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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Jun 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

आगरा कैंट स्टेशन को मिला ग्रीन रेटिंग

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में आगरा रेल मंडल के वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा कैंट स्टेशन, डीआरएम ऑफिस और रेलवे अस्पताल को हरियाली, कूड़ा प्रबंधन सफाई के मामले में आईजीबीसी की ओर से ग्रीन रेटिंग दी गई है। 

प्रमुख बिंदु 

  • आगरा कैंट स्टेशन परिसर को हरा-भरा बनाने के प्रयास पिछले दो साल से चल रहे हैं। स्टेशन के रनिंग रूम के मेस में लोको पायलट और गार्डों के लिये भोजन बायोगैस प्लांट पर बनाया जाता है। यहाँ स्टेशन से एकत्रित कचरे का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह रेलवे अधिकारियों के यमुना रेस्ट हाउस में भी बायोगैस प्लांट संचालित है। स्टेशन पर सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होता है।   
  • स्टेशन परिसर से लेकर डीआरएम ऑफिस तक सोलर पैनल से 1588.40 किलोवाट बिजली का उत्पादन होता है, जिससे स्टेशन अन्य परिसर की ज़रूरतों को पूरा किया जाता है।  
  • स्टेशन पर प्रतिदिन एक हज़ार से ज़्यादा रेल नीर समेत अन्य पानी की बोतलों की खपत होती है। इन्हें नष्ट करने के लिये बोतल क्रश मशीनें लगी हुई हैं।  
  • रेलवे की ऑफिसर्स कॉलोनी से लेकर डीआरएम ऑफिस अन्य परिसरों को हरियाली से आच्छादित किया गया है। वर्ष 2021-22 में डेढ़ लाख पौधे लगाए गए थे। इनमें से बड़ी संख्या में अब फल-फूल गए हैं। वर्तमान में केवल स्टेशन परिसर में 100 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी देखभाल का दायित्व स्टेशन अधीक्षक का है।   
  • स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर छह पर एसटीपी संचालित है। इसे पानी का ट्रीटमेंट करके पटरियों की धुलाई में उपयोग  किया जाता है।  
  • स्टेशन पर वार्ड के समीप कोच वाशिंग प्लांट से ट्रेनों के कोचों की धुलाई की जाती है। धुलाई के पानी को बर्बाद नहीं होने दिया जाता है। इसे अनेक चैनलों से गुज़ार कर पौधों में दिया जाता है। 
  • कूड़े के प्रबंधन के लिये रेलवे ने नगर निगम के साथ करार किया है। इसमें कूड़े की छँटाई के बाद इसके निस्तारण का कार्य नगर निगम की टीम करती है। 

बिहार Switch to English

मछली उत्पादन में बिहार देश में चौथे स्थान पर

चर्चा में क्यों? 

10 जून, 2022 को बिहार के ऊर्जा और योजना विकास मंत्री एवं योजना परिषद के उपाध्यक्ष बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि बिहार मछली उत्पादन में देश भर में चौथे स्थान पर पहुँच गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • वर्ष 2007-08 में राज्य में 2.88 लाख टन सालाना मछली उत्पादन होता था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 7.62 लाख टन हो गया है।  
  • इसी तरह प्रदेश में दूध उत्पादन भी दोगुना हो गया है। वर्ष 2007-08 में 57.7 लाख टन दूध उत्पादन था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 115.2 लाख टन हो गया।  
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 से राज्य ने कृषि रोडमैप के कार्यान्वयन से दूध, अंडा एवं मछली के रिकॉर्ड उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हासिल की है।  
  • पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने बताया कि प्रथम कृषि रोडमैप से पहले वित्तीय वर्ष 2007-08 में राज्य का वार्षिक मांस उत्पादन 1.80 लाख टन था, जो बढ़कर वर्ष 2020-21 में 3.86 लाख टन हो गया।  
  • सरवण कुमार ने बताया कि राज्य में पशुपालकों के द्वार तक पशु चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिये डोर स्टेप डिलीवरी की योजना ज़ल्द लागू होगी। इसकी स्वीकृति दी जा चुकी है। 
  • सभी गाँवों तक दुग्ध समितियों की पहुँच सुनिश्चित करने हेतु वर्ष 2024-25 तक 7,000 नई दुग्ध समितियों के गठन का लक्ष्य है। इसके विरुद्ध इस साल मई तक 1639 नई समितियों की स्थापना की जा चुकी है। सभी प्रखंडों में 600 सुधा के बिक्री केंद्र स्थापित किये जाएंगे।  

