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स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Dec 2021
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राजस्थान Switch to English

चिकित्सा मंत्री ने कैंसर प्रिवेंटिव एंड अर्ली डिटेक्शन मोबाइल वैन को दिखाई हरी झंडी

चर्चा में क्यों?

9 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने अपने राजकीय आवास से कैंसर प्रिवेंटिव एंड अर्ली डिटेक्शन मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रमुख बिंदु 

  • चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम के सीएसआर फंड के सहयोग से 1 करोड़ 20 लाख रुपए कीमत की मोबाइल वैन प्रशासन गाँवों के संग अभियान के दौरान गाँव-गाँव जाकर कैंसर की जाँच करेगी।
  • ज़रूरतमंद एवं गरीब लोग जो सामान्यत: अस्पताल नहीं आ सकते हैं, कैंसर प्रीवेंटिव मोबाइल वैन उनके लिये बेहद कारगर साबित होगी। 
  • कैंसर प्रिवेंटिव मोबाइल वैन के ज़रिये शुरुआती स्टेज में कैंसर की पहचान की जा सकेगी। इस वैन में मुख्य रूप से स्तन कैंसर, बच्चादानी का कैंसर, मुँह का कैंसर और फेंफड़ों के कैंसर की नि:शुल्क जाँच की जाएगी।
  • वैन में डिजिटल मेमोग्राफी स्तन कैंसर के लिये, डिजिटल कालपोस्कॉपी बच्चादानी कैंसर के लिये, डिजिटल चेस्ट एक्स-रे फैफड़ों के कैंसर के लिये, इंडोस्कॉपी जाँच मुँह के कैंसर के लिये और तुरंत निदान एवं अन्य डिस्कशन हेतु टेलीमेडिसन की भी सुविधा होगी।

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सामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योज़ना-2021

चर्चा में क्यों?

9 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योज़ना-2021 के तहत प्रदेश में पात्र अलाभकारी संस्थाओं को विकास शुल्क एवं बीएसयूपी (बेसिक सर्विसेज फॉर अर्बन पूअर) शेल्टर फंड राशि से भी मुक्त रखने की मंजूरी प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नगरीय विकास विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। 

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में जनोपयोगी सुविधाओं के विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत् मान्यताप्राप्त अलाभकारी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने एवं उन्हें कार्य के लिये अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योजना-2021 लागू की है। 
  • इस योजना के तहत बच्चों, महिलाओं, दिव्यांगों, भिक्षावृत्ति तथा नशा करने वाले व्यक्तियों, निर्धन, बेघर, ट्रांसजेंडर एवं वृद्धजनों के कल्याण के क्षेत्र में मान्यताप्राप्त अलाभकारी संस्थाओं को विभिन्न सुविधाएँ, रियायत एवं छूट प्रदान की जा रही हैं।
  • इसके तहत इन संस्थाओं को कृषि से अकृषि प्रयोजनार्थ नियमन के लिये निर्धारित प्रीमियम दरों, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क एवं भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क में शत-प्रतिशत छूट देय है। साथ ही उनके द्वारा क्रय की गई अथवा लीज़ पर ली गई अचल संपत्ति के दस्तावेज़ों पर पंजीयन शुल्क एवं स्टाम्प ड्यूटी में भी शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जा रही है। 
  • मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में निवेश करने वाली संस्थाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशासन शहरों के संग अभियान शिविरों में इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं, ताकि इन संस्थाओं के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों में जनोपयोगी सुविधाएँ जैसे- चकित्सा एवं शैक्षणिक सुविधाएँ, वृद्धाश्रम, अनाथालय, नारी निकेतन, कुष्ठ आश्रम, धर्मशाला, दिव्यांगजन केंद्र, नशामुक्ति केंद्र, कन्या आश्रम, बाल गृह आदि के विकास को गति दी जा सके।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान पर्यटन एवं वेडिंग डेस्टिनेशन में सर्वश्रेष्ठ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व प्रसिद्ध पर्यटन पत्रिका ट्रैवल एंड लीज़र मैग्ज़ीन के रीडर्स सर्वे में राजस्थान को एक साथ दो अवार्ड से नवाज़ा गया है।

