गीतांजलिश्री की कृति ‘रेत समाधि’ | उत्तर प्रदेश | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश की गीतांजलिश्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेज़ी अनुवाद ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ (Tomb of Sand) को बुकर पुरस्कार के शीर्ष छह दावेदारों में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ हिन्दी की पहली रचना है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय बुकर परुस्कार के शीर्ष छह दावेदारों में शामिल किया गया है।
- ‘रेत समाधि’ का ‘Tomb of Sand’ नामक अंग्रेज़ी अनुवाद डेजी रॉकवेल द्वारा किया गया है।
- ‘रेत समाधि’ गीतांजलिश्री का पाँचवा उपन्यास है।
- गौरतलब है कि गीतांजलिश्री का जन्म 1957 में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ था।
निपुण बिहार योजना | बिहार | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने एक समीक्षा बैठक में बिहार के सरकारी स्कूलों में जून के पहले सप्ताह में निपुण बिहार योजना लागू करने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत बच्चों को पढ़ने-लिखने, अक्षर पहचानने, उसका अर्थ बताने, जोड़-घटाव और आयु-सापेक्ष अन्य संख्यात्मक कार्यकलापों को हल करने में दक्ष बनाया जाएगा।
- इसके क्रियान्वयवन के लिये राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक कक्षा (मुख्य रूप से पहली से तीसरी कक्षा) के विद्यार्थियों के मध्य आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान में सुधार हेतु निपुण भारत योजना प्रारंभ की गई है। इसे ही राज्य में ‘निपुण बिहार’ नाम से शुरू करने की योजना है।
संगीत नाटक अकादमी अवार्ड | राजस्थान | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
9 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू द्वारा राजस्थान के गाज़ी खान बरना को लोक संगीत के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिये संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- गाज़ी खान बरना राजस्थान के जैसलमेर ज़िले से संबंधित हैं।
- इन्होंने राजस्थानी लोक संगीत की मांगणियार परंपरा की समृद्ध विरासत को आत्मसात् किया है।
- वर्तमान में इनकी प्रसिद्धि एक मँजे हुए खड़ताल वादक की है।
- लोककला के क्षेत्र में इनके योगदान को देखते हुए वर्ष 2002 में इन्हें राजस्थान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
‘राम राज्य’ आर्ट गैलरी | मध्य प्रदेश | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
10 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रामनवमी के पावन अवसर पर श्रीराम राजा सरकार मंदिर परिसर, ओरछा में ‘श्रीराम राज्य कला दीर्घा’ का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर पवित्र बेतवा नदी के तट पर भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिये दीपोत्सव में एक साथ पाँच लाख दीये जलाए गए।
- रामनवमी का पर्व पूरे राज्य में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। ओरछा, चित्रकूट, उज्जैन, उमरिया, शहडोल, विदिशा, राजगढ़, शिवपुरी, नीमच, रतलाम, छिंदवाड़ा और पन्ना सहित प्रदेश में 12 जगहों पर श्रीराम जन्मोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।
- श्रीराम राजा सरकार मंदिर परिसर, ओरछा में संस्कृति विभाग द्वारा भगवान श्रीराम पर केंद्रित ‘राम राज्य’ आर्ट गैलरी तैयार की गई है।
- इसमें भारत के लगभग सभी राज्यों की लोकगीत शैली में भगवान श्रीराम के एक-एक रूप का चित्रण किया गया है। इस आर्ट गैलरी में भगवान राम के 36 गुणों और उनकी विशिष्टता को चित्रों के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
- इसके साथ ही उनके राज्याभिषेक कार्यक्रम को झाँकी के रूप में कलात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया है। भगवान राम पूरे देश में केवल ओरछा में एक राजा के रूप में पूजनीय हैं।
टीकम जोशी | मध्य प्रदेश | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
9 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने टीकम जोशी को थिएटर के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- भोपाल के टीकम जोशी ने अभिनय में विशेषज्ञता के साथ 2001 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक पूर्ण किया।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने 30 मार्च को जोशी को एमपी स्कूल ऑफ ड्रामा (एमपीएसडी) का निदेशक नियुक्त किया है।
