आगरा कैंट स्टेशन को मिला ग्रीन रेटिंग | उत्तर प्रदेश | 11 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आगरा रेल मंडल के वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा कैंट स्टेशन, डीआरएम ऑफिस और रेलवे अस्पताल को हरियाली, कूड़ा प्रबंधन व सफाई के मामले में आईजीबीसी की ओर से ग्रीन रेटिंग दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- आगरा कैंट स्टेशन परिसर को हरा-भरा बनाने के प्रयास पिछले दो साल से चल रहे हैं। स्टेशन के रनिंग रूम के मेस में लोको पायलट और गार्डों के लिये भोजन बायोगैस प्लांट पर बनाया जाता है। यहाँ स्टेशन से एकत्रित कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह रेलवे अधिकारियों के यमुना रेस्ट हाउस में भी बायोगैस प्लांट संचालित है। स्टेशन पर सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होता है।
- स्टेशन परिसर से लेकर डीआरएम ऑफिस तक सोलर पैनल से 1588.40 किलोवाट बिजली का उत्पादन होता है, जिससे स्टेशन व अन्य परिसर की ज़रूरतों को पूरा किया जाता है।
- स्टेशन पर प्रतिदिन एक हज़ार से ज़्यादा रेल नीर समेत अन्य पानी की बोतलों की खपत होती है। इन्हें नष्ट करने के लिये बोतल क्रश मशीनें लगी हुई हैं।
- रेलवे की ऑफिसर्स कॉलोनी से लेकर डीआरएम ऑफिस व अन्य परिसरों को हरियाली से आच्छादित किया गया है। वर्ष 2021-22 में डेढ़ लाख पौधे लगाए गए थे। इनमें से बड़ी संख्या में अब फल-फूल गए हैं। वर्तमान में केवल स्टेशन परिसर में 100 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी देखभाल का दायित्व स्टेशन अधीक्षक का है।
- स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर छह पर एसटीपी संचालित है। इसे पानी का ट्रीटमेंट करके पटरियों की धुलाई में उपयोग किया जाता है।
- स्टेशन पर वार्ड के समीप कोच वाशिंग प्लांट से ट्रेनों के कोचों की धुलाई की जाती है। धुलाई के पानी को बर्बाद नहीं होने दिया जाता है। इसे अनेक चैनलों से गुज़ार कर पौधों में दिया जाता है।
- कूड़े के प्रबंधन के लिये रेलवे ने नगर निगम के साथ करार किया है। इसमें कूड़े की छँटाई के बाद इसके निस्तारण का कार्य नगर निगम की टीम करती है।