प्रमुख बिंदु

  • ‘इंडियाज बेस्ट अवार्ड’के 10वें संस्करण में विभिन्न श्रेणियों में पाठकों द्वारा दी गई रेटिंग के आधार पर ट्रैवल एंड लीज़र इंडियाज बेस्ट अवार्ड्स-2021 में राजस्थान पर्यटन को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’और ‘सर्वश्रेष्ठ वेडिंग डेस्टिनेशन’पुरस्कार से नवाज़ा गया है। 
  • मैग्ज़ीन के सर्वे में राजस्थान को पूरे देश में शाही शादियों के लिये बेस्ट वेडिंग डेस्टीनेशन अवार्ड मिला है। इसके साथ ही राजस्थान आने वाले पर्यटकों के बहुआयामी पर्यटन के लिये पूरे देश में बेस्ट स्टेट का अवार्ड भी मिला है।
  • ट्रैवल एंड लीज़र मैग्ज़ीन ने पर्यटन की ओवरऑल कैटेरी में राजस्थान को पूरे देश में बेस्ट स्टेट का अवार्ड दिया है।
  • राजा-महाराजाओं की जन्मस्थली और किले-हवेलियों की विरासत को सँजोए मरुधरा की भूमि राजस्थान आज भी खूबसूरती के मामले में सबसे आगे है। खासतौर पर स्टेटस सिंबल बन रही डेस्टिनेशन वेडिंग के हिसाब से उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर जैसी कई जगहें हैं, जहाँ राजस्थान कई सेलिब्रिटीज और कई कपल के लिये गवाह बनता है। इसी को लेकर राजस्थान पर्यटन को यह सफलता हासिल हुई है।
  • राजस्थान समृद्ध और रंगीन विरासत की भूमि है, जो सदियों से पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। बुनियादी ढाँचे और आधुनिक आतिथ्य में हाल के विकास ने इसे विश्व के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक बनाने में योगदान दिया है।
  • राजस्थान को यह मान्यता दिलाने में उदयपुर की अहम भूमिका है। उदयपुर अपने अनोखे स्तर के आकर्षण के साथ अपने सिटी पैलेस; बापू बाज़ार; जग मंदिर; लेक पैलेस होटल और अन्य कई शानदार एवं अनोखे रॉयल वेडिंग डेस्टिनेशन; चित्तौड़गढ़ किला और कुंभलगढ़ महोत्सव के साथ राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ राज्य और सर्वश्रेष्ठ विवाह स्थल के रूप में वर्गीकरण में विशेष उल्लेख प्राप्त करता है।
  • यह पुरस्कार मिलने से राजस्थान की होटल इंडस्ट्री और पर्यटन जगत् के विकास का प्रोत्साहन मिलेगा।
  • इस सर्वे के आधार पर ही विश्वभर में पर्यटन उद्योग यह टॉप डेस्टिनेशन तय करता है। यहाँ पर अमेरिका, यूरोप सहित विश्वभर से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इज़ाफा होगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

डाक सेवा अवार्ड-2021

चर्चा में क्यों?

9 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने डाक भवन के डॉ. शंकर दयाल शर्मा सभागार में मध्य प्रदेश डाक परिमंडल के डाक सेवा अवार्ड-2021 समारोह में आठ विभिन्न श्रेणी में मध्य प्रदेश डाक परिमंडल के कर्मचारी-अधिकारियों को पुरस्कृत किया। 

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल ने पुरस्कार समारोह में ग्रामीण डाक सेवक अरविंद धालसे, पोस्टमैन चंद्र कीर्ति प्रसाद, पोस्टल असिस्टेंट हेलन डामोर, सुपरवाइजर ब्रजेश शर्मा, आई.पी. एवं ए.एस.पी. कॉडर नरेंद्र सविता, ग्रुप ए एवं बी कॉडर एस.के. झँवर, प्रभारी लेखा अधिकारी सी.एस. कुशवाहा को तकनीकी उत्कृष्टता पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
  • कुमारी यासमीन खान को उत्कृष्ट कार्य के लिये सर्वश्रेष्ठ महिला कर्मचारी के पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
  • राज्यपाल ने कोविड महामारी के दौरान मध्य प्रदेश डाक परिमंडल द्वारा सुकन्या समृद्धि, डाक जीवन बीमा के क्रियान्वयन, पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा वित्तीय सेवाएँ घर-घर तक पहुँचाने के प्रयासों की सराहना की।

मध्य प्रदेश Switch to English

भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू

चर्चा में क्यों?

