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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Apr 2023
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हरियाणा में जीरो ड्रॉप आउट नीति पर किया जा रहा काम

चर्चा में क्यों?

9 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षा के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने के लिये जीरो ड्रॉप आउट की नीति पर काम किया जा रहा है ताकि अगले वर्ष तक प्रदेश में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे।

प्रमुख बिंदु 

  • स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि जीरो ड्रॉप आउट की नीति के लिये 6 से 18 वर्ष आयु के करीब 48 लाख बच्चों के शिक्षा के स्टेटस को जानने के लिये ट्रैक किया जा रहा है।
  • शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चों को संस्कार के साथ शिक्षा देने के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है, जिसे देश भर में 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया लेकिन हरियाणा में इसे 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना से अगले वर्ष तक प्रदेश के 135 खंडों में दो-दो अर्थात कुल 270 पीएम-श्री स्कूल खोले जाएंगे। हर खंड में यह मॉडल स्कूल होंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार इन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।
  • उन्होंने कहा कि हरियाणा में फाइव एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन व स्वाभिमान के साथ-साथ सुशासन को भी जोड़ा गया, जिसका बीते आठ वर्ष से अधिक समय में सकारात्मक परिणाम सामने आया। देश में पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को टैक्नोलॉजी से जोड़ने के लिये दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को साढ़े पाँच लाख टेबलेट वितरित किये गए।
  • उन्होंने हरियाणा में शिक्षा के तंत्र को विकसित बनाने के लिये एक अन्य महत्त्वपूर्ण कलस्टर योजना का जिक्र करते हुए बताया कि प्रदेश के हर चार-पाँच गाँवों का एक क्लस्टर बनाया गया है, जिसमें एक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ऐसा होगा जहाँ तीनों संकाय-कला, विज्ञान व वाणिज्य की पढ़ाई के साथ स्वरोज़गार के लिये बच्चों के कौशल को भी विकसित किया जाएगा।
  • इसी तरह छात्राओं के शिक्षण संस्थानों तक आवागमन को सुरक्षित बनाने के लिये छापसु (छात्रा परिवहन सुरक्षा) योजना के तहत 150 नई बसें भी खरीदी गई है और हर संस्थान में छात्राओं के परिवहन के लिये एक-एक नोडल अधिकारी भी लगाया गया।

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जीएसटी संग्रहण में हरियाणा पहुँचा देश में चौथे नंबर पर

चर्चा में क्यों?

8 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा जीएसटी संग्रहण में पिछले वर्ष जहाँ देश में छठे नंबर पर था, इस बार चौथे नंबर पर आ पहुँचा है।

प्रमुख बिंदु 

  • उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार जीएसटी संग्रहण में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बार राज्य में कुल 33,527 करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रहण हुआ है।
  • उपमुख्यमंत्री, जिनके पास आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि पिछले वर्ष राज्य को अंतिम तीन महीनों के 2,575 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में मिले हैं। इस वर्ष कुल 30,951 करोड़ रुपए प्रदेश में टैक्स के तौर पर राज्य सरकार को मिले हैं।
  • पूरे देश में जीएसटी संग्रहण में हरियाणा से ऊपर केवल छोटे राज्य सिक्किम, केंद्रशासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली और गोवा हैं।
  • दुष्यंत चौटाला ने आबकारी विभाग में किये गए महत्त्वपूर्ण कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने वर्ष 2022-23 के लिये जहाँ 9,200 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा था, उसकी तुलना में अब तक 9,687 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है जबकि अभी एक माह बाकी है। अनुमान है कि यह आँकड़ा 10,200 करोड़ रुपए को पार कर लेगा।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी गोदामों, डिस्टलरीज, बॉटलिंग-प्लांट में हाई-सिक्योरिटी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं, उम्मीद है कि इससे लीकेज पर कंट्रोल हुआ है। उन्होंने बताया कि डिस्टलरीज और बॉटलिंग प्लांट में सीसीटीवी से डीईटीसी के कार्यालय से मॉनिटरिंग की जाती थी, इस बार हैड-र्क्वाटर में भी समानांतर रूप से मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि टैक्स की चोरी न हो।
  • उन्होंने बताया कि पहले वाहनों की रोड-साईड चैकिंग मैनुअली होती थी, अब अगले एक माह में एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करके अधिकारियों को टेबलेट दिया जाएगा ताकि पकड़े गए वाहन की जीपीएस से लोकेशन, समय और संबंधित सामान की टैक्स चोरी का डाटा ऑन-द-स्पॉट भरा जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में एकीकृत समग्र स्वास्थ्य पर सी-20 शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

