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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Jul 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर भारत के सबसे बड़े मॉल का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में 2 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बने उत्तर भारत के सबसे बड़े ‘लुलु मॉल’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस मॉल का निर्माण सुशांत गोल्फ सिटी में शहीद पथ पर करीब 22 लाख वर्गफीट में किया गया है। इसका मुख्य आकर्षण यहाँ बना प्रदेश का सबसे बड़ा हाइपर मार्केट और गेमिंग ज़ोन हैं। इसके अलावा शादियों की खरीदारी के लिये वेडिंग एरीना और मनोरंजन के लिये 11 स्क्रीन का सुपरप्लेक्स भी यहाँ तैयार किया गया है।
  • यहाँ अंतर्राष्ट्रीय मानकों व सुविधाओं के साथ देश-विदेश के ब्रॉण्ड के सामान की खरीदारी की जा सकेगी। मॉल के अंदर 15 रेस्टोरेंट, 25 आउटलेट के साथ 1600 लोगों के बैठने की क्षमता के साथ बना फूड कोर्ट भी है। यहाँ 3,000 वाहनों की पार्क़िग क्षमता है। वहीं 50 हज़ार लोग एक साथ शॉपिंग कर सकते हैं।
  • पर्यटकों को शटल सेवा उपलब्ध कराने पर भी कंपनी विचार कर रही है। यहाँ ग्रॉसरी से लेकर फैशन और इलेक्ट्रॉनिक्स, होम डेकोरेशन का सामान भी उपलब्ध है।
  • यह लुलु समूह का पाँचवा शॉपिंग मॉल है। कंपनी प्रयागराज और वाराणसी में भी नए शॉपिंग मॉल पर काम कर रही है। रिटेल प्रोजेक्ट्स के अलावा लुलु समूह ने फूड प्रोसेसिंग हब की भी घोषणा की है, जो करीब 500 करोड़ रुपए के निवेश के साथ ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन है।

बिहार Switch to English

बिहार में जल्द खुलेगा फूड प्रोसेसिंग इंस्टीट्यूट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के साथ बैठक के दौरान बिहार में फूड प्रोसेसिंग संस्थान NIFTEM (National Institute of Food Technology Entrepreneurship and Management) खोलने की बात कही।

प्रमुख बिंदु

  • दिल्ली में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस और बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के बीच हुई बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के तहत बिहार में एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की स्थापना के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत हुई।
  • इस दौरान यह भी तय हुआ कि जल्द ही पटना में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और उद्योग विभाग, बिहार सरकार के बीच उच्चस्तरीय बैठक होगी, साथ ही पटना में इस सेक्टर के बड़े उद्योगपतियों की मौज़ूदगी में एक फूड प्रोसेसिंग कॉन्क्लेव भी किया जाएगा।
  • बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स योजना से बिहार के किसानों को बहुत लाभ हो सकता है। साथ ही फूड प्रोसेसिंग इकाईयों की स्थापना से बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
  • एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की स्थापना के लिये 10 एकड़ ज़मीन की ज़रूरत होगी और यहाँ 25 करोड़ रुपए या इससे ऊपर की लागत की कम-से-कम पाँच खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना का लक्ष्य होगा।
  • योजना के मुताबिक हर एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर में राज्य और केंद्र मिलकर ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे- सड़क, पानी, बिज़ली, ड्रेनेज, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, टेट्रा पैक, सोर्टिंग, ग्रेडिंग जैसी तमाम सुविधाएँ उपलब्ध कराएंगे।

राजस्थान Switch to English

प्रदेश में 11 नए खेल स्टेडियम के लिये 16.50 करोड़ रुपए स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 11 नए खेल स्टेडियम के लिये 16 करोड़ 50 लाख रुपए के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।