- जोशी के अतिरिक्त अर्जुन सिंह धुर्वे को भी लोक एवं जनजातीय नृत्य के लिये संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्रदान किया गया है।
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वार्षिक सम्मानों की घोषणा | हरियाणा | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
9 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यकार सम्मान योजना वर्ष 2021 के लिये विभिन्न सम्मानों हेतु साहित्यकारों का चयन कर लिया गया है। इन सम्मानों को स्वीकृति अकादमी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा प्रदान की गई है।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. जयगवान गोयल, कुरुक्षेत्र को आजीवन साहित्य साधना के लिये अकादमी द्वारा विशेष साहित्य साधना सम्मान, 2021 प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिसकी सम्मान राशि 5 लाख रुपए है।
- डॉ. जयभगवान गोयल को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पँश्री सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य विद्वान डॉ. गोयल की तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।
- इसी प्रकार अकादमी द्वारा समग्र लेखन के लिये राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान किये जाने वाले आजीवन साहित्य साधना सम्मान (राशि 7 लाख रुपए) के लिये राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ साहित्यकार रोहित यादव, मंडी अटेली का चयन किया गया है।
- इसके अलावा, महाकवि सूरदास सम्मान (राशि 5 लाख रुपए) वरिष्ठ साहित्यकार एवं गज़लकार हरेराम समीप, फरीदाबाद को दिया जाएगा। पं. माधव प्रसाद मिश्र सम्मान (2.50 लाख रुपए) के लिये वरिष्ठ गीतकार एवं चिंतक डॉ. रमाकांत शर्मा, भिवानी का चयन किया गया है।
- हिन्दी साहित्य में विशेष योगदान के लिये डॉ. प्रद्युम्न भल्ला, कैथल को बाबू बालमुकुंद गुप्त सम्मान (2.50 लाख रुपए) तथा साहित्यिक पत्रकारिता के लिये दिये जाने वाले लाला देशबंधु गुप्त सम्मान (2.50 लाख रुपए) के लिये वरिष्ठ कवि एवं संपादक रघुविंद्र यादव, नारनौल का चयन किया गया है।
- हरियाणवी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये वी.एम. बेचैन, भिवानी का पं. लखमीचंद सम्मान (2.50 लाख रुपए) के लिये चयन किया गया है। इसी प्रकार हरियाणवी भाषा एवं साहित्य के लिये दिये जाने वाला जनकवि मेहर सिंह सम्मान (राशि 2.50 लाख रुपए) लहना सिंह अत्री, करनाल को प्रदान किया जाएगा।
- राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य के क्षेत्र में प्रदेश का नाम गौरवान्वित करने के लिये दिए जाने वाले हरियाणा गौरव सम्मान (राशि 2.50 लाख रुपए) के लिये सुप्रसिद्ध गीतकार एवं चिंतक डॉ. राजेंद्र गौतम, दिल्ली का चयन किया गया है।
- हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये दिये जाने वाले श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान (2.50 लाख रुपए) के लिये अंजु दुआ जैमिनी एवं नमिता राकेश, फरीदाबाद का चयन किया गया है।
- कवि दयाचंद मायना सम्मान (राशि 2.50 लाख रुपए) शमशेर कौसलिया, महेंद्रगढ़ को प्रदान किया जाएगा।
- अकादमी द्वारा वर्ष 2021 से विशेष हिन्दी सेवी सम्मान (राशि 1 लाख रुपए) आरंभ किया गया है। इस सम्मान के लिये वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं चिंतक डॉ. शिव मार खंडेलवाल, सोनीपत, रवि शर्मा, लंदन (रोहतक), डॉ. सुरेंद्र गुप्त, अंबाला, श्रीमती आशा खत्री लता, रोहतक, राजेश चेतन, दिल्ली और महेंद्र जैन, हिसार का चयन किया गया है।
- इसी प्रकार, युवा लेखक सम्मान के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद युवा लेखक सम्मान (राशि 1 लाख रुपए) के लिये श्रुति राविश, सोनीपत का चयन किया गया है।
तपन पटनायक | झारखंड | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
9 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने तपन पटनायक को छऊ नृत्य कला के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिये संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- झारखंड के सरायकेला खरसावाँ ज़िले के छऊ गुरु सह-राजकीय छऊ कला केंद्र, सरायकेला के निदेशक तपन पटनायक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी छऊ नृत्य पेश कर चुके हैं।