8 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में सिविल 20 (सी-20) के एकीकृत समग्र स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन (जी-20 के आधिकारिक कार्य समूहों में से एक) का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस दौरान मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद में अमृता स्कूल ऑफ मेडिसिन का भी उद्घाटन किया। इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें होंगी। इस मेडिकल कॉलेज के बनने से फरीदाबाद में तीन मेडिकल कॉलेज हो गए हैं, इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
  • इसके अलावा मुख्यमंत्री ने परिसर में नवनिर्मित ऑडिटोरियम का भी उद्घाटन किया। इस ऑडिटोरियम  में लगभग 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
  • उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने डिजिटल शिक्षा फॉर एडवांस्ड क्लिनिकल कैपेसिटी लर्निंग (दिशा) और वी आर विद यू (हम आपके साथ हैं) नामक दो नए प्लेटफार्म भी जारी किये।
  • शिखर सम्मेलन के दो दिनों के दौरान, 700 से अधिक सीएसओ, स्वास्थ्य पेशेवरों, शिक्षकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य परिदृश्य के नेताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन करने वाली नीतियों को तैयार करने के लिये नीतिगत बैठकों, चर्चाओं और कार्यशालाओं में भाग लेंगे।
  • सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सबको आगे बढ़ना होगा। एलोपैथी के साथ होम्योपैथी एवं आयुर्वेदिक पद्धति को भी महत्त्व देना जरूरी है।
  • उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के कारण आज पूरी दुनिया में योग पद्धति को अलग पहचान मिली है। हरियाणा सरकार ने भी आयुर्वेदिक पद्धति के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए कुरुक्षेत्र में श्री कृष्ण आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की स्थापना की है।
  • केंद्र सरकार के सहयोग से कुरुक्षेत्र में 250 एकड़ में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना भी की जा रही है। प्रदेश में 700 वेलनेस सेंटर पर काम चल रहा है। इसके अलावा एक हजार पार्क व व्यायामशाला तैयार की जा रहीं है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के स्टैंडर्ड के हिसाब से राज्य में 28 हजार डॉक्टरों की आवश्यकता है। प्रदेश में प्राइवेट चिकित्सक मिलाकर कुल 13 हज़ार डॉक्टरों की संख्या है। हरियाणा सरकार राज्य में चिकित्सकों की संख्या को बढ़ाने के लिये विभिन्न कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुर्वेद व एलोपैथी का संयुक्त कॉलेज बनवाने की अनुमति भी मांगी है ।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने प्रतिनिधियों को वर्चुअली संबोधित किया। अर्जेंटीना, रवांडा और मलावी जैसे देशों के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भी शिखर सम्मेलन में उपस्थित थे। विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता और मानवतावादी माता अमृतानंदमयी (अम्मा) सी-20 की अध्यक्ष हैं।
  • सी-20 के वर्किंग ग्रुप इंटीग्रेटेड होलिस्टिक हेल्थ की कोर्डिनेटर अमृता अस्पताल की डॉ. प्रिया नायर ने कहा कि वर्किंग ग्रुप का लक्ष्य महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग, बुजुर्गों की देखभाल और समग्र स्वास्थ्य (योग और ध्यान सहित चिकित्सा के पारंपरिक और वैकल्पिक रूप) के क्षेत्र में प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों की पहचान करना, चर्चा करना और उनका समाधान करना है। यह इस प्रकार के मुद्दों से निपटने के लिये नीतिगत ढांचे को तैयार करने में सहायता करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि जी-20 एक मंच है, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख मुद्दों को संबोधित करने के लिये काम करता है। सी-20 दुनिया भर के नागरिक समाज संगठनों को जी-20 में विश्व नेताओं तक लोगों की आवाज पहुँचाने के लिये एक मंच प्रदान करता है।

