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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 May 2023
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रदेश के शत-प्रतिशत अन्नदाताओं को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ का लाभ देने के लिये अभियान शुरू

चर्चा में क्यों?

10 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के अब शत-प्रतिशत अन्नदाताओं को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’का लाभ देने के लिये राज्य सरकार बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है, जिसमें पुराने पंजीकृत किसानों के प्रकरणों और नये कृषकों को जोड़ा जाएगा।   

प्रमुख बिंदु  

  • पूरे प्रदेश में पीएम किसान लाभार्थी संतृप्तीकरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में राजस्व विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग सहित कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगाए जाएंगे। 
  • ग्राम पंचायत स्तर पर यह अभियान 22 मई से शुरू होगा जो 10 जून तक चलेगा।  
  • हालाँकि, इससे पहले ही 20 मई तक राज्य सरकार के अधिकारी घर-घर जाकर ऐसे कृषकों की सूची तैयार करने में जुटे हुए हैं, जो विभिन्न कारणों से इस योजना का लाभ लेने से अब तक वंचित हैं।  
  • ग्राम पंचायत स्तर पर अभियान से पहले घर-घर सर्वेक्षण एवं प्रचार-प्रसार का अभियान चलाया जाएगा। इसमें ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्राम स्तरीय कर्मियों के साथ घर-घर सर्वेक्षण कर ऐसे कृषकों की सूची तैयार कर ली जाएगी, जो विभिन्न कारणों से इस लाभ से वंचित हैं।
  • इस पूरे अभियान का नोडल कृषि विभाग होगा। ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले शिविरों में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सेक्रेटरी, लेखपाल, तकनीकी सहायक (कृषि), कॉमन सर्विस सेंटर, पोस्ट ऑफिस के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे, जिससे कि ई-केवाईसी, बैंक खाते की आधार लिंकिंग एवं लैंड सीडिंग के काम को सफलतापूर्वक कराया जा सके।  
  • ज्ञातव्य है कि ‘किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत 6000 रुपए प्रतिवर्ष की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है। 
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र सीधे-सीधे इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं।  
  • राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं जिन्होंने अभी तक ओपेन सोर्स से आवेदन नहीं किया है। इसके अलावा ऐसे कृषक भी हैं जिन्होंने ओपेन सोर्स के तहत आवेदन तो किया है, मगर आवेदन अब तक स्वीकृत नहीं हुए हैं।  
  • साथ ही, जिन कृषकों का भूलेख अपडेट नहीं हुआ है, उन्हें भी आगामी किस्तें प्राप्त नहीं हो रही है। कई बार पंजीकृत कृषकों के भूलेख का सत्यापन होने के बावजूद उनके बैंक खाते का आधार से लिंक न होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।
  • उल्लेखनीय है कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत अब तक 13 किस्तों का वितरण पूरा कर लिया गया है। अब 14वीं किस्त के लिये ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है।  

बिहार Switch to English

मध्य प्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी ज़मीन की रजिस्ट्री में अब आधार अनिवार्य

चर्चा में क्यों?

10 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब जमीन और मकान खरीदने-बेचने पर आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होगा। इसके संबंध में राज्य मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक ने आदेश जारी किया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • राज्य में आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होने से संपत्तियों के बेनामी ट्रांजेक्शन पर रोक लगेगी। वहीं, खरीदार-विक्रेता की सही पहचान भी आधार नंबर ऑथेंटिकेशन से आसान हो जाएगी, जिससे फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी।  
  • विदित है कि पहले फर्जी व्यक्ति को खड़ा करा ज़मीन रजिस्ट्री का जो मामला सामने आता रहता था, इस पर अब बिल्कुल ही रोक लग जाएगी।  
  • राज्य में रजिस्ट्री ऑफिस में बिना काम जो भीड़ होती है। आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य होने से इसमें भी कमी आएगी।  
  • विभागीय स्तर से जारी निर्देश के बाद अब ज़मीन रजिस्ट्री के दौरान खरीदार व विक्रेता के साथ गवाह व पहचान की जो आवश्यकता पड़ती थी, वह भी अब खत्म हो जाएगी। आधार ऑथेंटिकेशन से ही गवाह व पहचान की प्रक्रिया रजिस्ट्री ऑफिस पूरी करेगा।

राजस्थान Switch to English

दिल्ली में निवास कर रहे प्रवासी राजस्थानी लोगों को मिली महत्त्वपूर्ण योजनाओं की सौगात

चर्चा में क्यों?

