मंत्री ने हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने ‘पौधा तुहर द्वार’योजना के तहत राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में विविध प्रजातियों के पौधों से भरे दो हरियाली प्रसार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि छत्तीसगढ़ में स्वच्छ वातावरण तथा वृक्षारोपण के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा ‘पौधा तुहर द्वार’की योजना के तहत राज्य भर में पौध वितरण का कार्य जारी है।  
  • वन विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए ‘पौधा तुहर द्वार’योजना के तहत रायपुर नगर निगम अंतर्गत घर तक नि:शुल्क पौधा पहुँचाकर दिया जाएगा।  
  • गौरतलब है कि यह योजना लगभग डेढ़ माह तक चलेगी, जिसमें आंवला, करंज, नीम, गुलमोहर, जामुन, मुनगा, कचनार, अमरूद, सीताफल, पेल्टाफार्म, नींबू, बादाम आदि प्रजाति के पौधों को आम जनों को मांग के अनुसार उपलब्ध पौधों को घर दुकान, आफिस, फैक्ट्री आदि स्थल पर पहुँचाकर वृक्षारोपण करने हेतु नि:शुल्क पौधा प्रदाय किया जाएगा।  
  • गौरतलब है कि विगत वर्ष में ‘पौधा तुहर द्वार’योजना के तहत 92 स्थलों में 2164 हितग्राहियों को 10207 पौधे जाम, आँवला, नींबू, सीताफल, कटहल, बेल, जामुन, नीम, कचनार, गुलमोहर एवं मुनगा आदि पौधों का वितरण किया गया था एवं मनरेगा योजना के अंतर्गत शासकीय/अर्द्ध-शासकीय, नगर निगम, शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य हितग्राहियों को 571974 पौधों का नि:शुल्क वितरण भी किया गया था।  
  • मनरेगा योजना अंतर्गत इस वर्ष 29 शासकीय/अर्द्ध-शासकीय, शिक्षण संस्था एवं अन्य हितग्राहियों को कुल 135965 पौधों का मांग के अनुसार नि:शुल्क वितरण किया गया है।  
  • इस योजना के तहत वन विभाग द्वारा रायपुर नगर निगम क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु आम जनों को पौधा उपलब्ध कराकर वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। 


छत्तीसगढ़ Switch to English

प्रदेश में 11 से 24 जुलाई तक ‘जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा’

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 11 जुलाई से 24 जुलाई तक ‘जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा (परिवार नियोजन पखवाड़ा)’ चलाया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • इस दौरान ग्राम स्तर से लेकर ज़िला स्तर तक विशेष अभियान चलाकर पुरूष एवं महिला नसबंदी के प्रति फैली अज्ञानता व भ्रांतियों को दूर किया जाएगा।  
  • पखवाड़े के दौरान ए.एन.एम. और मितानिनें घर-घर जाकर चिन्हांकित हितग्राहियों को परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों के बारे बताएंगी। हितग्राहियों को जरूरी परामर्श और परिवार नियोजन की सेवाएँ भी इस दौरान प्रदान की जाएंगी।   
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में परिवार कल्याण के उप संचालक डॉ. टी.के. टोंडर ने बताया कि सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन के साधन नि:शुल्क उपलब्ध हैं। इनमें पुरूष एवं महिला नसबंदी, निरोध, गर्भ निरोधक गोली, इंजेक्शन, कॉपर-टी जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।  
  • डॉ. टोंडर ने बताया कि सभी ज़िला चिकित्सालयों, चिन्हांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में एन.एस.व्ही. की सुविधा उपलब्ध है।  
  • शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में नसबंदी के बाद पुरूष हितग्राहियों को तीन हज़ार रुपए और महिला हितग्राहियों को दो हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।  

उत्तराखंड Switch to English

सात पर्वतीय ज़िलों में पहली बार मिलेगा ईएसआई का लाभ, खुलेंगी डिस्पेंसरी

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के सात पर्वतीय ज़िलों में पहली बार बीमित कार्मिकों को कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआईसी) का लाभ देने के लिये निदेशालय इन सात ज़िलों में डिस्पेंसरी खोलेगा। वहीं, प्रदेश में तीन नए शहरों में भी ईएसआई के अस्पताल खुलने जा रहे हैं। 

प्रमुख बिंदु  

  • जानकारी के अनुसार इन सात पर्वतीय ज़िलों में डिस्पेंसरी खुलने से 50 हज़ार बीमित कार्मिकों के परिजन सहित दो लाख लोगों को निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। 
  • निदेशालय के मुताबिक, उत्तरकाशी, चंपावत, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और बागेश्वर में अभी तक ईएसआईसी बीमित कार्मिकों व उनके परिजनों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेने के लिये मैदानी ज़िलों में आना पड़ता था। श्रम विभाग के आँकड़ों के मुताबिक, इन सात ज़िलों में अभी तक 50 हज़ार बीमित कर्मचारी हैं। हालाँकि, इन ज़िलों के तमाम लोग ऐसे हैं जो कि दूसरे राज्यों में नौकरी करते हैं। ऐसे में उनके परिजन पहाड़ में ही ईएसआईसी का लाभ ले सकेंगे।
  • कर्मचारी राज्य बीमा योजना की ओर से हरिद्वार में 300 बेड का अस्पताल बनवाया जा रहा है, जिसमें 250 बेड स्पेशलिटी और 50 बेड सुपर स्पेशलिटी के होंगे। यह अस्पताल 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद ईएसआई बीमित कर्मचारियों को पहली बार अत्याधुनिक और महंगा इलाज निशुल्क मिलेगा।  
  • वहीं, देहरादून में ऋषिकेश-रायवाला के बीच में ईएसआई का 100 बेड का अस्पताल बनाने का प्रस्ताव ज़िलाधिकारी को भेजा गया है। दूसरी ओर, काशीपुर में भी शहर के निकट ही 100 बेड का ईएसआई अस्पताल बनाने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। अभी तक प्रदेश में ईएसआई का केवल एक अस्पताल रुद्रपुर में है। 
  • विदित है कि कंपनियों, फैक्ट्रियों या अन्य संस्थानों में काम करने वाले करीब सात लाख कर्मचारी ऐसे हैं जो कि ईएसआई के दायरे में आते हैं। इनके परिजनों को मिलाकर ईएसआई से स्वास्थ्य लाभ लेने वालों की संख्या करीब 28 लाख है। 
  • ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और नैनीताल में पहले से चल रही 10 डिस्पेंसरी के पते बदलने जा रहे हैं। निदेशालय ने नई जगहों पर किराये के भवन में बदलाव की विज्ञप्ति जारी की है। इसके तहत ऊधमसिंहनगर ज़िले के सितारगंज, बाजपुर, जसपुर व रुद्रपुर में, हरिद्वार के भगवानपुर, हरिद्वार व सिडकुल बहादराबाद में और नैनीताल के लालकुआँ, हल्द्वानी, नैनीताल में डिस्पेंसरी नए भवन में शिफ्ट की जाएंगी।

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