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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 May 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

भातखंडे संगीत महाविद्यालय को सांस्कृतिक विश्वविद्यालय का दर्जा

चर्चा में क्यों? 

10 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में भातखंडे संगीत महाविद्यालय को सांस्कृतिक विश्वविद्यालय का दर्जा देने और खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेताओं को ग्रेड-1 सरकारी अधिकारी नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई। 

प्रमुख बिंदु 

  • संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 को अपनाकर भातखंडे राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 6 जनवरी, 2022 को अध्यादेश जारी किया गया था।  
  • संस्कृति विभाग द्वारा वित्त पोषित भातखंडे संगीत संस्थान डीम्ड विश्वविद्यालय वर्तमान में शास्त्रीय संगीत के विभिन्न विषयों में शिक्षण के लिये स्थापित है।  
  • दूसरे निर्णय में राज्य मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेताओं की सीधे 24 राजपत्रित पदों पर नियुक्ति हेतु उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियम, 2022’ की घोषणा के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की।  
  • ये 24 पद ग्रामीण विकास, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, गृह, पंचायती राज, युवा कल्याण, परिवहन, वन और राजस्व जैसे नौ अलग-अलग विभागों के हैं।   
  • ये सभी पद लोक सेवा आयोग के दायरे में हैं और नियुक्तियाँ आयोग की सहमति के बाद की जाएंगी। इसके लिये कार्मिक विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (कार्यों का परिसीमन) विनियम, 1954’ अधिनियम में आवश्यक संशोधन किये हैं।  
  • जिन पदों पर नियुक्तियाँ की जाएंगी, उनमें बीडीओ, बीएसए, डीपीआरओ, सहायक खेल अधिकारी, नायब तहसीलदार और डिप्टी एसपी शामिल हैं।  
  • खेल और युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि ओलंपिक, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, विश्व कप या विश्व चैंपियनशिप के साथ-साथ पैरालंपिक खेलों में पदक विजेता इन पदों के लिये पात्र होंगे। साथ ही व्यक्ति को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।  

उत्तर प्रदेश Switch to English

वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र होंगे प्रदेश के नए महाधिवक्ता

चर्चा में क्यों? 

10 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्र को राज्य का नया महाधिवक्ता नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। 

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बीते 7 मई को राज्य सरकार को 16 मई तक नया महाधिवक्ता नियुक्त करने का समय दिया था।  
  • गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत महाधिवक्ता की नियुक्ति का प्रावधान है, जिसके तहत उन्हें न सिर्फ सरकार के कानूनी सलाहकार के तौर पर काम करना होता है, बल्कि उन्हें सीआरपीसी, अवमानना कानून का भी निर्वहन करना होता है. साथ ही अन्य कानूनी दायित्व भी निभाने होते हैं।  
  • इन दायित्वों को किसी अतिरिक्त महाधिवक्ता या अन्य को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। ऐसे में महाधिवक्ता का पद संविधान के अनुसार खाली नहीं रखा जा सकता। 
  • गौरतलब है कि महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने एक महीने पहले अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया था।  
  • अजय मिश्र पूर्व न्यायमूर्ति श्रीरंग मिश्र के पुत्र और न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र के बड़े भाई हैं। वे वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता का दायित्व निभा रहे हैं। 

बिहार Switch to English

मशरूम उत्पादन में देश में नंबर 1 राज्य बना बिहार

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में जारी राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार बिहार वर्ष 2021-22 में 28,000 टन से ज़्यादा मशरूम उत्पादन कर देश में सबसे बड़ा मशरूम उत्पादक राज्य बन गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • बिहार ने यह उपलब्धि ओडिशा को पीछे छोड़ते हुए हासिल की है। इससे पहले ओडिशा मशरूम उत्पादन में पहले स्थान पर था।  
  • राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2021-22 में बिहार में 28,000 टन से ज़्यादा मशरूम उत्पादन हुआ, जो देश में उत्पादित कुल मशरूम का 10.82 प्रतिशत है।  
  • पिछले वर्ष बिहार में 23,000 टन मशरूम का उत्पादन हुआ था, वहीं 3 वर्ष पहले राज्य मशरूम उत्पादन के मामले में 13वें पायदान पर था।  
  • बागवानी बोर्ड के आँकड़ों के अनुसार मशरूम उत्पादन में बिहार के बाद दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है, जिसका कुल उत्पादन में 9.89 फीसदी हिस्सेदारी है। 9.66 फीसदी हिस्सेदारी के साथ ओडिशा तीसरे स्थान पर है।  

राजस्थान Switch to English

राजस्थान मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों? 

