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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Jul 2022
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अब छत्तीसगढ़ में घर-बैठे करा सकेंगे हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा ‘तुंहर सरकार तुंहर द्वार’ को और सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब हाइपोथीकेशन से संबंधित सभी सेवाओं को फेसलेस कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि इसके तहत हाइपोथिकेशन जोड़ने और समाप्ति के संबंध में आरटीओ कार्यालय में कोई भौतिक दस्तावेज़ नहीं लिया जाएगा। प्रदेशवासी अब घर-बैठे हाइपोथीकेशन (एचपी) से जुड़ी सभी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। 
  • लगभग 75 बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपनी हाइपोथीकेशन (एचपी) सेवाओं के साथ एकीकृत कर दिया गया है।
  • बैंकों और ऋण देने वाली संस्थाओं को आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से सभी दस्तावेज़ों और एनओसी को सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल रूप से जमा करना होगा, जिससे भौतिक हस्ताक्षर की आवश्यकता न पड़े।
  • वाहन स्वामी के द्वारा एक बार, जब बैंक में ऋण दे दिया जाएगा या भुगतान कर दिया जाएगा, तो डाटा सीधे बैंक द्वारा वाहन डाटाबेस में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा एचपीटी सेवा को सत्यापित और अनुमोदित करने का कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्वत: हो जाएगा। 
  • परिवहन विभाग द्वारा संचालित ‘तुंहर सरकार तुंहर द्वार’ योजना लोगों की सुविधा के लिये एक महत्त्वपूर्ण योजना है। परिवहन विभाग से संबंधित जनसुविधाएँ इतनी सहजता से घर-बैठे मिलने से लोगों को अब बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके चलते आवेदकों के समय और धन की बचत होगी।
  • इसके तहत केवल एक साल से कम की अवधि में 11 लाख से अधिक स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के घर भेजे जा चुके हैं। इनमें 7 लाख 50 हज़ार 934 स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र तथा 3 लाख 67 हज़ार 785 ड्राइविंग लाइसेंस शामिल हैं। इसमें लोगों को परिवहन संबंधी 22 सेवाएँ उनके घर के द्वार पर पहुँचाकर दी जा रही हैं।
  • परिवहन आयुक्त ने बताया कि परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिये राज्यभर में परिवहन सुविधा केंद्र की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीती 26 जनवरी को घोषणा की थी। इसके परिपालन में लगभग एक हज़ार परिवहन सुविधा केंद्र पूरे राज्य में खोले जा रहे हैं। वहीं परिवहन सुविधा केंद्रों की स्थापना से करीब पाँच हज़ार युवाओं के रोज़गार सृजन की संभावना भी बनेगी। 
  • वाहन चालकों की सुविधा के लिये ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आवश्यक ऑनलाइन मेडिकल प्रमाण-पत्र देने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इसके तहत अब तक प्रदेश के 1.5 लाख लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से इस यूजरफ्रेंडली नियम का लाभ उठाया है।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मार्च के अंतिम सप्ताह में परिवहन मंत्री मुहम्मद अकबर ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर ड्राइविंग लाइसेंस के लिये मेडिकल सर्टिफिकेट को ऑनलाइन जारी करने के पोर्टल का शुभारंभ किया था। कोरोना काल में पेपरलेस मेडिकल प्रमाण की उपलब्धता से आवेदक और चिकित्सक, दोनों को सुविधा हुई है।
  • इसी तरह आरटीओ कार्यालय को जीओ फेन्सिंग कर फोटो फिटनेस ऐप के माध्यम से गाड़ियों का फिटनेस जारी करने वाला भी छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस ऐप के आने से प्रभावी और पारदर्शी फिटनेस कार्यवाही करने में सहायता मिली है।
  • इस सुविधा में स्वैच्छिक ‘आधार’ प्रमाणीकरण से परिवहन सेवाएँ तत्काल प्राप्त होंगी। इस सेवा के शुरू होने पर छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन संबंधित सेवाओं को आधार से एकीकृत कर रहा है।

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रोका-छेका अभियान

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिये प्रदेशव्यापी ‘रोका-छेका अभियान’ शुरू किया गया, जो 20 जुलाई तक चलेगा।

प्रमुख बिंदु

  • इस दौरान फसल को चराई से बचाने के लिये पशुओं को नियमित रूप से गोठान में लाने हेतु रोका-छेका अभियान के अंतर्गत मुनादी कराई जाएगी।
  • गोठानों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जाँच, पशु नस्ल सुधार हेतु बधियाकरण, कृत्रिम गर्भधान एवं टीकाकरण किया जाएगा।
  • रोका-छेका राज्य की पुरानी परंपरा है। इसके माध्यम से पशुपालक अपने पशुओं को खुले में चराई के लिये नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं, ताकि फसलों को नुकसान न पहुँचे। पशुओं को अपने घरों, बाड़ों और गोठानों में रखा जाता है तथा उनके चारे-पानी का प्रबंध करना होता है।
  • पशुओं का रोका-छेका का काम अब गाँव में गोठानों के बनने से आसान हो गया है। गोठानों में पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी के प्रबंध का काम गोठान समितियाँ करने लगी हैं।
  • राज्य में पशुधन की बेहतर देखभाल के उद्देश्य से गाँव में गोठान बनाए जा रहे हैं। अब तक 10,624 गोठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 8,408 गोठान बनकर तैयार हो गए हैं। गोठानों में आने वाले पशुओं को सूखा चारा के साथ-साथ हरा चारा उपलब्ध कराने के लिये सभी गोठानों में चारागाह का विकास किया जा रहा है। राज्य के 1200 से अधिक गोठानों में हरे चारे का उत्पादन भी पशुओं के लिये किया जा रहा है।

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