मध्य प्रदेश Switch to English
NOTA वोट
चर्चा में क्यों?
हाल के आम चुनावों में इंदौर में देश में सबसे अधिक NOTA (इनमें से कोई नहीं) वोट 2,18,674 दर्ज किये गए।
मुख्य बिंदु:
- इंदौर लोकसभा सीट पर कुल पड़े वोटों में से 16.28% वोट NOTA के खाते में गए।
- राष्ट्रीय स्तर पर कुल 5,33,705 मतदाताओं ने NOTA (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प चुना, जिसमें सबसे अधिक 2,18,674 वोट इंदौर सीट पर दर्ज किये गए।
- इंदौर में 25.27 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 61.75% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से 13,43,294 मत वैध पाए गए। इनमें से 16.28% मत NOTA को गए। वर्ष 2019 में इंदौर में 69% मतदान हुआ था, जिसमें 5,045 मतदाताओं ने NOTA का विकल्प चुना था।
- एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार, NOTA का एक “प्रतीकात्मक” प्रभाव होता है और यदि किसी सीट पर इसे 50% से अधिक वोट मिलते हैं, तभी चुनाव परिणामों पर इसे कानूनी रूप से प्रभावी बनाने पर विचार किया जा सकता है।
NOTA
- NOTA विकल्प पहली बार वर्ष 2014 के आम चुनावों में पेश किया गया था।
- NOTA का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है, क्योंकि अगर किसी सीट पर सबसे ज़्यादा वोट NOTA को मिले हों, तो दूसरा सबसे सफल उम्मीदवार जीत जाता है।
- हरियाणा में NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार माना गया है।
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