10 मई, 2023 को राजस्थान सरकार की मुख्य आवासीय आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह और आवासीय आयुक्त व राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने दिल्ली में निवास कर रहे प्रवासी राजस्थानी लोगों को राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिये दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस परिसर में ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना’और ‘ई-मित्र’योजना का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • ‘मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना’के तहत 300 दवाइयाँ नि:शुल्क रूप से लोगों को मिलेंगी।  
  • इसके अलावा बीकानेर हाउस में खोले गए ई-मित्र केंद्र द्वारा करीब 500 विशिष्ट सेवाएँ दी जाएंगी, जिसमें मुख्य रूप से जनाधार, नामांकन, चिरंजीवी नामांकन, पेंशन सत्यापन, छात्रवृत्ति योजना, मोबाइल रिचार्ज, बस- रेल टिकट, जन्म- मृत्यु प्रमाण आदि शामिल हैं। 
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिक्षा और स्वास्थ्य की सकारात्मक सोच और प्राथमिकता का लाभ राज्य में रहने वाले लोगों के साथ-साथ राज्य के बाहर रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों को भी मिलना चाहिये। इसी संकल्प के साथ इन सुविधा केंद्रों का शुभारंभ किया गया है। 
  • बीकानेर हाउस परिसर में ई-मित्र और मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना केंद्रों के शुभारंभ के साथ-साथ पत्रकारों के बैठने के लिये एक पत्रकार कक्ष का उद्घाटन किया गया। इस कक्ष में पत्रकारों को बैठने की सुविधा के साथ-साथ कंप्यूटर और अन्य सुविधाएँ भी शुरू की गई हैं, ताकि मीडियाकर्मी अपने समाचार संबंधित दैनिक कार्य संपन्न कर सकें।


मध्य प्रदेश Switch to English

भारतीय बीज सहकारी समिति की सदस्यता लेगा मध्य प्रदेश बीज संघ

चर्चा में क्यों? 

9 मई, 2023 को मध्य प्रदेश सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया की अध्यक्षता और किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल की विशेष उपस्थिति में मंत्रालय में हुई राज्य बीज उत्पादक और विपणन संघ के संचालक मंडल की बैठक में मध्य प्रदेश राज्य बीज संघ द्वारा भारतीय बीज सहकारी समिति की सदस्यता लेने का निर्णय लिया गया। 

प्रमुख बिंदु

  • संचालक मंडल ने 16 प्राथमिक बीज उत्पादक सहकारी समितियों को बीज संघ की सदस्यता देने की मंजूरी दी।  
  • इसके साथ ही राज्य बीज संघ के निर्मित गोदाम-सह-ग्रेडिंग प्लांट में सुरक्षा के लिये वायर फेंसिंग कराए जाने का भी निर्णय लिया गया।  
  • बीज संघ के एम.डी. ए.के. सिंह ने बताया कि वर्ष 2022-23 में बीज संघ द्वारा देश और प्रदेश के विभिन्न अनुसंधान संस्थानों से खरीफ वर्ष 2022 में 455 क्विंटल से अधिक और रबी वर्ष 2022-23 के लिये 898 क्विंटल प्रजनक बीज के उठाव और वितरण की प्रगति दर्ज की गई। 
  • गौरतलब है कि बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि एवं स्थानीय स्तर की मांग के अनुरूप बीज उत्पादन हेतु प्राथमिक बीज उत्पादक सहकारी समिति के गठन का अभियान वर्ष 2002 से चलाया गया।  
  • बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं को बीज उत्पादन एवं विपणन में समन्वय हेतु मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ (बीज संघ) का गठन 13 दिसंबर 2004 को किया गया। 
  • बीज संघ का प्रमुख उद्देश्य प्राथमिक बीज उत्पादक समितियों को उनकी स्थानीय आवश्यकताओं के मांग अनुसार प्रजनक एवं आधार बीज उपलब्ध कराना एवं प्रमाणित बीज का उत्पादन बीज समिति से करवाकर प्रदेश के कृषकों को उचित समय पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना है।  
  • बीज संघ के गठन के पश्चात् वर्ष 2004-05 में प्रदेश की पंजीकृत बीज उत्पादक समितियों के माध्यम से 16000 हेक्टेयर क्षेत्र से 1.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का उत्पादन प्रारंभ किया गया।

मध्य प्रदेश Switch to English

हिन्दी में लिखित चिकित्सा शास्त्र की पुस्तकों का विमोचन

चर्चा में क्यों? 