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‘मिलेट्स एग्री एक्सपो तथा राइजिंग हरियाणा’ विषय पर तीन दिवसीय कार्यक्रम

चर्चा में क्यों?

7 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल नेयहाँ एक मीडिया समूह द्वारा ‘मिलेट्स एग्री एक्सपो तथा राइजिंग हरियाणा’विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का द्वीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • एक्सपो में किसानों के लिये कृषि की अत्याधुनिक तकनीकों पर 3 दिन तक मंथन किया जाएगा।
  • इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने प्रगतिशील किसानों को किसान रत्न पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया।
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक आहार वर्ष के रूप में घोषित किया है। जलवायु परिवर्तन, भोजन, पोषण और आजीविका तथा गरीबी के खिलाफ लड़ाई में बाजरा और ज्वार जैसे पोषक अनाज से अपार संभावनाएँ हैं। यह गेहूँ और चावल की तुलना में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2018-19 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राज्य में बाजरा को पोषक आहार के रूप में बढ़ावा दे रही है। हरियाणा में बाजरा लगभग 10 लाख एकड़ से 12 लाख एकड़ के क्षेत्र में उगाया जाता है, जिसकी अनुमानित उपज 800 किलोग्राम प्रति एकड़ तथा उत्पादन 12 लाख मीट्रिक टन होता है। इसके अलावा, ज्वार को लगभग 0.60 लाख एकड़ से 1.10 लाख एकड़ के क्षेत्र में उगाया जाता है।  
  • इनके अनेक स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए अब लोगों ने इसे अपने आहार में शामिल करना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत ज्वार को बढ़ावा देने के लिये किसानों को अनुदान दिया जा रहा है।
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में होने जा रही ‘मिलेट्स कॉन्फ्रेंस’ एक महत्त्वपूर्ण पहल है। इसमें मिलेट्स की खेती, उससे जुड़ी अर्थव्यवस्था, हेल्थ पर उसके प्रभाव, किसानों की आय, जैसे अनेक विषयों पर चर्चा होगी।
  • विदित है कि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा आयोजित जी-20 कार्यक्रम के दौरान आए हुए विदेशी मेहमानों को भी मिलेट्स से तैयार किया भोजन खिलाया गया जिसकी प्रतिनिधिमंडल ने भी सराहना की थी।
  • राज्य सरकार द्वारा विभिन्न ज़िलों में भी अंतर्राष्ट्रीय पोषक आहार वर्ष -2023 के अंर्तगत ज़िला व ग्राम स्तरीय मासिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें किसानों को पोषक आहार के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्हें पोषक आहार को भोजन में सम्मिलित करने से होने वाले कई तरह के स्वास्थ्य लाभ की जानकारी भी दी जा रही है।
  • पोषक आहार केवल पौष्टिक ही नहीं होते बल्कि, उन्हें शुष्क भूमि व कम वर्षा में भी आसानी से उगाया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा बाजरा और ज्वार को बढ़ावा देने के लिये अनेक पहलें की जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय पोषक आहार वर्ष-2023 को जन आंदोलन बनाने के लिये कृषि विभाग द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है ।

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मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में 32 करोड़ की दो महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण किया

चर्चा में क्यों?

