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32वीं राष्ट्रीय कैनो स्प्रिंट राष्ट्रीय प्रतियोगिता का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
10 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के छोटे तालाब पर 32वीं राष्ट्रीय केनो स्प्रिंट, 15वीं पैरा कैनो तथा प्रथम स्टैंडअप पैडलिंग राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2021-22 का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रतियोगिता का आयोजन सीनियर आईपीएस अधिकारी रहे स्व. संजीव कुमार सिंह की स्मृति में किया जा रहा है। यह पहला मौका है, जब यह राष्ट्रीय प्रतियोगिाता किसी व्यक्तिविशेष के नाम से आयोजित हो रही है।
- भारतीय कयाकिंग एवं कैनोइंग के सचिव ने बताया कि सीनियर आईपीएस अधिकारी रहे स्व. संजीव कुमार का खेलों में विशेष योगदान रहा है, इसलिये यह प्रतियोगिता उनके नाम से आयोजित की जा रही है।
- 10 से 13 मार्च तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में 27 राज्यों के लगभग 750 खिलाड़ी सम्मिलित हो रहे हैं। मेज़बान मध्य प्रदेश के 47 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। कुल 285 पदक के लिये प्रतिस्पर्धाएँ होंगी।
- इस अवसर पर 15वीं पैरा कैनो तथा प्रथम स्टैंडअप पैडलिंग चैंपियनशिप का भी आयोजन हो रहा है। सबसे खास बात यह है कि इसी प्रतियोगिता के आधार पर भारतीय टीम का भी चयन होना है, जो बीजिंग एशियन गेम में भाग लेगी।
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प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
10 मार्च, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर के एमआईटीएस मैदान में रिमोट के ज़रिये ड्रोन उड़ाकर प्रदेश के पहले ड्रोन स्कूल का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि गत 11 दिसंबर को प्रदेश में पाँच ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा की गई थी, जिनमें से पहले स्कूल का ग्वालियर में शुभारंभ किया गया है।
- केंद्रीय नागरिक उडन्न्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस ड्रोन स्कूल में हर माह 40 से 50 बच्चों को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किया जाएगा। ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त युवा हर माह औसतन 30 हजार रुपए की आय अर्जित कर पाएंगे।
- उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पाँचों ड्रोन स्कूल शुरू होने पर साल भर में लगभग ढाई हज़ार (प्रति स्कूल 500) ड्रोन पायलट तैयार होंगे।
- मध्य प्रदेश वर्तमान में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में देश भर के अग्रणी राज्यों में से एक है।
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। निकट भविष्य में इस तकनीक के इस्तेमाल से क्रांतिकारी प्रगति सामने आएगी।
- उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कृषि विभाग ने ड्रोन नीति जारी कर दी है, जिसमें 12वीं पास बच्चे 4 लाख रुपए तक का अनुदान प्राप्त कर ड्रोन पायलट के रूप में अच्छा रोज़गार पा सकते हैं।
- इसी तरह यदि कृषि स्नातक ड्रोन तकनीक की कोई इकाई स्थापित करना चाहते हैं तो वह 5 लाख रुपए तक का अनुदान पा सकते हैं। इसके अलावा संस्थान भी कृषि ड्रोन नीति में 100 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।
- तोमर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मकान का मालिकाना हक दिलाने में ड्रोन तकनीक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी तरह टिड्डी दल के आक्रमण को असफल करने में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हुई है।
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