उत्तर प्रदेश Switch to English
शहरी क्षेत्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को मिली मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन ने शहरी क्षेत्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के संचालन को मंज़ूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत बच्चों की जन्मजात बीमारियों की पहचान कर उनका इलाज किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश के 15 ज़िलों में योजना लागू की जाएगी। दूसरे चरण में 16 और ज़िलों को शामिल किया जाएगा।
- पहले चरण के तहत वर्ष 2020-21 में आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, बरेली, अयोध्या, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, झाँसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर और वाराणसी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम लागू किया जाएगा।
- 15 ज़िलों में कुल 40 मोबाइल हेल्थ टीम रखी जाएंगी। प्रत्येक टीम में चार सदस्य होंगे। जिसमें एक महिला व एक पुरुष आयुष चिकित्सक होंगे। संविदा पर करीब 60 डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती होगी।
- दूसरे चरण में 2022-2023 में आजमगढ़, बांदा, बाराबंकी, बुलंदशहर, चंदौली, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गोंडा, हाथरस, जालौन, कुशीनगर, मथुरा, मिर्जापुर, रामपुर, शाहजहाँपुर व सीतापुर में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि आरबीएसके के तहत चाइल्ड हेल्थ स्क्रीनिंग और अर्ली इंटरवेंशन सर्विसेज में स्क्रीनिंग की जाती है, जिसमें कटे होंठ, तालू, तंत्रिका ट्यूब दोष, डाउन सिंड्रोम, एनीमिया, विटामिन ए-डी की कमी, कुपोषण, जन्मजात मोतियाबिंद व दिल समेत दूसरी बीमारियों की पहचान की जाती है।
- कार्यक्रम के तहत 18 साल तक के बच्चों में तय बीमारियों की पहचान कर इलाज मुहैया कराया जाता है। योजना के तहत मोबाइल हेल्थ टीम चिह्नित स्थानों पर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच करेंगी। बीमारी की दशा में उच्च सरकारी संस्थानों में इलाज के लिये रेफर किया जाएगा ताकि समय पर इलाज मिल सके।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रि-परिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में ‘मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत’ योजना लागू करने की अनुमति देने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रि-परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग की 23 सी.एम. राईज योजना के उच्चतर माध्यमिक शाला भवन निर्माण की 678 करोड़ 82 लाख 25 हज़ार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया।
- निर्णय के अनुसार सी.एम. राईज योजना में 23 स्कूल भवन निर्माण कार्यों में से 11 कार्यों की निर्माण एजेंसी परियोजना क्रियान्वयन इकाई, लोक निर्माण विभाग, 6 कार्यों की निर्माण एजेंसी भवन विकास निगम तथा 6 कार्यों की निर्माण एजेंसी मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग एवं अधो-संरचना विकास निगम को बनाया गया है।
- इसके साथ ही जनजातीय कार्य को वित्तीय वर्ष के पूंजीगत मद में प्रावधानित बजट से सी.एम. राईज योजना में निर्माण कार्यों को स्वीकृत किये जाने के लिये सूचकांक से मुक्त रखे जाने की अनुमति दी गई।
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में ‘मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत’योजना लागू करने की अनुमति दी। इसमें उद्यम क्रांति योजना के प्रथम चरण में 888 बेरोज़गार युवाओं को बैंक ऋण से वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।
- इससे लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में आवंटित राशन सामग्री को प्रदाय केंद्र से उचित मूल्य दुकानों तक परिवहन कराया जाएगा।
- मंत्रि-परिषद ने नरवाई जलाने की प्रथा को हतोत्साहित करने, कृषि यंत्रीकरण को बढ़ाने और भूमि में नमी का संरक्षण करने के लिये ‘फसल अवशेष प्रबंधन’योजना को संचालित करने का निर्णय लिया।
- योजना में उपयोगी शक्ति चालित कृषि यंत्रों को चिह्नित कर कृषकों द्वारा इन्हें क्रय करने पर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। लघु, सीमांत, महिला, एस.सी. और एस.टी. कृषकों को 50 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