प्रमुख बिंदु

  • प्रस्ताव के अनुसार गिर्वा (उदयपुर), केरू (जोधपुर), हिंडौन (करौली), धोद (सीकर), परबतसर (नागौर), परसरामपुरा (झुंझुनूँ), बानसूर (अलवर), रूपवास (भरतपुर), उच्चौन (भरतपुर), तारानगर (चूरू) तथा बगरू (जयपुर) में नए खेल स्टेडियम का निर्माण होगा।
  • प्रत्येक स्टेडियम के निर्माण पर 1 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च किये जाएंगे। स्टेडियम का निर्माण राजस्थान राज्य सड़क निर्माण एवं विकास निगम (आरएसआरडीसी) तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। 
  • मुख्यमंत्री के इस निर्णय से नए बनने वाले सभी खेल स्टेडियमों में 200 मीटर का सिंडर एथलीटिक ट्रैक, बास्केटबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल, खो-खो व कबड्डी के मैदान आदि खेल सुविधाएँ विकसित की जाएंगी। साथ ही, ढाँचागत सुविधाओं के रूप में स्टेडियम कार्यालय की बिल्डिंग, टॉयलेट ब्लॉक, ट्यूबवेल, आंतरिक सड़कें व चारदीवारी आदि का निर्माण भी होगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के बजट में प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में नए खेल स्टेडियमों का निर्माण करने की घोषणा की थी।

राजस्थान Switch to English

डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान का इंटरनेशनल वेबिनार

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2022 को इंडियन डेल्फिक काउंसिल एंड इंटरनेशनल डेल्फिक काउंसिल का चैप्टर ‘डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान’ का एक वर्ष पूरा होने पर इंटरनेशनल वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में वक्ताओं ने डेल्फिक की गतिविधियों को बढ़ाने पर चर्चा की।

प्रमुख बिंदु

  • डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष आईएएस श्रेया गुहा ने बताया कि काउंसिल द्वारा डेल्फिक डायलॉग की सीरीज ‘डीसीआर@: द रोड अहेड’ के तहत इस ऑनलाइन इंटरनेशनल वेबिनार का आयोजन किया गया।
  • इंडियन डेल्फिक काउंसिल के सचिव आईएएस शांतनु अग्रहारी ने बताया कि वर्ष 2023 में डेल्फिक नेशनल गेम्स का आयोजन किया जाएगा तथा जनवरी 2023 से डेल्फिक के स्टेट गेम्स की शुरुआत होगी। वेबिनार में वक्ताओं ने डेल्फिक की गतिविधियों को बढ़ाने पर चर्चा की।
  • गौरतलब है कि डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान कला को प्रोत्साहित व संरक्षित करने में एक प्लेटफॉर्म की तरह कार्य कर रहा है, जिससे न केवल विलुप्त होती कलाओं को आधार मिलेगा, बल्कि नई पीढ़ी के लिये कला आधार सेतु भी बनेगा।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2022 को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि ‘राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट (आरडीटीएम)’ का आयोजन 22 से 24 जुलाई तक किया जाएगा। 22 जुलाई से ट्रैवल मार्ट का शुभारंभ कार्यक्रम होटल क्लार्क्स आमेर में होगा।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट में दो दिन राजस्थान से जुड़े एग्जिबिटर्स और पैन इंडिया के बायर्स के बीच बी2बी बैठकें होंगी। ट्रैवल मार्ट में लगभग 200 एग्जिबिटर्स अपने पर्यटन उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 250 डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स भाग लेंगे। ये ट्रैवल मार्ट पर्यटन क्षेत्र के लिये काफी लाभदायक साबित होंगे। 
  • पर्यटन मंत्री ने बताया कि राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट के उद्घाटन समारोह में ‘राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति’ का विमोचन भी किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि राजस्थान को फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने और राजस्थानी भाषा में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति लाई गई है।
  • इससे प्रदेश में फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों एवं युवाओं को रोज़गार तथा राजस्थानी भाषा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को सब्सिडी, राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) एवं राज्य सरकार के अधीन स्मारकों पर देय फीस में छूट सहित अन्य लाभ भी प्राप्त होंगे।
  • गौरतलब है कि आरडीटीएम में डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स को आमंत्रित करने के लिये प्रदेश के जयपुर, मंडावा, जोधपुर, भरतपुर और उदयपुर ज़िलों में रोड शो का आयोजन किया गया।

मध्य प्रदेश Switch to English

विश्वस्तरीय हार्निया सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

9 से 10 जुलाई, 2022 तक राजधानी के जहाँनुमा पैलेस में अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा एवं हार्निया सोसायटी ऑफ इंडिया का दोदिवसीय विश्वस्तरीय हार्निया सम्मेलन हुआ, जिसका शुभारंभ 9 जुलाई को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया था।