- तपन पटनायक ने न केवल सरायकेला बल्कि खरसावाँ एवं मानभूम शैली छऊ नृत्य के विकास में भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- सरायकेला छऊ महोत्सव को राजकीय महोत्सव घोषित कराने में छऊ गुरु तपन पटनायक ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- उल्लेखनीय है कि संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भारत में कला के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है।
विनोबा भावे विश्वविद्यालय साइबर कोर्स लॉन्च करने वाला पूर्वी भारत का प्रथम विश्वविद्यालय | झारखंड | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हज़ारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय द्वारा साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने के साथ ही यह साइबर कोर्स लॉन्च करने वाला पूर्वी भारत का प्रथम विश्वविद्यालय बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस साइबर कोर्स की शुरुआत जुलाई 2022 से की जाएगी।
- विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने बताया कि विश्वविद्यालय कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डाटा साइंस पर भी कोर्स लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
- साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन के अनुसार, इस कोर्स के माध्यम से 10 वर्षों में 100 बिलियन डॉलर की आय अर्जित की जा सकती है।
रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
10 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ में विकसित किये जा रहे राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत जाँजगीर-चांपा ज़िले के शिवरीनारायण में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर में रामायणकालीन घटनाओं और वनवास काल के दौरान श्रीराम के द्वारा पैदल तय किये गए स्थानों के बारे में पेंटिंग्स के ज़रिये चित्रित जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
- इन पेंटिंग्स के ज़रिये आने वाली भावी पीढ़ी को रामायणकालीन घटनाओं की जानकारी मिल सकेगी तथा लोग शिवरीनारायण की ऐतिहासिकता को भी अच्छी तरह से समझ सकेंगे।
- 90 लाख रुपए की लागत से निर्मित रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का कुल क्षेत्रफल 6000 स्क्वायर फीट है। इसे 40 × 50 फीट के दो हॉल में बांटा गया है। एक हॉल में रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित है।
- रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के बाहर ही माता शबरी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है, जिसमें वह भगवान राम को अपने जूठे बेर खिलाती हुई नज़र आ रही हैं। भगवान राम के साथ उनके भाई लक्ष्मण की भी मूर्ति स्थापित की गई है।
- राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत शिवरीनारायण में स्थापित रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र होगा तथा इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ में राम वन गमन परिपथ को भी बढ़ावा मिलेगा।
राम वनगमन पर्यटन परिपथ के तहत शिवरीनारायण में प्रथम चरण के विकास कार्यों का लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
10 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रामनवमी के अवसर पर महानदी, शिवनाथ और जोंक नदियों के संगम पर स्थित छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल शिवरीनारायण में राम वनगमन पर्यटन परिपथ के तहत कराए गए प्रथम चरण के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण तथा विकास कार्यों का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ के साथ भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को सहेजते हुए यहाँ की संस्कृति को विश्व स्तर पर नई पहचान दिलाने के लिये प्रदेश सरकार ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना शुरू की है।
- इस परियोजना के पहले चरण में विकास के लिये चुने गए 9 में से 2 स्थानों पर पर्यटन सुविधाओं के विकास तथा सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो गया है। इनमें से माँ कौशल्या धाम चंदखुरी के विकास कार्यों का लोकार्पण 7 अक्टूबर, 2021 को किया गया था।