- योजना का क्रियान्वयन कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय द्वारा किया जाएगा।
- मंत्रि-परिषद ने ग्रामीण युवाओं को बैंक ऋण आधार पर कस्टम प्रोसेंसिंग केंद्र स्थापना के लिये अनुदान सहायता उपलब्ध कराने हेतु नवीन योजना ‘प्राथमिक प्र-संस्करण को प्रोत्साहन योजना’को संचालित करने का निर्णय लिया है। योजना का क्रियान्वयन कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय द्वारा किया जाएगा।
- मंत्रि-परिषद ने ‘मुख्यमंत्री मत्स्य-विकास योजना’को आगामी 2 वर्षों (2022-23 एवं 2023-24) के लिये लागू करने का निर्णय लिया। योजना 2 वर्षों में प्रदेश में मत्स्य-पालन को बढ़ावा देने और मत्स्य-उत्पादन वृद्धि के लिये 100 करोड़ रुपए व्यय किया जाएगा।
राजस्थान Switch to English
नेशनल टैक्सेशन अवार्ड-2022 में राजस्थान को प्राप्त हुए दो गोल्ड पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को टैक्स इंडिया ऑनलाईन द्वारा नेशनल टैक्सेशन अवार्ड-2022 की घोषणा करते हुए राजस्थान सरकार को कर प्रबंधन में सबसे अधिक सुधारवादी राज्य (Most Reformist State) एवं एसजीएसटी/वैट कैटेगरी (SGST/VAT Category) श्रेणियों में ‘गोल्ड अवार्ड’ प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- दिल्ली में आयोजित समारोह में हरियाणा राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एवं राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी द्वारा दिये गए इस अवार्ड को राजस्थान सरकार की ओर से वित्त विभाग की संयुक्त शासन सचिव, वित्त (कर) द्वारा ग्रहण किया गया।
- ओडिशा राज्य को इस श्रेणी में रजत तथा हरियाणा, तमिलनाडु तथा बिहार को जूरी अवार्ड प्रदान किया गया।
- राजस्थान सरकार को स्टेट वैट श्रेणी में भी प्रथम स्थान आने पर गोल्ड अवार्ड प्रदान किया गया। ओडिशा राज्य को इस श्रेणी में रजत तथा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ को जूरी अवार्ड प्रदान किया गया।
- राज्य सरकार द्वारा आई.एफ.एम.एस. प्लेटफॉर्म पर नवाचार करते हुए इसमें व्यावहारिक परिवर्तन किये गए हैं, प्रक्रियाओं का मानकीकरण एवं मानवीय हस्तक्षेप में कमी करने से इसे और अधिक जन उपयोगी बनाया गया, जिससे भुगतान एवं राजस्व एकत्र करने में मदद मिली है।
- इसी प्रकार राज्य कर विभाग द्वारा जीएसटी कानून के करों की प्रभावी वसूली की गई, जिससे गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक राजस्व एकत्रित हुआ है।
- राज्य सरकार द्वारा वर्षों से लंबित बकाया राशि के निष्पादन के लिये एमनेस्टी योजना-2021 एवं 2022 की घोषणा कर लगभग 00 लाख रूपए से अधिक प्रविष्टियाँ समाप्त कर व्यवहारियों को राहत दी गई है। इसी क्रम में वर्ष 2022-23 के बजट में व्यवहारी सुविधा केंद्र की स्थापना तथा जीएसटी कानून के तहत ई-वे बिल की सीमा एक लाख रुपए तक बढ़ाकर व्यवहारियों को राहत प्रदान की गई है।
- विदित है कि टैक्स इंडिया ऑनलाईन नॉलेज फाउंडेशन द्वारा यह अवार्ड कर प्रबंधन में सुधार करने वाले तथा करदाताओं के योगदान को स्वीकार करने वाले राज्यों और कर कानूनों की पालना करने वाले करदाताओं, प्रौद्योगिक सेवा प्रदाताओं, करदाता हितैषी आयुक्तों एवं कर प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नीति-निर्माताओं इत्यादि सहित नौ श्रेणियों में दिया जाता है।
- सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज, भारत सरकार के सेवानिवृत उच्च पदाधिकारी तथा केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड के सेवानिवृत सदस्य पुरस्कारों की जूरी में सदस्य के रूप में शामिल हैं।
- टैक्स इंडिया ऑनलाईन की स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी। ऑनलाईन मीडिया के रूप में यह प्रमुख स्टार्ट-अप कंपनी के रूप में स्थापित है। टैक्स इंडिया ऑनलाईन द्वारा वर्ष 2020 में इन पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी।
राजस्थान Switch to English
जयपुर में आयोजित होगा दो-दिवसीय विश्व सूफी संगीत समारोह ‘जहाँ-ए-खुसरो’