प्रमुख बिंदु

  • इस दोदिवसीय सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से 500 से अधिक डॉक्टर एवं चिकित्सा छात्र शामिल हुए। सम्मेलन में अहमदाबाद में रोबोट के जरिये की जाने वाली सर्जरी का लाइव प्रसारण भी दिखाया गया।
  • इस अवसर पर मंत्री सारंग ने कहा कि मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ‘मेडिकल नॉलेज शेयरिंग मिशन’ की भी शुरुआत की गई है। यह मिशन शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है।
  • इस मिशन के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सकीय उपचार की नवीनतम तकनीक, नवाचारों एवं शोध के विभिन्न आयामों को मध्य प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों तक पहुँचाया जा रहा है।
  • मंत्री सारंग ने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ मेडिकल इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में इन्क्यूबेशन सेंटर को विकसित किया जा रहा है, जिससे प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा छात्रों को नए चिकित्सा उपकरणों पर शोध एवं उन्हें विकसित करने का अवसर मिलेगा।
  • मंत्री ने कहा कि शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में मेडिकल रोबोटिक्स के उपयोग को बढ़ावा देने उद्देश्य से देश के विभिन्न शासकीय एवं निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों के साथ एमओयू कर ऑर्थोपेडिक, यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी के विभिन्न सर्जिकल प्रोसिजर में मेडिकल रोबोट के उपयोग के लिये ट्रेनिंग दी जाएगी।
  • मध्य प्रदेश में थ्रीडी प्रिंटिंग के उपयोग से प्रोस्थेसिस के विकास, दाँत, हड्डियों एवं विभिन्न अंगों की विशिष्ट बीमारियों के परिप्रेक्ष्य में प्रतिकृतियों के निर्माण कर शल्य क्रिया में उपयोग किया जाएगा, जिससे बेहतर रिजल्ट प्राप्त होंगे।

हरियाणा Switch to English

पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से गठन करेगी हरियाणा सरकार

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुरुक्षेत्र में बाबा माखन शाह लबाना व बाबा लक्खी शाह बंजारा जयंती समारोह में पिछड़े वर्ग के लोगों को बड़ा तोहफा देते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से गठन करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इसके बनने के बाद समाज की सभी समस्याओं की चिंता यह आयोग भी करेगा। आयोग के माध्यम से सभी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिले, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उन सब वर्गों के कल्याण के लिये अलग से आयोग अथवा बोर्ड का गठन किया है, जो किन्हीं कारणों से प्रगति की दौड़ में पीछे रह गए हैं।
  • मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और गरीबों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक उत्थान के लिये सरकार ने 300 से अधिक स्कीमें चलाई हुई हैं। इनका लाभ एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने के लिये प्रदेश में 117 अंत्योदय भवनों एवं लगभग 20 हज़ार अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से 47 विभागों की 618 सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध करवाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।
  • इस अवसर पर मनोहर लाल खट्टर ने नगर पालिका कुरुक्षेत्र में कम्युनिटी सेंटर को लक्खी शाह बंजारा के नाम से बनवाने की घोषणा भी की।

झारखंड Switch to English

ग्रामीण छात्रों को शिक्षित करने के लिये ICFAI ने शुरू की ‘विद्या दान’ पहल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, रांची परिसर में झारखंड के पड़ोसी गाँवों के ग्रामीण छात्रों के शिक्षा स्तर में सुधार के लिये ‘विद्या दान’ नामक एक अभिनव पहल शुरू की गई।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम में आईसीएफएआई के कुलपति प्रोफेसर ओ.आर.एस. राव ने कहा कि भारत सरकार की उन्नत भारत अभियान (यूबीए) योजना के तहत विश्वविद्यालय ने पाँच पड़ोसी गाँवों, सिमलिया, दलदली, गुटुआ, तिलटा और पुंदाग को गोद लिया था। 
  • इन पाँच गाँवों में एक सर्वेक्षण करने के बाद ग्रामीण छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता और आईटी कौशल में सुधार के लिये ‘विद्या दान’ योजना शुरू करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत विश्वविद्यालय परिसर में शाम 4.30 बजे से गणित और भौतिकी में कक्षा 8 के छात्रों के लिये उपचारात्मक कक्षाएँ आयोजित की जाएंगी।
  • इसके अलावा 5 पंचायतों में विद्या दान केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें युवाओं को आईटी कौशल में प्रशिक्षित करने के लिये कंप्यूटर केंद्र स्थापित की जाएंगी। 
  • प्रोफेसर राव ने कहा कि एक चलित पुस्तकालय स्थापित करने की भी योजना बनाई जा रही है, जिसमें पाठ्य-पुस्तकों और कहानी की किताबों की मोबाइल लाइब्रेरी वाला एक वाहन सभी 5 गाँवों की यात्रा करेगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