- श्रद्धालुओं को दीप प्रज्वलित करने में परेशानी न हो, इसके लिये मंदिर परिसर के भीतर ही विशाल दीप स्तंभ का निर्माण किया गया है।
- शिवरीनारायण प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण नगर है, जो छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी धाम के नाम से विख्यात है।
- श्रद्धा के साथ ही यह संगम तट पर्यटन के लिये भी जाना जाए, इसके लिये घाट पर व्यू प्वॉइंट का निर्माण किया गया है, जहाँ से पर्यटकों को अद्भुत नज़ारों का दीदार होगा।
- पौराणिक मान्यता के अनुसार 14 वर्ष के वनवास के दौरान प्रभु राम ने लगभग 10 वर्ष का समय छत्तीसगढ़ में गुज़ारा था। वनवास काल में उन्होंने छत्तीसगढ़ में प्रवेश कोरिया के सीतामढ़ी हरचौका से किया था। उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ते हुए वे छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों से गुज़रे। सुकमा का रामाराम उनका अंतिम पड़ाव था।
- प्रभु राम ने वनवास काल के दौरान लगभग 2260 किमी. की यात्रा की थी। ऐसे में छत्तीसगढ़ से जुड़ी भगवान राम के वनवास काल की स्मृतियों को सहेजने तथा संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना वर्ष 2019 में चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में भूमि पूजन कर शुरू की गई थी।
- परियोजना के तहत चयनित 75 स्थानों पर आवश्यकता के अनुसार पहुँच मार्ग का उन्नयन, संकेत बोर्ड, पर्यटक सुविधा केंद्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा वेटिंग शेड, मूलभूत सुविधा, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, सिटिंग बेंच, रेस्टोरेंट, वाटर फ्रंट डेवलपमेंट, विद्युतीकरण आदि कार्य कराए जाएंगे।
- शिवरीनारायण महत्ता इस बात से पता चलती है कि देश के चार प्रमुख धाम बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथपुरी और रामेश्वरम् के बाद इसे पाँचवें धाम की संज्ञा दी गई है।
- यह स्थान भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान है, इसलिये छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ प्रभु राम का नारायणी रूप गुप्त रूप से विराजमान है, इसलिये यह गुप्त तीर्थधाम या गुप्त प्रयागराज के नाम से भी जाना जाता है।
- राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत प्रथम चरण में सीतामढ़ी-हरचौका (ज़िला- कोरिया), रामगढ़ (ज़िला- सरगुजा), शिवरीनारायण (ज़िला- जाँजगीर-चांपा), तुरतुरिया (ज़िला- बलौदाबाज़ार), चंदखुरी (ज़िला- रायपुर), राजिम (ज़िला- गरियाबंद), सप्तर्षि आश्रम सिहावा (ज़िला- धमतरी), जगदलपुर और रामाराम (ज़िला- सुकमा) को विकसित किया जा रहा है।
नरेंद्र सिंह नेगी | उत्तराखंड | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
9 अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू द्वारा उत्तराखंड के नरेंद्र सिंह नेगी को लोक संगीत के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिये संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- नरेंद्र सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से संबंधित हैं।
- इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत ‘गढ़वाली गीतमाला’ से की थी तथा इनका पहला एल्बम ‘बुराँश’ था।
- इन्हें मोनाल पुरस्कार, गढ़कला शिरोमणि सम्मान आदि से सम्म्मानित किया जा चुका है।
प्लास्टिकमुक्त देहरादून अभियान | उत्तराखंड | 11 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल ने बताया कि देहरादून नगर निगम के प्लास्टिकमुक्त देहरादून अभियान से 580 से भी अधिक विद्यार्थी वालंटियर जुड़ गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस अभियान की शुरुआत 26 मार्च, 2022 को की गई थी।
- इसके अंतर्गत 30 अप्रैल तक शहर के 100 स्कूलों के 25,000 विद्यार्थियों एवं परिवारों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है।
- इसके तहत प्रत्येक भागीदार स्कूल में एक प्लास्टिक बैंक खोला गया है, जहाँ विद्यार्थी प्लास्टिक संग्रहण के बाद जमा कर देते हैं।
- गौरतलब है कि यह अभियान स्वच्छ सर्वेक्षण, 2022 के तहत लोगों की सहभागिता बढ़ाने तथा स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिये प्रारंभ किया गया है।