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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर मिला सम्मान
चर्चा में क्यों?
10 मार्च, 2023 को राजस्थान के जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की स्कॉच अवॉर्ड डिजिटल सेरेमनी में प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है, जिसके अंतर्गत विभाग को दो पुरस्कार मिले।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने ये सम्मान प्राप्त किये।
- शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा चलाई गई योजनाएँ राज्य में ही नहीं, बल्कि देशभर में सराही जा रही हैं। अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राजस्थान देश में मॉडल स्टेट बनकर उभरा है।
- उन्होंने बताया कि विभाग को अपने नवाचारों के लिये स्कॉच अवॉर्ड टीम द्वारा डिजिटल सर्टिफिकेट एवं साइटेशन प्रदान किया गया।
- डॉ. समित शर्मा ने बताया कि विभाग की तीन महत्त्वपूर्ण योजनाओं को ये पुरस्कार मिले। पालनहार योजना को गोल्ड अवॉर्ड, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति को सिल्वर अवॉर्ड तथा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को सिल्वर अवॉर्ड से नवाजा गया।
- विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर तकनीकी नवाचारों के माध्यम से योजनाओं का फायदा लाभार्थियों को पहुँचाने के लिये सुविधाओं का सरलीकरण व डिजिटलीकरण का कार्य किया जा रहा है।
- योजनाओं में ये हुए नवाचार -
- उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में जनाधार डाटाबेस से विद्यार्थी का जाति प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र एवं आय प्रमाण स्वत: प्राप्त हो जाता है। कक्षा 10 एवं 12वीं की अंकतालिका सीधे ही आरबीएसई एवं सीबीएसई से ई-वॉल्ट सर्विस के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। अन्य बोर्ड की अंकतालिकाएँ डिजीलॉकर उपलब्धता के आधार पर प्राप्त की जाती हैं।
- अनुसूचित जाति, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति सुनिश्चित करने हेतु पोर्टल पर फ्रीशिप कार्ड (विद्यार्थी को छात्रवृत्ति दिये जाने की सुनिश्चितता) का प्रावधान किया गया है।
- पालनहार योजना में भी पेंशन योजना की तर्ज़ पर केंद्रीयकृत प्रणाली के माध्यम से निदेशालय स्तर से ही बिल बनाकर सिंगल ट्रेजरी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा, जिससे पालनहार योजना से जुड़े बच्चों को समय पर सहायता राशि का भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा। इसके लिये मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जा चुकी है।
- शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि विभाग की तीन अन्य योजनाओं कोरोना सहायता योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तथा मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना को ऑडर ऑफ मेरिट सर्टिफिकेशन देकर सम्मानित किया गया है।
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पालनहार योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि में वृद्धि
चर्चा में क्यों?
10 मार्च, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पालनहार योजना के अंतर्गत अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के लाभार्थियों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के 6.5 लाख से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे।
प्रमुख बिंदु
- प्रस्ताव के अनुसार, अनाथ श्रेणी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिये प्रतिमाह मिलने वाली 500 रुपए की सहायता राशि को बढ़ाकर 750 रुपए तथा 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग को मिलने वाली 1000 रुपए की सहायता राशि को बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया है।
- सहायता राशि में यह वृद्धि 1 जुलाई, 2023 से प्रभावी होगी। इसके क्रियान्वयन से राज्य सरकार पर लगभग 411 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2023-24 में की गई घोषणा के संबंध में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है।
- राज्य सरकार द्वारा संचालित पालनहार योजना के अंतर्गत अनाथ श्रेणी के बच्चों को 1500 एवं 2500 रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। इससे अब अन्य श्रेणी के बच्चों को भी अधिक सहायता राशि का लाभ मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना में 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों, निराश्रित पेंशन की पात्र अथवा पुनर्विवाहित विधवा माता, तलाकशुदा/परित्यक्ता माता एवं नाता जाने वाली माता के बच्चों, विशेष योग्यजन, एच.आई.वी. अथवा कुष्ठ रोग से पीड़ित एवं मृत्युदंड/आजीवन कारावास प्राप्त माता/पिता के बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है।
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पुनर्नियोजित सेवानिवृत्त कार्मिकों के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी
चर्चा में क्यों?
10 मार्च, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सेवानिवृत्त कार्मिकों के सेवा में पुनर्नियोजित होने पर मिलने वाले मासिक समेकित पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- उक्त प्रस्ताव के अनुसार, राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 की पे-मैट्रिक्स के पे-लेवल के प्रथम सैल की 50 प्रतिशत राशि तथा उस पर विद्यमान महँगाई-भत्ते 38 प्रतिशत की राशि को जोड़कर 100 के गुणक में समेकित पारिश्रमिक राशि निर्धारित की गई है।
- इससे मासिक समेकित पारिश्रमिक राशि की दरें लगभग दोगुनी हो गई हैं।
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पुनर्नियोजित सेवानिवृत्त कार्मिकों को बढ़ी हुई मासिक समेकित पारिश्रमिक राशि मिल सकेगी। इससे एक तरफ उनकी आय में वृद्धि होगी, वहीं राज्य सरकार को भी सेवानिवृत्त कार्मिक सुगमता से उपलब्ध हो सकेंगे।
- उल्लेखनीय है कि लगभग 5 वर्षों बाद पुनर्नियोजित सेवानिवृत्त कार्मिकों की समेकित पारिश्रमिक राशि में बढ़ोतरी की गई है।
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