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मछली उत्पादन में बिहार देश में चौथे स्थान पर
चर्चा में क्यों?
10 जून, 2022 को बिहार के ऊर्जा और योजना विकास मंत्री एवं योजना परिषद के उपाध्यक्ष बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि बिहार मछली उत्पादन में देश भर में चौथे स्थान पर पहुँच गया है।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2007-08 में राज्य में 2.88 लाख टन सालाना मछली उत्पादन होता था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 7.62 लाख टन हो गया है।
- इसी तरह प्रदेश में दूध उत्पादन भी दोगुना हो गया है। वर्ष 2007-08 में 57.7 लाख टन दूध उत्पादन था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 115.2 लाख टन हो गया।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 से राज्य ने कृषि रोडमैप के कार्यान्वयन से दूध, अंडा एवं मछली के रिकॉर्ड उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हासिल की है।
- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने बताया कि प्रथम कृषि रोडमैप से पहले वित्तीय वर्ष 2007-08 में राज्य का वार्षिक मांस उत्पादन 1.80 लाख टन था, जो बढ़कर वर्ष 2020-21 में 3.86 लाख टन हो गया।
- सरवण कुमार ने बताया कि राज्य में पशुपालकों के द्वार तक पशु चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिये डोर स्टेप डिलीवरी की योजना ज़ल्द लागू होगी। इसकी स्वीकृति दी जा चुकी है।
- सभी गाँवों तक दुग्ध समितियों की पहुँच सुनिश्चित करने हेतु वर्ष 2024-25 तक 7,000 नई दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य है। इसके विरुद्ध इस साल मई तक 1639 नई समितियों की स्थापना की जा चुकी है। सभी प्रखंडों में 600 सुधा के बिक्री केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
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ग्राम पंचायतों में डिजिटल हस्ताक्षर के बगैर नहीं होगा भुगतान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में शासन ने भ्रष्टाचार पर वार करते हुए अब पश्घ्चघ्म चंपारण ज़िले की ग्राम पंचायतों में डोंगल लागू कर दिया है। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया व सचिवों को ‘डिजिटल सिग्नेचर’ बनाना आवश्यक है।
प्रमुख बिंदु
- 10 जून, 2022 को बिहार राज्य के पश्चिमी चंपारण के बीडीओ पंकज कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन ने 15वीं वित्त आयोग की राशि निकासी के लिये डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट आवश्यक कर दिया है।
- अब बिना डिजिटल सिग्नेचर के राज्य वित्त व 15वें वित्त की धनराशि का भुगतान नहीं हो पाएगा। शासन की ओर से वित्तीय राशि निकासी में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर यह कदम उठाए गए हैं।
- डिजिटल सिग्नेचर नहीं बनवाने के चलते एक दर्जन ग्राम पंचायतों के खाता संचालन पर रोक लगा दी गई है।
- बीडीओ ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के आलोक में ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनबोर्ड़िग की प्रक्रिया के तहत डीएससी रजिस्ट्रेशन, वेंडर एजेंसी, रजिस्ट्रेशन, लेखांकन एवं अन्य तकनीकी कार्य के लिये निर्देश दिया गया है, जिससे जनप्रतिनिधियों को अवगत होना अति आवश्यक है, ताकि विकास योजनाओं को गति मिल सके।
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