9 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के महानगर भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू कर दिया है। 

प्रमुख बिंदु

  • गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कानून-व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन और दोनों शहरों की जनसंख्या 10 लाख से अधिक होने पर राज्य सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नगरीय क्षेत्रों एवं सीमाओं को मेट्रो पोलिटन क्षेत्र घोषित किया है। 
  • गौरतलब है कि 21 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर और भोपाल में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। 
  • पुलिस आयुक्त प्रणाली में इंदौर नगरीय पुलिस ज़िले में 36 थानों और भोपाल नगरीय पुलिस ज़िले में 38 थानों की सीमाओं को समाविष्ट किया गया है। दोनों शहरों में पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे। दोनों महानगरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली के लिये अधिकारियों के पद और ज़ोन का भी निर्धारण किया गया है।
  • पुलिस आयुक्त प्रणाली के लागू हो जाने से इंदौर और भोपाल के पुलिस आयुक्त की शक्तियों एवं प्राधिकारों को मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक तथा महानिरीक्षक के सामान्य नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण के अधीन निहित किया गया है। पुलिस आयुक्त के पास कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ होंगी। 
  • भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता-1973 (1974 का 2) की धारा-21 द्वारा प्रदत्त शक्तियों में इंदौर और भोपाल नगरीय पुलिस ज़िले में पदस्थ पुलिस उपायुक्तों एवं पुलिस सहायक आयुक्तों को अपने-अपने अधिकारिता क्षेत्र में विशेष कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त कर शक्तियाँ प्रदान की गई हैं।
  • पुलिस एक्ट-1861 के अनुसार मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में पुलिस आयुक्त के अधीन पुलिस का प्रशासन रहेगा। पुलिस आयुक्त पुलिस महानिदेशक के सामान्य नियंत्रण एवं परिवेक्षण में रहेंगे।
  • बंदी अधिनियम, 1900 के अनुसार जेल में बंद कैदियों को पेरोल और आपातकाल में पेरोल बोर्ड की अनुशंसा पर सशर्त छोड़ा जा सकेगा।
  • विष अधिनियम, 1919 के तहत गैर-कानूनी ज़हर या तेजाब रखने अथवा बेचने वालों की तलाशी से बरामद जहर या तेजाब जप्त किया जा सकेगा। अनैतिक व्यापार अधिनियम, 1956 में निहित प्रावधान के अनुसार वेश्यावृत्ति के विरुद्ध कार्यवाही की जा सकेगी और इस पेशे में धकेली गई महिलाओं को मुक्त करा कर उन्हें संरक्षण-गृह में भेजा जा सकेगा।
  • पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हो जाने से विधि विरुद्ध क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम, 1967 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठनों को गैर-कानूनी गतिविधियों को रोकने के लिये प्रतिबंधित किया जा सकेगा। 
  • मोटर यान अधिनियम, 1988 (1988 का 59) का प्रयोग करते हुए वाहनों की पार्किंग अथवा उनके रुकने के स्थान स्थानीय अधिकारियों से समन्वय कर निर्धारित किये जा सकेंगे। वाहनों की गति सीमा निर्धारित की जा सकेगी। लोक सुरक्षा के हित में या उनकी सहूलियत के लिये या किसी सड़क या पुल की स्थिति को देखते हुए, वाहनों की अधिकतम गति निर्धारित करने हेतु उपयुक्त ट्रैफिक साइन लगाये जा सकेंगे। 
  • इसके साथ ही मध्य प्रदेश सुरक्षा अधिनियम, 1990 के अंतर्गत गुंडे-बदमाशों और ऐसे अपराधी तत्त्वों के गैंग और आदतन अपराधियों को ज़िलाबदर किया जा सकेगा। शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 के अंतर्गत सरकारी गोपनीय दस्तावेज़ रखने और इस अधिनियम के विरुद्ध की गई गतिविधियों पर कार्यवाही की जा सकेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

राज्य को मिलीं 5 जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन

चर्चा में क्यों?

