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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 10 Oct 2022
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बिहार के नौ ज़िलों के भूजल में मिला यूरेनियम

चर्चा में क्यों?

9 अक्टूबर, 2022 को जारी केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के नौ ज़िलों के भूजल में यूरेनियम की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक होने का पता चला है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय भूजल बोर्ड ने राज्य में पानी की गुणवत्ता मापने के लिये विभिन्न ज़िलों से भूजल के 634 नमूने लिये थे, जिनमें 11 नमूनों में यूरेनियम 30 पीपीबी से अधिक मिला।
  • जिन ज़िलों में यूरेनियम 30 पीपीबी से अधिक मिला वे हैं- सारण, भभुआ, खगड़िया, मधेपुरा, नवादा, शेखपुरा, पूर्णिया, किशनगंज और बेगूसराय।
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि 30 पीपीबी से अधिक यूरेनियम वाले नमूने जाँच के लिये लखनऊ भेजे गए हैं। वहीं, बोर्ड ने इसके लिये जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से भी मदद मांगी है। दोनों संस्थान मिलकर यूरेनियम के बारे में पता लगाएंगे।
  • विदित है कि राज्य में यूरेनियम को लेकर इससे पहले भी सर्वे हो चुका है। यूनिर्वसिटी ऑफ मैनचेस्टर और महावीर कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक अध्ययन किया था, जिसमें सुपौल, गोपालगंज, सिवान, सारण, पटना, नालंदा, औरंगाबाद, गया और जहानाबाद से लिये गये नमूने में यूरेनियम मिला था।
  • निर्धारित मात्रा से अधिक यूरेनियम शरीर में जाने से किडनी की बीमारी हो सकती है। वहीं, यूरेनियम वाले पानी के सेवन से थाइराइड कैंसर, रक्त कैंसर, बोन मैरो डिप्रेशन और अन्य गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। इससे बच्चों को भी कैंसर होने का खतरा रहता है।    

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