अब छत्तीसगढ़ में घर-बैठे करा सकेंगे हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा ‘तुंहर सरकार तुंहर द्वार’ को और सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब हाइपोथीकेशन से संबंधित सभी सेवाओं को फेसलेस कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि इसके तहत हाइपोथिकेशन जोड़ने और समाप्ति के संबंध में आरटीओ कार्यालय में कोई भौतिक दस्तावेज़ नहीं लिया जाएगा। प्रदेशवासी अब घर-बैठे हाइपोथीकेशन (एचपी) से जुड़ी सभी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। 
  • लगभग 75 बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को अपनी हाइपोथीकेशन (एचपी) सेवाओं के साथ एकीकृत कर दिया गया है।
  • बैंकों और ऋण देने वाली संस्थाओं को आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से सभी दस्तावेज़ों और एनओसी को सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल रूप से जमा करना होगा, जिससे भौतिक हस्ताक्षर की आवश्यकता न पड़े।
  • वाहन स्वामी के द्वारा एक बार, जब बैंक में ऋण दे दिया जाएगा या भुगतान कर दिया जाएगा, तो डाटा सीधे बैंक द्वारा वाहन डाटाबेस में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा एचपीटी सेवा को सत्यापित और अनुमोदित करने का कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्वत: हो जाएगा। 
  • परिवहन विभाग द्वारा संचालित ‘तुंहर सरकार तुंहर द्वार’ योजना लोगों की सुविधा के लिये एक महत्त्वपूर्ण योजना है। परिवहन विभाग से संबंधित जनसुविधाएँ इतनी सहजता से घर-बैठे मिलने से लोगों को अब बार-बार परिवहन विभाग के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके चलते आवेदकों के समय और धन की बचत होगी।
  • इसके तहत केवल एक साल से कम की अवधि में 11 लाख से अधिक स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों के घर भेजे जा चुके हैं। इनमें 7 लाख 50 हज़ार 934 स्मार्ट कार्ड आधारित पंजीयन प्रमाण-पत्र तथा 3 लाख 67 हज़ार 785 ड्राइविंग लाइसेंस शामिल हैं। इसमें लोगों को परिवहन संबंधी 22 सेवाएँ उनके घर के द्वार पर पहुँचाकर दी जा रही हैं।
  • परिवहन आयुक्त ने बताया कि परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिये राज्यभर में परिवहन सुविधा केंद्र की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीती 26 जनवरी को घोषणा की थी। इसके परिपालन में लगभग एक हज़ार परिवहन सुविधा केंद्र पूरे राज्य में खोले जा रहे हैं। वहीं परिवहन सुविधा केंद्रों की स्थापना से करीब पाँच हज़ार युवाओं के रोज़गार सृजन की संभावना भी बनेगी। 
  • वाहन चालकों की सुविधा के लिये ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आवश्यक ऑनलाइन मेडिकल प्रमाण-पत्र देने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इसके तहत अब तक प्रदेश के 1.5 लाख लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से इस यूजरफ्रेंडली नियम का लाभ उठाया है।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मार्च के अंतिम सप्ताह में परिवहन मंत्री मुहम्मद अकबर ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर ड्राइविंग लाइसेंस के लिये मेडिकल सर्टिफिकेट को ऑनलाइन जारी करने के पोर्टल का शुभारंभ किया था। कोरोना काल में पेपरलेस मेडिकल प्रमाण की उपलब्धता से आवेदक और चिकित्सक, दोनों को सुविधा हुई है।
  • इसी तरह आरटीओ कार्यालय को जीओ फेन्सिंग कर फोटो फिटनेस ऐप के माध्यम से गाड़ियों का फिटनेस जारी करने वाला भी छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस ऐप के आने से प्रभावी और पारदर्शी फिटनेस कार्यवाही करने में सहायता मिली है।
  • इस सुविधा में स्वैच्छिक ‘आधार’ प्रमाणीकरण से परिवहन सेवाएँ तत्काल प्राप्त होंगी। इस सेवा के शुरू होने पर छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन संबंधित सेवाओं को आधार से एकीकृत कर रहा है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

रोका-छेका अभियान

चर्चा में क्यों?