बिहार Switch to English

ग्राम पंचायतों में डिजिटल हस्ताक्षर के बगैर नहीं होगा भुगतान

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में शासन ने भ्रष्टाचार पर वार करते हुए अब पश्घ्चघ्म चंपारण ज़िले की ग्राम पंचायतों में डोंगल लागू कर दिया है। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया सचिवों कोडिजिटल सिग्नेचरबनाना आवश्यक है।  

प्रमुख बिंदु 

  • 10 जून, 2022 को बिहार राज्य के पश्चिमी चंपारण के बीडीओ पंकज कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन ने 15वीं वित्त आयोग की राशि निकासी के लिये डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट आवश्यक कर दिया है। 
  • अब बिना डिजिटल सिग्नेचर के राज्य वित्त 15वें वित्त की धनराशि का भुगतान नहीं हो पाएगा। शासन की ओर से वित्तीय राशि निकासी में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर यह कदम उठाए गए हैं।  
  • डिजिटल सिग्नेचर नहीं बनवाने के चलते एक दर्जन ग्राम पंचायतों के खाता संचालन पर रोक लगा दी गई है।   
  • बीडीओ ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के आलोक में ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनबोर्ड़िग की प्रक्रिया के तहत डीएससी रजिस्ट्रेशन, वेंडर एजेंसी, रजिस्ट्रेशन, लेखांकन एवं अन्य तकनीकी कार्य के लिये निर्देश दिया गया है, जिससे जनप्रतिनिधियों को अवगत होना अति आवश्यक है, ताकि विकास योजनाओं को गति मिल सके।  

राजस्थान Switch to English

राजस्थान के 37 आवासीय विद्यालयों को मिला ईट-राईट-स्कूल प्रमाण-पत्र

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने राजस्थान के 37 आवासीय स्कूलों को ईट-राईट-स्कूल के तौर पर मान्यता प्रदान करते हुए सर्टिफिकेट जारी किये हैं। 

प्रमुख बिंदु 

  • देश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ राजस्थान के 37 राजकीय आवासीय विद्यालयों को यह प्रमाण-पत्र मिला है।   
  • इन विद्यालयों को उच्च गुणवत्तायुक्त, हाईजेनिक एवं पौष्टिक खाने के सभी मानक पूरे करने के आधार पर यह प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए हैं।   
  • कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, नाचना (जैसलमेर), मूंगरा (बाड़मेर), नीठार (भरतपुर), भीनमाल (जालौर), कुचामन (नागौर), नीडच (राजसमंद), नंदीशमा (उदयपुर), बौराज (जयपुर), खैतरली (पाली), टिब्बी (हनुमानगढ़), दौसा, बौंली (सवाईमाधोपुर), टोडारायसिंह (टोंक), घड़साना (गंगानगर), पोगल (बीकानेर), जावल (सिरोही), डूँगरपुर, राजगढ़ (चूरू), मांदड (सिरोही), हसंई (धौलपुर), अजमेर, शाहबाद (बारां), चाकसू (जयपुर) तथा चौमाला (झालावाड़) को ईट-राईट-स्कूल का दर्जा मिला है।  
  • इसी प्रकार महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय खैरोदा (उदयपुर), चारभुजा (राजसमंद), राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बासकृपाल नगर (अलवर), राजपुरबड़ा (अलवर), बरनाला (सवाई माधोपुर), नाहरगढ़ (चित्तौड़गढ़) तथा अनूपपुरा जालसू (जयपुर) को ईट-राईट-स्कूल का दर्जा मिला है।  
  • इनके अलावा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय जैतारण (पाली), ब्राह्मणों की सरीरी आसींद (भीलवाड़ा), जायल (नागौर), नरोलीडांग (करौली), मौलासर (नागौर) तथा खोड़वाड़ा ईटावा (कोटा) को ईट-राईट विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ है।  

मध्य प्रदेश Switch to English

जन-अभियान परिषद और ईशा फाउंडेशन के मध्य एमओयू

चर्चा में क्यों? 