9 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने मध्य प्रदेश को कोरोना के हर वेरिएंट से लड़ने के लिये 5 जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन देने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • ये मशीन भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में लगाई जाएंगी। इन मशीनों के रूप में कोरोना के खिलाफ जंग में राज्य सरकार को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। इसका लाभ राज्य की जनता को मिलेगा। 
  • अब तक राज्य के नमूने (कोविड टेस्ट) को दिल्ली भेजा जाता था, जिसकी रिपोर्ट 10 से 12 दिन बाद आती थी, लेकिन जैसे ही ये 5 जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन राज्य में लग जाएंगी, रिपोर्ट जल्दी मिल जाएंगी। 
  • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को विशेष बजट देने के साथ ही राजधानी भोपाल में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने की घोषणा की है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में स्कूल फीस वृद्धि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्य सरकार ने हरियाणा में निजी स्कूलों द्वारा अत्यधिक फीस वसूलने को नियंत्रित करने के लिये वार्षिक शुल्क वृद्धि को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ते हुए हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 में संशोधन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इसमें नए शुल्क मानदंडों का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूलों पर 2 लाख रुपए तक का जुर्माना और निजी स्कूलों की मान्यता वापस लेने का भी प्रावधान किया गया है।
  • राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित हरियाणा स्कूल शिक्षा (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार, एक मान्यता प्राप्त (निजी / गैर-सहायता प्राप्त) स्कूल हर साल अपने मौजूदा छात्रों के लिये शुल्क में वृद्धि कर सकता है, जो पिछले वर्ष के शिक्षण स्टाफ की मासिक वेतन में प्रति व्यक्ति औसत प्रतिशत वृद्धि के बराबर है, लेकिन शुल्क वृद्धि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में नवीनतम उपलब्ध वार्षिक प्रतिशत वृद्धि प्लस पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
  • इसके अलावा निजी स्कूल शैक्षणिक वर्ष के दौरान न तो शुल्क बढ़ाएंगे और न ही मुनाफाखोरी में लिप्त होंगे। हालाँकि, निजी स्कूल किसी विशेष शैक्षणिक वर्ष में किसी भी कक्षा में नए प्रवेश के इच्छुक नए छात्रों के लिये शुल्क का निर्धारण करने हेतु स्वतंत्र होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि हरियाणा में करीब 8900 निजी स्कूल हैं। शिक्षा विभाग को विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान निजी स्कूलों द्वारा अभूतपूर्व शुल्क वृद्धि के खिलाफ अभिभावकों से बड़ी संख्या में शिकायतें मिली थीं। इसके बाद, हरियाणा स्कूल शिक्षा (संशोधन) नियम, 2021 को निजी स्कूलों में फीस संरचना को विनियमित करने और निगरानी करने के लिये अधिसूचित किया गया।
  • नए नियमों के तहत फीस को फीस और फंड के तौर पर परिभाषित किया गया है, जो मान्यता प्राप्त स्कूल छात्र से वसूल करेगा।
  • प्रवेश के समय, चाहे जिस ग्रेड या कक्षा में कोई छात्र स्कूल में प्रवेश कर रहा हो, स्कूल के अधिकारियों को अब माता-पिता या अभिभावक को उस वर्ष के लिये बारहवीं कक्षा तक की पूरी फीस संरचना का विवरण देना होगा, जैसा कि राज्य शिक्षा विभाग फॉर्म VI में घोषित किया गया है। 
  • प्रत्येक मान्यताप्राप्त स्कूल के प्रबंधन के लिये शिक्षा विभाग को फॉर्म VI जमा करके प्रदान की जाने वाली न्यूनतम सुविधाओं और अधिकतम सभी अनिवार्य शुल्क घटकों का विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  • मंडलायुक्त की अध्यक्षता में मंडल स्तर पर शुल्क एवं निधि नियामक समिति उल्लंघन के मामलों की जाँच करेगी और ऐसी जाँच तीन महीने से अधिक की अवधि में पूरी की जाएगी।
  • यदि कोई स्कूल हरियाणा स्कूल शिक्षा (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 158 (गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में फीस और फंड से संबंधित) के प्रावधानों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो इस तरह के पहले उल्लंघन के लिये फीस और फंड नियामक समिति को प्राथमिक स्तर तक के स्कूलों हेतु 30000 रुपए, मध्य स्तर तक के स्कूलों के लिये 50000 रुपए और माध्यमिक तथा वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक के स्कूलों के लिये 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने हेतु अधिकृत किया गया है।  
  • इसी तरह, इस तरह के दूसरे उल्लंघन के लिये मान्यताप्राप्त स्कूल पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो प्राथमिक स्तर के स्कूलों हेतु 60,000 रुपए; मध्य स्तर तक के स्कूलों के लिये 1 लाख रुपए और माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक के स्कूलों के लिये 2 लाख रुपए तक हो सकता है । 
  • इस तरह के तीसरे उल्लंघन के लिये, दूसरे उल्लंघन में लगाए गए दंड के अलावा, शुल्क और निधि नियामक समिति ऐसे स्कूल की मान्यता वापस लेने के लिये निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग को सिफारिश कर सकती है। साथ ही ऐसे मामलों में निदेशक को तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा।
  • राज्य सरकार द्वारा शुरू किये गए अन्य प्रमुख प्रावधानों में, अब किसी भी छात्र को स्कूल द्वारा अनुशंसित दुकान से किताबें, कार्यपुस्तिका, स्टेशनरी, जूते, मोजे, वर्दी आदि खरीदने के लिये मजबूर नहीं किया जाएगा और कोई भी निजी स्कूल लगातार पाँच शैक्षणिक वर्षों से पहले अपनी वर्दी नहीं बदलेगा। 
  • नए नियमों में कहा गया है कि अब निजी स्कूलों द्वारा मासिक या द्वैमासिक या त्रैमासिक आधार पर शुल्क लिया जाएगा। कोई भी स्कूल छह मासिक या वार्षिक आधार पर फीस का संग्रह अनिवार्य नहीं करेगा।
  • राज्य सरकार ने अनिवार्य शुल्क घटकों को भी परिभाषित किया है, जिसमें पंजीकरण के समय केवल एक बार देय होने के लिये विवरणिका और पंजीकरण शुल्क शामिल होगा; प्रवेश शुल्क स्कूल में नए प्रवेश के समय या कक्षा 1, 6वीं, 9वीं और 11वीं में प्रवेश के समय देय होगा; केवल बोर्ड परीक्षाओं के लिये देय परीक्षा शुल्क होगा और सभी छात्रों द्वारा देय सभी सामान्य सुविधाओं के लिये समग्र शुल्क-एकल शीर्ष आवर्ती शुल्क होगा।
  • छात्रों से लिये जाने वाले वैकल्पिक शुल्क घटकों में परिवहन, बोर्डिंग, मेस या डाइनिंग, भ्रमण और इसी तरह की कोई अन्य गतिविधि शामिल होगी।
  • नए नियमों के तहत, वार्षिक शुल्क वृद्धि का अनिवार्य मानदंड उन प्राथमिक विद्यालयों पर लागू नहीं होगा जहाँ अनिवार्य शुल्क घटकों का कुल योग 12,000 रुपए प्रति वर्ष से कम या उसके बराबर है; मध्य, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जहां अनिवार्य शुल्क घटकों का कुल योग 15,000 रुपए प्रति वर्ष से कम या उसके बराबर है।