7 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम ज़िले में 32 करोड़ रुपए की लागत से तैयार दो महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ नामत: बसई चौक से द्वारका एक्सप्रेसवे तक रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) तथा सिकंदरपुर जल निकाय के कायाकल्प एवं सौंदर्यीकरण का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इन परियोजनाओं का धरातल पर साकार होने से गुरुग्राम ज़िला में ढाँचागत तंत्र को विस्तार मिला है।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बसई में नवनिर्मित रेलवे ओवर ब्रिज, आने वाले समय में हीरो-होंडा चौक से द्वारका एक्सप्रेसवे और आसपास के सेक्टर्स में रहने वाले लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा साथ ही गुरूग्राम-झज्जर मार्ग पर पुराने आरओबी पर यातायात के दबाव को कम करेगा।
  • गुरुग्राम में करीब 114 करोड़ रुपए की लागत से उमंग भारद्वाज चौक से नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट का हिस्सा इस फोर लेन आरओबी की लंबाई 910 मीटर है और इसके निर्माण पर 23 करोड़ रुपए की लागत आई है।
  • इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने इसी प्रोजेक्ट के तहत बीते वर्ष नवंबर माह में बसई चौक पर 820 मीटर लंबाई और छ: लेन वाले फ्लाईओवर और फुट-ओवर-ब्रिज का भी उद्घाटन किया था।
  • मुख्यमंत्री ने सिकंदरपुर के समीप 90 एकड़ क्षेत्र में विकसित जल निकाय के कायाकल्प व सौंदर्यीकरण से जुड़ी परियोजना का भी शुभारंभ किया। इस जल निकाय क्षेत्र को बहाल करने के लिये, अप्रैल 2019 में जीएमडीए और गैर सरकारी संस्था आईएमगुडगाँव के बीच एक एमओयू हुआ था।
  • इस जल निकाय के कायाकल्प पर 9.1 करोड़ रुपए की लागत आई, जिससे शहरों में व्यापक हरित रणनीति के तहत वन क्षेत्र को बढ़ावा मिला और पुराने जल निकाय को पुनर्जीवित किया गया।
  • इस परियोजना को धरातल पर साकार करने में अनेक निजी संगठनों ने सीएसआर फंड से वित्तीय मदद प्रदान की।
  • करीब 90 एकड़ में फैले सिकंदरपुर जलाशय और वाटरशेड क्षेत्र के पर्यावरण-पुनर्स्थापना का मुख्य उद्देश्य गुडगाँव के निवासियों को स्वच्छ और हरित वातावरण उपलब्ध कराना तथा क्षेत्र में देसी प्रजातियों के वृक्षारोपण के माध्यम से शहर के शहरी हरित आवरण को बढ़ाना है।
  • उल्लेखनीय है कि सिकंदरपुर जल निकाय को पुनर्जीवित कर इसके प्राकृतिक सौंदर्य को बहाल किया गया है। इस कार्य में आसपास के अतिक्रमणों को साफ करके, अन्य पहलों के बीच, जल निकाय में जमा हुए कचरे और मलबे को हटाया गया और जल निकाय में सीवेज के प्रवाह को बंद कर दिया गया।
  • गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) की मदद से इस जल निकाय में पहले से मौजूद प्लास्टिक कचरे को अलग किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि कचरे को पास के लैंडफिल में जिम्मेदारी से निपटाया जाए। इसके अलावा, आस-पास के आवासीय क्षेत्रों में वर्षा जल को यहाँ तक लाने के लिये पाइप लाइन डाली गई।
  • इस जल निकाय के पुनर्जीवित होने से मानसून के मौसम में क्षेत्र में जलभराव का जोखिम भी कम किया हुआ है। इसके साथ ही क्षेत्र में बाड़ लगाना, मलबे को हटाना, प्राकृतिक पगडंडियों और पैदल रास्तों का निर्माण, वनस्पतियों की स्थानीय प्रजातियों के साथ व्यापक वृक्षारोपण भी सिकंदरपुर इको-रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट के तहत किया गया है।   

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