10 जून, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सद्गुरु वासुदेव जग्गी की उपस्थिति में मिट्टी को बचाने के लिये राज्य सरकार और ईशा फाउंडेशन के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सद्गुरु वासुदेव जग्गी के मिट्टी बचाने के संदेश को प्रदेश के प्रत्येक  गाँव और विकासखंड तक ले जाया जाएगा। राज्य सरकार इस दिशा में ईशा फाउंडेशन के साथ मिलकर कार्य करेगी।   
  • मिट्टी बचाने के लिये मध्य प्रदेश जन-अभियान परिषद द्वारा सेव स्वाईल अभियान में जन-जागरण गतिविधियाँ चलाई जाएंगी। मिट्टी बचाने के लिये राज्य शासन और ईशा फाउंडेशन द्वारा जो रोडमैप बनाया जाएगा, उसे जन-अभियान परिषद और ईशा फाउंडेशन मिलकर क्रियान्वित करेंगी। 

हरियाणा Switch to English

जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में दाँव लगाएंगी मंजू संधू

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में हरियाणा के हिसार ज़िले के कौथकलाँ की 18 वर्षीय पहलवान मंजू संधू का चयन इटली में होने वाली जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग के लिये हुआ है। 

प्रमुख बिंदु 

  • 22 जून से 30 जून, 2022 तक इटली में होने वाली जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में मंजू संधू 72 किग्रा. भारवर्ग में खेलेंगी।  
  • गौरतलब है कि राँची में 26 मई से 29 मई तक जूनियर रैंकिंग नेशनल में मंजू ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा लखनऊ में 2 जून को जूनियर एशिया चैंपियनशिप के लिये हुए ट्रायल में प्रथम स्थान पर आई थीं। इन दोनों के बेस पर मंजू का जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग के लिये चयन किया गया है।  
  • उल्लेखनीय है कि मंजू संधू ने 2018-19 में पूना में हुए खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक तथा 2019-20 में गुवाहाटी में हुए खेलो इंडिया में स्वर्ण पदक जीता था।  
  • मंजू पिछले पाँच साल से उमरा के एशियन स्पोर्ट्स स्कूल में कुश्ती कोच संजय मलिक से प्रशिक्षण ले रही हैं। 

झारखंड Switch to English

झारखंड के अल्पसंख्यक स्कूल के कर्मियों को मिलेगा अंशदायी पेंशन योजना का लाभ

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अल्पसंख्यक स्कूलों के कर्मियों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ देने की घोषणा की है। 

प्रमुख बिंदु 

  • झारखंड के 836 प्रारंभिक सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) तथा 134 माध्यमिक अल्पसंख्यक स्कूलों के कर्मियों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा।  
  • इसके तहत इन स्कूलों के उन कर्मियों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा, जो 1 दिसंबर, 2004 या इसके बाद नियुक्त हैं।  
  • गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ बनाम राज्य सरकार के मामले में पारित आदेश के आलोक में यह निर्णय लिया है। इसमें उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्त्ता के प्रजेंटेशन पर आवश्यक निर्णय लेने का आदेश राज्य सरकार को दिया था।  
  • विभाग द्वारा इन स्कूलों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिये जाने को लेकर जारी घोषणा में कहा गया है कि चूँकि इनकी नियुक्ति विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से हुई है, इसलिये समिति को सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसीनेशनल सिक्यूरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेडसे निबंधित होना होगा। साथ ही प्रत्येक कर्मियों को योगदान के साथ ही परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर लेना होगा।  
  • कर्मियों के मूल वेतन तथा अनुमान्य जीवनयापन भत्ता में से दस प्रतिशत राशि से काटी जाएगी, जो नियोक्ता अंशदान के रूप में एनपीएस खाता में जमा की जाएगी। 

झारखंड Switch to English

गुरु सुशांत महापात्र ‘गुरु ब्रह्मा अवार्ड’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों? 