झारखंड Switch to English

राज्य का पहला ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अग्रणी रियल एस्टेट कंपनी, समय कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड ने झारखंड के आदित्यपुर में राज्य की पहली ग्रीनफील्ड परियोजना, सनराइज पॉइंट के लॉन्च करने की घोषणा की।

प्रमुख बिंदु

  • यह परियोजना आदित्यपुर के हरिओम नगर में स्थित है। यह एक अनुकरणीय आवासीय कॉलोनी है, जो एक एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है। इस परियोजनाओं को पूर्ण होने में 5 वर्ष का समय लगेगा।
  • इस परियोजना की प्राथमिकताओं में निवासियों के आराम के साथ-साथ उनकी जीवन-शैली की गुणवत्ता में उत्कृष्टता के नए मानकों को डिज़ाइन किया गया है।
  • इसमें विस्तृत खुले स्थानों को शामिल करने और मौजूदा पेड़ों को शामिल करने तथा नए पौधे लगाने का ध्यान रखा जाएगा, जिससे जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि, पर्यावरण पर प्रभाव को कम करने में मदद, वर्षा संचयन गड्डे जल उपचार संयंत्र और उपचारित पानी के पुनर्चक्रण में मदद मिलेगी।
  • इस परियोजना में 600 बहुमंजिला फ्लैट शामिल हैं, जो दो चरणों में पूरे होंगे। पहले चरण में 2 बीएचके और 3 बीएचके फ्लैटों के साथ-साथ ईडब्ल्यूएस फ्लैटों वाले 408 फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा है।
  • परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बिष्टुपुर के बहुत करीब है तथा यहाँ से पीएम मॉल, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, स्कूल कार्यालय सभी नज़दीक स्थित हैं।
  • इसमें एम्फीथिएटर, गार्डन, पोडियम गार्डन, क्लब हाउस, जिम, मेडिटेशन हॉल, बैडमिंटन कोर्ट, शॉपिंग, सीसीटीवी, एलपीजी, जुस्को पावर जैसी सभी आधुनिक सुविधाएँ होंगी। बागवानी, कार धोने, शौचालय फ्लशिंग और अन्य के लिये फिल्टरिंग हेतु एसटीपी पानी का उपयोग करने की भी योजना है। यहाँ की सभी कॉमन लाइटें सोलर लाइट होंगी। 
  • परियोजना के प्रस्तावकों द्वारा परियोजना स्थल से सटी सड़क के किनारे हरित पटेी का निर्माण किया जाएगा, जिसका परिवेश पर समग्र शीतलन प्रभाव पड़ेगा। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