9 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय एवं मध्य प्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा आयोजित मातृभाषा हिन्दी में चिकित्सा विज्ञान की पुस्तकों के विमोचन कार्यक्रम में विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • विमोचित पुस्तकों ‘डायलिसिस तकनीशियन’, ‘आपरेहान थियेटर तकनीशियन’एवं ‘एक्सरे तकनीशियन’को डॉ. गणेशराम मेहर द्वारा लिखा गया है।
  • वहीं डॉ. प्रेमचंद सवर्णकार द्वारा ‘परिचयात्मक रोग विकृति विज्ञान और आधुनिक नैदानिक जाँचे’ पुस्तकों को लिखा है और डॉ. सुरेश तिवारी द्वारा ‘पंच कर्म चिकित्सा के आधारभूत सिद्धांत’तथा डॉ. ए.के. द्विवेदी द्वारा ‘मानव शरीर रचना विज्ञान’पुस्तकों को लिखा है। 
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में मातृभाषा, प्रांतीय भाषा, भारतीय भाषाओं, अनुवाद एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को महत्त्व दिया जा रहा है। 
  • मध्य प्रदेश में चिकित्सा जैसे तकनीकी-व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पुस्तकों का हिन्दी में लेखन और अनुवाद का कार्य जारी है।  
  • मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी एवं अटल बिहारी वाजपयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा किया गया यह नवाचार सराहनीय है।  
  • ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने हिन्दी में भी मेडिकल की पढ़ाई की शुरूआत की है। 16 अक्तूबर, 2022 को भोपाल में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिन्दी पुस्तकों का विमोचन किया था।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय नामक विभाग का होगा गठन

 चर्चा में क्यों? 

  • 9 मई, 2023 को हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा कैबिनेट की बैठक में सार्वजनिक खर्च में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये वित्त विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय नामक एक नया विभाग स्थापित करने का निर्णय लिया है। 
  • राज्य लेखा परीक्षा निदेशालय सभी लेखा परीक्षा योग्य इकाई सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सहकारी समितियों, विश्वविद्यालयों, +स्थानीय प्राधिकरणों, सांविधिक निकायों, सार्वजनिक संस्थानों और राज्य सरकार द्वारा स्थापित नियंत्रित या वित्तपोषित अन्य प्राधिकरणों की आंतरिक लेखा परीक्षा करेगा।   
  • इनमें समेकित निधि से धन, सहायता, अनुदान या योगदान प्राप्त करने वाले गैर-सरकारी संगठन और संस्थाएँ जो राज्य संचित निधि के माध्यम से सरकार से किसी भी रूप में या सार्वजनिक रूप से धन प्राप्त करती हैं, वे भी इस लेखा परीक्षा में शामिल हैं। 
  • आंतरिक नियंत्रण के लिये आंतरिक लेखा परीक्षा की समीक्षा और सुधार करने, कमजोरियों एवं गलतियों की पहचान करने, मूल्यांकन और निगरानी के साथ-साथ आंतरिक नियंत्रण के लिये जाँच का पर्याप्त और प्रभावशाली उपकरण है।


हरियाणा Switch to English

मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति- 2023-24 को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों? 

  • 9 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी नीति- 2023-24 को अनुमोदित किया गया है। 
  • गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में जिस लाइसेंस फीस पर फुटकर दुकानें आवंटित की गई थीं, उसकी शत-प्रतिशत वसूली राज्य सरकार द्वारा की जा चुकी है। 
  • नई आबकारी नीति- 2023-24 उन संसाधनों को उत्पन्न करने की सुविधा भी देती है, जिनका उपयोग विकासात्मक परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये किया जा सकता है। 
  • पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में, नई नीति का उद्देश्य 29 फरवरी, 2024 के बाद शराब की बोतल में पीईटी बोतलों के उपयोग को बंद करना है। 
  • इसके साथ ही 400 करोड़ रुपए के लक्षित संग्रह के साथ खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण और पशु कल्याण के लिये किया जाएगा। 
  • पर्यावरण रक्षा और पशु कल्याण (गौ सेवा) के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नई नीति में खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है, जिसका लक्ष्य 400 करोड़ रुपए संग्रह करना है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण एवं पशु कल्याण के लिये किया जाएगा। 
  • नई नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिये ज़िला स्तर पर आईएफएल (बीआईओ) के लेबल का भी नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही, एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये छोटी (क्राफ्ट) ब्रेवरीज की लाइसेंस फीस कम की गई है। राज्य में वाइनरी को बढ़ावा देने के लिये वाइनरी की सुपरवाइजरी फीस में कमी की गई है। 
  • नई आबकारी नीति में राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा को क्रमश: 2022-23 में 2600 से घटाकर 2500 तथा 2023-24 में 2500 से 2400 कर दिया गया है। 
  • इसी के साथ लोक कल्याण की दृष्टि से एक और बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आस-पास अधिसूचित पवित्र क्षेत्रों तथा जिन गाँवों में गुरुकुल चल रहे हैं, वहाँ शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। 
  • वर्तमान नीति में, अधिक से अधिक प्रतिभागियों को ई-निविदा के माध्यम से शराब की दुकान के लाइसेंस के लिये आवेदन करने की अनुमति देने के लिये खुदरा शराब बिक्री ज़ोन का आकार भी चार से घटाकर दो कर दिया गया है।  
  • नई नीति में देशी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब (बीआईओ) के मूल कोटे में बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है। 
  • अल्कोहल की कम मात्रा वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने के लिये रेडी टू ड्रिंक बेवरेजेज और बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड कैटेगरी के तहत एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है। इसके अलावा, पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिये लाइसेंस शुल्क को और कम कर दिया गया है। 
  • नई नीति में थोक लाइसेंसधारियों द्वारा शराब की चोरी पर अंकुश लगाने के लिये जुर्माने के प्रावधान कड़े किये गए हैं और लाइसेंसधारक द्वारा सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शराब प्रचार के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 
  • आबकारी लाइसेंस के तहत शराब परोसने वाले सभी होटलों, पब और बार, रेस्तरां और कैफे के बाहर सावधानी बोर्ड प्रदर्शित किये जाएंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये, शहरी क्षेत्रों, सराय और थोक लाइसेंसधारियों के लिये सभी खुदरा विक्रेताओं के लिये अग्निशमन उपकरण स्थापित करना अनिवार्य होगा। उपरोक्त सभी दुकानों/गोदामों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।


छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ के तीन शहीद जवानों को सर्वोच्च बलिदान के लिये मिला कीर्ति चक्र

चर्चा में क्यों? 

9 मई 2023 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के तीन शहीद जवानों को नक्सल ऑपरेशन में सर्वोच्च साहस और बलिदान के लिये कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है।  

प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रपति मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन में शहीद उपनिरीक्षक दीपक भारद्वाज की पत्नी प्रंतिका भारद्वाज, शहीद प्रधान आरक्षक सोढ़ी नारायण की पत्नी सुशीला सोढ़ी तथा शहीद एसटीएफ प्रधान आरक्षक श्रवण कश्यप की पत्नी दुतिका कश्यप को कीर्ति चक्र प्रदान किया।  
  • इन तीनों जवानों को राष्ट्रपति द्वारा बस्तर अंचल के बीजापुर ज़िले में हुए नक्सल ऑपरेशन में सर्वोच्च साहस और बलिदान के लिये कीर्ति चक्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है। 
  • गौरतलब है कि उपनिरीक्षक शहीद दीपक भारद्वाज छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा ज़िले के मालखरौदा के पिहरीद, आरक्षक शहीद सोढ़ी नारायण बीजापुर ज़िले पुनुर और एसटीएफ प्रधान आरक्षक शहीद श्रवण कश्यप बस्तर ज़िले के बनिया गाँव के रहने वाले थे।


उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री ने ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (ए.एन.पी.आर) का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों? 

9 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से परिवहन विभाग द्वारा तैयार किये गए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (ए.एन.पी.आर) का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु

  • ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम से प्रदेश के प्रमुख मार्गों में यातायात के नियमों के अनुपालन एवं कर अपवंचन संबंधी प्रकरणों की ऑनलाईन मॉनिटरिंग की सुविधा मिलेगी।
  • ए.एन.पी.आर कैमरे लगने से जीएसटी एवं अन्य विभागों को भी मदद मिलेगी व कर चोरी पर रोकथाम भी इससे संभव होगा। इससे चेक पोस्टों पर जाम से मुक्ति मिलेगी और आवागमन भी सरल होगा। इसके साथ ही इस व्यवस्था के प्रारंभ होने से वाहन दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।  
  • सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन करते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग किये जाने की व्यवस्था की गई है।  
  • उत्तराखंड में राज्य की सीमा पर स्थापित सभी चैक पोस्टों को समाप्त कर दिया गया है। राज्य में इलैक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू करने हेतु प्रथम चरण में राज्य की सीमा पर ए.एन.पी.आर. स्थापित करने की योजना बनाई गई जिसके लिये राज्य सड़क सुरक्षा कोष से 4.61 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।  
  • उत्तराखंड परिवहन सचिव ने जानकारी दी कि इस योजना के अंतर्गत ए.एन.पी.आर. पोर्टल से प्राप्त डाटा को जीएसटी विभाग को उपलब्ध कराने हेतु इंटीग्रेशन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है, जबकि अन्य विभागों-खनन, आबकारी, पर्यटन, शहरी विकास, वन विभाग तथा पुलिस के साथ इंटीग्रेशन किया जाना भी प्रस्तावित है ताकि एक ही माध्यम से प्राप्त डाटा का सभी संबंधित विभागों द्वारा उपयोग किया जा सके।  
  • इस व्यवस्था को पूर्णत: आटोमेटेड बनाया गया है जिसके लिये ए.एन.पी.आर. कैमरे के लिये तैयार सॉफ्टवेयर का इंटीग्रेशन वाहन पोर्टल एवं ई-चालान पोर्टल से किया गया है। इससे वाहन के नंबर प्लेट के आधार पर चालान स्वत: जेनरेट हो सकेंगे, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।


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