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को राजस्थान पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश की संस्कृति और कला को बढ़ावा देने के लिये दोदिवसीय वार्षिक विश्व सूफी संगीत समारोह ‘जहाँ-ए-खुसरो’का आयोजन जयपुर के अल्बर्ट हॉल में 19 और 20 नवंबर को आयोजित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- सचिव गायत्री राठौड़ ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस समारोह में सूफी संगीत की मधुर ध्वनियाँ गूंजेगी। साथ ही राजस्थान की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। ‘जहाँ-ए-खुसरो’एकता के रंग का प्रतीक है।
- उन्होंने बताया कि जयपुर को एक कल्चरल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस तरह के आयोजनों और प्रस्तुतियों से राजस्थान की कला और कलाकारों को बढ़ावा मिलता है। इस समारोह में राजस्थान की दंतकथा ‘मूमल’को एक स्टेज शो के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और चित्रकार मुजफ्फर अली और डिजाइनर मीरा अली द्वारा डिजाइन किये गए ‘जहाँ-ए-खुसरो’समारोह में जावेद अली, नूरां सिस्टर्स, जसलीन कौर, नियाजी जैसे प्रसिद्ध कलाकार प्रस्तुति देंगे।
राजस्थान Switch to English
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य मंत्रि-परिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नवीन राजस्थान स्टार्ट-अप नीति-2022 का अनुमोदन के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को आगे बढ़ाने के लिये अहम निर्णय लिया।
- अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार, ईआरसीपी निगम को जल संसाधन विभाग/सीएडी/आईजीएनडी/एसडब्ल्यूआरपीडी के स्वामित्व की अनुपयोगी भूमि एवं भूमि से संबंधित संपत्तियों का नि:शुल्क हस्तांतरण किया जाना है। साथ ही निगम के वित्तीय प्रबंधन के लिये विभागों द्वारा हस्तांतरित भूमि का प्रबंधन/बेचान/लीज/अन्य उपयोग में लेकर प्राप्त शत-प्रतिशत आय का उपयोग निगम के कार्यों के लिये किया जाना है।
- उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी प्रदेश के 13 ज़िलों (झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक) के लिये पेयजल के साथ-साथ सिंचाई की भी अतिमहत्वपूर्ण परियोजना है।
- मंत्रिमंडल ने नवीन राजस्थान स्टार्ट-अप नीति, 2022 का अनुमोदन किया।
- इस नीति से प्रदेश के स्टार्ट-अप, उद्यमशील विद्यार्थियों, ग्रामीण स्टार्ट-अप्स एवं सांस्थानिक इन्क्यूबेशन सेंटर्स को फायदा मिलेगा। प्रदेश में निवेश व रोज़गार सृजन के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि बजट सत्र 2020-21 में आई-स्टार्ट कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिये नीति लागू करने संबंधित घोषणा की गई थी।
- मंत्रिमंडल ने बैटल कैजुअल्टी, फिजिकल कैजुअल्टी के आश्रितों को अथवा स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों तथा पैरा मिलिट्री (बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, कोस्ट गार्ड) कार्मिकों के आश्रितों को अनुकंपात्मक नियुक्ति नियम, 2002 में प्रस्तावित संशोधन को मंज़ूरी दी।
- उक्त संशोधन के बाद शहीद परिवार तथा उक्त सेवाओं के स्थायी रूप से अशक्त कार्मिकों के आश्रित सदस्यों को पे-लेवल 10 तक के पदों पर नियुक्तियाँ प्रदान की जाएगी तथा पूर्व की अपेक्षा ऐसे परिवारों को बेहतर रूप से संबल प्रदान किया जा सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी देते हुए कार्मिकों के हितों में बड़ा निर्णय लिया है। इसमें राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 17 के अंतर्गत कार्मिक को दी गई लघु शास्तियों के मामलों में एसीपी में पारिणामिक प्रभाव को समाप्त किया जा रहा है।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान समेकित बाल विकास (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1998 में संशोधन किया है। इससे पर्यवेक्षक के पद पर अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को भी आरक्षित वर्ग के समान ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलेगी।
- महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता से पर्यवेक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिये ऊपरी आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट का प्रावधान है, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिये 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट भी देय है। अब यह शिथिलता अन्य आरक्षित वर्गों के साथ-साथ अति पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी मिल सकेगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग के समान आयु सीमा में शिथिलन देने की घोषणा की गई थी।
- मंत्रिमंडल द्वारा राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ने के परिणामस्वरूप उस क्षेत्र के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है।
- इस क्रम में राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय और चतुर्थ श्रेणी (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2014 में भारत सरकार की 19 मई, 2018 को जारी हुई अधिसूचना के अनुसार संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई है।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की अधिसूचना के अंतर्गत प्रदेश के बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, पाली व सिरोही ज़िलों में अनुसूचित क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया था, जिस कारण बढ़े हुए क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था। उक्त अनुमोदन से अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राजकीय सेवाओं में 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ‘राजस्थान इंजीनियरिंग सबऑर्डिनेट सविसेज (इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टोरेट ब्रांच)’ और ‘राजस्थान साइंस एंड टेक्नोलॉजी (स्टेट एंड सबऑर्डिनेट)’ सेवाओं में भी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
- इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खेलों में प्रतिनिधित्व करने वाले राजस्थान राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को भी ‘आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्सपर्सन’की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया है। इस निर्णय से राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा।
- मंत्रिमंडल ने मैसर्स वंडर सीमेंट लिमिटेड को जैसलमेर में वृहद् उद्योग (सीमेंट प्लांट एवं रेलवे साईडिंग) की स्थापना के लिये कुल 5237 हैक्टेयर औद्योगिक प्रयोजनार्थ आरक्षित भूमि का आवंटन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
- इसमें ग्राम पारेवर (तहसील जैसलमेर), ग्राम सोनू (तहसील सम) तथा ग्राम लीला पारेवर (तहसील जैसलमेर) में क्रमश: 0650 हैक्टेयर प्लांट हेतु एवं 23.4587 हैक्टेयर भूमि रेलवे साईडिंग व सड़क हेतु आवंटन पर निर्णय लिया गया है।
- यह परियोजना दो चरणों में स्थापित होगी। इनमें कुल 4200 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1500 लोगों को रोज़गार मिलेगा। इसके अतिरिक्त निर्माण प्रक्रिया में भी श्रमिकों को काम मिलेगा।
- मंत्रिमंडल ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा संचालित महिला (बालिका) छात्रावासों में छात्रावास अधीक्षक ग्रेड-2 का पद केवल महिला अभ्यर्थियों द्वारा ही भरे जाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से इन छात्रावासों में रहकर अध्ययन कर रही बालिकाओं की सुरक्षा एवं निजता सुनिश्चित की जा सकेगी।
- मंत्रिमंडल ने बूंदी के हिंडोली में स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का नामकरण बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने 30 जुलाई, 2022 को अपनी बूंदी यात्रा के दौरान हिंडोली में बनने वाले आई.टी.आई. कॉलेज का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर आई.टी.आई. कॉलेज करने की घोषणा की थी।
छत्तीसगढ़ Switch to English
प्रदेश में अब तक जांजगीर-चांपा ज़िले में सर्वाधिक गोमूत्र की खरीदी
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा संचालित महत्त्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’के अंतर्गत जांजगीर-चांपा ज़िले में अब तक प्रदेश में सर्वाधिक गोमूत्र की खरीदी की गई है।
प्रमुख बिंदु
- कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा ज़िला 9 हज़ार 2 सौ 28 लीटर गोमूत्र खरीदी के साथ प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य सरकार द्वारा महत्त्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना’का संचालन प्रदेशभर में किया जा रहा है, जिससे किसानों, पशुपालकों एवं योजना से जुड़े स्व-सहायता समूह आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं।
- जांजगीर-चांपा ज़िले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में ‘गोधन न्याय योजना’ का बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है। ज़िले में गोमूत्र से फसलों में कीटनियंत्रक और वृद्धि के लिये ब्रह्मास्त्र (कीटनाशक) और जीवामृत (वृद्धिवर्द्धक) उत्पाद तैयार किया जा रहा है, जिससे ज़िले के किसान अधिकाधिक लाभान्वित हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि जांजगीर-चांपा ज़िले में अब तक प्रदेश में सर्वाधिक गोमूत्र की खरीदी की गई है।
- ज़िले में वर्तमान में 106 किसान गोमूत्र से बने उत्पाद जीवामृत एवं ब्रह्मास्त्र का लाभ ले रहे हैं, जिससे ज़िले के किसानों को खर्चीले रासायनिक कीटनाशकों से मुक्ति मिल रही है और वे जैव कीटनाशकों का उपयोग कर लाभान्वित हो रहे हैं।
- कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा ज़िले के विकासखंड अकलतरा के तिलई गोठान एवं विकासखंड नवागढ़ के खोखरा गोठान में चार रुपए प्रति लीटर की दर से अब तक 7 हज़ार 216 लीटर गोमूत्र खरीदी की जा चुकी है तथा गोमूत्र से बने उत्पाद ब्रह्मास्त्र का 106 किसानों के खेतों में प्रयोग कराया गया है।
- विकासखंड अकलतरा के तिलई गोठान के आरती स्व-सहायता समूह की महिलाएँ गोमूत्र से जीवामृत और ब्रह्मास्त्र बना रही हैं। महिलाओं ने यहाँ जीवामृत 200 लीटर एवं ब्रह्मास्त्र 9 सौ 11 लीटर बनाकर 8 सौ 64 लीटर उत्पाद विक्रय किया है। इसी प्रकार विकासखंड नवागढ़ के खोखरा गोठान में सागर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गोमूत्र से अबतक 9 सौ 74 लीटर ब्रह्मास्त्र एवं 400 लीटर जीवामृत बनाकर विक्रय किया है।
- ब्रह्मास्त्र और जीवामृत उत्पाद का उपयोग करने वाले किसानों ने बताया कि धान फसल में कीटनियंत्रण हेतु जैव कीटनाशक ब्रह्मास्त का छिड़काव करने से कीटों पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है तथा उनकी फसल का स्वास्थ्य बहुत अच्छा है।
- किसानों ने बताया कि ब्रह्मास्त्र और जीवामृत से पौधों में बढ़वार व कंसो की संख्या अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक है। इससे रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव से बचाव एवं भूस्वास्थ्य सुधार के साथ-साथ भूमि में जीवांश में वृद्धि होने से उत्पादन लागत में कमी आई है तथा फसल स्वास्थ्य अच्छा होने के साथ-साथ लगातार स्थिर उत्पादन में बढ़ोतरी होने की अच्छी संभावना है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड का 23वाँ स्थापना दिवस
चर्चा में क्यों?
9 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में उत्तराखंड का 23वाँ स्थापना दिवस मनाया गया।
प्रमुख बिंदु
- उत्तराखंड राज्य के 23वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को 166 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
- उल्लेखनीय है कि एक अलग राज्य के रूप में उत्तराखंड 9 नवंबर, 2000 को अस्तित्व में आया। इससे पूर्व यह उत्तर प्रदेश राज्य का एक भाग था। अलग राज्य उत्तराखंड की मांग 25 अगस्त, 2000 को उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के पारित होने के साथ पूर्ण हुई। गठन के समय इसका नाम उत्तरांचल रखा गया।
- उत्तरांचल 21 दिसंबर, 2006 को उत्तरांचल (नाम परिवर्तन) अधिनियम, 2006 के पारित होने पर परिवर्तित होकर उत्तराखंड हो गया तथा भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 29 दिसंबर, 2006 के अनुसार 1 जनवरी, 2007 से प्रभावी हुआ।
- इसकी सीमा में पश्चिम में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण में उत्तर प्रदेश तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ उत्तर पूर्व में हैं, जो नेपाल तथा चीन से मिलती हैं। राज्य में 13 ज़िले, यथा- देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, चंपावत तथा पिथौरागढ़ हैं।
Switch to English