9 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम तेंदुआ में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च छत्तीसगढ़ का लोकार्पण किया।

 प्रमुख बिंदु

  • शिक्षण की सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राईविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च की स्थापना 17 करोड़ रुपए की लागत से ग्राम तेंदुआ में 20 एकड़ के विशाल भू-भाग पर की गई है।
  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईडीटीआर में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं और थर्ड जेंडर के अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट देने तथा दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुफ्त में प्रशिक्षण प्रदान करने की घोषणा की।
  • इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण के लिये उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया और आईटीडीआर के प्रशिक्षण वाहनों को हरी झंडी दिखाई।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में प्रारंभ हुए इस इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञों द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें गाड़ी चलाने, पार्किंग, बैक करने, चढ़ाव और टर्निंग पर गाड़ी कैसे चलाना है, यह सिखाया जाएगा। साथ ही वाहनों में लगे हुए यंत्रों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जाएगा। 
  • परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि इस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को रोज़गार उपलब्ध कराने में सहयोग दिया जाएगा। यहाँ प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को शासकीय विभाग में वाहन चालक पद पर भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशिक्षण पूरा करने वालों को लाइसेंस दिये जाएंगे।
  • मारुति सुज़ुकी इंडिया के सीईओ एवं एमडी केनिची आयुकावा ने कहा कि उनके संस्थान द्वारा पिछले 20 वर्ष में पूरे देश में 39 लाख लोगों को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया गया है। नवा रायपुर में स्थित यह आईडीटीआर मारूति सुज़ुकी का देश में 8वाँ संस्थान है। 
  • परिवहन विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि इस इंस्टीट्यूट में एक साथ 250 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। यहाँ 80 सीटर हॉस्टल की सुविधा भी है। यहाँ प्रशिक्षुओं के लिये योगा, प्ले ग्राउंड की व्यवस्था भी है। इस वर्ष 2 हज़ार लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के भोपाल ज़िले में आयोजित आठवें इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) के साउथ सेंट्रल ज़ोन सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर ज़िले में स्थित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. निर्मल वर्मा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में बेहतर तथा प्रशंसनीय कार्य करने वाले प्रोफेसर डॉ. कमलेश जैन को डॉ. एमसी मित्तल सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।
  • इस सम्मेलन में पब्लिक हेल्थ में लंबे समय तक अति-विश्वसनीय एवं उल्लेखनीय कार्य करने वाले, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से चयनित विषय विशेषज्ञों को भी पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ स्वर्गीय डॉ. एमसी मित्तल तथा स्वर्गीय डॉ. वीबी सक्सेना सम्मान से सम्मानित किया गया।
  • उल्लेखनीय है कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन पीएसएम विशेषज्ञों का संगठन है।
  • वर्तमान में प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन को कम्युनिटी मेडिसिन तथा साधारण बोलचाल की भाषा में जनस्वास्थ्य, यानी पब्लिक हेल्थ के नाम से जाना जाता है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

अंतर्राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन स्पर्धा-2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बहरीन में आयोजित यूथ एशिया कप पैरा बैडमिंटन स्पर्धा-2021 में छत्तीसगढ़ राज्य के अभिजीत सखूजा और निहाल गुप्ता ने अंडर-16 में स्वर्ण पदक जीता है।

प्रमुख बिंदु

  • बाएँ पैर से दिव्यांग अभिजीत अंतर्राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन स्पर्धा के सबसे कम उम्र (16 वर्ष) के तथा उक्त स्पर्धा में भाग लेने वाले छत्तीसगढ़ के पहले खिलाड़ी हैं।
  • अभिजीत सखूजा और निहाल गुप्ता ने अंडर-16 में भारत के ही पलक कोहली और ज्योति की जोड़ी को परास्त कर फाइनल में 21-13, 21-11 से जीत दर्ज की है।
  • उक्त स्पर्धा के सेमीफाइनल में अभिजीत और निहाल की जोड़ी ने स्पेन के खिलाड़ियों की जोड़ी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन स्पर्धा में भी अभिजीत ने एकल व युगल वर्ग में रजत पदक प्राप्त किया था।

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