10 जून, 2022 को ओडिशा के जगन्नाथपुरी में आयोजित एक कार्यक्रम में झारखंड राज्य के सरायकेला छऊ नृत्य शैली का मुखौटा तैयार करने वाले वरीय कलाकार गुरु सुशांत महापात्र कोगुरु ब्रह्मा अवार्डदिया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • ओडिशा के कल्चरल डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से आयोजित इंटरनेशनल मेगा डांस फेस्टिवलअप्सरा-2022’ में हाईटेक ग्रुप के चेयरमैन डॉ. तिरुपति पाणिग्रही ने अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति-पत्र देकर महापात्र को सम्मानित किया। 
  • गुरु सुशांत महापात्र द्वारा बनाए गए छऊ मुखौटे की प्रदर्शनी देश-विदेश में लगाई जा चुकी है, उनके द्वारा तैयार किये गए सरायकेला शैली छऊ मुखौटे का प्रदर्शन सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि अमेरिका के न्यूयॉर्क, बर्लिन, वियाना के अलावा देश की राजधानी दिल्ली सहित मुंबई, कोलकाता एवं अन्य बड़े शहरों मे किया जा चुका है। 
  • गुरु सुशांत महापात्र द्वारा निर्मित मुखौटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेंट किया जा चुका है।  
  • विदित है कि वर्ष 1925 में उनके बड़े पिताजी प्रशन्न कुमार महापात्र ने सरायकेला शैली छऊ के लिये पहला आधुनिक मुखौटा तैयार किया था।  
  • सुशांत महापात्र ने 8 वर्ष की उम्र में ही अपने बड़े पिताजी (गुरु प्रशन्न महापात्र) की प्रेरणा से मुखौटा का निर्माण शुरू किया था। इसके पश्चात् इस मुखौटा का प्रचलन बढ़ने लगा और अब यही मुखौटा की सरायकेला शैली छऊ नृत्य की पहचान बन गई है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

एकीकृत नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का शुभारंभ

चर्चा में क्यों? 

10 जून, 2022 को छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेडिया ने नगरपालिका बालोद अंतर्गत एकीकृत नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • नशामुक्ति केंद्र में नशे की लत को खत्म करने, नशे से छुटकारा दिलाने उससे दूर रहने के लिये परामर्श प्रदान किया जाता है। इससे अब प्रभावित लोगों को नशापान से छुटकारा पाने में काफी मदद मिलेगी। 
  • नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में आने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ नि:शुल्क मिलेंगी, जिसमें नशापान से दूर रहने हेतु परामर्श के साथ ही रहने की सुविधा, नि:शुल्क स्वास्थ्य जाँच, योगाभ्यास, मेडिटेशन, संगीत, व्यायाम, इंडोरगेम सहित अन्य प्रकार की सुविधाएँ शामिल हैं। 
  • इसके अलावा अनिला भेडिया ने बालोद ज़िले के ग्राम झलमला स्थित समाज कल्याण विभाग कार्यालय परिसर में ज़िला नि:शक्त पुनर्वास केंद्र का भी शुभारंभ किया।  
  • बालोद ज़िले में नि:शक्तजनों हेतु पुनर्वास केंद्र की सुविधा उपलब्ध होने से यहाँ के ज़रूरतमंदों को बाहर किसी अन्य ज़िला नहीं जाना पड़ेगा, ज़िले में ही उन्हें सुविधाएँ मिलेंगी। इससे ज़िले के दिव्यांगजनों को काफी सहूलियत होगी। 
  • मंत्री भेंडिया ने दिव्यांगजनों को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रोत्साहन राशि का चेक और सहायक उपकरण प्रदान कर लाभान्वित किया। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

हसदेव अरंड वन क्षेत्र में कोयला खदान परियोजना पर लगी रोक

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने सरगुजा संभाग के हसदेव अरंड वन क्षेत्र में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) को आवंटित तीन आगामी कोयला खदान परियोजनाओं पर रोक लगा दी है। 

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि इन परियोजनाओं के खिलाफ स्थानीय लोगों और कार्यकर्त्ताओं के कड़े विरोध के कारण राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।  
  • खनन परियोजनाओं को रोके जाने की पुष्टि करते हुए सरगुजा के ज़िलाधिकारी संजीव झा ने बताया कि तीन आगामी परियोजनाएँ- परसा, परसा पूर्व और कांते बासन (पीईकेबी) का दूसरा चरण तथा कांते एक्सटेंशन कोयला खदान, जो खदान शुरू होने से पहले विभिन्न चरणों में है, को आगामी आदेश तक के लिये रोक दिया गया है।   
  • तीनों खदानें आरआरवीयूएनएल को आवंटित की गई हैं तथा अडानी समूह एमडीओ (माइन डेवलपर और ऑपरेटर) के रूप में इससे जुड़ा है। क्षेत्र की जिन खदानों में काम चल रहा है, वहाँ काम जारी रहेगा। 
  • स्थानीय लोगों का दावा है कि कोयला खदान से जैवविविधता और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँचेगा। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हसदेव अरंड वन क्षेत्र में खनन केवल आदिवासियों को विस्थापित करेगा, बल्कि क्षेत्र में मानव-हाथी संघर्ष भी बढ़ेगा।  
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने राजस्थान सरकार के आग्रह पर हाल ही में परसा खदान और पीईकेबी के दूसरे चरण की कोयला खनन परियोजनाओं के लिये अंतिम मंज़ूरी दी थी। 