10 मई, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक में पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिये नियमों में आवश्यक संशोधन को मंज़ूरी समेत एक जैसी पात्रता वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये समान पात्रता परीक्षा आयोजित कराने जैसे कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए। 

प्रमुख बिंदु 

  • बैठक में 1 जनवरी, 2004 और इसके पश्चात् नियुक्त हुए समस्त राजकीय कार्मिकों के लिये पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की बजट घोषणा के क्रियान्वयन हेतु राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996, राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम, 2005, विभिन्न पुनरीक्षित वेतनमान नियमों एवं राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 में संशोधनों के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।  
  • इससे 1 जनवरी, 2004 एवं उसके पश्चात् नियुक्त हुए राजकीय कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति पर पेंशन परिलाभों के पात्र होंगे। साथ ही राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) के अंतर्गत कैशलेस चिकित्सा सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगे।  
  • 31 मार्च, 2022 से पूर्व जो अपनी सेवा से एग्जिट हो गए हैं, उन्हें भी उक्त नियमानुसार पेंशनरी परिलाभ अप्रैल, 2022 से देय होंगे।   
  • प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को सरल, समयबद्ध एवं एकीकृत किये जाने की दृष्टि से एक जैसी पात्रता वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे- ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, मंत्रालयिक कर्मचारी इत्यादि) के स्थान पर अब समान पात्रता परीक्षा (CTET) आयोजित होगी। इसके लिये राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा (समान पात्रता परीक्षा) नियम, 2022 बनाया जाएगा।  
  • बजट 2022-23 की घोषणा के अनुरूप राजस्थान के निवासी पैरालंपिक पदक विजेताओं को इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में नि:शुल्क 25 बीघा भूमि के आवंटन का निर्णय लिया गया है।   
  • जैसलमेर ज़िले में 6,000 हैक्टेयर राजकीय सिवायचक भूमि को 2000 मेगावाट सोलर पार्क की स्थापना के लिये राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड एवं अडानी समूह के मध्य करार से स्थापित संयुक्त उपक्रम अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड को कीमतन भूमि आवंटन पर निर्णय किया गया है।  
  • इसके अलावा जैसलमेर की तहसील फतेहगढ़ में कुल रकबा 290.62 हैक्टेयर राजकीय भूमि को ईडन रिन्यूएबल पैसी प्राइवेट लिमिटेड को सशर्त कीमतन आवंटन किये जाने के प्रस्ताव पर निर्णय किया है। इस निर्णय से 150 मेगावॉट सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना हो सकेगी। 

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश स्टार्टअप कॉन्क्लेव, 2022

चर्चा में क्यों? 

10 मई, 2022 को मध्य प्रदेश के एमएसएमई सचिव पी. नरहरि ने बताया कि मध्य प्रदेश स्टार्टअप कॉन्क्लेव, 2022 इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में 13 मई को आयोजित किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु 

  • तीन सत्रों में होने वाले इस कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम सत्र में वर्चुअली जुड़कर मध्य प्रदेश की स्टार्टअप नीति एवं पोर्टल का शुभारंभ कर सत्र को संबोधित भी करेंगे। 
  • वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश के चुनिंदा स्टार्टअप्स की सफलता की कहानियों का संग्रह जारी किया जाएगा।  
  • इसमें तीन घटक सम्मिलित रहेंगे, जिसमें सेक्टोरल सेशन, स्टार्टअप एक्सपो और प्रधानमंत्री की वर्चुअल उपस्थिति में स्टार्टअप नीति का शुभारंभ होगा।  
  • इसके विभिन्न सत्रों में निम्नलिखित गतिविधियाँ होंगी-  
  • स्पीड मेंटरिंग सत्र में एमपीटीआईई के सहयोग से स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों तथा स्टार्टअप स्पेस के प्रमुख लीडर्स मिलेंगे और संवाद करेंगे। 
  • फंडिंग सत्र में स्टार्टअप और संभावित उद्यमी टियर- I और टियर-II शहरों में फंडिंग के विभिन्न तरीकों पर संवाद करेंगे।  
  • पिचिंग सत्र में स्टार्टअप निवेशकों के साथ सहयोग के अवसरों पर चर्चा और फंडिंग के लिये अपने आइडिया को प्रस्तुत करेंगे।   
  • स्टार्टअप के ईकोसिस्टम सपोर्ट सत्र में प्रतिभागी यह जानेंगे कि उनकी ब्रॉन्ड वैल्यू कैसे बढ़ाई जाए और एमपी स्टार्टअप इकोसिस्टम को कैसे बढ़ावा दिया जाए। 

हरियाणा Switch to English

नूँह ज़िले के फतेहपुर गाँव में वाहन स्क्रैपिंग फेसिलिटी सेंटर का उद्घाटन

चर्चा में क्यों? 

