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हरियाणा लैंड पुलिंग पॉलिसी-2022
चर्चा में क्यों?
9 सितंबर, 2022 को हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने ‘हरियाणा लैंड पुलिंग पॉलिसी-2022’ की अधिसूचना जारी की।
प्रमुख बिंदु
- शहरीकरण और औद्योगीकरण के लिये अब हरियाणा में किसानों की ज़मीनों का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। किसानों की इच्छा के आधार पर ही ज़मीन खरीदी जाएगी।
- इसके साथ ही अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिये प्रदेश में लैंड बैंक तैयार किया जाएगा, ताकि परियोजनाओं को समय पर ज़मीन मिल सके और विकास कार्य जल्दी हो सके।
- किसानों की इच्छा से ज़मीन मिलने के बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) प्रकाशित विकास योजना में शहरी क्षेत्र के भीतर स्थित आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और बुनियादी ढाँचे का विकास करेगा।
- इसके अलावा, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) भी हरियाणा में नई औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित करेगा। भू-मालिकों को भूमि अधिकार प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
- गौरतलब है कि 29 जुलाई को हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लैंड पुलिंग पॉलिसी-2022 को मंज़ूरी दी गई थी।
- नीति के तहत कोई भी भूमि मालिक सीधे या एग्रीगेटर के माध्यम से आवेदन मांगने के 60 दिनों के भीतर परियोजना के लिये भूमि की पेशकश कर सकेगा। इस अवधि को आवश्यकता अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है, जो 30 दिनों से अधिक नहीं होगी। आवेदन के लिये कोई शुल्क नहीं होगा और आवेदन केवल ऑनलाइन स्वीकार किया जाएगा।
- भू-मालिक भूमि के बदले विकसित भूमि भी ले सकते हैं। यह परियोजना की कुल लागत में भूमि मालिकों की दी गई अविकसित भूमि के बाज़ार मूल्य पर आधारित होगी।
- विकास परियोजना के लिये योगदान करने वाले प्रत्येक भू-मालिक को वार्षिक अंतरिम वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसे परियोजना की कुल लागत में शामिल किया जाएगा। यदि एग्रीगेटर के माध्यम से भूमि की पेशकश की जाती है तो एग्रीगेटर पारिश्रमिक प्राप्त करने का पात्र होगा, बशर्ते कि पारिश्रमिक 0.5 प्रतिशत से कम न हो।
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