उत्तराखंड Switch to English

जमरानी परियोजना के लिये केंद्र ने दी निवेश मंज़ूरी

चर्चा में क्यों? 

10 जून, 2022 को नई दिल्ली में जल संसाधन सचिव की अध्यक्षता में निवेश मंज़ूरी प्रस्तावों पर हुई बैठक में उत्तराखंड की महत्त्वाकांक्षी जमरानी बांध परियोजना को निवेश मंज़ूरी दी गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • नीति आयोग और केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया। इसमें पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और मणिपुर की परियोजनाओं के लिये निवेश मंज़ूरी के प्रस्तावों पर विचार किया गया।  
  • बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2584.10 करोड़ रुपए की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को मंज़ूरी दी गई। मंज़ूरी 90:10 (केंद्र: राज्य) के आधार पर दी गई है।   
  • इस परियोजना का लक्ष्य 63 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करना है और इससे 57,065 हेक्टेयर भूमि के लिये अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।   
  • यह परियोजना वर्ष 2055 तक हल्द्वानी शहर को 42 एमसीएम पेयजल भी उपलब्ध कराएगी। सरकार ने वर्ष 2027 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।  
  • गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य के नैनीताल ज़िले में गोला नदी पर बहुउद्देशीय जमरानी बांध परियोजना का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना के प्रथम चरण में गोला बैराज का निर्माण, 244 किमी. नहर का पुनर्निर्माण और दामुवा एवं अमृतपुरी कॉलोनी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। दूसरे चरण में मुख्य बांध का निर्माण किया जाएगा। 

उत्तराखंड Switch to English

कैबिनेट बैठक में लिये गए कई महत्त्वपूर्ण फैसले

चर्चा में क्यों? 

10 जून, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिये गए। बैठक में कुल 23 बिंदुओं पर विचार किया गया। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिपरिषद ने सितारगंज चीनी मिल को भविष्य में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्धति से आउटसोर्स कर संचालित किये जाने की स्वीकृति दी।   
  • मंत्रिपरिषद ने राज्य के वार्षिक बजट को विधानसभा में पेश करने की स्वीकृति प्रदान की।  
  • इसके अलावा वीरता पुरस्कार विजेताओं को दी जाने वाली एकमुश्त अनुदान की राशि में भी वृद्धि की गई, जो निम्नलिखित हैं-   
    • परमवीर चक्र प्राप्तकर्त्ताओं के लिये एकमुश्त अनुदान 30 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए। 
    • अशोक चक्र प्राप्तकर्त्ताओं के लिये 30 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए। 
    • महावीर चक्र प्राप्तकर्त्ताओं के लिये 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 35 लाख रुपए। 
    • कीर्ति चक्र विजेताओं के लिये 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 35 लाख रुपए। 
    • वीर चक्र और शौर्य चक्र के लिये 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए। 
    • सेना वीरता पदक के लिये 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए। 
    • डिस्पैच में मेंशन के लिये 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए। 
  • मंत्रिपरिषद ने सिंचाई विभाग की साथी सेवा नियमावली को भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अलावा, उत्तराखंड ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम संशोधन विधेयक, 2022 और उत्तराखंड अग्नि एवं आपातकालीन सेवा अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा संशोधन विधेयक, 2022 को विधानसभा में प्रस्तुत करने की भी स्वीकृति प्रदान की।  
  • मंत्रिपरिषद ने पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय अधिनियम, 2003 में संशोधन के संबंध में संबंधित विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने की स्वीकृति प्रदान की।  
  • मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्देश दिया कि एकल आवासीय-व्यावसायिक भवनों से नर्स़िग होम, क्लीनिक, चाइल्ड केयर सेंटर, नर्सरी स्कूल आदि के कंपाउंडिंग के लिये एकमुश्त समाधान योजना को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए। 

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