10 मई, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने नूँह ज़िले के फतेहपुर गाँव में रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग फेसिलिटी सेंटर का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाई गई वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी से प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कम लागत के साथ उत्पादन की क्षमता भी बढ़ेगी। 
  • इस नीति से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कॉपर, स्टील, एल्युमीनियम, रबड़ और प्लास्टिक आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। 
  • गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 में वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrapping Policy) की घोषणा की गई थी, जिसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं- 
  • पुन: पंजीकरण कराने से पूर्व 15 वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों और 20 वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहनों को एक फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।  
  • पुराने वाहनों का परीक्षण स्वचालित फिटनेस केंद्र में किया जाएगा, यहाँ वाहनों का फिटनेस टेस्ट अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर किया जाएगा।  
  • राज्य सरकारों को सलाह दी जाती है कि वे निजी वाहनों के लिये 25% तक और व्यावसायिक वाहनों हेतु 15% तक रोड-टैक्स में छूट प्रदान करें ताकि पुराने वाहनों के मालिकों को पुराने तथा अनफिट वाहनों को हटाने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।  
  • वाहन निर्माताओं द्वारा ‘स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट’ दिखाने वालों को नई गाड़ी लेने पर 5% की छूट दी जाएगी, साथ ही नए वाहन के पंजीकरण शुल्क में भी छूट दी जाएगी।  
  • 15 वर्ष या इससे पुराने वाहनों के पुन: पंजीकरण शुल्क को बढ़ाकर ऐसे वाहनों के प्रयोग को हतोत्साहित किया जाएगा।

झारखंड Switch to English

जोहार एग्री मार्ट

चर्चा में क्यों? 

10 मई, 2022 को झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राज्य भर में 25 जोहार एग्री मार्ट से लगभग 35 हज़ार से अधिक किसानों को तकनीकी सुविधाएँ मिल रही हैं।  

प्रमुख बिंदु 

  • झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी अंतर्गत जोहार परियोजना के जरिये झारखंड में किसानों को उन्नत खेती से जुड़ी सुविधाओं, जैसे- उचित दामों पर उच्च गुणवत्ता वाले खाद, बीज, कीटनाशक आदि की उपलब्धता एवं मिट्टी की जाँच, मौसम की जानकारी, कृषि यंत्र आदि को एक छत के नीचे उपलब्ध कराने की पहल जोहार एग्री मार्ट के द्वारा की गई है।  
  • जोहार एग्री मार्ट के ज़रिये उत्पादक समूहों से जुड़े किसानों के अलावा आम किसानों को भी उचित मूल्य पर खेती से जुड़ी हर तरह की सामग्री एवं सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। 
  • वर्तमान में राज्य के कुल 11 ज़िलों में 25 जोहार एग्री मार्ट का संचालन किया जा रहा है। जोहार एग्री मार्ट किसानों की तरक्की के लिये वन स्टॉप सेंटर के रूप में वरदान साबित हो रहा है।

उत्तराखंड Switch to English

सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए नया टैरिफ जारी

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने उत्तराखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (उरेड़ा) के नए प्रोजेक्ट को पुरानी दरों पर स्थापित करने की अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए दो साल के बाद सौर ऊर्जा प्रोजेक्टों के लिये नया टैरिफ जारी कर दिया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • उरेड़ा के पास मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना के तहत 1472 आवेदन आये थे, जिनमें से 781 प्रोजेक्ट को उरेड़ा ने लेटर ऑफ अवार्ड जारी कर दिया था। कोविड महामारी और फिर विधानसभा चुनाव की वज़ह से इन प्रोजेक्ट की स्थापना धीमी हो गई थी। 
  • नियम यह था कि जो भी प्रोजेक्ट 31 मार्च, 2022 तक स्थापित होंगे, केवल वही 4.49 रुपए प्रति यूनिट की दर से यूपीसीएल को बिजली बेच सकेंगे।  
  • इस योजना के तहत परियोजना लागत की 70 प्रतिशत राशि राज्य व ज़िला सहकारी बैंक से 8 प्रतिशत ब्याज की दर से लाभार्थी ऋण के रूप में ले सकेंगे  तथा शेष राशि संबंधित लाभार्थी द्वारा मार्जिन मनी के रूप में वहन की जाएगी।  
  • इस योजना के अंतर्गत राज्य के सीमांत ज़िलों में यह अनुदान 30 प्रतिशत तक होगा और  पर्वतीय ज़िलों में 25 प्रतिशत तक और अन्य ज़िलों में 15 प्रतिशत तक ही होगा।  
  • इस योजना के अंतर्गत पात्र व्यक्ति (राज्य के स्थायी निवासी) अपनी निजी भूमि अथवा लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकेंगे।  
  • इसके तहत राज्य के 10 हज़ार बेरोज़गार व्यक्तियों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। 

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