10 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ में खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिये प्रदेशव्यापी ‘रोका-छेका अभियान’ शुरू किया गया, जो 20 जुलाई तक चलेगा।

प्रमुख बिंदु

  • इस दौरान फसल को चराई से बचाने के लिये पशुओं को नियमित रूप से गोठान में लाने हेतु रोका-छेका अभियान के अंतर्गत मुनादी कराई जाएगी।
  • गोठानों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जाँच, पशु नस्ल सुधार हेतु बधियाकरण, कृत्रिम गर्भधान एवं टीकाकरण किया जाएगा।
  • रोका-छेका राज्य की पुरानी परंपरा है। इसके माध्यम से पशुपालक अपने पशुओं को खुले में चराई के लिये नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं, ताकि फसलों को नुकसान न पहुँचे। पशुओं को अपने घरों, बाड़ों और गोठानों में रखा जाता है तथा उनके चारे-पानी का प्रबंध करना होता है।
  • पशुओं का रोका-छेका का काम अब गाँव में गोठानों के बनने से आसान हो गया है। गोठानों में पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी के प्रबंध का काम गोठान समितियाँ करने लगी हैं।
  • राज्य में पशुधन की बेहतर देखभाल के उद्देश्य से गाँव में गोठान बनाए जा रहे हैं। अब तक 10,624 गोठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 8,408 गोठान बनकर तैयार हो गए हैं। गोठानों में आने वाले पशुओं को सूखा चारा के साथ-साथ हरा चारा उपलब्ध कराने के लिये सभी गोठानों में चारागाह का विकास किया जा रहा है। राज्य के 1200 से अधिक गोठानों में हरे चारे का उत्पादन भी पशुओं के लिये किया जा रहा है।

उत्तराखंड Switch to English

राज्य सरकार ने पाँच गुना बढ़ाई गो संरक्षण भरण-पोषण की राशि

चर्चा में क्यों?

9 जुलाई, 2022 को विधानसभा स्थित कार्यालय में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में गो सदन राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक के दौरान संरक्षित पशुओं के भरण-पोषण की राशि पाँच गुना बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक में राज्य में संचालित मान्यताप्राप्त गो सदनों को प्रति पशु मिलने वाली राशि को छ: रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए किया गया है। 
  • वर्तमान में प्रदेश में 39 मान्यता प्राप्त गो सदन संचालित हैं। इनमें लगभग 10 हज़ार पशुओं का भरण-पोषण किया जा रहा है। पशुचारे के लिये भूसे की कीमत बढ़ने से उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर संरक्षित पशुओं के भरण-पोषण राशि में पाँच गुना की बढ़ोतरी की गई।
  • इसके साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के माध्यम से गो सदनों को गोबर गैस ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों व सोलर लाइट के लिये अनुदान राशि दी जाएगी। गो सदनों को भूसा स्टोर, गोशाला निर्माण के लिये 60 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी।
  • पशुपालन मंत्री ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में गो सदनों को राजकीय अनुदान देने के लिये 15 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया है। संरक्षित पशुओं के कल्याण गतिविधियों के संचालन हेतु उत्तराखंड गोवंश संरक्षण निधि को 3 करोड़ रुपए दिया जाएगा।
  • पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लावारिस पशुओं के संरक्षण के लिये सरकार जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ‘ग्राम गो सेवक योजना’ शुरू करेगी। इसमें गाँव स्तर पर ग्राम गो सेवकों के माध्यम से संरक्षित पशुओं का भरण-पोषण किया जाएगा। 
  • 200 से अधिक संरक्षित पशुओं का भरण-पोषण करने वाले गो सदनों को दक्षता सुधार गतिविधियों, उपकरण, औज़ार, सामग्री के लिये 90 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया गया।

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